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उपचेतनात्मक बुद्धि के नियंत्रण में होते हैं। अंगों की उपचेनात्मक बुद्धि लघु चक्रों के अनुरूप होती हैं। कोशिका (Cell) की चेतना को कोशिका की उपचेतनात्मक बुद्धि कहलाती है। कोशिकाएं एवम् उनकी उपचेतनात्मक बुद्धि अंगों की उपचेतनात्मक बुद्धि के नियंत्रण में होती हैं।
निदेशात्मक उपचार को और स्पष्ट करने के लिए, इस प्रकार समानता का उल्लेख किया जा सकता है कि जैसे किसी व्यापारिक संस्थान को भौतिक उपचेतनात्मक बुद्धि, उसके (व्यापारिक संस्थान के निदेशक, अधिशासी, उप सभापति को चक्र अथवा चक्र की उपचेतनात्मक बुद्धि, उसके प्रबन्धकों या विभागाध्यक्षों को अंगों अथवा अंगों की उपचेतनात्मक बुद्धि एवम् विभागों के अन्तर्गत कार्यकर्ताओं को कोशिकाओं अथवा कोशिकाओं की उपचेतनात्मक बुद्धि से समानता की जाए।
निदेश सीधे ही रोगी के कोशिकाओं, अंगों, चक्रों अथवा भौतिक उपचेतनात्मक बुद्धि को दिए जा सकते हैं। मनोवैज्ञानिक निदान- Psychic Diagnosis
रोगी की भौतिक उपचेनात्मक बुद्धि से रोग सम्बन्धी सूचना पूँछकर रोग का निदान या गड़बड़ी का कारण मालुम किया जा सकता है। इसकी प्रक्रिया निम्नवत होगी:(क) प्राणिक श्वसन द्वारा अपने भावनाओं और मस्तिष्क को शान्त करिए। (ख) अपने रोगी के चेहरे को दृश्यीकृत करिए। (ग) रोगी के भौतिक उपचेतनात्मक बुद्धि से रोग या गड़बड़ी की प्रकृति
पूँछे- क्या वह भौतिक, वायवी, भावनात्मक, मानसिक और कार्माण प्रकृति की है ? उदाहरण के तौर पर निम्न प्रकार पूँछे:".......(ोगी का नाम), बताओ कि तुम्हारे बाहों के बगल में और गले पर जो सूजन है, उसके क्या कारण हैं ? क्या वे भौतिक, वायविक (ऊर्जा
से सम्बन्धित) हैं, भावनात्मक, मानसिक अथवा कार्माण प्रकृति के हैं ? (घ) उत्तर की प्रतीक्षा करिए।
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