Book Title: Agam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 381
________________ गणे पक्षेतस्य धिरत्युञ्जना मसह सोषि' साधेसुनाउरविको श्यामश्वष्ठियपि छइलोहे विपस्सल सबु जहा गलगलिन १५ सत्यधम्म कामं तिण विद्युाणो परिचय ताक बहुजडिउ फिल्स्सइइड परिवेय १६ ऊतिष्व रूसविणा सगाणि पचिदिपाणिपुरिसेस्स उराउ विसा गहि यामतोसही। इचिणा १७ सदहिसपा हिसाइए हिकम्प्रमासह जहनाषाइषिणा सत्यहुहिल पहिले १८ कम्मासषदारा निनिष्ठ दियाइच हसायकसाया तिथितिविद्वेणमुस्कत्य १९ निम्गहि कोहि खास समूलउयाकृति वहियारेमुक्की रोगापष्ट्याउरजणस्स २० माणणयसामेयय तोषले बलानि सनप्ति इदिय विलयकसाया घरियासुरगावरहि २१ ऊतिगुणकारगाइ सुइरजूहिषनियंतियमियाह नियगाणिड़ दिया- जह गोमुदत २२ मपत्रयणका सोगा जंनपियाकरणवपिया सिणिवेजतस्वगुण करातिशुक्षमस्व दोसफ /२३ सम्मन्नृमाङपासइ नएप्पल कम्प्रमले न लिप्यइ सोसवरिप्रासयवार २४ घणासहियाण सि छपाकर मुसिगिया प्रणो सुम्गहमर मरविषयागयासिद्धि २० घणाकलन नियहि विष्फमुक्कामुत्तस्रजष्ठा या श्रीप्रवरा सारा बथानीउवितिप्रिय : २६। प्रशानकर तितवस- जमजोगेहिकम्ममय तसलिलेप्मुषिणो! घु विकरमशः नापास पत्रास हि सीधा उमाकरणघीयं ददर्गीषणरासिं

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