Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 07 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 12
________________ २३ पुद्गलपरिणाम का निरूपण २४ पुद्गलास्तिकाय के स्वरूपका निरूपण २५ लोकाकाश प्रदेशका निरूपण २६ कर्मप्रकृति का निरूपण २७ ज्ञानावरणीयादि कर्म के सम्बन्धका निरूपण २८ जीवादिकों के पुद्गल पुद्गलीका विचार नववे शतकका प्रथम उद्देशा २९ जम्बूद्वीप के स्वरूपका निरूपण दूसरा उद्देशा ३० जम्बूद्वीपमें चन्द्रसूर्यादि ज्योतिष्कका कथन नववे शतक के तीसरे उद्देशकसे तीस उद्देशक ३१ एकोरुक आदि द्वीपवरविशेष का निरूपण saaraai उद्देशा ३२ इकतीसवें उद्देशेका संक्षिप्तविषयविवरण ३३ अश्रुखा केवली के धर्मादिलाभका निरूपण ३४ अश्रुत्वा अवधिकज्ञान के उत्पाद का निरूपण ३५ अवा अवधिज्ञान के लेश्यादि का निरूपण ३६ अश्रुत्वा केवलीका वर्णन ३७ श्रुत्वा प्रतिपन्नावधिज्ञानि का निरूपण समाप्त ४८९-४९३ ४९४-५१२ ५१३-५१५ ५१६-५३३ શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૭ ५३४-५६५ ५६६-५७३ ५७४- ५८२ ५८३ - ६०३ ६०४-६१२ ६१३-६१६ ६१७-६७४ ६७५-६८३ ६८४ - ७०९ ७१०-७२३ ७२४-७६४ લાસવાર મેમ્બરાની સંખ્યા ता. २५ - १२-१३ ना श ३७ मुरम्मी श्री, 133 सहाय भेभ्ञरे।, ३८. ૫૮૬ લાઇફ મેમ્બરા, રૂા. ૩૦ આદ્યમુરખ્ખીશ્રી, રૂા. ૫૦૦૦ થી વધુ રકમ ભરનાર રૂા. ૧૦૦૦ થી વધુ રકમ ભરનાર ૫૦૦ થી વધુ રકમ ભરનાર ૨૫૦ થી વધુ રકમ ભરનાર ૪૯ બીજા નખરના જુના મેમ્બર, રૂા. ૧૫૦ થી વધુ રકમ ભરનાર ૮૩૫ કુલ મેમ્બરશ

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