Book Title: Agam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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रिदिया पडत्तया संखेज पदिया पजाप्तायिसेसाहिया घेडदिया पजाप्ता बिसेसा । पचिदिया थपज तया शसखिजगुणा घउरिदिया शपजत्तया घिससाहिया तेइदिया पजाप्तया विसेसाहिया येइदिया शपज्जप्तया विससाहिया पत्तेयसरीरयादरवणस्सइकाइया पात्तगा शसखेडागुणा वादरनिगोदा पड़ा तगा शसखंजगणा यादरपुढासकाइया थपज्जप्तगा शसखजागणा यादरथाउकाइया पत्तया यसाखडा गुणा बादरवाउकाइया पञप्तगा शसखिजगुणा बादरतेउकाइया थपजाप्तणा शसखेडागुणा पत्तैयसरी रथादरवणस्सइकाइया पजाप्तगा शसखियगुणा पादरनिगोदा पसप्तया सखिजागुणा बादरपुढयि काश्या पाप्तगा शसखजागुणा यादरथाउकाइया थपजप्तगा शसखिजगुणा पादरताउकाइया थप तया शसखेजगुणा सुजमत उकाइया पागा शसखेागुणा सुजमपुढयिकाइया अपजाप्तगा विसे
- पाहता दीप्रिया पर्याप्ता विशेषा। पमप्रिया अपर्याप्तमा पसस्पेयगुणा चतुरिन्द्रिया अपर्याप्ततया विद्यपारिता । खीन्द्रिया पप
पोसतया विधेपापिताम्या अपर्याप्तवया विधेपारिता मत्येवसरोरवादरवनस्पतिशायिकाः पर्याप्तगा पसस्पयगुणा धादरमिगोदा। पर्याप्त १ मा सम्पपमुवा पादरपपिवासायिकाः पपर्याप्तमा बसस्पे० बादराप्कापियाः पर्याप्तगा स० बादरवायुवायिकाः पर्याप्तगा पस० पावरतेष
गायिका अपर्याप्तमा पस० प्रत्यकारीरपादरवनस्पतियायिकाः अपर्याप्तपा पस० यादरमिगादा अपर्याप्ताः समय० धादरपपिवीवायिका प्रपों सपा पस० वाररावाायका पपर्याप्तमा पसवादरवायचापिका अपर्याप्तगा पसरये सूक्ष्मतेच वायिका पपर्याप्तगा पस० सत्मपथिवीनायिका अपर्याप्रगा विशेपापिता समाप्क्षायिका अपर्याप्तगा विधे० सुत्मवापुवापिका अपर्याप्तमा विपा० मुस्मत हायिका पपर्याप्तगा पस० सूक्ष्म पषिवीवापिका पर्याप्तमा विशे० सूक्ष्माप्यापिकाः पर्याप्तगा विशेपा० समवायुवापिकाः पर्याप्तगा वि० सत्मभिपोदा अपर्याप्तगा असा सूल
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