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शक्तिशाली 2 जीवन की उन्नति में सहायक होता है। शक्तिशाली 2 वाले व्यक्तियों की यौनेच्छा तीव्र होती है। अपना कोई योगदान नहीं है, किन्तु यह चक्र ऊर्जा का पंपिंग स्टेशन होने के कारण, 1 से ऊपर आने वाली भय तथा अन्य ऋणात्मक ऊर्जाओं, यदि कोई हों तो, पूरे शरीर में फैला सकता
है।
सब प्रकार के आन्तरिक भावना (instinct of knowing) अथवा छठी इन्द्रिय का केन्द्र है। स्त्रियों में यह शक्ति (instinctive power) अधिक होती है। सा-या के प्रवेश का मुख्य स्त्रोत होने के कारण, इसकी स्वस्थता पर अन्य चक्रों की भी स्वस्थता निर्भर करती है, और जिनकी स्वस्थता पर मानसिक स्वास्थ्य निर्भर करता है। मायूस व्यक्तियों के चक्र पर खोखलापन रहता है। यह सभी रचनात्मक एवम् नकारात्मक भावनाओं का केन्द्र है। इन भावनाओं द्वारा किस प्रकार रोग उत्पन्न हो जाते हैं, इसका विस्तृत वर्णन भाग ४, अध्याय ११, क्रम (6) में दिया है जिसका ध्यानपूर्वक अवलोकन करें। ऐसा कोई भी रोग नहीं है जिसमें यह चक्र प्रभावित न होता हो। अधिकांश मनोरोगों का मूल स्त्रोत भी 6 होता है। इन कारणों से किसी भी मनो/मनोवैज्ञानिक रोग में इसका उपचार अत्यावश्यक है। यहां यह उल्लेखनीय है कि जैसा आपने अध्याय ६ से अध्याय २२ तक देखा होगा, अधिकांश केसों में शारीरिक रोगों का भी यह चक्र माध्यम बनता है तथा इसका उपचार भी आवश्यक हो जाता है। यह उच्च भावनाओं का केन्द्र है। 6 के साथ इसका सम्बन्ध होने के कारण उसके उद्वेलित होने के परिणामस्वरूप प्रायः यह भी उद्वेलित हो जाता है। इस चक्र को सक्रिय करने से निम्न भावनात्मक ऊर्जायें उच्च भावनात्मक ऊर्जाओं में परावर्तित हो
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