Book Title: Agam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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समारूढो १५ समियमहिहरसिष्ठरे सिलाय लेमहानागो यो सिरहविरयइन्नो सोहारमहसणूय १६ विषिहोय स गासह पनिमसाख मासियधीरो वामपुचानि सुहोप्तमधिजन्नस जुठो १७ साय एगलतठोहिय मेयवसामसलप पट्टी खहखगेहिंदूसह निसषुष्पहारहि १८ मसए हिमबियाहिय की द्विष्टिषिमस पलगाहि खवतोषिनक पड कम्म षिवागगणेमाणो १९ वत्तिपयद्दषिह सियसियालिग्राहि निरणुकपाहिंउवसग्गियपधीरो नाणाविह वारी २० वितयस्वरकयवासी पजरखगामगारपहाउ णमोनकप्रयरंदुक निरयग्गिदुरका २१ एव ★ स्फोषीउपरको यदाहिणवितात वरेणविपस्काविय समतोमोसिस्स २२ सहस्रणयरक्रनगष विक इouse नमोतिषोमुजिजिदाण २३ कयणपुरमिसिष्ठी जिणघम्मोनामसाधउष्योसि वसई यं तउपयकिष्ठिममुणिस्व २४ वर्णविभत्यमुणिणार वसग्गो परमदू सहासहिया सहउवसगो विहिय स उमठमि २५ निष्फे प्रियाणिदुणिधिसी माणजस्सात्यणि सवसजमाउलित मेोमदगि जोकुश्चगाङ्घ्रिराहु पाणिद्रयाकुचमपिमाह जीविभ्रममुपे वमेयरिसिनम सामि २७ जीवहि पुए हिं जमलमारूढो घर्वसमधिग्रचिला पुनम्सामि २८ साएहि गयाउ लोहिमगंधेणजस्त हिमगदुरारय वदे २९ देहोसिमा विलोपुसावल कि तनषिमणएएसो न

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