Book Title: Alok Pragna ka
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 11
________________ दस समाधि का मूल्य कौन भीतर ? कौन बाहर ? संविभाग की सिद्धि श्रेय और प्रेय अन्तरात्मा : बहिरात्मा राग : विराग श्रुत और समाधि ज्ञान और क्रिया आत्मदर्शी दोहरी मूर्खता अहिंसा का शस्त्र सार क्या है ? कौन कब ? विभिन्न मतयो लोका: भाव और भाषा तब आदमी जागता है दुर्लभ : सुलभ श्रुत की परम्परा क्यों ? श्रुत वचन की संपदा सत्य के दो प्रकार सुख के प्रकार सुख किसमें ? आत्मकर्तृत्ववाद मुख्य कौन ज्ञान या आचार ? Jain Education International For Private & Personal Use Only ३७ ३८ ३६ ४० ४१ ४२ ४३ ४४ ४५ ४६ ४७ www.jainelibrary.org

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