Book Title: Adhyatma aur Pran Pooja
Author(s): Lakhpatendra Dev Jain
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 1027
________________ जीवद्रव्य शरीर में होने वाले बदलाव एवं प्रतिक्रियाओं को अंकपद्धति में अंकित भी करता है। (८) जीव द्रव्य शरीर में पाये जाने वाले चमकदार बिंदु एक्युपंचर के लिये प्रमुख होते हैं। रूसी वैज्ञानिक छिपी हुई या सुप्त मानसिक योग्याताओं के जाग्रत करने के लिए जीवद्रव्य शरीर के कुछ खास बिन्दुओं को उत्तेजित करने पर गहराई से विचार कर रहे हैं (१०) रूसी मनोवैज्ञानिक उपचारकों द्वारा किये गये शोध से यह पता चलता है कि मनोवैज्ञानिक उपचार में उपचारक के जीवद्रव्य शरीर से ऊर्जा निकल कर रोगी के जीवद्रव्य शरीर में स्थानांतरित होती है। The first world congress for academic exchange of medical Quigong (abstract of presentations), Beijing, China, 1988. दि फर्स्ट वर्ल्ड कांफ्रेस फॉर एकाडेमिक एक्सचेंज ऑफ मेडिकल विचगांग (Qigong) (एब्स्ट्रैक्ट ऑफ प्रेजेंटेशन) बीजिंग, चाइना, १६८८ वर्ष १६८८ में विश्व सम्मेलन में प्रस्तुत लेखों का सारांश सामान्य जिज्ञासा के लिए यह बताया जाता है कि १६८८ में चीन के बीजिंग शहर में एकाडेमिक एक्सचेंज ऑफ मेडिकल क्विगांग' के पहले विश्व सम्मेलन में लिखित प्रपत्र (१२८ सार संकलन) प्रस्तुत किये गये थे। यह बात ध्यान देने योग्य है कि इस सम्मेलन में बहुत से रोगों व बीमारियों के लिए 'क्विगांग' चिकित्सा के उपयोग का प्रदशन तकनीकी प्रपत्रों में किया गया था। कुछ चुने हुए प्रपत्र सार का सारांश नीचे दिया जा रहा है जिससे पाठक 'विवगांग-उपचार' की शक्ति और उसके विविध उपयोग के कुछ नमूनों को जान सके। (१) एक स्टडी ऑफ दि इफैक्ट ऑफ इमिटेड क्वि (Qi) (वाइटल एनर्जी) ऑफ क्विगांग (Qigong) ऑन ह्यूमन कारसिनोमा सेल्स (human carcinorma cells) - लेखक : फेंग लिडा, क्विआन ५.५५५

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