Book Title: Agam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१५६
भाणियव्वं निरंतरं जाव वैमाणियाणं ति एवं अट्ठारस एते दंडगा ।२८१।-280
(५२७) जीवे णं मंते पाणाइवाएणं कति कम्मपगडीओ बंधति गोयमा सत्तविहबंधए वा अविहबंधए वा एवं नेरइए जाय निरंतरं वैमाणिए जीवा णं भंते पाणाइबाएणं कति कम्मपगडीओ बंधंति गोयमा सत्तविहबंधगा वि अट्ठविरुबंधगा वि नेरइया णं भंते पाणाइवाएणं कति कम्मपगडीओ बंधति गोयमा सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा अहवा सत्तविहबंधगाय अट्ठविहबंध य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य एवं असुरकुमारा बि जाव धणियकुमारा, पुढविआउ-तेउ चाउ चणम्फइकाइया य एते सव्वे वि जहा ओहिया जीवा अयसेसा जहा नेरइया एवं एते जीवेगिंदियवज्जा तिण्णि-तिणि मंगा सव्वत्य भाणियव्वं त्ति जाय मिच्छादंसणसणं एवं एगत्तपोहत्तिया छत्तीसं दंडगा होति । २८२ ।-281
(५२८) जीवे णं मंते नाणावरणिजं कम्मं बंधमाणे कतिकिरए गोयमा सिय तिरिकिए सिय चउकिरिए सिय पंच किरिए एवं नेरइए जाव वैमाणिए जीवा णं भंते नाणावरणिज्जं कम्मं बंधमाणा कतिकिरिया गोयमा तिकिरिया वि चउकिरिया वि पंचकिरिया वि एवं नेरइया निरंतरं जाव वेमाणिया एवं दरिसणावरणिजं वेयणिज्जं मोहणिज्जं आउयं नामं गोयं अंतराइयं च अष्टविह कम्मपगडीओ माणियच्चाओ एगत्त मोहत्तिया सोलस दंडगा, जीवे णं भंते जीवातो कतिकिरिए गोयमा सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय अकिरिए एवं जाव थणियकुमाराओ पुढविक्काइयाओ जाव वणस्सइकायाओ बेइंदिय -जाय पंचिंदियतिरिक्खजोणिया मणूसातो जहा जीवातो वाणमंतर - जोइलिय-माणियाओ जहा नेरइयाओ जीवे णं भेते जीवेहिंतो कतिकिरिए गोयमा सिय तिकिरिए सिय चउकिरियए सिय पंचकिरिए सिय अकिरिए जीवे णं भंते नेरइएर्हितो कतिकिरिए गोयमा सिप तिकिरिए सिय चत्रकिरिए सिय अकिरिए एवं जहेब पढमो दंडओ तहा एसो वि बितिओ भाणियच्चो जीवा णं भंते जीवाओ कतिकिरिया गोयमा तिकिरिया वि चउकिरिया वि पंचकिरिया वि अकिरिया वि जीवा णं भंते नेरइयाओ कतिकिरिया गोयमा जहेव आइलदंडओ तहेच भाणियच्वो जाव वेमाणिच ति जीवा णं मंते जीवेहिंतो कतिकिरिया गोवमा तिकिरिया वि जाव अकिरिया वि जीवा णं भंते नेरइएर्हितो कतिकिरिया गोयमा तिकिरिया वि चउकिरिया वि अकिरिया वि असुरकुमारेहिंतो वि एवं चेव जाव वैमाणिएहिंतो ओरालिय सरीरेहिंतो जहा जीवेर्हितो नेरइए णं पंते जीवातो कतिकिरिए गोयमा सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए नेरइए णं भंते नेरइयाओ कतिकिरिए गोयमा सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए एवं जाव धणियकुमाराओ पुढविकाइयाओ जाव मणुस्साओ जहा जीवा ओ वाणमंतर - जोइसिय-वेमाणियाओ जहा नेरइयाओ, नेरइए णं भंते जीवेहिंतो कइकिरिए गोयमा सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए नेरइए णं मंते नेरइएहिंतो कइकिरिए गोयमा सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए एवं जहेव पढमो दंडओ तहा एसो वि बितिओ भाणियव्यो एवं जाव वेमाणिएहिंतो नवरं - नेरइस्स नेरइएहिंतो देवेहिंतो य पंचमा किरिया नत्थि, नेरइया णं भंते जीवाओ कतिकिरिया गोयमा सिप तिकिरिया यि चउकिरिया सिय पंचकिरिया एवं जाव घेमाणियाओ नवरं-नेरइयाओ देवाओ य पंचमा किरिया नत्थि नेरइया णं भंते जीवेहिंतो कतिकिरिया गीयमा तिकिरियावि जाय पंचकिरियाविनेरइया णं भंते नेरइएहिंतो कतिकिरिया गोयमा तिकिरिया वि चउकिरिया वि एवं जाव वेमाजिएहिंतो नवरं - ओरालियसररीहिंतो जहा जीवेहिंतो असुरकुमारे णं भंते जीवातो कतिकिरिए
पन्नवणा- २२/-/-/५२६
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210