Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Pannavanna Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
लयावण्ण-लूहेता लयावण्ण (लतावर्ग) ज २६११
लाउयवण्णाभ (अलाबुकवर्णाभ) सू २०१२ लिल (लल,लड्) ललंति ज १११३,३०,३२, २७ लाघव (लाधव) ज २७१ ललंत (ललत्) ज ३११७८,७११७८
लाढ (लाढ) प ११६३३५ ललाड (ललाट) ज ७११७८
लाभ (ला) ज ३११७८,७।१७८ ललित (ललित) ज ३१९,२२
लाभंतराय (लाभान्तराय) प २३१२३ ललिय (ललित) ज ३१६,१७८,२२२,७११७८ लाभत्थिय (लाभार्थिक) ज ३।१८५ ललियबाहा ('ललितबाहु) ज २११५
लाभविसिठ्ठया (लाभविशिष्टता) प २३१२१ लव (लव) २२४१२,२१६६७७११२१५ सू ८।१; लाभविहीणया (लाभविहीनता) प २३।२२ १०।१२६५
लायण्णत्त (लावण्यत्व) प ३४१२० लिव (लप) लवति सू २०११
लाला (लाल!) ज ७१७८ लबंगरुक्ख (लवङ्गरूक्ष) प ११४३३२
लालाविस (लालाविष) प ११७० लवण (लवण) प १५२५५१ ज ६११,२,४,७४, लावग (लाक्क) प १७६
३२।१,६३,८७ मू ८.१,१६३२,३,५, लावणग (लावणिक) म १९४२२१२३ १६३२२।२३
लावण्ण (लावध) प २३११६,२० ज २१५, लवणजल (लवणजल) सू १९।५।३
श६८,७० उ ३३१२७ लवणतोय (लवणतोय) सू १६१५१२:१६४२२१२४ लास (लासय) लासेंति ज ५१५७ लवणसमह (लवणसमुद्र) ५ १५१५५ १६॥३० लासग (लासक) ज २१३२
ज १११६,१८,२०,२३,३५.४८,४६, ३.१,२२, लासिया (लासिका,ल्हासिका) ज ३११११२ २८,३६,४१,४४,४६ ; ४११,३५,३७,४२,४५, लिक्खा (लिक्षा) ज २१६,४० ५५,६२,७१.७७,८१.८६,६०,६४,६८,२००, लित्त (लिप्त) प २१२० से २७ २०१,२६२,२६५,२७१,२७४,६३,५,१६ से लिवि (लिपि) प ११६८ २६,७।३१,३३,८७ सू श२२,४१४,७, ८.१; लिहिय (लिखित) ज ७/१७८ १६१३ से ६
लीला (लीला) ज ५१३,२८ लवणोदधि (लवणोदधि) सू १९५१
लुक्ख (रूक्ष) प १४ से ६; १५,७,१२६,१५२, लवणोदय (लवणोदक) प ११२३
१५४,२११,२१८,२२१,२२६,२४४,११५६ लह (लघु) ज ३२३५,४८,४६७।१७८
से ६१:१३।२२।२,१३१२२,२६,१७११३८%; लहुपरक्कम (लघुपराक्रम) ज ५१४८,४६
२३।५०; २८१६ से ११,२०,३२,५५ से ५७,६६ लहुभूय (लघुभूत) ज २२७०
लुक्खत्तण (रूक्षत्व) प १३१२२११ लहुय (लघुक) प ११४ से ६,३११८२; ५१५,७, लुक्खया (रूक्षता) प १३।२२११ ज २११३१ २०६१५३१५ से १७,२८,३२,३३,२८।२६, लुद्धग (लुब्धक) उ ३६८
लूह (मृज्,रूक्षय्) लू हेइ ज ५१५८ लूहेति लहुयत्त (लघुकत्व) ५ १५१४४,४५
ज ३१२११ लाइय (दे०) प २।३०,३१,४१ ज ११३७,३।७,१८४ लूहिय (मृष्ट,रूक्षित) ज ३।६,२२२ लाउय (अलाबुक) ज ३१११६
लहेत्ता (मृष्ट्वा,मार्जयित्वा, रूक्षयित्वा) ज ३१२११; १. टीका में 'ललिनो बाहु' है।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745