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उपक्रम (२८) गठिया - Gout
(क) GS (२ या ३) (ख) जब तक अच्छी तरह आराम नहीं मिलता, तब तक बारी-बारी से AP
पर C और E करें। यदि c अच्छी तरह नहीं किया गया, तो रोगी
पर उग्र प्रतिक्रिया हो सकती है या दर्द तेज हो सकता है। (ग) C' (पेट के ऊपरी व निचला भाग) (घ) C' (1, 4, 6) [E-- ये चक्र कुछ गंदे होते हैं जिन्हें ताकतवर बनाना
चाहिए। इनके इलाज से आंतों का कार्य तंत्र भी अच्छा विकसित होगा। (ङ) E K (नोट- E 3 न करें)। यदि इससे रोगी को हल्का सिर दर्द
मालूम हो, तो समझिये कि 3 आंशिक रूप से उत्तेजित हुआ है जिससे रक्तचाप बढ़ा है, इस दशा में C' (K, 3)
रोगी को उसके भोजन पर ध्यान देने के लिए कहें। (छ) अगले कई दिनों तक इलाज को दिन में दो बार करें। (ज) रोग के दुबारा होने की स्थिति को कम करने के लिए T 11, 4, 6)
दो महीनों तक । उपक्रम (२६) गठिया-जोड़-दर्द--Rheumatoid Arthiritis
(क) GS (३ या ४) (ख) जब तक रोगी को आंशिक रूप से आराम नहीं मिल जाता, तब तक C (AP)
यदि पैर का कोई भाग प्रभावित या पीड़ित है, तो उक्त (२७) (घ) (५) के अनुसार यदि हाथ का कोई भाग प्रभावित या पीडित है, तो उक्त (२७) (घ) (६)
के अनुसार (ड) C' (रीढ़ की हड्डी), यह अधिकतर मैली होती है।