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(ख) E 2 w (ग) (1, 4) ! E w (घ) यदि रोगी थका हुआ हो या मूर्छित हो गया हो, तो c" 6/E R (ङ) ऋतुशूल को रोकने के लिए इस उपचार को ऋतुस्त्राव से तीन दिन पहले
किया जा सकता है। अनियमित मासिक धर्म अथवा मासिक धर्म का न होना - Irregular Menstruation or No Menstruation (क) C2G ~0/EGOR (ख) C (1, 4)/ Ew (ग) C (9, 8} /E GV (घ) उपचार सप्ताह में तीन बार करें, फिर बन्द कर दें तथा परिणाम की प्रतीक्षा
करें। यदि आवश्यक्ता हो, तो उपचार को दोहरायें। योनि, गर्भाशय तथा अंग ग्रीवा की सूजन- vulvitis, Vaginitis,Cervictis (क) Cs (ख) c (2 तथा आसपास के क्षेत्र पर) G~0- समुचित सफाई के पश्चात
रोगी को काफी राहत महसूस होगी। (ग) E2 GBVIC ( 2 तथा आसपास के क्षेत्र पर) (घ) CLu/ E Lu { Lub के माध्यम से) G0- इससे रक्त तथा पूरे शरीर पर
सफाई का प्रभाव पड़ेगा। E0 के समय अपनी उंगलियों को रोगी के
सिर से दूर इंगित करें। (ङ) C (1, 4, 5)/ E(1, 4) W - 4 से आंशिक ऊर्जा स्वयमेव ही 5 को
चली जायेगी, अतः 5 न करें। (च) c (8, LIE 6 GBV (छ) उक्त चरण (ख) तथा (ग) पर विशेष ध्यान दें। (ज) अगले कुछ दिनों तक उपचार को दोहरायें। डिम्ब ग्रंथि (अण्डाशय) की रसौली-Ovarian Cyst 2 तथा प्रभावित अंडाशय पर धनापन हो जाता है और ये गंदी लाल ऊर्जा से भर जाते हैं। इनके c' पर विशेष ध्यान दें।