Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Pannavanna Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
वग्ग-वट्टमाण
११७
१२६१६:३२,१७१५८२०५६ से ५८; विग्ग (कल्प) वग्गति ज ५१५५
२२१२५,२३।१६१,१६७; २४।१३, २५।३; वग्गण (वल्गन) ज ३।१७८
२६।४२८११२,१२३,१२६,१२७,१२६, वग्गणा (वर्गणा) प १११७२१७१११४११,१४२ १३२,१३३,१३७ से १४१,१४३ ज २१७०, वग्गमूल (वर्गमूल) ॥ १२॥१२,१६,२७,३१,३२,३८ १३१,३।६,४।१७७,२१०,२४०,२४८,५।१३, वग्गु (वल्गु) प २६४।१५ ज २१६४,३११८५,
४६,५११ २०६४१२१२,४१२१२।३ : ५।५८
वज्ज (वाद्य) ज ५२५७ वग्गु (वाच) उ ११४१,४४
वज्जकंदय (बज्रकंदक) व १७११३० वग्गुरा (वागुरा) उ ५।१७
वज्जण (वर्जन) प ११०११३ वग्गुलि (वल्गुलि ) प १७८
वज्जणिज्ज (वर्जनीय) ज २११४६ वग्ध (व्याघ्र) ११६६:१११२१ ज २१३६,१३६
वज्जपाणि (बज्रपाणि) १२५० ज ५।१८,४६,६६ वग्घमुह (माघ्रमुख) प ११८६
वज्जमाण (वाद्यमान) उ १११३८ वग्धारिम (दे०) ज ३1८८
बज्जरिसभणाराय (वज्रऋषभनाराच) ज ११५; वग्धारिय (दे०) प २१३०,३१,४६ ज २१७,८८,
२१४६
वज्जरिसहणाराय (वजऋषभनाराच) ज २।१६,८६ वग्धावच्च (व्याघ्रापत्य) ज ७/१३२१४ सु १०।११६ बरिसनाराय (बज्रऋषभनाराच) सु ११५ वग्घी (व्याघ्री) प १११२३
वज्जसंठिय (बज्रसंस्थित) प १११३० विच्च (वच्) वच्चंति ज ७।१३५२,३
वज्जसूलपाणि (वज्रशूलपाणि) ज ५।५७ विच्च (वज्) वच्चइ सू १६
बज्जिऊण (वर्जयित्वा) प १२७।३ वच्छ (वक्षम् ) प १३०,३१,४१,४६ ज ३1३,६,
वज्जित्ता (बर्जयित्वा) प २१२२,३२,३४ ज ४।१३४ १,१८,१३,१८०,२२१,२२२:५।२१ ।।
वज्जिय (वर्जित) प १०।१४।६ ज ५।५२ सू २०१७ बच्छ (वत्स) प ११६३१४ ज ४/२०१,२०२।१,२४८ वज्जेता (वर्जस्त्विा ) प२।२१,२३ से २७,३०, वच्छगावई (वत्सकावती) ज ४।२०२।१
३१,३३,३५,३६,४१ से ४३,४६ वच्छमित्ता (वत्समित्रा) ज ४।२०४,२३८,५६
वज्झ (वा) ज ३६२,११६ वच्छल (वत्सल) प ३११२५; १।५,४६
वज्झार (वर्धकार) प ११६७ वच्छल्ल (वात्सल्प) प १।१०१।१४
वज्झियायण (ध्यान) ज ७१३२।४ सू १०१११८ वच्छाणी (वत्सादनी) प ११४०।४ सू १०११२० विट्ट (वृत्) वट्ट ति उ ३।३३ वट्टति प १६१२२ गजपीपल, गुडूची
वट्ट (वृत्त) १११४ से ६,११६३।१२।२० से २७, वच्छावई (वत्सावती) ज ४२०२
३० से ३६,४१ से ४३,१०।१५,२६,३६१५१ वज्ज (वन)५११४८७ वनकंद, कोकिलाक्षवृक्ष, ज १७,३१:२११५:३७,८८,११७,४१३,२५, तालमखाना
६७,११४,१२८,२३४,२४०,२४१:५।५,४३; । बज्ज (वर्जय) बज्जेज्ज प १०११४।४
७।३१,३३,१६७,१७८ सू१।१४:४१३ से ७; बज्ज (वज्र) ज २०१५
१०७४,१६८२,६,६,१२,१६,२८,३२,३६ वज्ज (वयं ) प २१४०।५,२१५२,६१४६,५६,६६, बट्टग (वर्तक) प११७६ ज ५।१६
८६,६४,६५,१०२,१०४,१०१३६,१११४१,८०, वट्टगमंस (वर्नकमांस)-१०१२० कमलकंद ८४१२१३,१३।२२।२,१५४९८,११५,१२१, वट्टमाण (वर्तमान) १ २१३१ ज २१७१३।१३८,
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745