Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Pannavanna Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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पर-वामरत्व
१७५२४८ ३९५ १२५७११ चं ३१ सू १७११:१९ १,१११२,१५४२,२११३.६ चरति १३, १६।२२४२१७ परिति
सू ११० चरि ज ३९५७१ चरिस्सति ज ३१६५७१
१६१ १६१ वरेति
सू १६१११
चर (घर) ज ७।१२४, १२५
चरण (चरक) प २०१६१ ज ३०१०१
चरण (चरण) ज ३२२.१२०
चरम ( चरम ) सू ७११:१० १५६ २०१३ चरमाण (चरत्) ११२, १७:३४२९,९९,१३२,
१४६, १५२, ४।११:५।३६
चरित (चरित्र) १०१०१।१० ज २०७१ चरितधम्म ( चरित्रधर्म ) प ११०१।१२ चरितपरिणाम ( चरित्रपरिणाम ) प १३२,१२, १४,१८,१९
चरितमोहणिज्ज (चरित्रमोहनीय ) प २३१३२,३४ बरिताचरिति (चरित्राचरिजिन् ) प १३१४,१८, १६
चरितारिय (चरित्रार्थ ) प १२, १११ से १२६ चरिति (चरित्र) प १३।१४,१८,१६ चरिम (चरम ) प १११०४,१०३,१०६, १०७,१०६,
११०,११३,११४,११६,१११,१२०,१२२,१२३ २०६४।५ ३।१।२२।१२२१०१२ से १३, २१ से २४,२६ से २६, ३१ से ५३; १५:४३:१८१११२,१६११२६६२३।१९३ ३६।७९ ज ४११४३, ७ । १५६ से १६७ सू ५११ ; १०१६२ से ७४, १३०, १४२, १४३, १४७ से १५१,१५६,१६१: ११:५६:१२।२४ से २८, ३०.१३/१४ ५४३
चरिमंत (चरमान्त ) प २२६४,१०१२ से ५,२१, २६, २७ से २६, १६।३४; २१।२०३३।१६, १७ ज ४ ११०, १४१, २०६,२००,२५२ चरिमभव (चरमभव ) प २२६४|४ चरु (च)
३०५१,६४
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चल (बल) ज ३।१७८ ७१७८
चल (चल) चल ज २२१२:२०५५,६४,७२, १४४५ | २० चलति ज ३।२,१११, ११२;५।२,७ चलंत ( चलत् ) ज ३।३१,७११७८
चलचल (चपल ) प २०४१
चलण (चरण) ज २२१४, १५:३।३४,१०९७८१७८ चलनीबहुल (चलनी' बहुल) ज २१३२ चलिय ( चलित) ज २१८६, ६०, ६३ : ३१५६,११३, १४५५३,२१,२८
चवल (चपल ) ज २२६०,३१६,२६,३५,३६,४७,
५६,६४,७२,१०८, ११३, १३८, १४५, १७८; ५१५,२१,२६,४४,४७,६७३७११७८
६०३
चलायंत (चपलायमान) ज २९१५ चविया ( चव्य ) प १७ १३१
चाउरघंट (चतुर्घण्ट ) ज ३।२१,२२, ३४ से ३६ उ ५३८
चाट (तुष्ट) १।११० चाउरंगिणी (चतुरङ्गिणी) ज ३१५,२१,३१,३४, ७८,६१,१७३, १७५,१६६ उ १११२३ १२७, १२८,५३१८
चाउरंत (चतुरन्त ) ज २१८३२,२६,३६,४७, ५६, ११५,१२४, १२३, १३८१४५५१२१,५० बाउस्सालय (चतुःशालक) ज ५|१३ चाउस्सालय (चतुःशालक ) ज ५३१३,१४ चाटुकार (चाटुकारक) ज ३०७८ चामर ( चामर ) प ११।२५ ज २२१५; ३६, १८,
२४,३१,३५,६३,१०६,१७८, १८०,२२२: ४।२६,३०५।११, ४३,४६, ५५,५७,६०,६६, ७१७८
चामरगाह (चामरग्राह) ज ३२१७८ चामरच्छाय (चामरच्छायन) ज ७११३२/३ चामरच्छायण (नामरच्छावन ) सू १०।११३ चामरहत्यगय (हस्तगतचामर) ज ३।११
१ चलनप्रमाण कर्वमः चलनीत्युच्यते
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