Book Title: Agam 19 Upang 08 Niryavalika Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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द्वितीय संस्करण - प्रकाशन के अर्थ सहयोगी
२. श्री बादलचंदजी मेहता, इन्दौर
श्री बादलचंदजी मेहता का जन्म ९ जनवरी १९३० को रणबांकुरों के प्रदेश राजस्थान के कंडलू ग्राम में हुआ।
धर्मपरायण माता-पिता की देख-रेख में आपका बाल्यकाल ग्राम में ही बीता। शिक्षा प्राप्ति के पश्चात आपने जब व्यवसाय के क्षेत्र में कदम रखा तब मध्यप्रदेश के इन्दौर नगर को अपना व्यावसायिक कार्यक्षेत्र चुना। आपकी पैनी सूझबूझ और व्यवसाय के मर्म को समझने की दूरदृष्टि के साथ आपने इन्दौर में प्रथम दाल मिल की स्थापना की तथा इस क्षेत्र में निरंतर उन्नति करते रहे। यही नहीं आपने अन्य कई व्यक्तियों को इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा भी दी, जिससे अल्पकाल में ही इन्दौर दाल-व्यवसाय का प्रमुख केन्द्र बन गया। आपको इस उद्योग के संरक्षक के रूप में जाना जाता है।
व्यवसाय के क्षेत्र में तो आप अग्रणी रहे ही, धार्मिक, सामाजिक और जन सेवा की प्रवृत्तियों में भी आप तन-मन-धन से सक्रिय सहयोग देते थे । इन्दौर नगर की प्रसिद्ध सामाजिक संस्थाओं श्री महावीर स्वास्थ्य केन्द्र, महावीर जैन स्वाध्यायशाला तथा श्री जैनदिवाकर विद्या निकेतन की स्थापना में आपने सराहनीय भूमिका निभाई । व्यावसायिक क्षेत्र में निरंतर आपकी ख्याति फैल गई तथा उसी प्रकार आपने धार्मिक और सामाजिक कार्यों में सर्वात्मना योग देने की कीर्ति भी उपार्जित की। शुभ कार्यों में सदैव अर्जित अर्थ को विनियोजित करते रहे । अर्थोपार्जन में जितने आप प्रवीण थे उससे अधिक पारमार्थिक कार्यों में दान देने को तत्पर रहते थे। आप व्यवहार कुशल तो थे ही, निरभिमानी व्यक्तित्व के धनी भी थे ।
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ऐसे समाज सेवी, मिलनसार श्री बादलचंदजी का अचानक दिनांक ६-३-९३ को स्वर्गवास हो गया । आपके पश्चात् पुत्र-पौत्रादि से समृद्ध आपके परिजन भी धार्मिक आचार-विचार वाले एवं सामाजिक कार्यों में तन-मन-धन से सहयोग देने में तत्पर रहते हैं ।
मंत्री