Book Title: Adhyatma aur Pran Pooja
Author(s): Lakhpatendra Dev Jain
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 1036
________________ ऐसा है, तो क्या यह सम्भव है कि इसके द्वारा कृत्रिम तौर पर उन रासायनों का उत्पादन हो सके ? इसी प्रकार का अनुसंधान अन्य रंगीन प्राणों पर भी किया जा सकता है। प्राण ऊर्जा विज्ञान का प्रसार- Globalizing Pranic Science विश्व प्राणिक उपचार की संस्था फिलीप्पीन्स में है,जिसका पता निम्न है: एक्जीक्यूटिव उपाध्यक्ष, Executive Vice President, विश्व प्राणिक-उपचार, फाउन्डेशन World Pranic Healing Foundation, पोस्ट बाक्स ६१०१, Post Box No. 9101, एम.सी.एस. मेलिंग केन्द्र, MCS Mailing Centre, सकाटी, Taliati, मैट्रो मनीला, Metro Manila फिलीप्पीन्स, Philippines इस संस्था का उद्देश्य विकासशील देशों में प्राणिक उपचार की कला व विज्ञान का प्रसार करना है, जिसकी उन देशों में आवश्यक्ता है। वर्तमान में इसकी शाखएं दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में, अर्जेन्टाइना तथा ब्राजील, उत्तरी अमेरिका महाद्वीप में कनाडा, संयुक्त राष्ट्र ऑफ अमेरिका तथा मैक्सिको, यूरोप महाद्वीप में ऑस्ट्रिया, बैल्जियम, लक्जेम्बर्ग, फिनलैंड, जर्मनी, इटली, आयरलैंड, नीदरलैंड (हॉलैंड), पोलैण्ड तथा स्विटज़रलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में ऑस्ट्रेलिया व एशिया महाद्वीप में इण्डोनेशिया, फिलिप्पीन्स मलेशिया, सिंगापुर, थाइलैण्ड तथा भारत में। भारतवर्ष में इसका विवरण अध्याय ४ के अन्त में दिए गए परिशिष्ट ५.०१ में दिया गया है । यह परामर्श दिया जाता है कि अपने-अपने क्षेत्रों में प्राणशक्ति उपचारक एक संस्था बना लें, जिसके उद्देश्य निम्नवत हों : (क) प्राण--शक्ति उपचार की प्रैक्टिस (Practice) का नियमन व उपचार की गुणवत्ता का सुनियोजन । (ख) प्राण-शक्ति उपचार में हुए खोज व नयी-नयी तकनीकों के विषय में सूचना उपलब्ध कराना। ५.५६४

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