Book Title: Agam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 115
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पन्नपणा - १३/+000 दसण-परिणामेणं पुच्छा गोयमा तिविहे प० सम्मइंसणपरिणामे मिच्छादसणपरिणामे सम्मामिच्छादसणपरिणामे, चरितपरिणामे णं पुच्छा गोयमा पंचविहे पन्नत्ते तं जहा-सामाइयचरित्तपरिणामे छेदोवठ्ठावणियचरित्तपरिणामे परिहारविसुद्धियचरित्तपरिणामे सुहमसंपरायचरित्तपरिणामे अहखायचरित्तपरिणामे वेयपरिणामे णं पुच्छा गोयमा तिविहे पन्नते तं जहा इत्यिवेयपरिणामे पुरिसवेयपरिणामेनपुंसगवेयपरिणामे नेरइया गतिपरिणामेणं निरयगतिया, इंदियपरिणामेणं पंचिंदिया कसायपरिणामेणं कोहकसाई वि जाव लोमकसाई वि, लेस्सापरिणामेणं कण्हलेसा वि जाव काउलेस्सा वि जोगपरिणामेणं मणजोगी वि जाव कायजोगी वि उवओगपरिणाणेणं सागारोवउत्ता वि अणागारोयउत्ता वि नाणपरिणामेणं आमिणिबोहियनाणी वि जाव ओहिनाणी वि अन्नाणपरिणामेणं मतिअण्णाणी वि जाय विभंगनाणी वि दंसणपरिणामेणं सम्मद्धिद्वी वि जाव सम्ममिच्छद्दिद्वी वि चरित्तपरिणामेणं नो चरित्ती नो चरित्ताचरिती अचरित्ती वेदपरिणामेणं नो इत्यिवेदगा नो पुरिसवेदगा नपुंसगवेदगा, असुरकुमारा वि एवं चेव नवरं-देवगतिया कण्हलेसा वि जाव तेउलेसा वि वेदपरिणामेणं इत्यिवेयगा वि पुरिसयेयगा वि नो नपुंसगवेदगा सेसं तं चैव एवं जाव यणियकुमारा, पुटविकाइया गतिपरिणामेणं तिरियगतिया, इंदियपरिणामेणं एगिदिया सेसं जहा नेरइयाणं नवरं-लेस्सापरिणामेणं तेउलेस्सा वि जोगपरिणामेणं कायजोगी, नागपरिणामो नस्थि, अन्नाणपरिणामेणं मतिअन्नाणी वि सुयअन्नाणी वि दंसणपरिणामेणं मिच्छद्दिट्टी सेसं तं चैव एवं उ-बणप्फइकाइया वि तेऊ एवं चेव नवर-लेस्सापरिणामणं जहा नेरइया, बेईदिया गतिपरिणामेणं तिरियगतिया इंदियपरिणामेणं देइंदिया सेसं जहा नेरइयाणं नवां-जोगपरिणामेणं वइयोगी विकाययोगी वि, नाणपरिणामेणं आभिणियोहियनाणी वि सुयनाणी वि अन्नाणपरिणामेणं मतिअन्नाणी वि सुयअन्नाणी विनो विमंगनाणी दंसणपरि-णामेणं सम्मदिट्टी वि मिच्छदिट्ठी विनो सम्ममिच्छदिट्ठी सेसं तं वेव एवं जाव चउरिदिया नवरं-इंदियपरिवुड्ढी कायव्वा, पंचेदियतिरिक्खजोणिया गतिपरिणामेणं तिरियगतिया सेसं जहा नेरइयाणं नवरं-लेस्सापरिणामेणं जाव सुकूकलेस्सा वि चरित्तपरिणामेणं नो चरिती अचरित्ती वि चरित्ताचरित्ती वि वेदपरिणामेणं इत्यीवेदगा वि परिसवेदगा वि नपुंसगवेदगा वि मणुस्सा गतिपरिणामेणं मणयगतिया इंदियपरिणामेणं पंचेदिया अणिदिया विकसायपरिणामेणकोहकसाई विजाव अकसाई विलेस्सापरिणामेणं कण्हलेस्सा यि जाव अलेस्सा विजोगपरिणामेणं मणजोगी विजाव अजोगी वि उवओगपरिणामेणं जहा नेरइया नाणपरिणामेणं आभिणिबोहियनाणी वि जाव केवलनाणी वि अण्णाणपरिणामेणं तिणि वि अन्नाणा दंसणपरिणामेणं तिणि विदंसणा चरितपरिणामेणं चरित्ती यि अचरित्ती वि चरित्ताचरिती वि वेदपरिणामेणं इथिवेदगा जाव अवेदगा विवाणमंतरा गतिपरिणामेणं देवगइया जहाअसुरकुमारा एवं जोतिसिया विनवा-लेस्सापरिणामेणं तेउलेस्सा वैमाणियाविएवं चेव नवरंलेस्सापरिणामेणं तेउलेस्सा विजाव सुक्कलेस्सा विसेत्तंजीवपरिणामे।१८३1-183 (४०८) अजीवपरिणामे णं भंते कतिविहे पन्नत्ते गोयमा दसविहे पत्रत्ते तं जहावंधणपरिणामे मतिपरिणामे संठाणपरिणामे भेदपरिणामे षण्णपरिणामे गंधपरिणामे रसपरिणामे फासपरिणामे अगरुयलहुयपरिणामे सद्दपरिणामे ।१८४1-184 (४०९) बंधणपरिणामे णं भंते कतिविहे पन्नत्ते गोवमा दुविहे पन्नते तं जहा-निद्धबंधण For Private And Personal Use Only

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