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पत्राक
पत्राक
३७६
HANUA
विपय और प्रश्नादि
विषय और प्रश्नादि मापा कम्य पमयति इस्पादि गाथा २ | ३७१ मारफी अपर्याप्त अमापफ पर्याप्त मापक है कितने प्रकार मापा है, दो प्रकार माषा कहै | ३७२ एष एफेंद्रिय को छोटकर सर्वदउफ प्रश्नोतर कहना ३७६ पर्याप्तिको मासा सस्या मृषा से दो मेद है। ३७२ चार मापा की जाति कही सस्या पर्याप्सिकी मापा फितने प्रकार है १० प्रकारे ३७२ जीप क्या सत्य मापा बोले कि असत्या मापा मुषा, मापा मी दश प्रकारे कही है क्रोधनिधि
पोले इत्यादि ९७६ तादि मेद से| ३७३ | नारकी सत्य मी थोले असत्य मी घोले एवं अनु अपर्याप्तिको मापा सत्यामृषा असत्यामुषा मेद रफुमार यायत् स्वनितकुमार पर्यन्त , द्वीन्द्रिय
से दो प्रकार है| ३७३ | त्रीन्द्रिय चतुरिन्द्रिय नही सत्य नही असत्य. सत्पांमपा मापा उत्पन्न मिश्रितादि नेव से वश नही सत्यासत्य-असत्यामुपायोपचादयो। Me..
गर्दै ! ३ तिर्यो सत्याभूषा मापा पोल, इन्द त्यामुपायपियों मादक जाय जिन, द्रयों को भाषा पणे ग्रह सो क्या
स्थित यो के मस्थित ३७७ जीव मापक है के ममापक हैं इत्यादि | २७४ | एव द्रष्य क्षेत्र काल और भाव बक्तम्यता से