Book Title: Anitya Panchashat
Author(s): Padmanandi Acharya
Publisher: Motilal Trikamdas Malvi

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Page 4
________________ अर्पण पत्रिका. श्रीयुत् महाशय धर्मधुरंधरे धर्मस्वरूप परमहितैषी दानवीर रा.रा.शेठ.माणेकचंद हीराचंद झवेरी.जे.पी. रत्नाकरपेलेस-मुंबाई. आप सद्गुण संपन्न तेमज विद्योत्तेजक होई, जैनोमां विद्यानी वृद्धि अने जैनोनो अभ्युदय जोवाने उत्सुक छो, सरस्वतिनो दिव्य सुवास आपना सुहृदयमा सर्वत्र ३ प्रसरी रह्यो छे, तेमज श्रीयुत् आप लक्ष्मीनो सदुपयोग करी विश्व विख्यात छो, स्वधर्मना यथार्थ ज्ञाता होई, स्वजन तेमज परजनने दर्शनीय छो, आप अनेक रिद्धी, सिद्धिओमां अहरनिश रमवा छतां निरहंकार होई, आपनामां गंभीरता, उदारता, नमृता, दया, निखालसपणुं, वगेरे उत्तम सद्गुणोनो वास होई मननुं सघलं लक्ष स्वधर्म तेमन जाति कल्याणने माटे-पाठशाळा, बॉडींग हाउस, हीराबाग धर्मशाळा, दवाखाना, वगेरे बीनी AAAAAAAAAAAAAAAAAAAAA

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