Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Pannavanna Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
१२०
ठितिपडिया-पक ख
१७६,१७७,१७६,१८१,१८२,१८३,१८५, पई (नदी) ज ४१२००,२०२,२१२ १८७,१६० से १६३;२८१५,३६५८२११,८३१ । णउति (नवति) १८१ गु १८।२५,२६ से ३४
णउय (नवति) ज ११८ ; ४१२५६१८७८२, ठितिणामनिहत्ताउय (स्थितिनामनिधत्ताश्रूष्क) प ६.१२२
णउल (नकुल) प ११७६ ठितिनामणिहत्ताउय (स्थितिनामनिधत्तायुक) णं (दे०) प ११२० ज ११३ सू ११२ उ ११५; २११; प६११८
३११,४११:५।१ ठितिपडिया (स्थितिपतिता) उ ११६३
जंगल (लाङ्गल) ज ।३ ठितीचरिम (स्थितिचरम) प १०॥३४,३५ णंगलई (लाङ्गलिकी) प४८१६ ठितीणामणिहत्ताउय (स्थितिनामनिधत्तायुक) गंगलिय (लाङ्गलिक) ज १६४६४१८५ प६.११६
गंगूल (लाल) ज ७११७८ ठिय (स्थित) प १११४७,४८,८० से ८३
गंगोलि (लागुलिन्) १११८६ ज ३१६२,११६,१३८,५३,२८,७५८ सू१११७ द (नन्द) ७११८ उ १११६
गंदणवण (नन्दनवन) ज २१६५,६६४१२१४,
२३४,२३६,२३७,२३६,२४०,५१५५
णंदणवणकड (नन्दनवनकट) ज ४१२,३६ डंस (दश) ज २।४०
णंदणवणविवरचारिणी (नन्दनवनविवरचारिणी) डब्भ (दर्भ) प ११४२१ डमर (डमर) ज २१४२
ज २१५
णंदा (नन्दा) ४१८०५।८।१,६८:४११८ डमरबहुल (उमरबहुल) ज १३१८
सू१०१६० डिह (दह) डहेज्जा ज २६ डाव (दे०)उ ११३८
गंदापुक्खरिणी (न-दापुका शी) ४१२२१ डिब (डिम्ब) ज २१४२
गंदावत्त (नन्दावत्त ) प १७१११ ज ३।३,३२ डिबबहुल (डिम्बबहुल) ज १६१८
णं दिघोष (नन्दिपंग) २.१६३१३०,५१५२ डिभय (लिम्भक) उ ३१६२,११४,१२३,१३०
णंदिपुर (नईन्दपुर) प ११६६।३ हिभिया (डिम्भिका) उ ३।६२,११४,१२३,१३०,
शंदिय (नन्दित) २१
णंदियावत्त (नन्द्यावत) ५ ११४६ ३।१७८; डोंगरू (दे०) ज २।१३१
४।२८,५१४६३ डोंब (दे०) प १८६
णंदिरुक्ख (नन्दिरूक्ष) प १।३६।२ डोंबिलग (दे०) प १८६
दिबद्धणा (नन्दिवर्धना) ५.८१ कंदिस्सर (नंदिस्वर)) २११६:४८८,५२,७४
सू१९६३१ ढंक (ध्वाक्ष) प १७६ ज २१४०,१३७
णंदुतरा (नन्दोत्तरा) २८१ ढिकुण (दे०) प ११५१११ ज २।४०
पका (नन्ह) प १५६
णक्क (ना) ११८६ ण (न) प १।१०१।३ ज १६ मु१३१४१०१२६ णक्ख (नख) १५,१६३१७८
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745