Book Title: Agam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 156
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १४७ पप-२० यएगिदियओरालियसरीरे णं पुच्छा गोयमा दुविहे पन्नते तं जहा-पञ्जत्तगसुहुमपुढविक्काइएगिदियओरालियसरीरे य अपज्जत्तगसुहमपुढविक्काइएगिदियओरालियसरीरे य, बादरपुढविक्काइया वि एवं चेव एवं जाव वणस्सइकाइयएगिदिओरालियसरीरे त्ति, वेइंदियओरालियसरीरे णं मंते कतिविहे पन्नत्ते गोयमा दुविहे पन्नत्ते तं जहा-पञ्जत्तवेइंदियओरालियसरीरे य अपजत्तवेदियओरालियसरी य एवं तेइंदियचउरिदिया वि, पंचेंदियओरालियसरीरे णं भंते कइविहे पत्रत्ते गोयमा दुविहे पन्नत्ते तं जहा-तिरिक्खपंचेंदियओरालियसरीरे य मणुस्सपंचेंदियओरालियसरीरे यतिरिक्खजोणियपं.दियओरालियसरीरे णं पुच्छा गोयमा तिविहे पन्नते तं जहा-जलयरतिरिक्खजोणियपंचेदियओरालियसरीरे य थलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य खहयरतिरिक्खजोणियपंचेदियओरालियसरीरे य, जलयरतिरिखजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे णं पुच्छा गोयमा दुविहे पन्नत्ते तं जहा-सम्मुच्छिमजलयरतिरिक्खजोणियपंचेदियओरालियसरीरेय गभवतियजलयरतिरिरक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरेय, सम्मुच्छिमजलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरेण भंते कतिविहे पन्नत्ते गोयमा दुविहे० पञ्जत्तगसम्मुच्छिमतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य अपजत्तगसम्मुच्छियतिरिक्खजोणियपंचेदियओरालियसरीरेय, एवं गमवक्र्कतिए वि, थलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरेणं भंते कतिविहे पन्नत्ते गोयमा दुविहे० चउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचेदियओरालियसरीरे य परिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरासरीरे ५० चउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे णं भंते कतिविहे पन्नते गोयमा दुविहे पन्नते तं जहा-सम्मुछिमचउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचेदियओरालियसरीरे य गमवक्कंतियचउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य, सम्मुच्छिमचउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचेदियओरालियसरीरे णं मंते कइविहे पन्नत्ते गोयमा दुविहे० पञ्जतगसम्मुच्छिमचउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य अपजत्तगसम्मुच्छिमचउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य एवं गभवक्कंतिए वि परिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरेणं भंते कतिविहे पन्नत्ते गोयमा दुविहे. उरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य भुयपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य, उरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचेदियओरालियसरीरेणं भंते कतिविहे पनत्ते गोयमा दुविहे० सम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचेदियओरालियसरीरे य गमवक्कंतियउरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचेदियओरालियसरीरे य, सम्पुच्छिपे दुविहे पत्रत्ते तंजहा-अपनत्तसम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरत-तिरिक्खजोणियपंचेदियओरालियसरीरे च पञ्चत्तसम्मच्छिमउरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचेदियओरालियसरीरे य एवं गभवक्कंतिय उरपरिसप्पचउक्कओभेदोएवं भुयपरिसप्पा वि सम्मुच्छिम-गब्भवतियपद्धत्त-अपनत्ता खहयरा दुविहा पन्नत्ता तं जहा-सम्मुच्छिमा य गब्भवक्कंतिया य, सम्मुच्छिमा दुविहा पन्नत्ता तं जहा-पज्जत्ता य अपज्जत्ता य, गमवक्कंतिया वि पज्जत्ताय अपज्जत्ता य, मणूसपं. चेदियओरालियसरीरेणं पुछा गोयमा दुविहे पन्नतेतं जहा-सम्मुच्छिममणूसपंचेदियओरालियस रोरे य गमवक्कंतियमणुसपंचेंदियओरालियसरीरे य गब्मवक्कंतियमणूसपंचेदियओरालिय सरीरेणंभंते कतिविहे पन्नत्ते गोयमा दुविहे० पजत्तगगमवककंतियमणुसपंचेंदियओरालियसरी य अपञ्जत्तगगभवक्कंतियमणूसपंचेदियओरालियसरीरे य।२६८1-267 For Private And Personal Use Only

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