Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Pannavanna Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 550
________________ ६०६ चुलसीति ( चतुरशीति ) प २१४० १ सू २३ चुलसीय (चतुरशीति) सू १।१२ चेडरूव (चेटरूप) उ ३।११४ चेडिया ( चेटिका ) उ ३।१४१ चुल्लमाया ( क्षुल्लमातृका ) उ१।१२,४३,४४, चेडी (चेटी) ३ ११५४,५५,७६,८०,४११२,१३ चेतियखंभ ( चैत्यस्तम्भ ) सू १८३ १४५, २१५, १७ चुल्लहिमवंत ( क्षुल्ल हिभवत् ) प १६।३० ज ११४८; चेत्त (चैत्र) ज ७ १०४३६४० चेती ( चैत्री) ज ७|१३७,१४०,१४६,१५५ सू १०७,१६,२३,३६ ४।४८ चुल्लहिमवंतकूड (चुल्लहिमवत्कूट) ज ४१४४,४५, ४८,५१,५२, ७६, ६६,२२६ चुल्लहिमवंतगिरिकुमार ( क्षुल्ल हिमवगिरिकुमार ) ज ३ १३१ से १३४, १३६,४५२ चूचुय (चूचुक ( ज २।१५ चूडामणि (चूडामणि ) प २।३० ३१ ज ३१३६, २११ चूतलता ( चूतलता ) प ११३६६१ चूयमंजरी ( चूतमञ्जरी) ज ३११२,८८ ५५८ चूयवण ( चूतवन) ज ४। ११६ चूयवडेंस ( चूतावतंसक ) प २५०,५२ चूलासोइ ( चतुरशीति ) सू ११८/२ चूलियंग ( चूलिकाङ्ग) ज २१४ चूलिय ( चूलिक) ज २१४; ४।२४२ चेइय ( चैत्य ) ज १३:२।३१,६७,७१२२४ चं ७,६ सू ११२, ४, १८/२३ उ १११.२,६,१७,१६, १४४; २।४, १६ : ३१४, ६, २१, २४,२६,४६,६६, ६५,१५५,१५७,१६८, १७१,४४,६,१३,१८, २८,५/३६ चेइमखंभ (चैत्यस्तम्भ ) जे २।१२०, ४। १३३; ७१८५ चेयभ (चैत्यस्तूप) ज २२११४,११५ चेइरुक्ख (चैत्य रूक्ष, चैत्यवृक्ष ) ज ४ १२६, १२७ चेट्ठा ( चेष्टा ) ज २१३३ चेड (चेट) ज ३६,७७,२२२ चेडग (चेटक ) उ ११२२,१०७,१११, ११५,११६, ११६,१२८, १३७, १४० चेड (चेटक ) उ ११२२,२५,२६,१०५ से १०७, १०६,११०,११३,११४,११६ से ११६,१२७, १२ से १३४,१४० Jain Education International चुलसीति चोरग चेदि (चेदि ) प १३६३४ v चेय ( त्यज्) एइ उ० ४।२१ चेएसि उ ४।२२ चेलपेला (पेटा) उ ३११२८ चेल्लणा ( चलना) उ १११०,३२ से ४१, ४३, ४४, ४६,४८ से ५५,५७,५८,७० से ७४,८८, ६५, १०६, ११०, ११३, ११४ वेव (चैव ) प ११११७ चोsयम (चोदितमति) ज ३४१३८ चोक्ख ( चोक्ष) ज ३८२,१०६३।५१,५६ चौताल ( चत्वारिंशत् ) सू १२ १२:१६ । १५१२ चोत्तालीस ( चत्वारिंशत् ) सू १०।१३६ चोत्तीस ( चतु: त्रिशत् ) प २३६ ज ४।११० सू १।२२ चोट्स ( चतुर्दशन् ) प २२६६ ज १४८ सू ३|१,१०१६३ चोपुयि (चतुर्दशपूवि) ज ११५ चोदम ( चतुर्दश) ज सरणीसर ( चतुर्दशरत्नेश्वर ) ज ३११२६३ चोसहि ( चतुर्दशविध ) प २३१६,२० चोपाल (दे० ) ज ४,१३७ आयुधशाला चोप्पालंग (दे०) ज २१२० वरण्ड चोय (दे०) ज ३१११।३ चोयड ( 'चोय' पुट) ज ४११०७ चोयाल (चतुश्चत्वारिंशत् ) प २१४०३३ ज ७७६ सू १।१८ चोयालीस (चतुश्चत्वारिंशत् ) प २३५ ज ७८ चोयासव (चोयासव ) प १७ । १३४ चोर (चोर) प १७/१३२ ३०१२८ चोरग (चोर) प ११४४१३ असबरक, एक बढ़िया For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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