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पत्राक
विपय और प्रानाद
विषय और प्रश्नादि
पत्रांक गुलासख्यातनाम| १२१
कलंयुकासंस्थान है| १२१ प्रोत्रंद्रिय अगुष्ठ के असख्यात माग पृषु है, पक्षु नारकीकास्पर्शनेन्द्रिय कौन संख्यात इत्यादि नि० १२१
प्राण मी ऐसे १२१ अमरकुमार के कितने इंद्रिय जैसे श्रीदारिक कहा जिहाखामुलपयक,स्पर्शनेन्द्रियशरीरममाणमात्रहै| ४२१
____ अल्पवाछुत्व २ विशेप १२५ श्रोत्रंद्रिय अनन्तप्रदेय, असख्यात प्रदेशायगाठ एवं स्तनितकुमार पर्यन्त कहना, पृथियोकाय को
एवं यायस्पर्श १२१ | १ स्पर्शनेन्द्रिय है और यह मसूरचंद्रसस्थान है , १२५ इन श्रोत्र पशु घाण जिला स्पर्शनेन्द्रिय में - पपिवीफाय का स्पर्शन अंगुल असख्यात भाग अवगाहनार्यवासे प्रदेणार्यतासे अवगाहनप्रदेशा पाहल्यपणे , पृथुपणे शरीरप्रमाण मान कहा
पतासे कौन फिस्से घोसा पणा इत्यादि १२१ | और यह अनन्तमदेशिक है, षिवाकाय स्पगेन शोन्द्रिय में अनन्ता फर्कण्गुरुगण कहा, एवं विस्पर्श धोत्रंद्रिय में मनन्ता मूलघुगण
असंख्ययप्रदशायेगा चोद्रिय में अनन्ता मूलधगण
विकायस्पर्शनेन्द्रिय अवगाहना प्रदे
शार्थ से कौन फिस्से अल्पादि १२५ पृथिवीकापरपनन को कितने वर्कशगुरुगुण,
माना
त्रिीद्रया