Book Title: Adhyatma Vani
Author(s): Taran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
Publisher: Taran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
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श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी
श्री ममल पाहुइ जी तिथि रमन सुन्न सह सहै सु सोई, दह सहस लषन सुइ लब्धि सु सोई ॥ १२ ॥
|| जिन. ॥ अंक सुन्न तेईस जिनेई, दह कोडा कोडि सुइ काल विलेई ॥ १३ ॥
॥ जिन. ॥ सैंताल सुन्न उव उवन सु होई, सुइ कोडि उवन जिन कोड रमेई ॥ १४ ॥
| जिन. ॥ उव सब्द सुन्न सुइ समय रमेई, हिय डोर सुन्न सुइ कोड रमेई ॥ १५ ॥
॥ जिन. ॥ सुइ उवन कोडि सुइ सुन्न समेई, सौ अट्ठ रमन सुइ सुन्न रमेई ॥ १६ ॥
॥ जिन. ॥ हुव सुन्न रमन अवयास रमेई, सुइ चरन उवन दिपि जिनवर सोई ॥ १७ ॥
॥ जिन. ॥ प्रकट प्रवेस कलन जिन होई, कलन कमल अर्ध कोड सु सोई ॥ १८ ॥
|| जिन. ॥
सै तीन बयाल सु सुन्न समेई, अर्ध कोडि जिन जिनवर सोई ॥ १९ ॥
॥ जिन. ॥ सुइ दिप्ति उवन दिपि सुन्न समेई, उत्पन्न समय सुन्न जिनवर सोई ॥ २० ॥
॥ जिन. ॥ उव उवन हियार सुन्न रमन रमेई, हुव उवन सुन्न तित्थयर सु सोई ॥ २१ ॥
॥ जिन. ॥ उव कंठ सुन्न कलि कलन सु सोई, उत्पन्न ताल जिन रमन रमेई ॥ २२ ॥
॥ जिन. ॥ उव उवन रमन सुन्न सह साह सु सोई, उव उवन साह जिन जिनवर होई ॥ २३ ॥
॥ जिन. ॥ उव दर्स सुन्न सुइ दरसै सोई, उव चरन सुन्न जिन समय सु सोई ॥ २४ ॥
॥ जिन. ॥ अवयास उवन सुन्न सुन्न समेई, उव उवन अवयास जिन जिनवर सोई ॥ २५ ॥
॥ जिन. ॥

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