Book Title: Agam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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गुणसया एसजिणाचाणी नत्पिवरिष्ठविणाणाप ३८ नाणसुचिरिकयच नरेललईपोडं ओइत्यइनाउ जीवषिसोहणामग्ग ३९ नाणणसनाषाणयती सहजीवलोच्य मि तम्हानाणकुसले सिकिय पयत्रेण ४० नकसचा मासउं नागपरहवासियलोए वेषन्नासेपुरीसा नागायच्चरिषज्यत्ताय ४१ वधमुरकगहरागयंच जीवा पजीवामि जाणतिय समिठा आणसासणचे यविहणू ४२ नहं सुसुया पसलए यत्ये सुपुत्यणिस्याप नापे लोग सिरु पिसि सु १३ किंड्सोलटपर ठरयरवसुदरतरवा चदमियस लोगा बसुसुपसुई पा | उयति ४४ चंदाउनी इममहायज्ञ मुपमृडानी हञिणायम असोजपत्रिडिया भरसिससारकवार ४५ चउदसपु धारा समाज पंच लोगुत्रमपुरिसाव से सिनामा जिना ४६ माजविणाकरण नहोष्टनापिकरण दीप नापेणकरपेलपा दाहियिस्करकहोह ४१ दसुटसुलमहाण मिषिवरमेगोषिसुय सीलसपणो मोहसुयसी विग्गो साहिसिमाज वयमि ४८ तमहासुयमिबोगो का पोहोदयष्यमतेण जेणपारपरपिय दुकसमुद्दाउ मारे ४९ परमत्यं मिसमिसृदिधे यविष्ठेसुःचय सक्षमगुप्पेषु उपहगढ़ विसुद्धा सरीरमारेविष्ठमि ५० ि जिस्मपंहमिडितिहिविगुशीहिंवय इयगोसे तस्सचरिहरु ५१ को सरिक्षाविप परि वह बिना कपूर- किंपुन सम्म दिठी परारा धम्ममिव ५२: म्हामादासु विफाउंज उमायत्तिर्ण सम
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