Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Pannavanna Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 636
________________ ६६२ पोस (पौष) ज २११६७|१०४ सु १०११२४ उ ३१४० पोसह (पौषध) ज २११३५ पोसहघर (गृह) ज ३१३२ पोसहसाला (पौषधशाला ) ३।१८ से २१,३१, ३३, ३४, ५२ से ५४ ५८,६१,६३,६६,६६,७०, ७१,७४,८४,८५, १३७, १३६,१४१ से १४३, १४७,१६४ से १६८, १८० से १८३,१६०, १६६ उ ५ ३५ पोसहिय ( पोपधिक) ज ३।२०,३३,३५,५४,६३, ७१,८४,१३७,१४३, १६७,१८२ पोसहवास (पौषधोपवास) प २०१७,१८,३४, पोसो (पौषी) ज ७।१३७, १४०, १४६, १४६, १५५, लु १०१७,१३,२२,२३,२६ पोहत ( पृथक्त्व ) प १५१।१,१५ ८ से १०,२३, ३०.१४०२४।६ पोहत्तिय (पार्थ क्विक ) प २२२५, २८:२३८, १२ फ फग्गुण (फाल्गुन) ज २२७१७३१०४ स १० । १२४ उ ३१४० फग्गुणी ( फल्गुनी) ज ७ १३७,१४०,१४६, १५३, १५५; १० ११२०:१२/२३ तु १०१७,१५,२३. _२५,२६,१२०,१५३,१५८,१२।२३ फणस ( स ) प १३६३१:१६।५५; १७।१३२ फणिज्जय ( फणिज्भक ) व ११४४१३ मरुआ फरिस (स्पर्श) ज ३०२,१८७, २११,२१८५३५८ ग्रु २०१७ उ ५ २५ फरस ( रुप ) ज २३१३१,१३३ फल (फल) ११३३५,३६,१४८६,१८,२८,६३, २३।१३ से २३ ज १११३,३०,३३,३६,२८, ६,१२,१६,१७,१८,७१, १४५, १४६; ३०११७, २२१:४/२७/११२।३, ४ १०।१२०, १२६/३,४ उ ११३४,१८, ६६, ३५०, ५३, ६८, १०१,१३१; ५१६ फलग (फलक) ५ ३६।६१ ज ३।३१ उ ३।३६ Jain Education International पोस- फासचरिम फलगग्गाह (फलक ग्राह) ज ३११७८ फलय ( फलक ) ज ४१२६ उ १।१३८ फल (वासा) ( फलवर्षा ) ज ५:५७ फलविटि ( फलवृन्तक ) प ११५० फलहसेज्जा ( फलका) उ५१४३ फलासव (फलासव ) ६ १७ १३४ फलाहार ( फलाहार ) उ३१५० फलिय ( फलित ) उ ३०४६ फलिहकूड ( स्फटिककूट) २१५१,५६ 'फलिहामय (स्फटिकमय ) सु १८८ फाणिय ( फाणित) ५ १५।११२,१५५० फालिय (स्फटिक) ज ४१३, २५ फालियामय ( स्फटिकमय ) प २१४८ ज ७।१७६, १७८ फास (स्पर्श) प ११४ से ६, २२० से २७,३०,३१, ४१, ४८, ४६; ३११८२५१५, ७, १०, १२, १४,१६, १८,२०,२४,२८,३०,३२,३४,३७३६, ४१, ४५. ५३,५६,५६,६१,६३,६८,७१,७४,७६,७८, ८३, ८६,८६,६१,६३,६७,१०१, १०४, १०७, १०६,१११, ११५,११६,१२६,१३१,१३४, १३६,१३८, १४०, १४३, १४५, १४७, १५०, १५२,१५४,१६३,१६६, १६६,१७२, १७४, १७७, १८१, १८४, १८७, १६०, १६३, १६७, २००,२०७,२११,२१४,२१८,२२१,२२४, २२८,२३०,२३२,२३४,२३७,२३६,२४२, २४४; १० । ५३।१; ११५६; १५१३८, ७७,८१, ८२,१७११३२ से १३४,२३।१३ से २३,१०६, २८१६,१०,२०,३२,५५,५६,६६, ३४१११२; ३६।८०,८१ ज १११३,२७,१८, ६८, १४२; ३।१३८; ४।२७,४६,८२५३२७ २०६ सू २०१७,८,२०१८,४ फासओ ( स्पर्शतम् ) प १५ से ६; ११/६०; २८११०,२०,२६,५६ फासचरिम ( स्पर्शचरम ) प १०३५२, ५३ १० १११६७ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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