Book Title: Alok Pragna ka
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 12
________________ T अनेकान्तवाद भाषाविवेक सब कुछ कहा नहीं जाता पुरुषार्थ चतुष्टय धर्म के दो रूप उपासना क्यों ? णमोक्कारो परमं मंगलं तंत्र : मंत्र तुलसी का गौरव अध्यात्म की चतुष्पदी सुख-दुःख का मूल अध्यात्म का सूत्र स्वभाव-परिवर्तन के सूत्र मानसिक संतुलन के घटक हृदय-परिवर्तन दिग्गज कैसे ? मर्यादा का आधार तेरापंथ का नेतृत्व छोटा कौन ? बड़ा कौन ? धर्म और शासन संगठन के सूत्र पहली शताब्दी का तेरापंथ अहंकार-विसर्जन अनुशासन का पालन मान्य कौन ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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