Book Title: Agam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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Doose-DarsPHO.1
यावरतेउकाइयाण पज्जप्ता २ ण फयरे फयरेहितो शप्पाषा बजायावा तुलावा विसेसाहियावा ? गोयमा! | सम्वत्योषा यादरतेउकाडया पजप्तया बादरतेउकाठया थपजप्तया संखेडागुणा । एएसण नत ! बाद रखाउकाइयाण पजाप्ता २ ण कयरे कपरेहितो थप्पावा ? गोयमा । सवयोवा धादरयाउकाइया पड़ा त्तगा। पादरवाउकाहया शपजाप्तगा शसखेजगुणा। एएसिण नते । यादरवणस्सइकाइयाण पजाप्ता२ ण फयरे कयरोहितो थप्पावा १ ? गोयमा ! सहयोया यादरवणस्सहकाहया पजप्तगा। यादरवणस्सहकाइ
सनगा सखजगणा । एएसिण नत । पत्तयसरीरवादरवणस्सहकाइयाण पजाप्ता २ ण कयरे कयरहितो शप्पावा १? गोयमा । सष्ठाया पत्तेयसरीरवणस्सहकाया पन्नगा। पप्लेयसरीरयादरव णस्सइकाइया थपज्जत्तगा शसखेज्जगुणा । एएसिण नते। यादरनिगोदाण पत्ता२ ण कयरे कयरेहितो शप्पाया १ ? गोयमा! सइत्योया वादरनिगोदा पात्तगा। यादरनिगोदा थपज्जत्तगा शसखिजगुणा।
पचा पर्याप्तवा अपर्याप्तका समयमुवाः । एतपा प्रदन्त 1 वादरवस्थायामा पर्याप्तापर्णतक्षामा पतर बतरेभ्योऽपा वा ? गौतम ! सपनो पा वावरतपस्कापबा पर्याप्तवा अपर्याप्सवादरतेवस्थापिका समस्येपगणाः । एतपा मदन्त । वादरवायुवायिकामा पर्याप्तापयोप्लाना पसरेतरम्याअपा पापौतम । सर्वसोबा वादरायुवापिसार पर्याप्तका अपर्याप्तवादरवायुवापिया पसरपेयगुणा । एतेषां प्रदन्त । वावरवमस्प तिवायिकामा पर्याप्तापोकामा तरेयरम्योऽस्या बा४ पौतम । सवसोवा बादरवनस्पतियापिबा पर्याप्तबा अपर्याप्तधादरवनस्पति बापिका सपेषगुवाः । एषा प्राचा प्रत्येकापरीरवादरवनस्पतिकायिवाना पर्यासापोलामांतरे पतरप्योऽस्पा वा ४१ पौतम | सव खोबा प्रत्ययशरीरवादरवनस्पविवापिका पर्याप्तवाः अपर्याप्तमत्पधरीरषादरवनस्पविवापिका प्रसस्पयमुना। एवेपा पदावादरमिगो

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