Book Title: Agam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 88
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org पप-५ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७९ एवं चेव नवरं सद्वाणे छट्टाणवडिते एवं जहा कालदण्णपचवाणं यत्तव्यया भणिता तहा सेसाण बि वण्ण-गंध-रस-फासपज्जवाणं वत्तव्वया मणितव्वा जाव अजहण्णमणुक्कोसलुक्ने सहाणे छाणवडिते से तं रूचि अजीयपजवा से तं अजीवपज्जया । १२91-121 पंचम एवं समतं छटुं वकुर्कतिपयं (३२६) बारस चउवीसाई सअंतरं एससमय कत्तो य उवट्टण परभवियाउयं च अठ्ठेव आगरिसा -: पढ मं- बा र सदा रं :-- (३२७) निरयगती णं भंते केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पत्रत्ता गोयमा जहणणेणं एगं समयं उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता, तिरियगती णं पुच्छा जहण्णेणं एगंसमयं उक्कोसेणं बारसमुहुत्ता, पणुयगतीणं भंते पुच्छा जहणेणं एगंसमयं उक्कोसेणं बारसामुहुत्ता, देवगती णं पुच्छा जहणणेणं एगसमयं उक्कोसेणं बारसमुहुत्ता, सिद्धगती णं भंते केवतियं कालं विरहिया सिज्झणयाए पन्नत्ता गोवमा जहणेणं एगंसमयं उक्कोसेणं छम्मासा निरयगती णं मंते केवतियं कालं विरहिया उव्वट्टणया पन्नत्ता गोयमा जहण्णेणं एगंसमयं उक्कोसेणं बारसमुहुत्ता, तिरियगती णं पुच्छा जहणेणं एगंसमयं उक्कोसेणं बारसमुहुत्ता, मणुवगती णं पुच्छा जहण्णेणं एगंसमयं उक्कोसेणं बारसमुहुत्ता, देवगतीणं पुच्छा जहण्णेणं एवं समयं उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता । १२२ ।-122 -: बिइ यं च उ वी साइंदा रं : (३२८) रयणप्पभापुढविनेरइया णं भंते केवतियं कालं विरहिया उबवाएणं पन्नत्ता गोयमा जहण्णेणं एगंसमयं उकूकोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता, सकूकरप्पभापुढविनेरइया णं पुच्छा गोयमा जहणं एगंसमयं उक्कोसेणं सत्तरातिंदियाणि वालुयप्यभापुढविनेरइया णं पुच्छा गोयमा जहणणं एगसमयं उक्कोसेणं अद्धमासं पंकप्पभापुढविनेरइया णं पुच्छा गोयमा जहण्णेणं एगंसमयं उक्कोसेणं मासं, धूमप्पभापुढविनेरइया णं पुच्छा गोयमा जहण्णेणं एगंसमयं उक्कोसेणं दोमासा तमापुढविनेरइया णं पुच्छा गोयमा जहण्णेणं एगंसमयं उक्कोसेणं चत्तारिमासा आहेसत्तमापुढविनेरइया णं पुच्छा गोयमा जहण्णेणं एवं समयं उक्कोसेणं छष्पासा, असुरूकमारा णं पुच्छा गोयमा जहणेणं एवं समयं उक्कोसेणं चउव्वीसंमुहुत्ता नागकुमारा णं भंते पुच्छा गोयमा जहण्णेणं एगंसमयं उक्कोसेणं चउच्चीसंमुहुत्ता एवं सुवण्णकुमाराणं विज्जुकुमाराणं अग्गिकुमाराणं दीवकुमाराणं उदहिकुमाराणं दिसाकुमाराणं वाउकुमाराणं यणिय- कुमाराण य पत्तेयं-पत्तेयं जहणेणं ए समयं उक्को सेणं चउव्वीसंमुहुत्ता, पुढविकाइया णं पुच्छा गोयमा अणुसमयभविरहियं उववाएवं पन्नत्ता एवं आउकाइयाण वि तेउकाइयाण वि वाउकाइयाण वि वणप्फइकाइयाण वि अनुसमयं अविरहिया उववाएणं पन्नत्ता, बेइंदिया णं पुच्छा गोयमा जहणणेणं एगं समयं उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं एवं इंदिय-चतुरिंदिया, सम्मुच्छिमपंचेंदेियतिरिक्खजोणिया णं पुच्छा गोयमा जहण्णेणं एगंसमयं उळकूकोसेणं अंतोमुहुत्तं गमवक्कतियपंचेदियतिरिक्खजोणिया णं पुच्छा गोयमा जहणेणं एगंसमयं उक्कोसेणं बारसमुहुत्ता सम्मुच्छिममणुस्सा णं भंते पुच्छा गोयमा जहणणेणं एगंसमयं उक्कोसेणं चउव्वीसंमुहुत्ता गष्मयक्कंतियमणुस्साणं पुच्छा गोयमा जहणणेणं एगंसमयं उक्कोसेणं बारसमुहुत्ता वाणमंतराणं पुच्छा गोथमा जहणणेणं एगंसमयं उक्कोसेणं चउव्वीसं For Private And Personal Use Only ॥१८२॥-1

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