Book Title: Agam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 107
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पन्नवणा-११/-1-1३७७ अतिराउले ति गोयमा नो इणढे समढे नन्नत्य सणिणो, अह मंते उट्टे जाव एलए जाणति अयं मे मट्टिदारए अयं मे मट्टिदारएत्तिमोयमानो इणद्वेसमटे नन्नत्य सण्णिणो।१६३|-183 (३७८) अह भंते मणुस्से महिसे आसो हत्थी सीहे याधे वगहे दीविए अच्छे तरच्छे परस्सरे सियाले विराले सुणए कोलसुणए कोक्कंतिए ससए चित्तए विल्ललए जे यावणे तहप्पगारा सव्वा सा एगवऊ, हंता गोयमा मणुस्से जाव चिल्ललए जे यावणे तहप्पगारा सव्वा सा एगवऊ, अह मंते मणुस्सा जाव चिल्ललगा जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वा सा बहुवऊ हंता गोयमा मणुस्सा जाव चिल्ललगा सज्वा सा बहुदऊ, अह मंते मणुस्सी महिसी बलवा हस्थिणिया सीही वग्घी वगी दीवियाअच्छी तरच्छी परस्सरी सियाली विराली सुणिया कोलसुणिया कोक्कंतिया ससिया चित्तिया चिल्ललिया जा यावण्णा तहप्पगारा सव्वा सा इस्थिऊ हंता गोयमा मणुस्सी जाय चिल्ललिया जा यावण्णा तहप्पगारा सव्या सा इत्यिवऊ, आह मंते मणुस्से जाद चिल्ललए जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वा सा पुमवऊ हंता गोयमा मणुस्से जाव चिल्ललए जे यावण्णे तहप्पगारा सव्य सा पुमवऊ, अह भंते कंसं कंसोयंपरिमंडलं सेलं यूभंजालंथालं ताररूवं अच्छि पव्वं कुंडं पुमं दुद्धं दहिं नवणीयंआसणंसयणं भवणं दिमाणं छत्तं चामरं भिंगारं अंगणं निरंगणं आभरणं रयणं जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वं तं नपुंसगयऊ हंता गोयमा कसं जाव रयणं जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वं तं नपंसगवऊ, अह भंते पुढवीतिइत्थीवऊ आउत्ति पुमवऊधण्णेत्ति नपुंसगवऊपत्रवणीणं एसा मासानएसा भासा मोसा हंता गोयमापुढवित्ति इत्थिऊजाव नपुंसगवऊपत्रवणीणएसाभासान एसा भासामोसा, अह भंते पुढवीति इत्थीआणमणी आउत्ति पुमआणमणी धणेत्ति नपुंसगाणमणी पन्नवणी णं एसा भासा न एसा भासा मोसा, हंता गोयमा पुढविती इत्यि-आणपणी जाव नपुंसगाणपणी पन्नवणी पत्रवणी णं एसा मासा न एसा भासा मोसा, अह मंते पुढवीति इत्थिपन्नवणी आउत्ति पुपपन्नवणी धणेत्ति नपुंसगपन्नवणी आराहणी णं एसा मासा न एसा भासा मोसा हंता गोयमा पुढवीति इस्थिपनवणी जाव नपुंसगपन्नवणी आराहणी णं एसा भासा न एसा भासा मोसा, इच्छेवं भंते इस्थिवयणं वा पुमवयणं वा नपुंसगवयणं वा वयमाणे पन्नवणी णं एसा भासा न एसा मासा मोसा हंता गोयमा इत्थियणं वाजाव वयमाणे पन्नवणी णं एसा मासान एसा मासा मोसा।१६४1184 (३७२) भासा णं भंते किमादीया किंपहवा किंसठिया किंपञ्जवसिया गोयमा भासा णं जीवादीया सरीरपहवा वनसंठिया लोगंतपञ्जवसिया पन्नत्ता।१६५-१1-165-1 (३८०) मासा कओय पभवति कतिहिं च समएहिं भासती मासं मासा कतिप्पगारा कति वा मासा अनुमयाओ ||१९२||-1 (३८१) सरीरप्पभवा भासा दोहि य समएहिं भासती मासं . मासाचउप्पगारा दोण्णि य भासा अनुमयाओ ॥१९३।।-2 (३८२) कतिविहा गं भंते भासा पनत्ता गोयमा दुविहा० पञ्चत्तिया य अपजतिया य, पजत्तिया णं भंते भासा कतिविहा पन्नत्ता गोयमा दुदिहा० सच्चा य मोसा य, सच्चा णं भंते मासा पातिया कतिविहा पन्नत्ता गोयमा दसविहा० जणवयसभा सप्मतसम्रा ठवणासच्चा नामसम्रा रूवसच्चापड़च्चसचा ववहारसच्चाभावसधाजोगसच्चाओवप्पासबा१६५-२२-1652 (३८३) जणवय सम्मत ठवणा नामे स्वे पडुच्चसच्चे य __ववहार भाव जोगे दसमे ओवप्मसच्चे य ||१९४||-1 (३८४) मोसा णं भंते भासा पत्तिया कतिविहा पन्नत्ता गोयमा दसविहा पन्नत्ता तं जहा For Private And Personal Use Only

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