Book Title: Agam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 195
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पन्नवणा - H-1-14८२ पासंति गोयमा जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजतिपागं उन्कोसेणं असंखेचाई अलोए लोयपमाणमेत्ताइं खंडाइंओहिणा जाणंति पासंतियाणमंतराजहानागकुमारा, जोइसीयणं पते केवतियं खेत्तं ओहिणा जाणंति पासंति गोयमा जहण्णेणं संखेले दीव-समुद्दे उक्कोसेणं वि संखेने दीव-समुद्दे सोहम्मगदेया णं पंते केवतियं खेत्तं ओहिणा जाणंति पासंति गोयमा जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजतिभागं उककोसणं अहे जाव इमीसे रयणप्पमाए ओहिणाजा हेडिल्ले चरिमंते तिरियंजाव असंखेन्जे दीव-समुद्दे उड्ढं जाव सगाई विमाणाई ओहिणा जाणंति पासंति एवं ईसाणगदेवा वि सणंकुमारादेवा वि एवं चेव नवरं-अहे जाव दोचाए सक्करप्पमाए पुढवीए हेडिल्लै चरिमंते एवं माहिंदगदेवा विबंमलोगलंतगदेवा तच्चाए सक्करप्पमाए पुढवीए हेडिल्ले चरिमंते एवं माहिंदगदेवा वि बंभलोगलतगदेवा तच्चाए पुढवीए हेछिल्ले चरिमंते महासुक्क सहस्सारगदेवा चउत्पीए पंकप्पभाए पुढवीए हेडिल्ले चरिमंते आणय-पाणय-आरण-अच्चुयदेवा अहे जाव पंचपाए धूमप्पमाए पुढवीए हेडिले चरिमंते हेट्ठिम मज्झिमगेवेजगदेवा अहे जाव छठाए तमाए पुढवीए हेडिल्ले चरिमंते उपरिमगेवेनगदेवा णं पते केवतियं खेतं ओहिणा जाणंति पासंति गोयमा जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजतिभागं उक्कोसेणं अहेसत्तमाए पुढवीए हेडिल्ले चरिमंते तिरियंजाव असंखेजे दीव-समुद्दे उड्ढे जाव सगाई विपाणाई ओहिणा जाणंति पासंति अनुत्तरोववाइयदेवाणं मंते केवतियं खेत्तं ओहिणाजाणंति पासंतिसंभिन्नंलोगनालिं ओहिणा जाणंति पासंति।३१९1318 (५८२) नेरइयाणं पंते ओही किंसठिए पन्नत्ते गोयमा तप्पागारसंठिए पन्नत्तेअसुरकुमाराणं पुच्छा गोयमा पल्लगसंठिए एवं जाव थणियकमाराणं पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा गोयमा नानासंठाणसंठिए पन्नत्ते एवं मसाण वि वाणमंतराणं पुच्छा गोयमा पडहसंठाणसंठिए पत्रते जोतिसियाणं पुछा गोयमा झल्लरिसंठाणसंठिए पन्नते सोहपगदेवाणं पुछा गोयमा उद्धमुइंगागारसंठिए पन्नते एवं जाव अचुयदेवाणं पुच्छा, गेवेनगदेवाणंपुच्छा गोयमा पुष्फचंदेरिसंठिए पन्नत्ते अनुत्तरोववाइयाणं पुछा गोयमाजवनालियासंठिए ओही पन्नत्ते।३२०1-319 (५८३) नेरइया णं भंते ओहिस्स किं अंतो बाहिं गोयमा अंतो नो बार्हि एवं जाव पणियकुमारापंचेदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छागोयमा नोअंतो बाहिमणसाणं पृच्छा गोयमाअंतो वि बाहिं पि वाणमंतर-जोइसिय-वेमाणियाणं जहा नाइयाणं नेरइया णं मंते किं देसोही सव्वोही गोयमा देसोही नो सब्दोही एवं जाव यणियकुमाराणं पंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा गोयमा देसोही नो सन्चोहीमणूसाणंपुच्छा गोयमादेसोही विसवोही विवागमंतर-जोतिसिय-वेमाणियाणं जहा नेरइयाणं, नेरइयाणं मंते ओही किं आणुगामिए वड्ढमाणए हायमाणए पडिवाई अपडिवाई अवट्ठिए अणवहिए गोयमा आणुगामिए नो अणाणुगामिए नो यड्ढमाणए नो हायमाणए नो एडिवाई अपडियाई अवट्ठिए नो अणवहिए एवं जाव थणियकुमाराणं पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा गोयमा आणुगामिए वि जाव अणदहिए वि एवं मणूसाणं वि चाणमंतर-जोतिसियवैमाणियाणंजहा नेरइयाणं ।३२१1-319-R तेतीसइमं पयं समतं. |चउतीसइमं पवियारणापयं| (५४) अनंतरागयाहारे आहारपोपणाइय पोग्गला नेव जाणंति अज्झवसाणा य आहिया - - - ||२२४॥1-1 For Private And Personal Use Only

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