Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Pannavanna Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 643
________________ बेदियस त १०३:१६/१५, २१:११०३२०१६,२३,२८,३२, ४७.२११६,२६,४२,०६.०२२३१:२३१०६. १५१.१५४ से १५७,१६३,१३६.१६७,१७५; २८/३७ से ४०,४२,१००, १०३. ११६, १२५, १३६,२६।११ से १३,२१३०११० से १२, २०,२१:३१।३;३६।३६,६२ बेइदियत्त ( द्वीन्द्रियत्व ) प १५३६७,१४२ बॅट्ठाइ ( वृन्तस्थायिन् ) ज ५७ दिय (डीन्द्रिय) प १११४, ४१ २०४२,४५,४९, १४६ : ५५७६७१ बेयासविह (द्वित्रिचत्वारिंशत्तविध) प १७/१३९ माहिय ( याहिक) २०४३ बेहिय ( याहिक) ज २२६ बोंड (दे०) प ११३७१ बोंदि (दे० ) प २१३०,३१,४१,४६,६४१२,३ ज ५।१८ बोद्धव्व (बोद्धव्य ) प १०।१४१२३४।१।२ ४।१५६०१,१६२०१.२०४५१,२१०११ ७११७२.१२०१,१३२।१,१६७ १. १७७१,२,१०६४ १०२६६,६६२०१६१६ उ १११७३।२।१,४१२१ atraa (बोद्धव्य ) प ११२०१४, ३३१,३५/२, ३६४२,३७१३,४२१२,४३१२,४०० ४०, १२६१११ : २१६४१६,७६६०१२१०१५३।१ ११४३७२ १७११।१२।१११ २०६७ बोर ( वदर ) प १६।५५; १७०१३२ बोल (दे० ) प २२४१ ज २१४२,१५,३२२,३६, ७६,६३,६९,१०६.१६३,१६०५।२६, ७१५५, १७८ सू १९।२३ उ १११३८ बोहग ( बोधक) ज ५४५,४६ बोहय ( बोधक) ज ३११८८५१२१ बोहि (योधि ) प २०११७,१८,२१,३४ बोह्रिदय (बोधिदव) ज ५४२१ यहि (बोधित) ज २०१५:३१३ Jain Education International भ / भइज्ज (भज् ) भइज्जति प २२०७४ मइति २२७३ £28 भइता ( भक्त्वा ) सू १२ १० से १२ भइत (भक्त) प २६४११६ भंग (भङ्ग १४६१० से २०१०१६ मे २ १४२२६ : १६१०,१५,२१:२२३२५,८४,८६ २४१५,८,१२,२६।४,६,६,१०,२८१११८ भंगुर ( भङ्गुर ) ज २।१५ भंगी (भृङ्गी ) प ११४८१५; १७।१३१ मंगी (भङ्गी ) प १२३४५ भंगीर (भृङ्गिरजम् ) प १७।१३१ भंड (भाण्ड ) ज ३१७२,१५०,४।१०७,१४० सू २०१४ उ १२३, १०५.१०६,११६.३४५०, ५५,६३,७०,७३, १२८ मंड (भाण्डक ) २५०,५५ भंडवेयालय (भाण्डवैचारिक) प १९६ भंडार (भाण्डकार ) प ११६७ मंडी (अण्टी ) प १३७।५ शिरीष का पेड़ भंत ( भदन्त ) प ११७४, ८४, २१ से ३६,४१ से ४३,४६,४८ से ६४३३८ से १२०,१२२ से १२४,१७४, १७२ से १८३४११ से ४२.५२, २६ से १८,६५,७२,७१,०६,१५,१८,१०१. १०४,११३,१३१.१४०, १४९,१५८, १६५, १६० से १७१,१०४,१७७, १७८, १८०,१०१, १०२,२०७,२१०.२१३.२६४,२६७५१ से ७,६ से १२,१४,१६ से १८,२०,२३,२४,२७ से ३४,३६,३७,४०, ४१, ४४, ४५.४८,४६,५२, ५३, ५५,५६,५८,५६.६२,६३,६७,६८,७०,७१, ७७७८८२८३८५६६६००१,९२,९३, १६,६७,१००, १०१.१०२, १०४,१०६, १०७, ११०,१११, ११४,११५,११८,११६,१२३ से १२६,१३१,१३४,१३६,१३८, १४०, १४३, १४५, १४७, १५०,१५३,१५४,१५६, १५७, १६२,१६३,१६५,११६,१६८, १६६,१७१. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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