Book Title: Agam 19 Upang 08 Niryavalika Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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प्रकाशकीय
निरयावलिकासूत्र का यह तृतीय संस्करण है। यह उपांग वर्ग का आगम ग्रन्थ है। इसमें पांच आगमों का समावेश है – १. कप्पिया, २. कप्पवडिंसिया, ३. पुप्फिया, ४. पुप्फचूलिया और ५. वण्हिदसा। कप्पिया का अपर नाम निरयावलिया-निरयावलिका है। सामान्य रूप से ये पांचों सूत्र निरयावलिका के नाम से जाने जाते हैं। परन्तु ये पृथक्-पृथक् सूत्र हैं, जो इनके उत्पेक्ष और निक्षेपों से स्पष्ट है।
ये पांचों सूत्र कथा प्रधान हैं। निरयावलिका में मगध सम्राट श्रेणिक के नरकगामी काल आदि १० पुत्रों का वर्णन किया गया है। कप्पवडिंसिया नामक दूसरे सूत्र में काल आदि दस पुत्रों के पद्म आदि दस पुत्रों के स्वर्गगमन का वर्णन है। पुफिया और पुप्फचूलिया में क्रमशः देवों और देवियों के जीवनवृत्त हैं। वण्हिदसा में यदुवंशीय राजकुमारों की जीवनी है।
इन पांचों उपांग सूत्रों की मुख्य विशेषता यह है कि बहुत से ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी होती है। इसलिये लघुकाय होने पर भी इतिहास संशोधकों के लिये यह महत्त्वपूर्ण हैं।
आगमों के तृतीय संस्करण का प्रकाशन जैन वाङ्मय के मूल ग्रन्थों का प्रचार. करने की दृष्टि से किया जा रहा है। साथ ही समिति का यह भी लक्ष्य है कि दिवंगत श्रद्धेय युवाचार्य श्री मधुकर मुनिजी म. ने जिस पावन भावना से आगम प्रकाशन का उद्देश्य निर्धारित किया है वह पूर्ण हो एवं हम उनके असीम उपकारों से यत्किचित् उऋण हो सकें।
अन्त में समिति अपने सभी सहयोगियों का सधन्यवाद आभार मानती है और विश्वास है कि अपना सहकार देकर हमें कार्य करने के लिये प्रेरित करते रहेंगे।
सागरमल बेताला
रतनचन्द मोदी कार्यवाहक अध्यक्ष
सरदारमल चोरड़िया . ज्ञानचंद विनायकिया महामंत्री
मंत्री
अध्यक्ष
श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर