Book Title: Agam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 191
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org १८२ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पन्नषणा - २९/--/५७२ भाणियव्या जस्स जं अत्थि तस्स तं पुच्छिज्जति जं नत्थि तं न पुच्छिजति जाव मासा-मणपञ्जत्तीए अपात्तएसुनेरइय-देव- मणुपसु य छब्मंगा सेसेसु तियमंगो । ३१२ -311 • अडावी सहमे पये बीए उसे १-१३ दाराणि समत्तानि बीओ उद्देसो समत्तो अदावीसहमं पयं समत्तं एगुणतीसइमं - उवओगपयं (५७२) कतिविहे णं भंते उवओगे पन्नत्ते दुविहे उबओगे० सागारीबओगे य अणागारोवओगे य सागारोवओगे णं भंते ० अट्ठविहे पन्नत्ते तं जहा आभिणिबोहियनाणसागरोवओगे सुयनाणसागारीवओगे ओहिनाणसागारोवओगे मणपञ्जवनाणसागारोवओगे केवलनाणसागारोवओगे मतिअन्नाणसागारोवओगे सुयअन्नाणसागारोवओगे विमंगनाणसागारोवओगे, अणागारोवओगे णं भंते० चउव्विहे पत्ते तं जहा चक्खुदंसण अणागारोवओगे अचक्खुदंसण अणागारोवओगे ओहिदंसण अणागारोव ओगे केवलदंसण अणागारोवओगे एवं जीवाणं पि नेरइयाणं भंते कतिविहे उवओगे पनते गोयमा दुविहे उवओगे० सागारोवओगे य अणागारोवओगे य नेरइयाणं भंते सागारोवओगे कतिविहे पत्रत्ते गोयमा छव्विहे० मतिनाणसागारोयओगे सुयनाणसागारोवओगे ओहिनाणसागारोवओगे मतिअन्नाणसागोरोवओगे सुयअन्नाणसागारोवओगे विमंगनाणसागारोवओगे नेरइयाणं भंते अणागारोवओगे कतिविहे पत्रत्ते गोयमा तिविहे० चक्खुदंसण अणागारोवओगे अचक्खुदंसणअणागारोवओगे ओहिदंसण अणागारोवओगे एवं जाव धणियकुमाराणं पुढविक्काइयाणं पुच्छा गोयमा दुविहे उवओगे पत्ते तं जहा - सागारोवओगे य अणागारोवओगे य पुढविक्काइयाणं भंते सागारीबओगे कतिविहे पत्रत्ते गोयमा दुविहे० मतिअण्णाणे सुतअण्णाणे पुढविक्काइयाणं भंते अणागारोवओगे० एगे अचक्खुदंसण अणगारोवओगे पत्ते एवं जाव वणय्फइकाइयाणं बेइंदियाणं पुच्छा गोयमा दुविहे उचओगे पत्ते तं जहा- सागारे अणागारे य बेइंदियाणं भंते सागारोवओगे कतिविहे पत्रत्ते गोयमा चउव्विहे ० आभिणिबोहियनाणसागारोवओगे सुयनाणसागारोवओगे मतिअण्णाणसागारोवओगे सुतअण्णाणसागारोवओगे बेइंदियाणं भंते अणागारोवओगे कतिचिहे पत्रते गोयमा एगे अचक्खुदंसण अणागारीवओगे एवं तेइंदियाण वि चउरिंदियाण वि एवं चैव नवरं - अणागारोवओगे दुविहे पत्रत्ते तं जहा- चक्खुदंसणअणागारोवओगे य अचक्खुदंसण अणागारोचओगे य पंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं जहा नेरइयाणं मगुस्साणं जहा ओहिए उवओगे मणियं तहेव माणियव्वं वाणमंत्तरजो सिय-माणियाणं जहा नेरइयाणं जीवा णं भंते किं सागारोवउत्ता अणागारोवउता गोयमा सागरोवउत्ता वि अणागारोवउत्ता वि से केणणं भंते एवं बति ० गोयमा जे णं जीवा आभिणिबोहियनाण-सु - सुतनाण-3 - ओहिनाण-मणकेवलमति अण्णाण - सुतअण्णाण-विभंगनाणोवउत्ता ते णं जीया सागारोक्उत्ता जे णं जीवा चक्खुदंसण- अचक्खुदंसण - ओहिदंसण केवलदंसणोवउत्ता ते णं जीवा अणागारोवउत्ता से तेणणं गोयमा एवं वुच्चति - जीवा सागारोवउत्ता वि अणागारोवउत्ता वि नेरइया णं भंते पुच्छा गोयमा नेरइया सागारोवउत्ता वि अणागारोवउत्ता वि से केणट्टेणं भंते एवं वुच्चति-गोयमा जे छणं नेरइया आभिणिबोहियनाणसुत-ओहिनाण-मति अण्णाण सुतअण्णाण - विभंगनाणोवउत्ता ते णं नेरइया सागारोवउत्ता जेणं नेरइया चक्खुदंसण- अचखुदंसण - ओहिदंसणोवउत्ता ते णं नेरइया अणागा For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210