________________
.
(ग) E (AP) GBV (घ) यदि सूजन गम्भीर हो, तो अगले कई दिनों तक इस इलाज को दिन में ३-४
बार करें। (ङ) यदि संक्रमण गम्भीर हो तो, आगे क्रम (७) में वर्णित उपचार अगले कई दिनों
तक दिन में –२ बार करें। (च) कुछ सुधार होने पर, सप्ताह में तीन बार इलाज कर सकते हैं।
हरा प्राण रोगग्रस्त ऊर्जा को तोड़ता है, नीला प्राण संक्रमण हटाने, स्थानीयकरण करने एवम् सुकून पहुंचाने का कार्य करता है। गम्भीर संक्रमण में बैंगनी प्राण का प्रयोग करें, क्योंकि इसका सबसे अधिक संक्रमणनाशक प्रभाव होता है, अति गम्भीर संक्रमण तथा सूजन में GB (३० प्रतिशत हल्का हरा तथा ७० प्रतिशत हल्का नीला प्राण) इस्तेमाल किया जाता है, किन्तु नाजुक अंग पर सावधानी से | इसको २० वर्ष से कम तथा ४५ वर्ष के अधिक उम्र के रोगी पर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उनके नाजुक अंगों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ज्यादा दिनों तक इस रंग की ऊर्जा के उपयोग से विपरीत प्रभाव पड़ता है, इसलिए इसका केवल
सीमित ही उपयोग करना चाहिए। (४) (अस्थि .. मज्जा) बोन मैरो को उत्तेजित करना व शक्तिशाली बनाना
Stimulating and Strengthening the Bone Marrow बोन मैरो रक्त के सफेद कण बनाते हैं। (क) GS (२) - शरीर की सफाई उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी कि ऊर्जन। (ख) C1 / E(W या R) (ग) c 4/EW या R)- शरीर को और अधिक शक्ति देने के लिए
अथवा c3 | E (W या R) - E 3 से पहले तथा बाद में जांच कर लें। यह
प्रक्रिया केवल अनुभवी उन्नतशील प्राणशक्ति उपचारक ही करें। (घ) c" BIE W, प्रतिरक्षात्मक तंत्र को मजबूत करने के लिए । (4) प्लीहा को उत्तेजित करना व शक्तिशाली बनाना - Stimulating and
Strengthening the Spleen
५.२१७