Book Title: Agam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

View full book text
Previous | Next

Page 291
________________ एएसिण नसे ! यादरनसकाइयाण पत्ता २ ण कयरे फयरहितो थप्पाया ११ गोयमा ! सहन्योवा यादरतसकाइया पञ्जप्तगा । यादरतसकाइया थपज्जतगा शसखेजगुणा । एएसिण नते। यादराण चादरपुढविकाइयाण वादरम्याउकाइयाण धाटरते उकाइयाण वादरवाउकाहयाण वादरयणस्सहफाप्ठयाण पत्तेयसरीरयादरवणस्सइकाइयाण पादरनिगोदाण चादरतसकाठयाण पजता २ ण फयरे कयरोहितो थप्याषा यायावा तुलावा बिसेसाहियाषा ? गोयमा ! सछत्योवा पादरतेउफाहया पाचया १। घाद रतसकाइया पहजतया शसखेअगुणा २ । यादरससकाया थपज्जप्तया शसखिज्जगुणा ३ । चादरपत्तेय घणस्सहकाइया पाप्तगा थसखेजगणा १ । यादरनिगोदा पजाप्तगा शसखेजा०५। पादरपुढधिकाइ या पत्रवगा शसखेज्गुणा ६ । वादरम्याउकाइया पजतगा आसखेजगुणा ७. यादरवाठकाइया पजन वामा पर्याप्तापर्याप्सामा बतरे कतरेभ्योऽपा बा : मौतम । सर्वतीचा वावनिगोगा पासवर मोमवारणिता प्रसंगमा एषा भरा वादरवनयापानां पर्याप्तापपोपमा परे सुपरमोडrarta सर्वोमारवसायि पक्षमा दिनवापी अपर्याप्तमा अहंस्पेयमुखाः ।।। एतेषां रोमादिरापाबाना बादरायांनी वैदिरतेजस्वापियामा बादरापुवापिकाना वादरवनस्पतिवापिबारी मेरभरणाररवनस्पतिबापिबामा बादरनिगोदरानो वादायिबामा पर्याप्तापर्याप्तामा तर बतरम्पीऽरपा वापौवमा समाजवादरवस्थापिका पता. वादरससमापिका। पर्याप्तमा सस्पगबारबारबबायिका पर्याप्तबा सस्पेमा पर्याप्तबाररमत्येकवनस्पतियापिचा पायगुवा पर्याप्तवादरमिमोदा समयनुजा पोवारपचिनीवापिया पर अपेपर्णाः । पोबारामापिथा मानुस । पोबारमानुपापिया जनुका ८ पावापरबानापिया बगा । - 1

Loading...

Page Navigation
1 ... 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388