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पत्राक
पत्रांक
विषय और प्रश्नादि एष सातवेदनी का अनुमाग कहा, असातका
मी प.ही का १६८ मोहनीका अनुमाग १ तरह, मायुका १ एव
सर्प फर्मका ६६९ (उद्देशा पूरा कथा) पीठ कर्म प्रकृति कही, ज्ञानावरणीप नेद, वर्ण _नावरणी निद्रा५ वर्णन १ एव नव , वेदनी १६
प्रकार साता ८ वरे साता ८ तरह, मोहनी । दो मेंदें वर्शनमोहनी सीन चारित्रमोहनी दो * दें, कपाय घेदनी १६ । ६७५
जो पायवदनी | प्रकार, थायु १, नाम १३/ N E .
Lava *
विपय और प्रश्नादि चगापाग ३, शरीरवधन ५, शरीरसथात ५, नाम बनेदे सस्यान नाम ६, वर्ण ५, गथ २, ग्स ५, स्पर्श ८, गुरुलघु १, उपधात १, पराघात १, थानुपक्षी १, उत्स्वास १, शेष सर्व , , एक है यावतीर्थकर है, विहायोगसि २ , गोत्र २ ने उच्च ८, नीचे, यन्त्र
राय
५ ७७ ज्ञानावरणी शादिलकर्मस्थिति निरूपणाधिकार ६८२ एफेंद्रिय जीव ज्ञानावरणी को क्या यांध एवं
एक ग्वाधारदार कुष्य पद्रियाज्ञामावरणाकामा वा त्यादि
१९ मा निरूपण ७००