Book Title: Agam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 358
________________ एष्यनियाप्पो जीविपयसरणोय घासीषद कप्पो समोयमाणावमाणेषु ५५ हमऊरफुद्रवियां वहप्पसायकरणि स्वविषयक हकहनियो सूई समता हरण से ५६ इहलोएपरलाए नाणचरणदसणमिय एवायद संहनिया पणं मियमायामित्यसले ५७ घाउमरमेष्यावायतः यउघायथ्यालमरणमि उस्सा सरावेय हाणसेय तह गठप या ५८ हसलो सल्लमरण कोइमरिऊण दसणनाणविज्ञण मरतिष्णुसमाहिमरणेष ५९ अहसायर गिलिय छह कारपात्र सुयमा उसतमाखमरणा नमसिससारकंसार ६० हमितता मामासवेणज इससलाय जहनियाणससलामरति यसमाहिमरणं ६१ जज्ञेय पावसहामरति अहकेइईदिपसहा जयकसय महा मरतिष्ठा समाहिमरणेण ६२- जहसिद्धिमग्गदुमाइ सग्गगाठमोळणाणिमरणाणि मरिक केहसिद्धि अवितिसु समाहिमरण ६३ एषषऊप्परंतु या महुकालमि दसतिष्यायण धिहियाणं ६४॥ दितिमस्ि उपसगुरुणो चाणः बिहेव्हिहिं जे ग्रहयतोस घारसयहु उहो ६५ प्ते सुषेय पसलुषोषिमिनिंदा प्राणिदेहेमप्रास विविधिता ६६ स्यमई इस्पायसुतए धूवे जोर सुरककालो नमोषिष्टुमितिका प्रज्ञो ६७ तिल विशशोद श्रोत शिर दिसइजगमिपञ्चक नपेजवर इउमत्यो जिउ चिरंनेवप आइ ६८ सन्नइमसरी बोहइममणमिठाविज्ञा जसविरेणविमोच देहेकोतत्यपठिषधो ६९- दूरत्वं विवि

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