Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Pannavanna Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 663
________________ माहण - मिसिमित माहण ( माहन) उ ३।२८,२६,४५,४७,४८,५०, ५.५, ५८, ६०, ७५, ७६.७६ माहणकुल (महनकुल) उ ३११२५ मारिसी ( मानषि ) उ ३।५१ से ५७,६२,८२ माहणी ( माहनी ) उ३।१२६ से १३१,१३४ से १४४,१४७, १४८ माहिंद ( माहेन्द्र ) प १११३५, २०४९, ५३, ५४,६३; ३।३२,१८३,४१२४० से २४२,६१३०,५६.६५, १५८८२११७० २८१७८ ३४११६, १० ज ५४२; ७११२२१ सू १०२८४।१२।२२ माहिद (माहेन्द्र ) प २१५३, ७१११, ३३|१६ मादिवडेंस ( माहेन्द्रावतंसक ) प २०५३ माही ( माघी) ज ७।१३७, १४६, १५३,१५४ सू १०१७.१४,२३,२५,२६ माहेरी ( माहेश्वरी ) प १६८ मिउ (मृदु ) ज २।१६:३।११७३७ १७८ मिजा ( मज्जा ) प ११४८०४५,४६ मिग (मृग ) प २४६ सू १०।१२० मिसिरा ( मृगशिरा ) ज ७ १३६, १६०,१६१ सू १०१२ से ५,१२,२३,३८ मिगसीसावलि ( मृगशीर्षावलि) ज ७ १३३११ मिच्छत्त ( मिथ्यात्व ) प २३।३ उ ३।४७ मिच्छत्तवेदणिज्ज ( मिथ्यात्ववेदनीय ) प २३१६८, १८२ मिच्छतवेय णिज्ज ( मिथ्यात्ववेदनीय ) प २३११७. ३३,६६,१३८, १५७,१६१, १६६ मिच्छत्ताभिगम (मिथ्यात्वाभिगनिन् ) प ३४१४ मिच्छद्दि (मिध्यादृष्टि ) प १७४,८४ ३२१००, १८३:६।६७, १३।१४,१६,१७, १७।११,२३,२५; १८ ७७; १६।१ से ५ ; २१/७२,२३।१६६,२००, २६।१२६ मिच्छादंसणपरिणाम ( मिथ्यादर्शनपरिणाम ) प १३।११ मिच्छावं स णवत्तिया ( मिथ्यादर्शनप्रत्यया) प १७ ११,२२,२३, २५, २२६०,६५,६६, Jain Education International १०१६ ६६,७२ से ७४,६४,६५,६७ से ६६.१०१ मिच्छादंसणसल्ल ( मिथ्यादर्शन शल्य ) प २२।२०, २५ मिच्छादंसण सल्लविरय ( मिथ्यादर्शनशल्यविरत ) २२८६,८७,६६, ६०, ६७ से ६६ मिच्छादंसण सल्लवेरमण ( मिथ्यादर्शन शल्यविरमण ) प२१८१,८२ मिच्छादंसण ( मिथ्यादर्शनिन् ) प २२१६५ मिच्छादिठि ( निथ्यादृष्टि ) प २३।१६५ मिज्जमाण ( सीयमान ) सु १२२ मित (मित) उ ११४१, ४४ मित्त (मित्र) ज २ २६ ३११८७ ७ १२२११, १३०.१८६१४ सू १०३८४११ उ ३१३८, ५०, ११०,१११,४।१६,१८ मित्तदेवया ( मित्रदेवत । ) सू १०/६३ मिय (मृग ) प १६४,१११४ ज २।३५ उ ५ ५ मिय ( मित) ज २।१५ मियंक (मृगाङ) सु २०१४ मियगंध ( मृगगन्ध ) ज २५०, १६४, ४११०६, २०५ मियलुद्ध ( मृगलुब्ध) उ ३१५० मियालुंकी (मृगवालुकी ) प १२४८|४; १७११३० मियालुंकीफल ( मृगवा लुकीफल ) प १७ १३० मिरिय (मरिच ) प १७।१३१ मिरियण्ण (मरिचचूर्ण) प ११ ७६; १७।१३१ मिसिर (मृगशीर्ष) ज ७।१२८ मिरी ( मरीचि ) ज ३१११७ मिरीचि ( मरीचि ) सू २१ मिरीया ( मरीचि ) सू २०१ मिलक्खु ( म्लेच्छ ) प ११८८८१ ज ३३७७,१०६ मिलाइता (मिलित्वा ) ज ५।६४ मिलाय ( मिलय् ) मिलाइ ११२५ मिलायंति ज ३।१११ मिलता (वा) ज ३११११ मिलिय (मिलित ) प १६।१५ २२८४ मितिसित (दे० ) ज ३११०६५।२१ मिसिमित (दे० ) ज ३१६,२४,२२२, ५१२८ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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