Book Title: Adhyatma Vani
Author(s): Taran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
Publisher: Taran Taran Jain Tirthkshetra Nisai

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Page 356
________________ श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी उव चरन कमल धुव रमन रली, उव कमल चरन धुव कर्न मिली ॥ ८ ॥ ॥ हम. ॥ उव रमन कमल धुव रमन रली, उव कमल रमन धुव श्रवन मिली ॥ ९ ॥ श्री ममल पाहुइ जी (१११) चौबीस अर्क सिय रलि फूलना गाथा २४२० से २४५८ तक (विषय कमल दल, अर्क चौबीस) उव उवन उवन उव उवन रली, उव उवन समय रलि मुक्ति चली ॥ १ ॥ हम अपने उवन पै माडौगि रली, उव उवन समय रलि मुक्ति मिली ॥ २ ॥ ॥ आचरी॥ उव उवन उवन कलि कलन रली, उव कलन कमल रली मुक्ति चली ॥ ३ ॥ ॥ हम. ॥ उव उवन चरन उव चरन रली, उव चरन कमल रलि सिद्धि मिली ॥ ४ ॥ ___ उव कलन चरन धुव कमल रली, धुव कमल कर्न रलि मुक्ति मिली ॥ १० ॥ = EFEEEEEEET = = उव उवन रमन उव रमन रली, उव रमन कमल धुव मुक्ति मिली ॥ ५ ॥ उव उवन दर्स रलि कमल रली, उव कमल कर्न दर्स मुक्ति चली ॥ ११ ॥ ॥ हम. ॥ उव उवन इस्ट उव रमन रली, उव रमन कमल कर्न मुक्ति मिली ॥ १२ ॥ ॥ हम. ॥ उव उवन लषन रलि कमल रली, उव अलष कमल कर्न मुक्ति मिली ॥ १३ ॥ ॥ हम. ॥ उव उवन गमन कलि कमल रली, उव अगम कमल कर्न मुक्ति मिली ॥ १४ ॥ ॥ हम. ॥ = = उव उवन कमल धुव उवन रली, उव रमन धुवं सम कर्न मिली ॥ ६ ॥ = = उव कलन कमल धुव रमन रली, अन्मोय कमल धुव = कर्न रली ॥ ७ ॥ ॥ हम. ॥ (३५६)

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