Book Title: Adhyatma aur Pran Pooja
Author(s): Lakhpatendra Dev Jain
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 1032
________________ शिरोबिन्दुओं की तुलना भाटीय 'नाड़ी से की गई है। यह पुस्तक बहुत ही रोचक व सूचनाप्रद है। (१०) इसोटिरिक हीलिंग (Esoteric Healing) इलाइस वेली (Alice Bailey) ___ १६५३, न्यूयार्क, लूसिस (Lucis) पब्लिशिंग कंपनी। (११) दि औरा- (The Aura) - डब्ल्यु. जे. किलनर, १६११. यार्क बीच, माइने, सैमुएल वीजर, आई.एन.सी. (Samuel Weiser) Inc. प्राण ऊर्जा क्षेत्र में भावी खोज और अनुसंधान हेतु सम्भावित विषय और faar- Seed Ideas for Research in the field of Pranic Energy (क) प्राण ऊर्जा के प्रभाव से सम्बन्धित विषय (१) लेसर प्राण चिकित्सा- इस विषय में इस भाग के अध्याय २७ का सन्दर्भ ग्रहण करें। खाद्य पदार्थों में पोषण गुण का ऊर्जा का दृष्टिकोण- Nutrition in Food- A Pranic View वैज्ञानिकों ने अब तक पोषण-विज्ञान (Nutrition) को रासायनिक दृष्टि से ही अध्ययन किया है जैसे प्रोटोन, कार्बोहाइड्रेट्स, शक्कर, खनिज, वसा और विटामिन । अब तक खाद्य पदार्थों के पोषण गुण का प्राणऊर्जा के दृष्टिकोण से अध्ययन नहीं हुआ है, अर्थात उनमें कौन-कौन से रंगीन प्राण होते हैं और क्या मात्रा होती है और वह मनुष्य के शरीर पर किस प्रकार प्रभाव डालती है। संतुलित खुराक में रंगीन प्राणों का उचित मिश्रणProper Mixture of Colour Pranas in Balanced Diet संरक्षित खाद्य पदार्थों में लगभग उतने ही प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और अन्य रासायन होते हैं, जितने कि ताजे खाने में, किन्तु ताजा खाना अधिक पोषक होता है। कृत्रिम और प्राकृतिक विटामिनों में प्राकृतिक विटामिन कृत्रिम की अपेक्षा अधिक प्रभावी होता है, क्योंकि उसमें अधिक प्राण ऊर्जा होती हैं। खाने को अधिक एकाने से न केवल कुछ

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