Book Title: Adhyatma Vani
Author(s): Taran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
Publisher: Taran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
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श्री ममल पाहुइ जी आयरन कमल आयरन गमै, जिन आयरन उवन जिन मुक्ति रमै ॥ १५ ॥
॥ अहो. ॥ जय इच्छ कमल आयरन सहै, जिन इच्छ उवन कलि मुक्ति लहै ॥ १६ ॥
॥ अहो. ॥ पय रमन कमल पय रमन रमै, पय उवन कमल सुइ मुक्ति रमै ॥ १७ ॥
॥ अहो. ॥ मध्य रमन कमल षट् रमन रमै, मध्य उवन कमल रमि मुक्ति गमै ॥ १८ ॥
॥ अहो. ॥ आयरन उवन उव उवन गमै, उव उवन कमल उव मुक्ति रमै ॥ १९ ॥
॥ अहो. ॥ आयरन उवन उव कमल सहै, उव ठान कमल जिन मुक्ति लहै ॥ २० ॥
॥ अहो. ॥ आयरन श्रेनि जिन श्रेनि गमै, आयरन कमल सिय सिद्धि रमै ॥ २१ ॥
॥ अहो. ॥ आयरन तार तर तरन गमै, आयरन कमल सम सिद्धि रमै ॥ २२ ॥
॥ अहो. ॥
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी (१४१) अर्क पिय फूलना गाथा २९८६ से ३००१ तक
(विषय: विपक सोलही, अर्थ पय) जय उवन उवन उवन पौ, उवनु उव रसावै । जय उवन रंज रमन नंद, मुक्ति रमन पावै ॥
जय रंज रमन नंदनं ॥ १ ॥ जिन ऐय ऐय गुपित अर्क, पिय नंत नंत सावै । जय नंद लीना कोड जिनवर, मुक्ति पंथु पावै ॥
अहो जिन नंदिनी सुहाई ॥ २ ॥
॥आचरी॥ जय ममल कमल कलन कमल, उव उवन पौ रसावै । जय चरन चरिय उवन कमल, मुक्ति पंथ पावै ॥ ३ ॥
॥ जय रंज.॥ जय कर्न क्रिनि श्रवन सुवन, उवन उव रसावै । जय उवन रमन हंस रयन, मुक्ति रमनि पावै ॥ ४ ॥
॥जय रंज.|| जय सुवन हुवन हुव अनंत, नंत रमन रावै । अवयास नंत जय अनंत, नंत मुक्ति पावै ॥ ५ ॥
॥जय रंज.॥ जय दिप्ति दिप्ति सुयं दिप्ति, उव उवन दिप्ति सावै । जय सुयं सुयं सुयं उवन, उवन मुक्ति पावै ॥ ६ ॥
॥ जय रंज.॥
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