Book Title: Alok Pragna ka
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 9
________________ आठ भावक्रिया : द्रव्यक्रिया प्रतिक्रिया क्यों ? मिताहार और मौन सर्वांगीण शिक्षाप्रणाली पूजा करें बहुश्रुत की जातीय घृणा कर्मणा जाति यज्ञ आदि का आध्यात्मिकीकरण जन्म है कर्माधीन सत्य या भावविप्लव ? चाहभेद क्यों ? अध्यात्म का अवतरण ? मान्यता और धारणा तुलनात्मक अध्ययन का गुर महान् आश्चर्य मौलिक मनोवृत्ति कहां हूं ? ब्रह्मचर्य की सिद्धि प्रेक्षा : परा और अपरा महान् बनने का सूत्र अभय कौन ? कलाओं का ज्ञाता कौन ? धारणा की पुष्टि देहस्थ : आत्मस्थ अपना वर्शन अपने द्वारा Jain Education International For Private & Personal Use Only १३ १४ १५ १६ १७ १८ १६ २० २१ २२ २३ २४ २५ www.jainelibrary.org

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