Book Title: Adhyatma Vani
Author(s): Taran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
Publisher: Taran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
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श्री नाममाला जी
पयनरूवा तस्य उत्पन्न पाँच - हियरमनरंज हमास, विलसरंज हरिसिंघ, छोहरंज छितरू गहोई, लवनकुंवार छितरू, सुवनी दो - दानरूवा, जानरूवा - अन्मोय जिन श्रेणि कलन मुक्ति गामिनो।
लब्धिरंज लाड, पियकुंवार परस, धुवरूवा धरमा, रमनरूवा रमनसिरी, प्रेमरूवा पदमा । महा उत्पन्न न्यानश्री अर्जिका पयोग पट तारन तरन पय उवनश्री, तस्य उत्पन्न सुवन पाँच - अल्परंज, परसकुंवार, अगमरंज, पदमरंज, कल्पकुंवार राइमल । सुवनी बहिनें तीन - रमनसिरी, वयनसिरी, अलषसिरी। रमनश्री के उत्पन्न-मैनकुंवार, ममलकुंवार, साहिकुंवार, श्री सिवकुंवार, वीरदास । वयनसिरी तस्य उत्पन्न - दर्सरंज देउराज, भद्रकुंवार महन, सुवनकुंवार सेउदास, सैनकुंवार प्रदेस । अलषसिरी तस्य उत्पन्न - जयकुंवार जिना, ममलरंज जल्पु कुंवर प्रदेस, अन्मोय नयरमन । अमरश्री तस्य उत्पन्न पांच - सकलरंज सहस, नंदरंज प्रदेस, ममलकुंवार मनसुष, धुवरमन प्रदेस, पयकुंवार प्रदेस । बहिन दुमाता - रूपश्री की सुवनी तीनरंजसिरी, रमनसिरी, लषनसिरी । वयनसिरी की पुत्री तीन - वदनसिरी, नयनसिरी, सहजसिरी। रमनसिरी कीबहिनें विमाता-जयसिरी तस्य उत्पन्न
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी विगसरंज प्रदेस.विनयराज गजरात,विमात नैनकुंवार,संघ ठाकुर श्री पुरहा। सुवनी - निलयसिरी, राईसिरी, विरोहसिरी, अनंतसिरी कान्त विमल मन उत्पन्न समय - अन्मोय जिन श्रेणि कलन मुक्ति गामिनो।
अन्मोय साह प्रियं रुई जिन, विजय श्रेणि राजा तस्य उत्पन्न नंदसिरी तस्य उत्पन्न सुनंदसिरी, सहाई बनजंघ राजा अन्मोय जिन श्रेणि तस्य उत्पन्न बज़ जंघ राजा, तस्य उत्पन्न भ्राता, पयपालदास राजा तस्य पुत्री प्रेमसिरी, अन्मोय जिन श्रेणि तस्य उत्पन्न षिमनुरंज चांदन, चंदरंजवारा, ब्रह्मरंज सिउ सहसरंज, दिप्तिकुंवार प्रदेस, सुवनी मैनसिरी की सखी उत्पन्न हरषसिरी हंसा, रंजसिरी सुवा - अन्मोय जिन श्रेणि कलन मुक्ति गामिनो।
बुधवेन राजा, पदमसिरी रानी तस्य उत्पन्न - रमनचंद रूपउ, षिमनचंद्र प्रवेस सिंघई राज उत्पन्न विरोध॥ सुवनी - कर्नसिरी, स्वयंवर श्रेणि जिन, रमनसिरी इस्ट अन्मोद, रमनचंद । अगम रूवा तस्य उत्पन्न - मिलनकुंवार मनसुख, मैनरंज मदन, ऐकुंवार अनंदु, भुवनरंज भुवन, अलषकुंवार हरसिंघअन्मोय जिन श्रेणि कलन मुक्ति गामिनो। __पियकुंवार पिरथी, गमनकुंवार ज्ञानचंद, कर्नचंद को बेटा जिनरंज अजित, भुवनरंज भानुचंद, निलयरंज नैनसिरी, षिपकरंजषाम्हऊ, श्री भुवन सुवभना, विपकरूवा षेमा, सीलरूवा सिंगारदे, विनय सुवा वैदा, दिप्ति रूवा छीता, लब्धि सुवा लाड़ौ, अगमावती अगमा, अलषावती अजयसिरी, अभयरूवा भीषमदे, विक्तरूवा विजयसिरी, नितरूवा नैना, सुवनसुवा षेमा, विलस रूवा वैदा, साहसुवा मारुति, जिनयकुंवार ठाकुर श्री, वयन रूवा विजयसिरी, नंदरूवा नैनसिरी, रंजरूवा राजुल, अलषरूवा आछिरी, धुव रूवा वयनसिरी, रंजराउ राजा उक्त कमलु - अन्मोय जिन श्रेणि।
पुत्र।
फुटकर नाम - हियरंज हरदास, रयनरंज रयदू हरदास, अल्परंज ८, अषयरंज आसमल, रयनकुंवार रामचंद, उक्तरंज उदयचंद, साहकुंवार श्रीपारू, ममलरंज करमश्री, मिलनरंज महनश्री, रुचिरंज रूपा, दिप्तिरंज दीपचंद, अलषरंज आसमल, कलनकुंवार पारू - अन्मोय जिन श्रेणि कलन मुक्ति गामिनो।
षडग श्रेनि राजा तस्य पुत्री विपकसिरी, सखी पय उवनसिरी, पयोग अन्मोय जिन श्रेणि सतसई तस्य उत्पन्न चार - पयकुंवार पंचाइन भाउ,

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