Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Pannavanna Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 707
________________ सत्तरस-सहाव सत्तरस (सप्तदशन् ) प ४१६ ज ३१७६ सू ८१ सत्तरसविह (सप्तदशविध) '१६॥३८ सत्तरि (सप्तति) प २।५३ ज ५४६ सू १६।१४ सत्तविह (सप्त विध) प १११६,५३,१६।२६,३२, २।२१ से २३,८३,८४,८६,८७,६०; २४।२ से ८.१० से १३:२५१४,५,२६२ से ६,८ से १०;२७२,३,३६।७ सत्तसठ्ठ (सप्तपष्टि) ज ४१६८ सत्तसठ्ठि (सप्तपप्टि) सू १०।२२ सत्तसिक्खावइय (सप्तशिक्षावतिक) उ ३।७६ सत्तहत्तरि (सप्लसप्तति) ज २१४१२ सत्तहा (सप्तधा) ७६५,६८,६६,७१,७२,७४, ७५,७७.७८,५१७२.७३ सत्ताणउइ (सप्तनवनि) २४६ सत्ताणउत (सप्तनवति) प २१४८ सत्ताणउय (सप्तन वति) ज ७१८ सू ११२७ सत्तातीस (सप्तत्रिंशत् ) प ४.२७६ सत्तालीस (सप्तचत्वारिंशत् ) म १०११५१ सत्तावण्ण (सप्तपञ्चाशत् ) ज ४१६२;७।२१; म २१३ उ ११३ सत्तावीस (सप्तविंशति) प ४।२७६ ज १७ सू १६१० सत्तावीसतिविह (सप्तविशतिविध) प १७१३६ ससासीय (सप्ताशीति) ज ७७७ सति (शतिः) प २१४१ ज ३।३५,१७८ सत्तिषण (सप्तरण) प ११३६।३ उ ३१६४ सत्तिवण्णवडेंसय (सप्तपर्णावतंसक) प २।५०,५२ सत्तिवण्णवण (सप्तपर्णवन) ज २१६;४१११६ सत्तु (शत्रु) ज ३१३,३५,८८,१०६,१७५,२२१ सत्तुस्सेह (सप्तोत्सेध) ज ११५ सू ११५ सस्थ (शस्त्र) ज २१६।१,३।२०,३३,५४,६३,७१, ७७,८४.१०६,११५,१२४,१२५,१३७.१४३, १६७,१८२ उ ३२३८,४० सत्थ (शास्त्र) उ ३३२८ सस्थवाह (मार्थवाः १६१४१ ज १२५:३१६, १०,७७,८६,१७८,१८६.१८८,१८६,२०६, २१०,२१६,२१६,२२१,२२२ उ ११६२; ३१११,९६,६८,१००,१०१,१०६ से ११२; ११०,१७,१६,३६ सत्यवाही (सार्थवाही) उ ३६८,१०१ से १०५, १०७,१०८,११० से ११३ सत्थीमुहसंठित (स्वस्तिमुखसंस्थित) सू ४।३,४,६,७ सदा (सदा) प १३०,३१,४१ सदेवीय (सदेवीक) प २०११२,३४।१५,१६ सद्द (शब्द) प २।३०,३१,४१,१५१३६,३६,४०; १६.४६,२३११५,१६,१६,२०,३०,३१, ३४।११२,३४१२३ ज १११३,२६,३१,२१७, १२.६५,३१६,१२,१४,१८,३० से ३२,४३, ५१,६०,६८,७७,७८,८२,८८,८६,६३,१३०, १३६ १४०,१४६,१५५,१५६,१७२,१७८,१८०, १८५,१८७,२०६,२१२,२१३,२१८,२२२; ४।३,२५,८२,५।२२,२६,३८,५७,५८,७२,७३, ७११७८ सू २०१७ उ १६० से ६२,८५ से ८७: श१६,१७,२०,२५,२७ सपरिणाम (शब्दपरिणाम) प १३१२१,३१ सहपरियारग (शब्दपरिचारक) ५३४११८,२३,२५ सहपरियारणा (शब्दपरिचारणा) प ३४१७,२३ सहव्वया (सद्व्य ता) ज ३।३ सिद्दह (श्रत् +धा) सहइ ५ १११०१।४,१२ सद्दहाइ प ११०१।३ सद्दहामि उ ३११०३; ४।१४५:२० सद्दहेज्जा प २०११७,१८,३४ सद्दहणा (श्रद्धान) ५०१०१११३ सिद्दाव (शब्दय) सद्दाविस्तंति ज २११४६ सद्दावेइ ज २१६७,१८५,१०७,१११:३७, १२.१५,१८,२१,२८,३१,३४.४१,४६,५२, ५८,६१,६६,६६,७४,७६,७७,८३,६१,६६, १७०,१७३,१७५,१८०,१८३,१८८,१६१, १६६,२०७,२१२,५२२,२८,५४,६१,६८,६६, ७२,१२८,१४१,१४७,१५१,१५४,१६४,१६८ १।१७,३१९१४।१६५।१५ पहाति .३३१०५.१०७,११३,५१३,१४ महामि उपल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745