Book Title: Paia Lacchinammala
Author(s): Dhanpal Mahakavi, Bechardas Doshi
Publisher: R C H Barad & Co Mumbai
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पूज्यश्री काशीराम जैन ग्रंथमाला प्रथम पुष्प पाइअ-लच्छीनाममाला (प्राकृत-लक्ष्मीनाममाला) : प्रणेता : महाकवि धनपाल संपादक और संशोधक बेचरदास जीवराज दोशी THIT For privatpersonal www.jainelibrary Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पूज्यश्री काशीराम जैन ग्रंथमाला : प्रथम पुष्प पाइअ - लच्छीनाममाला ( प्राकृत - लक्ष्मी नाममाला ) : प्रणेता : महाकवि धनपाल Ø संपादक और संशोधक बेचरदास जीवराज दोशी umes Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ :प्रकाशक श्रीशादीलाल जैन भार.सि. एच. बरड एन्ड को. २३९, अबदुलरेहमान स्ट्रीट बंबई-३ ...... भावृत्ति १ली विक्रम संवत् २०१६ : : ईस्वीसन् १९६० मूल्य : दस रुपये :मुद्रक : जयंतिलाल घेलाभाई वसंत प्रि. प्रेस घेलाभाईकी वाडी, घीकांटा भमदाबाद Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स्वर्गीय लाला रतनचन्दजी जैन Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पिताजी, भगवंत महावीरकी वाणी के अनुसार* आप का ऋण चुका नहीं सकता। नम्र पुत्र शादीलाल *"तिहं दुप्पडियारं समणाउसो! अम्मापिउणो, भट्टिस्स, धम्मायरियस्स" हे चिरंजीव शिष्य ! मातापिता, पोषक और धर्माचार्य-इन तीनोंके उपकारका बदला देना असंभवप्राय है। -(स्थानांगसूत्र, सूत्र १३५) Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AVAN AKAMANAVAJAVAJAVAVAVAMAVASASANASI स्वर्गीय लाला रतनचन्दजी संक्षिप्त परिचय लाला रतनचन्दजी का जनम चैत्र शुक्ला अष्टमी विक्रम संवत् १९४५ को अमृतसर में हुआ। अिनके पिता का नाम लाला जगन्नाथजी था और माता का नाम जीवनदेवी है । बचपन से ही आप बहुत होनहार और प्रतिभावाले बालक थे। १३ साल की छोटी सी अवस्था में ही आप अपने पिताजी के साथ मूंगा के कारोबार में शामिल हो गये। १४ वर्ष की आयु में ही कलकत्ता जैसे बड़े शहर में अकेले जाकर पारिवारिक कारोबार को उन्नति दी। आपने न केवल व्यवसाय में ही बल्कि अनेक सामाजिक और धार्मिक कार्यों में भी सदा बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और हर जगह पूर्ण सफलता प्राप्त की। पंजाब की समस्त जैन सम्प्रदाय में आप सर्वप्रिय थे। पंजाब एस. एस. जैन सभा में आपने बहुत काम किया और अपने साथियों की सहायता से बहुतसी सामाजिक कुरीतियों को जड़ से उखाड़ने में सफलता प्राप्त की। जिस वर्ष आप की मृत्यु हुई आप सभा के प्रधान थे । आप अपने धर्म के पक्के, विशाल हृदय और प्रगतिशील विचार के आदमी थे। आप कभी किसी का बुरा न सोचते । कई बार विचारधारा की भिन्नता के कारण अपने साथियों से गुस्सा हो जाते, परन्तु जल्दी ही उसे भूल जाते और कभी बदले की भावना मन में न रखते थे। Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सन् १९३३ में All India S. S. Jain's Conference ने जब अजमेर में साधु सम्मेलन करने का विचार किया था तो उस सिलसिले में कमेटी साधुओं को संमेलन में एकत्रित करने के लिये व उस को सफलता देने के लिये भ्रमण में गई थी, पंजाब की ओर से चुने गये उस कमेटी के मेम्बरों में एक अग्रणी आप भी थे। जिन्होंने सारे भारतवर्ष में भ्रमण कर के उस साधु- संमेलन की सफलता के लिये काम किया । व्यापार में आप हमेशा सत्यवादी थे और अपने सद्गुणों के कारण अपने कार्यों को बहुत तरक्की दी। जिस को उन के सब से छोटे भाई लाला हंसराजजी के नेतृत्व में सारा परिवार तरक्की पर ले जा रहा है । पूज्य सोहनलाल जैन धर्म प्रचारक समिति - वाराणसी के आप स्थापकों में से थे और जीवनभर समिति के हर काम में पूरा पूरा हिस्सा लेते रहे । आप के इसी प्रेम के कारण आप के सारे परिवार को समिति के साथ विशेष लगाव है और उन के भाई लाला हरजसरायजी के नेतृत्व में वे सब समिति के काम में पूरा सहयोग दे रहे हैं । लाला रतनचन्दजी का स्वर्गवास १६ फरवरी १९४३ ईस्वी को अमृतसर हृदय की गति रुक जाने से हुआ । प्रस्तुत पुस्तक में महाकवि धनपालका जीवन वृत्तान्त दिया गया है। उसकी हिन्दीभाषा की शुद्धिके लिये एल. डी. आर्टस् कॉलेज के हिन्दी के प्रधान अध्यापक भाई रणधीरभाईने जो सहायता दी है उनके लिये मैं उनका सविशेष आभारी हूँ । बेचरदास Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाइअ-लच्छीनाममाला Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्राकृतकोश का प्रकाशन १ आजकल प्राकृतभाषाओं का अभ्यास बढ रहा है. विनयमंदिरों, महाविद्यालयों तथा विद्यापीठों तक प्राकृतभाषाके अभ्यासकी व्याप्ति हो चुकी है. उसके कई छोटे मोटे प्राचीन व्याकरण भी प्रकाशित हो गए हैं, ये सब व्याकरण संस्कृत के माध्यम से लिखे गए हैं, अतः सबको सुगम नहीं होते, इसी कारण से कई संस्थाओंने तथा पंडितोंने लोकभाषा गुजराती, हिन्दी तथा बंगाली में भी प्राकृतभाषाओं के छोटे मोटे व्याकरण सबको सुगम हो इसके लिए रच कर प्रकाशित किए हैं. हमारे सहाध्यायी और प्रियमित्र स्व. पंडित हरगोविंददासजी सेठने 'पाइअसद महण्णवो' ( प्राकृतशब्दमहार्णवः ) नामका एक अच्छा बडा कोश भी हिंदी में बनाकर प्रकाशित किया है । यद्यपि यह कोश आजकल महंगा है और दुर्लभ - दुर्मील भी है। फिर भी यह कोश विद्यार्थियों को तथा विद्वानों को प्राकृतभाषाके अध्ययनके लिए बडा सहायक बना है. इस प्रकार प्राकृतभाषाके अभ्यासके लिए वर्तमान में अच्छी साधनसामग्री उपलब्ध है। फिर भी छोटे व्याकरण की तरह प्राकृत भाषाके एक छोटे कोशकी अपेक्षा बनी रहती है, जिसको सब विद्यार्थी व अध्यापक खरीद सकें. यह कोश हिंदी में भी हो और अंग्रेजी में भी हो यह भी अपेक्षित है. इस अपेक्षा को ध्यान में रख कर यह एक छोटा प्राचीन प्राकृत शब्दकोश प्रकाशित किया जा रहा है. कागज तथा छपाई वगैरह का व्यय अत्यधिक बढ जाने पर भी इस कोश को अधिक उपयोगी बनाने का विचार किया है, जिससे सब छात्र व अध्यापक इसका उपयोग कर सकें तथा वे अपने प्राकृतभाषाके अभ्यास में समुत्साहित होकर आगे बढ सकें. Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्राकृतकोश के प्रकाशन का वृत्तांत २ यद्यपि भारतीय जनता विद्याप्रेमी नहीं हैं ऐसा नहीं, 'विद्ययाऽमृतमश्नुते ', ' न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते ', ' पढमं नाणं तओ दया' ( प्रथमं ज्ञानम् ततः दया ) इस प्रकारकी घोषणाएं भी भारतीय जनता आज हजारों वर्षों से लगाती आई है, फिर भी पूर्व की अपेक्षा आज कल पश्चिममें जिस प्रकार ज्ञानभानु वा विज्ञानभानु उदित होकर अधिकाधिक जगमगा रहा है इसका वर्णन करना कठिन है. पश्चिमके पंडितोंने बडी बडी कठिनाइयों को सहकर भी पूर्व के विविध शास्त्रोंके अतिशय सुंदर संपादन व प्रकाशन किये हैं तथा वर्तमान में भी करते हैं. ये संपादन व प्रकाशन इतनी उत्तम कोटिके होते हैं जिनको पढकर हम तो आनंदविभोर हो जाते हैं और लज्जासे अधोमुख भी. ये पश्चिमके लोग हमारी परिभाषामें अनार्य हैं वा यवन हैं तो भी उनकी ज्ञानपिपासा कितनी उत्कटतम है, यह सोचकर आनंद होता है और आर्य - आर्यत्व बडे अभिमानी होकर भी हमारे ही शास्त्रों के उत्तमोत्तम प्रकार के प्रकाशनमें व संपादनमें कितने मंदतम है, इस सोच से अधोमुख ही होना पडता है. देखिए, पश्चिम के पंडितोंका कितना बडा पुरुषार्थ है कि आजसे बराबर अस्सी वर्ष पूर्व अर्थात् ईस्वीसन् १८७९ में डॉ. बुल्हर महाशयने बडे प्रयत्नसे पाइअलच्छीनाममाला ( प्राकृतलक्ष्मीनाममाला) नामका महाकवि धनपालविरचित एक छोटा कोश मूलसहित, पाठांतर सहित अपने देशमें छापा और उसमें अंग्रेजीमें अर्थोंके साथ एक अकारादि शब्दानुक्रम भी लगा दिया. अधिक आश्चर्य की बात तो यह है कि जब हमारे देशके पंडितगण 'प्राकृत' किस चिडिया का नाम है यह जानते थे या नहीं यह विवादास्पद है और जो जानते थे वे जैन मुनिमहाराज तो बिलकुल इस प्रकाशनके Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्षेत्रसे सर्वथा अनभिज्ञ थे और जैन श्रावक तो शास्त्रको पढते ही नहीं थे. ऐसी परिस्थितिमें एक जर्मन पंडितने इस प्राकृत कोशका अच्छेसे अच्छा संपादन व प्रकाशन किया है. खूबी तो यह है कि भारतीय पंडित व मुनिजन सदाकाल सरस्वती पूजनमें और शास्त्रों के पूजनमें बडा रस रखते आए हैं. फिर भी उनको अपने शास्त्रों का अच्छा प्रकाशन व संपादन का कार्य नहीं सूझा, इतना ही नहीं कई पंडित तो ऐसे भी विद्यमान थे जो प्रकाशन प्रवृत्ति के ही खिलाफ थे. ऐसी भारी अज्ञानदशामें डॉ. बुल्हर महाशयने इस कोशको छाप कर हम पर बडा ही उपकार किया है. ऐसा कहने में व मानने में लवलेश भी अत्युक्ति नहीं है. ___आजसे बयालीस साल पहिले अर्थात् विक्रमसंवत् १९७३ में हमने ही बी. बी. एन्ड महाशयानां मंडलीके नामसे फिर उस कोशको अच्छी रीतिसे संशोधित करके और साथमें प्राकृत शब्दों के संस्कृत समानरूपोंको तथा गुजरातीमें अर्थ को दे कर और शब्दोंका अकारादि अनुक्रम लगाकर के छपवाया था. यह हमारा प्रकाशन अभी सर्वथा अप्राप्त है. उसके बाद विक्रम संवत् २००३ में इस कोश को श्रीकेसरबाई जैन ज्ञान मंदिर पाटण ( उत्तर गुजरात )ने फिर छपवाया. उसमें संशोधकने संस्कृत के समानशब्दों के साथ कोशस्थित प्राकृत शब्दों का अनुक्रम नहीं दिया है. इस प्रकारके संपादनसे पुस्तक तो तैयार हो जाती है परंतु 'कौन शब्द किस जगह है' इसका पता कोई विद्यार्थी व अन्य जिज्ञासु कैसे लगा सके ? बिना शब्दानुक्रम दिये यह कठिनाई दूर नहीं होती. भाई शादीलालजी जैन का सहकार अब हम फिरसे इस कोश का प्रकाशन कर रहे हैं. हमारे परममित्र और जैनधर्म के यथार्थ प्रेमी तथा जैनशास्त्र के रसिक भाई शादीलालजी जैन (अमृतसर वाले संचालक आर. सि. एच बरड़ एंड कं० बंबई) की संपूर्ण आर्थिक सहायता पाकर हम इस प्रकाशनको तैयार करनेमें समर्थ Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हुए हैं. इस काममें उनकी प्रेरणा तथा सहायता न होती तो हम इस कामको नहीं ही कर पाते. अतः कोशके उपयोग करनेवाले विद्यार्थी व जिज्ञासु गण तथा हम भी भाई शादीलालजी जैनके बडे आभारी हैं. और हम आशा करते हैं कि सानुवाद प्राकृतव्याकरण (आ. हेमचंद्र कृत) इत्यादि और भी ऐसे उपयोगी ग्रंथोंके प्रकाशन करने में वे जरूर इस प्रकारकी अपनी सहायता देनेकी परंपरा चालू रखेंगे. प्रस्तुत संपादन का परिचय इस संपादन को हमने अपने प्रथम संपादनके ढंगसे प्रकाशित किया है. शब्दों के अर्थ प्रत्येक पन्नेमें हिंदीमें दिये हैं तथा पीछे कोशमें आए हुए सभी शब्दोंका अकारादि क्रमसे अनुक्रम तथा हिंदी और अंग्रेजी इन दो भाषाओंमें अर्थ बताया है. अब कोई विद्यार्थी हिंदी नहीं जानता ऐसी बात नहीं है- गुजरातके क्या और महाराष्ट्रके क्या सभी विद्यार्थी हिंदी अनिवार्य रीतिसे पढते हैं अतः हिंदीमें अर्थ बताना समुचित है और जो विद्यार्थी व जिज्ञासु हिंदी नहीं जानते परंतु नागरी लिपि जानते हैं और प्राकृतभाषाके अभ्यासमें रस रखते हैं ऐसे तामिलादि प्रांत के तथा पश्चिम के जिज्ञासुओं के लिए हमने अंग्रेजीमें भी अर्थ बताना समुचित समझा है. अंग्रेजीके अर्थ के लिए हमने डो. बुल्हरकी आवृत्तिका सहारा लिया है. एतदर्थ सद्गत डो. बुल्हरके हम सविशेष आभारी हैं. हम खुद इतना अच्छा अंग्रेजी नहीं जानते हैं, इससे अंग्रेजीके द्वारा अर्थप्रदर्शन में हमारी अनेक गलतियां जरूर हुई होंगी, इसके लिए हम सब जिज्ञासुओंसे क्षमा मांगते हैं तथा इस संबंधमें सूचन करने की भी उनको सविनय विनंति करते हैं. मुनि श्रीजिनविजयजी का सूचन पहिले तो हमारा विचार केवल हिंदीमें ही अर्थ देनेका था, परंतु दो Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एक फारम कोशके छप चुके तब हम हमारे स्नेही और माननीय मुनिश्री जिनविजयजीके पास वे फारम लेकर उनके अनेकांत विहारमें (अमदावाद) पहुंचे. मुनिजीने फारम को देख कर प्रसन्नता प्रकट की और हिंदी के साथ अंग्रेजीमें भी अर्थ देनेकी खास प्रेरणा की. उनकी यह प्रेरणा हमको भी समुचित अँची अतः छपे हुए उन दो फारमों को हमने रद कर दिये और शुरूसे अंग्रेजी में अर्थ लगाकर कोश का प्रकाशन किया श्रीमुनिजी के उक्त सूचनके लिए हम इधर उनका सादर स्मरण करते हैं. सहायक कोशकी सारी प्रेसकॉपी तथा शब्दानुक्रमकी भी सारी प्रेसकॉपी हमारी छोटी पुत्रवधू चि. पुष्पा पंडितने बडे उत्साहसे कर दी है तथा हमारे विद्यार्थी भाई कानजी मंछाराम पटेल (बी. ए. अर्धमागधी ओनर्स )ने कोशके अंग्रेजी अर्थवाले भागकी सारी प्रेसकॉपी करने में तथा उसके संशोधनमें पूरी महेनत की है. एतदर्थ हम उक्त दोनों महानुभावोंका इधर सस्नेह स्मरण करनां खास समुचित समझते हैं. छापने के लिए शारदामुद्रणालय के मालीक और हमारे स्नेही भाई गोविंदभाई शाह तथा सुप्रसिद्ध लेखक भाई बालाभाई (जयभिक्खु ) देसाईने वसंतप्रेसमें प्रबंध कर दिया है. वे प्रबंध न कर देते तो हमसे कोश का प्रकाशन नहीं हो सकता यह निश्चित हकीकत है. अतः एतदर्थ उन दोनों महाशयों के भी हम सविशेष ऋणी हैं। वसंतप्रेसके फोरमेन भाई शांतिलालने भी हमारे इस काममें दिलचस्पी लेकर यथाशक्य कामको अच्छी तरहसे संपन्न करने में योग दिया है अतः इन भाई का भी नामस्मरण इधर अवश्य करना चाहिए. १२ ब, भारतीनिवास अमदावाद ६ संपादक सप्टेंबर १९५९. Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्राकृत भाषा का संक्षिप्त परिचय प्रकृति शब्दका अर्थ स्वभाव है अर्थात् जो भाषा मनुष्यकी स्वाभाविक है उसका नाम प्राकृत भाषा-तात्पर्य यह हुआ कि जो भाषा जिनकी मातृभाषा है- जन्मते ही जो भाषा जिनको अपनी मातासे प्राप्त है- जिस भाषाको बोलने के लिए किसी भी प्रकार की किताबों का अभ्यास जरूरी नहीं है उस भाषाका नाम प्राकृत भाषा. प्राकृत शब्दका ऊपर जो अर्थ बताया गया है वह उसका यौगिक अर्थ है- नामानुरूप अर्थ है. इस अर्थको लेकर जगतकी सब मातृभाषामें प्राकृत के अर्थमें आ जाती हैं- क्या गुजराती, क्या मराठी, क्या बंगाली, क्या अंग्रेजी और क्या अरबी वगैरह सब भाषाएं जिन जिनकी मातृभाषारूप हैं वे उन उनके लिए प्राकृतरूप हैं. प्रस्तुत में जिस भाषाका संक्षिप्त परिचय देना है वह एक समय में भारतीय आमजनताकी बोलचालकी-जन्मजात-भाषा थी, अतः यद्यपि वह भाषा वर्तमान में किसीकी भी मातृभाषा नहीं है-जन्मजात भाषा नहीं है तो भी उसके पूर्वके स्वरूपको लेकर वह वर्तमानमें जन्मजात भाषा न होकर भी 'प्राकृत' शब्दसे प्रसिद्धि पा चुकी है- यह भाषा वर्तमानमें केवल साहित्यिकरूप में विद्यमान है- नाटकोंमें, जैनग्रंथोंमें तथा बौद्ध पिटकग्रंथोंमें विशेषतः प्राकृतभाषा का व्यवहार हुआ है. ____ वर्तमानमें हमारी भारतीय आर्यशाखानुगत सब भाषाओंके विकासके मूलमें यह ही भाषा है- गुजराती मराठी सिंधी पंजाबी बंगाली वगैरह भाषाओंमें द्विवचनका कोई अलग रूप नहीं है- प्राकृत में भी द्विवचनका कोई अलग रूप Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नहीं हैं. भूतकालके तथा भविष्यकालके विविध प्रकार उक्त भाषाओंमें नहीं हैंप्राकृत में भी भूत भविष्यके कोई विविध प्रकार नहीं हैं. उक्त भाषाओंमें निसर्गतः संयुक्तव्यंजन युक्त शब्द अत्यंत कम हैं- जो अभी अधिकाधिक दीख पडते हैं वे संस्कृतके संसर्गसे आये हुए हैं- प्राकृत भाषामें भी संयुक्तव्यंजन युक्त शब्द अत्यंत कम हैं. क्रियापदों के प्रयोगोंमें उक्त भाषाओं में कोई अटपटी व्यवस्था नहीं है-सरल समान व्यवस्था है- प्राकृत भाषामें भी क्रियापदोंके सब प्रयोग एकदम सरल सुगम हैं. नामोंके रूप तथा प्रत्यय उक्त भाषा ओंमें करीब करीब समान होते हैं-प्राकृत भाषामें भी नामोंके रूप तथा प्रत्यय करीब करीब समान-सुगम होते हैं. हमारी वर्तमान उक्त सब भाषाओं के साथ प्राकृतभाषाका तुलनात्मक अन्वेषण व परीक्षण करनेसे उन भाषाओंके साथ प्राकृत भाषाका विशेषतः अनन्तर संबंध स्थापित हो चुका है. अतः उक्त भाषाओंके इतिहासको बराबर समझने के लिए, हमारे पूर्वजों के साहित्य को समझनेके लिए और हमारी संस्कृतिके स्वरूपको समझने के लिए भी प्राकृतभाषाका अभ्यास अनिवार्य है. इसी हेतुसे विनयमंदिरों से लेकर विद्यापीठों तक के अभ्यासक्रममें प्राकृत भाषाका अभ्यासक्रम नियत किया गया है. गहराईसे तुलनात्मक परीक्षण द्वारा भाषाशास्त्रके अन्वेषकोने भी वेदोंकी भाषाके साथ प्राकृतभाषा का घनिष्ठ संबंध सिद्ध कर बताया है इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि प्राकृतभाषा कितनी प्राचीन है. देखिए:वैदिकरूप प्राकृतरूप क्रियापद १ हनति हनति हणति, हणइ २ शयते सयते, सयए ३ भेदति भेदति-भेदइ Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जिण् ४ मरते मरते, मरति ५ दाति दाति-दाइ ६ धाति धाति-धाइ ७ भोजते भोजते-भोजए ८ वर्धन्तु वड्ढंतु ९ वर्तते वट्टते, वट्टए १० कृणोति कुणति ११ जिन् (धातु) १२ मथीत् मथीअ १३ दुहे दुहिरे १४ कर्तवे कत्तवे, कातवे, करित्तए नामरूप १५ पतिना पतिना, पइणा १६ गोनाम् गोनं, गुन्नं गोणं १७ युष्मे १८ अस्मे अम्हे १९ त्रीणाम् तिण्ह, तिन्न २० नावया नावाय, नाबाए २१ देवेभिः देवेहि २२ इतरम् इतरं, इयरं २३ ओषधीभिः ओसहीहि २४ मासम् मांसं २५ सो चित् सो चि उक्त वैदिकरूपों का व्यवहार मात्र वेदोंमें होता है, रघुवंश वा कादंबरी जैसे कोई साक्षरीय साहित्यमें नहीं होता है. उक्त वैदिक क्रियापदोंके तथा तुम्हे Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नामरूपों के स्थानमें कालिदास वा बाणभट्ट जिन रूपोंका प्रयोग करते हैं वे अनुक्रमसे इस प्रकार हैं:१ हन्ति १० करोति १८ वयम् २ शेते ११ जि (धातु) १९ त्रयाणाम् ३ भिनत्ति १२ अमथ्नात् २० नावा ४ म्रियते १३ दुहन्ति २१ देवैः ५ ददाति १४ कर्तुम् ६ दधाति २२ इतरत् ७ भुङ्क्ते १५ पत्या २३ औषधीभिः ८ वर्धयन्तु १६ गवाम् २४ मांसम् ९ वर्तते १७ यूयम् २५ सः चित् महावैयाकरण श्री पाणिनि तथा अन्य पतंजलि महाभाष्यकार, कालिदास बाण वगैरह पंडितगण इन शब्दप्रयोगों को लौकिक प्रयोगरूप वा संस्कृतरूप कहते हैं. इधर जो वैदिकरूप, प्राकृतरूप तथा संस्कृतरूप दिए गए हैं वे परस्पर अत्यधिक समान हैं, भेद है तो थोडा बहुत उच्चारण की शैलीका भेद है, इस प्रकार थोडा बहुत शैली भेद से इन रूपोंको लौकिक वा संस्कृत कहना तथा वैदिक व प्राकृत रूपों को अलौकिक वा असंस्कृत कहना क्या ठीक प्रतीत होता है ? इस प्रकार भेद करनेसे मानवके चित्तमें भाषाविषयक एकता के स्थान में भेद आता है और वह भेद बढ़ते बढते विषमता का रूप लेता है और वर्तमान में इस भेदका नतीजा यह हुआ है कि एक समाज अमुक भाषा को देवभाषा व उत्तम भाषा समझता है और अन्य भाषाको अनुत्तम भाषा समझता है- नीच भाषा समझता है- परिणाम यह हुआ है कि हमारे वर्तमान पंडित लोग अपने ग्रामीण बंधुओं की भाषा से सर्वथा अनभिज्ञ होनेसे उनसे एकदम विच्छिन्न हो गए हैं और उनको अज्ञानी समझने तक लग गए हैं- यह दोष, कोई कम अनर्थ नहीं माना जा सकता . Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० यह तो एक प्रकारका देशद्रोह है व आत्मघात है. दूसरा परिणाम यह हुआ है कि जिन जिन नाटकों में प्राकृतभाषा का प्रयोग हुआ है, संपादक लोग उन प्रयोगों की तरफ उपेक्षित भाव रखकर उनको बराबर समझनेकी कोशिश नहीं कर पाते, अतः नाटकों में आए हुए प्राकृत गद्य भाग के प्रयोग तथा पद्य भाग के प्रयोग प्रायः आजतक अशुद्ध ही छपते आये हैं और अभी भी अशुद्ध ही छप रहे हैं । इतना ही नहीं बल्कि उन उन नाटकों के वृत्तिकार भी बिना ही समझे बुझे प्राकृतप्रयोगों की मनमानी वृत्ति लिख गए हैं जो व्याकरण की दृष्टिसे अधिकतर शुद्ध नहीं हैं. मेरी समझमें तो ऐसा आता है कि प्राचीन भाषाओं के प्राकृत संस्कृत अपभ्रंश ऐसे नाम न देकर देशभाषा, लोकभाषा, जनपदभाषा, शास्त्रीयभाषा ऐसे ही नाम प्रचारित करने जरूरी हैं, जिससे प्राचीन भाषा विषयक हमारी मिथ्या अस्मिता व खींचातानी कम हो जाय. भाषाका प्रयोजन अर्थवहन है, विचारों की लेन देनमें व प्राचीन लोगों के विचार समझने में भाषा एक माध्यमरूप है और भाषाकी सार्थकता इसमें ही है, इससे ज्यादा किसी भी भाषाका मूल्य ही नहीं है, चाहे वह भाषा वेदकी हो, जैन व बौद्ध शास्त्रों की हो अथवा किसी भी आदिवासीकी हो वा किसी ग्रामीण जनकी हो. प्राकृत का एक व्यापक अन्य अर्थ भी इस प्रकार है: पुरानी वैदिक भाषा और भारतीय आर्यशाखानुगत कोई भी हमारी वर्तमान अर्वाचीन भाषा- इन दो भाषाओं के बीच की संकलनारूप - अनुसंधानात्मक - जो भाषा है इसको भी प्राकृत नाम दे सकते हैं. प्राचीन पंडितों के बनाए हुए जो जो प्राकृत व्याकरण वर्तमानमें उपलब्ध हैं वे सब संस्कृत के माध्यम से लिखे गए हैं और उन सबमें अमुक अमुक परिवर्तन की प्रक्रिया संस्कृत शब्दों को माध्यम रखकर बताई गई है. अतः उन प्राचीन पंडितोंने प्रकृतिः संस्कृतम् ऐसा भी निर्देश किया है. यह निर्देश केवल माध्यम सापेक्ष है. Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ किसी अंग्रेज को संस्कृत समझाना हो तो अंग्रेजी शब्दों को माध्यम करके 'काउ' के स्थानमें 'गो' 'कमल' के स्थानमें 'क्रमेलक', 'स्वेट' के स्थानमें 'स्वेद' 'त्रि' के स्थानमें 'थ्री' 'फाधर' के स्थानमें 'पितर' इत्यादि ढंगसे समझाना सुगम होता है, इसी प्रकार संस्कृत जानने वालोंको प्राकृतभाषा समझाने के लिए संस्कृत का माध्यम सुगम रहता है. इसी हेतु से उन उन प्राकृत व्याकरणोंमें संस्कृतको माध्यम बनाया गया है. बाकी प्रकृतिः प्रयोगका संस्कृतम् अर्थ कभी भी शक्य नहीं और किसी भी कोशमें वा ग्रंथमें उसका ऐसा अर्थ निर्दिष्ट भी नहीं. अतः ऊपर कहा गया है कि प्रकृतिः का संस्कृतम् अर्थ माध्यम सापेक्ष है स्वतः नहीं. स्वतः तो प्रकृतिः का अर्थ स्वभाव ही प्रसिद्ध है और प्रचलित भी है. प्राकृत शब्दों के प्रकार हरेक भाषामें यौगिक शब्द होते हैं और रूढ तथा मिश्र भी होते हैं. यौगिक का अर्थ है कि जिन शब्दों की व्युत्पत्तिका हमको पता है. रूढ का अर्थ है कि जिन शब्दोंकी व्युत्पत्तिका हमको पता नहीं है. मिश्र शब्द वे हैं जिनकी व्युत्पत्तिका हमको कुछ अंशमें तो पता है और कुछ अंशमें पता नहीं है. वैदिक भाषा, प्राकृत भाषा तथा संस्कृत भाषा इन तीनों भाषाओं में भी इन तीनों प्रकारके शब्द हैं. रूढ शब्दका दूसरा नाम देश्य शब्द है, प्रस्तुत कोशमें इन तीनों प्रकारके शब्द पाए जाते हैं. शब्दकोशमें अनुक्रममें जहां* ऐसा निशान किया है वे सब देश्य शब्द हैं. बाकी के शब्दों में से कई शब्द संस्कृत शब्दों के साथ सर्वथा समान हैं और कई शब्द अल्पांशमें ही समान हैं. उन सब शब्दों का एक नाम इधर संस्कृतसम वा तत्सम रक्खा गया है. शब्दानुक्रममें प्रत्येक शब्द के साथ संस्कृतरूप सर्वत्र बताए गए हैं, इसको देखने से इन सब तत्सम शब्दों का पूरा परिचय हो सकेगा. Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कोश की रचनाशैली कोशकार धनपाल महाकविने प्रारंभकी दूसरी गाथासे लेकर १८॥साढे अठारह गाथा तक सारी-पूरी-गाथा द्वारा अमुक अमुक अर्थक पर्याय शब्द बताए हैं. बादमें २०वीं गाथा से लेकर ९३||- साढे तेरानवींगाथा तक गाथा के आधे आधे चरण द्वारा अर्थात् पूर्वार्ध द्वारा और उत्तरार्ध द्वारा अमुक अमुक अर्थके पर्याय शब्द सूचित किए हैं. फिर ९५- पंचानवीं गाथासे लेकर २७५वीं गाथा तक प्रत्येक गाथाके एक एक पाद द्वाराएक एक चरणद्वारा अमुक अमुक अर्थके पर्याय शब्द बताए हैं. इस बातकी सूचना कोशकारने स्वयं कोशमें ही दी है. यह बात पृ० ३ में तथा पृ० ११ में *इस निशान का जो टिप्पण दिया गया है उसको देखने से अधिक स्पष्ट हो जायगी. ___अमुक अर्थके कितने नाम कोशकारने दिए हैं इस बातकी सूचना करने के लिए कोशके टिप्पणमें हमने सर्वत्र पर्यायोंकी संख्या के निर्देशके साथ एक शब्द को स्पष्टरूपसे बताया है. जैसे १ पृ०, २ ब्रह्मा १० अर्थात् ब्रह्मा के दस नाम पर्यायरूप बताए हैं. ३ पृ०, ११ मुक्ति ६-मुक्ति के ६ पर्याय बताए हैं. ११ पृ०, १६८ अमरावती २-अमरावती के दो पर्याय सूचित किए हैं. जहां समुची गाथा पर्याय वाचक शब्दों को दरसाती है वहां हमने गाथा पर शुरू शुरू में अंक लगाए हैं, जहां आधी गाथा पर्यायवाचक शब्दों का सूचन करती है वहां आधी गाथाके आदिमें अंक लगाए हैं तथा जहां गाथा का एक चरण मात्र पर्यायसूचक शब्दों को बताता है वहां सर्वत्र गाथाके प्रत्येक चरणके आदिमें अंक दे दिये गए हैं. ऐसे सब अंकोंकी संख्या ९९८ होती है. Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३ कोशकारकी व्यापक मनोवृत्ति ४ कोशकार धनपालने प्रथम गाथा में (पृ. १) नाभिसंभवं शब्दसे जैन तीर्थंकर श्री वृषभदेवका वा ऋषभदेवका जो नाभिराजा के पुत्र थे- स्मरण किया है तथा पुरुषोत्तम नाभिजन्मा ब्रह्माका भी स्मरण किया है. कोशग्रंथ सर्व व्यापक है, इसको सब कोई पढते हैं अतः इस सर्व व्यापी दृष्टि को लेकर जैनधर्मानुयायी होने पर भी कोशकारने दोनों देवोंका जो समादर भावसे स्मरण किया है वह सर्वथा समुचित ही है. और साथमें पुरिसुत्तम ( पुरुषोत्तम) शब्द से श्रीकृष्ण भगवानका स्मरण करना भी चतुर कोशकार नहीं चुके हैं. यही तो इनकी विशाल मनोवृत्तिका द्योतक है. अर्थात् प्रथम पद्य मंगलरूप है. अंतके २७६ से २७९ तक के पद्योंमें ग्रंथकारने अपना समय, अपना नाम तथा यह कोश किसके लिए बनाया है इत्यादिका सूचन किया है. कोशमें सब मिलकर शब्दपर्यायसूचक २७५ पथ हैं. क्षमाप्रार्थना ५ हम टिप्पण में अर्थ बताया है और अकारादि क्रमयुक्त शब्दकोशमें भी अर्थ बताया है. इसमें कहीं कहीं कोई विसंवाद भी हो गया है तथा किसी प्रकार की हिन्दी भाषा की तथा अन्य भूलें रह गई हों तो उससे हमारे हंससमान मनवाले विद्यार्थी गणको व सब जिज्ञासुओं को थोडी बहुत तकलीफ जरूर होगी परंतु " सहभूर्भ्रान्तिर्दुर्वारा" न्याय से ऐसा होजाना अनिवार्य सा है, तो इस तकलीफ को वे सहन करनेकी जरूर कृपा करें और जरूरत लगे तो खुलासे के लिए संपादकको सूचित करने की भी कृपा करें. नम्र बेचरदास दोशी Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कोशकार महाकवि धनपाल धनपाल महाकविने स्वयं ही इस कोश के प्रांत भाग में अपने नामका, समयका तथा कोश के आदि श्लोक में कोश के नामका जो सूचन किया है वह इस प्रकार है : "विक्कमकालस्स गए अउणत्तीसुत्तरे सहस्सम्मि । मालवनरिंदधाडीए लूडिए मनखेडम्मि ॥ धारानयरीए परिट्ठिएण' मग्गे ठिआए अणवजे । कजे कणि?बहिणीए 'सुंदरी' नामधिज्जाए ॥ कइणो अंध ज ण कि वा कुस ल त्ति पयाणमंतिमा वण्णा । नामम्मि जस्स कमसो तेणेसा विरइया देसी” ॥ - (पाइअलच्छीनाममाला गा० २७६-२७८) तथा शुरू की प्रथम गाथामें लिखा है कि " वुच्छं 'पाइअलच्छि' त्ति नाममालं निसामेह" ॥ अर्थात् विक्रमसंवत् १०२९ में जिस समय मालवराजने छल करके मन्नखेड-मान्यखेड- (मनखेड. जि-नासिक ता. पेंठ) नगर पर हमला करके उस नगरको लूट लिया तब कोशकार धनपाल धारा २नगरी में प्रतिष्ठितरूपसे १. 'अणवज्जे मग्गे परिट्ठिएण' इस प्रकार भी अन्वय कर सकते हैं अर्थात् 'निर्दोष मार्ग पर प्रतिष्ठा पाये हुए धनपालने' ऐसा भी अर्थ बराबर है. २. कोश के अंतमें इन पद्योंका जो अर्थ सूचित किया है उसको इस अर्थ के अनुसार समझ लेना तथा संगत करना चाहिए. ( संपा०) Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रहते थे और निर्दोष मार्ग पर प्रतिष्ठा के साथ स्थित थे. उसकी छोटी बहन सुंदरी निरवद्य मार्ग पर याने धर्ममार्ग पर रही हुई थी, उस समय अपनी छोटी बहन सुंदरी के लिए अंध ज ण कि वा कुस ल इन शब्दों के अंतिम अंतिम वर्ण अनुक्रमसे जिस कवि के नाममें लगे हुए हैं उसने अर्थात् धणवाल-धनपालने इस देशी (भाषाके कोश ) की रचना की. पूर्वोक्त प्रथम गाथामें ही " 'पाइअलच्छी' को कहूंगा", ऐसा कह कर के कोशकारने ही इस कोश का 'पाइअलच्छी' (प्राकृतलक्ष्मी) नाम सूचित किया है. इस कोशमें देशी वा देश्य शब्द भी दिये गए हैं अतः इसका दूसरा ‘देशी' नाम भी ग्रंथकारने ग्रंथ के अंत भागमें बताया है. अथवा प्राकृतभाषा देशकी-जनपदकी-भाषा है ऐसा सूचन. करने के लिए भी ग्रंथकारने 'देशी' नाम बताया हो यह असंभवित नहीं. उक्त पद्योंसे-धनपालने ग्यारहवीं सदी में इस कोश की रचना कीऐसा सुनिश्चित रूपसे प्रतीत होता है तथा उसकी छोटी बहनका नाम 'सुंदरी' था यह भी निश्चित होता है. उस समय मालव नरेशने मान्यखेट नगर पर छलसे आक्रमण किया था ऐसी भी सूचना मिल जाती है. ___ क्योंकि धनपालने इस कोश को १०२९ में रचा है इसलिए उसका जन्मसमय दसवीं सदीमें माननेमें कोई बाधक प्रमाणका होना संभव नहीं जान पडता. कोशकार धारानगरी के प्रतिष्ठित पुरुष हैं और निर्दोष मार्ग पर चलनेवाले हैं ऐसा भी ‘परिट्ठिएण' तथा 'अणवजे मग्गे परिट्टिएण' पद से सूचित होता है और कोश की रचना धारानगरी में हुई है यह बात भी 'धारानयरीए' पदसे सूचित होती है. धनपालकी छोटी बहन प्राकृत भाषाकी विद्यार्थिनी थी, संभव है वह संस्कृत भाषाको अच्छी तरह जान चुकी होगी. तथा धनपालकी पुत्रीने धनपालरचित तिलकमंजरी नामक कथाकी अपनी स्मृति के बलसे रक्षा की थी. इससे मालूम होता है कि धनपालका कुटुंब एक प्रकारका सरस्वती Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६ मंडलरूप बना हुआ था. श्रीप्रभाचंद्रसूरि द्वारा विक्रमसंवत् १३३४ में लिखे गए प्रभावकचरित्र में श्री महेंद्रसूरिजीका सविस्तार प्रबंध दिया गया है. उस प्रबंध में महाकवि धनपाल के जीवनका वृत्तांत जिस प्रकार दिया गया है उसका सार इस प्रकार है : मध्यदेश में संकाश्य नाम के स्थान में (गांवमें ) रहनेवाला देवर्षि नामका एक ब्राह्मण था, वह किसी प्रकार के व्यावहारिक कारणसे मालवदेशकी राजधानी धारा नगरीमें आकर रहता था. उसके पुत्रका नाम सर्वदेव था. सर्वदेवके दो पुत्र थे; एक धनपाल और दूसरा शोभन. एक समय चंद्रगच्छ के आचार्य श्रीमहेन्द्रसूरि ग्रामानुग्राम विहार करते करते सर्वदेव के स्थान में अर्थात् धारानगरी में आए. सर्वदेव ब्राह्मणने श्री महेन्द्रसूरिकी प्रतिष्ठा तथा व्याख्यान शक्तिका प्रभाव सुना. वह ब्राह्मण आचार्य के समागम के लिए उपाश्रयमें गया. और तीन दिन तथा तीन रात्रि तक उपाश्रयमें ही समाधिमग्न होकर रहा. तब आचार्यने उससे पूछा कि क्या आप हमारा परीक्षण करने आए हैं वा और किसी कार्यसे आए हैं ? सर्वदेवने कहा - महात्माओं के दर्शनसे सुकृतकी प्राप्ति होती है तथा मेरा निजका कार्य भी है इस लिए मैं आपके दर्शनके लिए आया हूं. यह सर्वदेवने अपने कार्यका वृत्तांत कहते हुए आचार्य को कहा कि मेरा कार्य गुप्त है. मेरे पिता राज्यमान्य थे और लाखों की दक्षिणा पाते थे. अतः मेरे घरमें किसी भी जगह उस धनकी निधि गडी हुई होनी चाहिए, मुझे उसका पता नहीं लगता, अतः आप कृपा कर के उस को बतलाइए. आप परोपकारी हैं अतः इतना मेरा कार्य कर दें. आप धननिधिको बताएंगे तो इस दरिद्र ब्राह्मण के सारे कुटुंब को बडा आनंद होगा तथा हमारा दारिद्र्य भी दूर हो जायगा. Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आचार्य ज्योतिष शास्त्र तथा निमित्त शास्त्र के भी ज्ञाता थे, उनको यह मालूम हुआ कि मेरे बताने से इस ब्राह्मण द्वारा उत्तम शिष्यका लाभ होना संभव है. __आचार्यने कहा कि आपका कार्य जरूर कर देंगे; परंतु आप हमको क्या दगे ? सर्वदेवने कहा कि उस सारी निधिका आधा भाग मैं आपको भेट दूंगा. तब आचार्यने कहा कि मैं आपकी वस्तुका आधा भाग मेरी रुचिसे पसंद करके लूंगा. सर्वदेवने आचार्यकी बात को मान लिया और साक्षी भी नियत किये. __आचार्यने सर्वदेव के मकान पर आकर जहां धननिधि गडी हुई थी उस जगह को बता दिया और वहां खोदने से चालीस लाख सुवर्णमुद्रा उस धननिधिसे निकली.. सर्वदेवने अपने वचन के अनुसार बीस लाख सुवर्ण मुद्रा आचार्य को देनी चाही. पर आचार्यने कहा कि मैं अपने वचन के अनुसार मुझे पसंद होगी ऐसी आपकी वस्तुका आधा भाग लूंगा. इस विवाद में काफी समय वीत गया. आखिर आचार्यने कहा कि आपके दो पुत्रों में से एक को मुझको दे दें. आपकी देनेकी प्रतिज्ञा सच्ची हो तो जिस वस्तुको मैं मांगता हूं उस को दे दें. यदि नहीं देना हो तो आप अपने घर चले जायें. सर्वदेव ब्राह्मण आचार्य की यह मांग सुनकर किंकर्तव्यमूढ हो गया और बडा चिंतित हो कर तथा 'आपको आपकी मांग के अनुसार आधा भाग दूंगा' ऐसा कह कर अपने घर पहुंचा. घर जाकर चिंतातुर ब्राह्मण टूटीफूटी खटिया में पडकर सो गया. जहां चिंता हो वहां निद्रा कैसे आवे ? जब बडा लडका धनपाल राजप्रासादसे लौटकर घर पर आया तब पिताको चिंतातुर देखकर बोलाः पिताजी ! मेरे Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जैसे आज्ञांकित पुत्र के होने पर भी आप चिंतित क्यों हैं ? अपने विषादका कारण बताइए. पिताने धननिधिकी तथा उसके संकेत वगैरह की सब बात बता दी और कहा कि धननिधिको बतानेवाले जैनाचार्य तुम दो भाइयोमें से एक भाईको मांग रहे हैं और मैंने ऐसा उनको वचन भी दे दिया है. तो हे पुत्र ! अब तुम मुझको ऋणमुक्त कर दो. पिताके इस वचनको सुनकर धनपालको बडा गुस्सा आया और उसने बाप को थोडा डांटा भी. धनपालने कहा कि हम लोग संकाश्यके रहनेवाले तथा चारों वेदों को जाननेवाले उत्तम ब्राह्मण हैं. मैं राजा भोज का बालमित्र हूं और बडा प्रतिष्ठित ब्राह्मण हूं. ये जैनमुनि पतित शूद्रों के समान हैं, उनकी ऐसी निंदित प्रतिज्ञा के खातिर मैं अपने पूर्वजों को नरकमें डालना नहीं चाहता. आपका यह कुव्यवहार है और सज्जनोंसे निंदनीय है अतः मैं आपके कथनानुसार नहीं कर सकता. आप जानें व आपकी प्रतिज्ञा जाने. इस प्रकार पिताका अपमान करके धनपाल वहांसे अन्य जगह चला गया और पिता सर्वदेव निराश हो गया तथा उसकी आंखोंसे आंसू टपकने लगे. इतने में धनपालका छोटा भाई शोभन वहां आ गया. पिताने उसको जो बातें धनपालसे हुई थी सब कह दी और धनपालका डांटना भी सुना दिया. और अंतमें कहा कि तुम तो अभी बालक हो अतः हमारी किसी प्रकारकी सहायता नहीं कर सकते. तो तुम जाओ और हम अपना किया आप ही भुगत लेंगे. तब शोभनने अपने पितासे कहा कि आप मत घबड़ाइए, मैं जरूर आपका वचन पालूंगा. मेरा बड़ा भाई राजमान्य है, कुटुंब के सारे भार को उठाने को भी वह समर्थ है, वह बडा पंडित भी है अतः उसने आपको कुछ Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भी कहा जो उसको ठीक लगा. मैं तो बचपनसे ही सरल हूं और आपकी किसी भी प्रकारकी आज्ञा को माननेवाला हूं. आप मुझको कुएँमें डालें अथवा मारनेके लिए चांडालोंको सौंप दें- आपको जो ऊँचे सो करें. उसमें मैं किसी भी प्रकारका विचार नहीं करता. अतः अब आप चिंता को छोड दें, उठकर स्नान पूजन कर लें और भोजन करके स्वस्थ हो जावें. बादमें मुझको आचार्यके पास ले जाकर उनको भेटके रूपमें दे दें. फिर सर्वदेव ब्राह्मण अपने छोटे पुत्रको लेकर आचार्य के पास गया और शोभनको आचार्य के चरणों में भेंट किया. आचार्यने भी सर्वदेवकी संमति लेकर अच्छे दिवस मुहूर्त इत्यादिक को देखकर शोभनको अपना शिष्य बना लिया. धनपाल राजमान्य था अतः आचार्य को (अपभ्राजनशङ्किताः) शासनकी अपभ्राजना होने की शंका हुई. इस कारण आचार्यने अपने नए शिष्यको लेकर प्रातःकालमें ही धारानगरीसे अणहिल्लपुर की तरफ जाने के लिए विहार कर दिया. धनपालने तब देखा कि पिता सर्वदेवने निधान के लिए अपने छोटे भाई को बेच दिया है, अतः पिता अनुचित कर्म करनेवाले हैं. धनपालने पिता को अपने से पृथक् कर दिया और वह (धनपाल) गुस्से में आकर सोचने लगा कि जैनमुनियोंका मुंह देखने लायक नहीं है, ये कहां कहां से आकर संयम और शमके बहानेसे स्त्री तथा बालकों को ठग लेते हैं, दीक्षाधारी शूद्र हैं, इनका पाखंड बडा अद्भुत है. राजाको कह कर अब इस प्रदेश में इनका आना जाना रोक देना जरूरी है. धनपालने जैनमुनियों पर कोपाविष्ट होकर 'जैनमुनि बनकर शोभन चला गया' इत्यादि जो वात बनी थी राजा भोज को कह दी. तब राजा भोजने अपने राज्यमें बारह वर्ष तक जैनमुनियों का आनाजाना निषिद्ध घोषित Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कर दिया और तबसे सारे मालवे में किसी भी (श्रीपीताम्बरदर्शनम् ) पीले कपडेवाले मुनि का विहार नहीं हुआ. जब आचार्य महेन्द्रसूरि गुजरातमें थे तब धारानगरी के श्रीसंघने धारानगरी में जैनमुनियों के खिलाफ जो कार्रवाई हुई थी वह उन्हें विदित की और मालवे में पधारने की विनंति की. आचार्यने अपने शिष्य शोभनमुनिको अच्छी रीतिसे पढाया, लिखाया और वाचनाचार्य बना दिया. अवंती के अर्थात् धारानगरी के संघकी धारा में आनेकी विनंति सुनकर शोभनमुनिने वहां जानेका विचार किया और अपने निमित्तसे जो बखेडा हुआ है उसको उपशांत करनेका तथा अपने बडे भाई धनपालको भी प्रतिबोध करनेका संकल्प अपने गुरु को विदित किया. बादमें श्रीमहेंद्रसूरिजीने गीतार्थ मुनियों के साथ वाचनाचार्य शोभनमुनिको धारानगरीकी तरफ विहार करने की आज्ञा दी. ____ श्री शोभनमुनि आदि मुनिमंडल अणहिल्लपुरसे ग्रामानुग्राम विहार करते करते एक दिन धारानगरी को पहुँच गए. उचित समय को देख कर एक दिन शोभनमुनिने अपने साथके मुनियों को धनपाल के घर पर भिक्षा के लिए भेजा. मुनियोंने धनपाल के घर जाकर 'धर्मलाभ ' ऐसा कहकर भिक्षा मांगी. धनपाल की स्त्रीने कहा 'सरस्यस्ति' अर्थात् धर्मलाभ तो तालाव में है। तब शरीर पर तेलकी मालिश कर के स्नान के लिए उद्यत ऐसे धनपालने कहा कि घरमें आये हुए अर्थिको कुछ न कुछ देना चाहिए, यदि ये खाली हाथ चले जाएंगे तो बडा अधर्म होगा अतः इनको थोड़ा दहीं दो. तब धनपाल की स्त्री उषितान्नम्-वासी-ठंडा-अन्न लाई. मुनियोंने अन्न को ले लिया, फिर वह दहीं लाई तब मुनियोंने पूछा कि यह दहीं कितने दिनका Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ है ? तब स्त्रीने कहा कि क्या इस दहीं में जीव पडे हैं ? यह दहीं तीन दिनका है, लेना है तो ले लो अन्यथा चले जाओ. मुनियोंने कहा कि ऐसा पूछना हमारा आचार है, इससे आप नाराज क्यों होती हैं ? यह सब वातचीत सुनकर धनपाल पंडितने कहा कि यदि आप इस दहीं में पडे हुए जीवों को बता देवें तब आपका वचन निर्दोष एवं सत्य माना जाय. तब मुनियोंने दहीं में अलते की गोली डलवाई. तब दही का रंग बदल जाने से उस के अंदर जो छोटे छोटे जंतु उत्पन्न हो गए थे वे प्रत्यक्ष दीख पड़ने लगे. यों दहीं सफेद था और उस के अंदर उत्पन्न हुए छोटे जंतु भी दही के समान रंग के थे, अतएव नहीं दीख पडते थे। जब दही का रंग बदलने के लिए उसमें दूसरी वस्तु डलवाई तब वे जंतु दहीं में चलते से साफ साफ दिखाई देने लगे. ___महाकवि धनपाल इन जंतुओं को देख कर अचंभे में आ गया और ' दहीं कितने दिनका है ? ' इस प्रकारका मुनियों का प्रश्न समुचित ही थाऐसा विचार उनके मन में आया तथा मुनि-जैन मुनि किस कदर वा किस हद तक दया-अहिंसा-का विचार करते हैं, किसी भी छोटे मोटे जीवकी रक्षा के लिए वे कितने सावधान रहते हैं और अपनी संयमयात्रा वे इस तरह चलाते हैं जिससे किसी भी प्राणी की हिंसा न हो, अपना मन चंचल न हो, इंद्रियाँ भी अपने वश में ही रहे जिससे रागद्वेषके परिणाम धीरे धीरे क्षीण होकर समवृत्ति बनी रहे. इस प्रकार विचार करते करते उसके मन में जैन धर्म संमत दयावृत्ति ठीक ऊँचने लगी और हिंसाप्रधान वैदिक कर्मकांड से उसका मन हटने लगा. फिर उसने भिक्षार्थ आए हुए मुनियों को पूछा कि आप लोग इस धारानगरी में कहांसे आए हैं ? आपके गुरु कौन हैं ? और आप इधर आकर कहां ठहरे हुए हैं ? Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मुनियोंने कहा कि हम गुजरात देश से आए हैं. हमारे गुरुका नाम शोभनमुनि है, जो आचार्य महेन्द्रसूरि के शिष्य हैं और हम इधर श्रीआदिनाथभगवानके मंदिरके पासके निर्दोष स्थानमें ठहरे हुए हैं. भिक्षा लेकर जब मुनि चले गए तब धनपाल भी अपने नित्य कर्मसे निवृत्त होकर भोजन कर बड़ी श्रद्धाके साथ भक्ति नम्र बन कर उन मुनियों के उपाश्रय में जाने को उद्यत हुआ. जब धनपाल महाकवि उपाश्रयमें पहुंचा तब अपने बडे बंधुको आते हुए देखकर शोभनमुनि उसके आदर के लिए खड़े हो गए, शोभन मुनिने अपने आसन के आधे भागमें अपने बड़े भाई को बडे स्नेहसे बैठाया. अब दोनों भाई एक दूसरेको देखकर प्रेमगद्गद हो गए. धनपालने कहा कि पूज्य तो तुमही हो, तुमने ही उत्तम ऐसे दयाप्रधान धर्मका स्वीकार किया है और इस धर्मका पालन भी बड़ी सावधानीसे संयमपूर्वक कर रहे हो. ऐसे दयाधर्मी मुनियों को धारानगरीसे निर्वासित करके मैंने बड़ा पापपुंज उपार्जित किया है. तुमने ऐसे अहिंसाप्रधान धर्मका स्वीकार करके अपने जीवन को सफल बनाया है । तुम धन्य हो और पिताजी सर्वदेव भी धन्य हैं. मैं हिंसाप्रधान यज्ञयागादिको धर्मके रूपमें समझ कर उसीके कर्मकांड में आजतक फंस गया. परंतु अब मैं सच्चे अहिंसारूप धर्म को समझ सका हूं. तुम्हारे ये मुनि मेरे घर पर आज भिक्षा लेनेके लिए आए थे, मेरे मनमें जैनमुनियों के प्रति आदर नहीं था तो भी घर पर जो याचक आता है वह भिक्षा पाए बिना चला जाय यह मुझको बड़ा अनुचित लगता है, अतः मैंने गृहिणी को भिक्षा देनेको कहा. .. मेरी तरह उसको भी आदर नहीं था अतः वह ठंडा अन्न लाई और दहीं भी लाई. Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २३ मुनियोंने वह ठंडा अन्न तो ले लिया, मगर जब वे दहीं देने लगीं तब मुनियोंने पूछा कि - यह दहीं कितने दिनका है ? उसने खीज कर कहा कि क्या दहींमें भी जीव पड गए हैं ? पानी में तो पडनेकी बात जानती हूं. तब मुनियोंने बड़ी नम्रता से कहा कि बहिन ! बिना पूछे वा बिना जाने हम कोई चीज लेते नहीं हैं. हमारा आचार ही ऐसा है, इसमें खीजने की कोई जरूरत नहीं है. तीन दिनका दहीं होगा तो जैसे बिना छाने जलमें जीव होते दीखते हैं वैसे उस दहीं में भी जीव उत्पन्न हो जाते हैं और दिखाई भी देते हैं. तब मैंने कहा कि, एक तो मांग कर खाना और दहीं ताजा है या वासी है व कितने दिन का है ? ऐसा पूछना यह भिखमंगे को क्या उचित है ? मुनियोंने मेरे अनादर को नहीं गिन कर विनय भावसे जवाब दिया कि, हमारा धर्मकर्म सब अहिंसाप्रधान है - दयावृत्तिप्रधान है. हम कोई ऐसी चीज खानेको वा पहनने-ओढने को भी नहीं लेंगे जिसमें जीवों की हिंसा हो. हम भूखको सहन कर सकते हैं तथा शीतको भी अच्छी तरह सहन कर सकते हैं, परंतु जहां जीवोंकी हिंसा मालूम हो ऐसा कार्य मरणांत तक नहीं करते हैं. हमारा ऐसा ही आचार है. हमारे ज्ञानी अनुभवी ऐसे पूर्वपुरुषोंने बताया है कि तीन दिन के दहीं में जंतु उत्पन्न हो जाते हैं. अतः हमने ऐसा पूछा, इसमें 'दहीं ताजा है वा वासी है ? ' ऐसा कोई सवाल केवल स्वाद के लिए हमने नहीं किया है वा ऐसे सवाल केवल स्वादेन्द्रियके वश होकर हम कभी भी नहीं करते हैं और इस प्रकार स्वादेन्द्रियके वश होकर ऐसे सवाल करना हमारा आचार भी नहीं है. तब मैंने ( धनपालने ) कहा कि सचमुच ऐसा ही है तो आप दहीं में जो कीडे पैदा हुए हैं उन्हें मुझको प्रत्यक्ष बताइए, केवल श्रद्धासे मैं माननेवाला नहीं हूं. तब मुनियोंने कहा कि दहीं श्वेत जैसा प्रायः होता है और तीन Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४ दिनके दहींमें जो जीव उत्पन्न होते हैं वे भी श्वेतसे प्रायः होते हैं. अतएव दहीं का रंग विना बदले वे दीख नहीं सकते. तो आप इस दहींमें थोडास अलता डाल दीजिए, जिससे इसका रंग थोडा बदल जायगा, तब आप देखेंगे तो इसमें चलते हुए कीडे नजर में आवेंगे. फिर मैंने ( धनपालने) अलता मंगाकर दहीं में डलवाया तो जो बात मुनियोंने कही वह बराबर सही मालूम पडी: दहींमें चलते हुए कीडे को मैं प्रत्यक्ष देख सका. तब मेरे ( धनपालके ) मनमें मुनियों की दयावृत्ति का और उनके अहिंसाप्रधान धर्मका सच्चा ख्याल आया तथा जिस धर्मका आचरण मैं अभी कर रहा हूं इस हिंसाप्रधान यज्ञ यागादिक कर्मकांडमय वैदिक धर्मका भी बराबर ख्याल आया. दोनों धर्मोकी जब मैंने बुद्धिपूर्वक तुलना की, विश्लेषणा की, तब मुझको आपके इस अहिंसाप्रधान धर्मपर प्रीति हुई, विश्वास हुआ और धर्मविषयक मेरी परंपरागत गलती समझमें आ गई. अतः हे मुनिराज ! मैं धर्मके विषयमें आपकी शरण चाहता हूं और आज से मैं जैनधर्मका स्वीकार करता हूं. इस प्रकार गदगद बोलते हुए धनपालने शोभनमुनि द्वारा जैनधर्मको स्वीकार किया और तबसे वह यावज्जीवन जैनधर्मपरायण बन गया. उसने श्रावक धर्मका स्वीकार किया और अंतकालमें जैन धर्ममें जिस प्रकार संलेखना विधि बताई है इस प्रकार संलेखना विधिसे मरण पाकर धनपाल सद्गतिका भागी हुआ. [जब मरण समय नज़दीक मालूम होता है तब व्रतधारी श्रावक वा मुनि अपने गुरुकी शरण लेकर तीर्थंकर भगवंत को नमस्कार करके अपनी सब बाह्य प्रवृत्तियों को छोड़ देते हैं और अपने घरके कोई कर वा उपाश्रयमें जा कर ऐसा नियम लेते हैं कि अब मैं मरण तक सिर्फ अ पध्यानमें स्थिर रहूंगा, खानपानका सर्वथा त्याग कर दूंगा और मनसा एकांत स्थानमें जा Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २५ वचसा तथा कर्मणा किसी प्रकार के दुःसंकल्प, दुर्वचन और दुर्व्यापार को नहीं करूंगा. ऐसा निश्चय करके श्रावक व मुनि एक आसनमें स्थिर होकर जीवनांत तक धर्मध्यानमें बैठे रहते हैं वा अशक्त हो तो दर्भके बिछौने पर सो रहते हैं और अपनी क्रोध मान माया लोभ वगैरह दुर्वृत्तियोंको श्रीण, क्षीणतर, क्षीणतम करनेके लिए देहद्वारा कठोर तप भी करते रहते हैं. इसका नाम मरणांतसंलेखना विधि है. ] इस प्रबंध से नीचेकी बातें फलित होती है. १. धनपाल जन्मसे ब्राह्मण था और जैनधर्मके प्रति नफरत करता था. वह सरलस्वभावी था तथा सदाचरण का जिज्ञासु रहा अतः दहींमें जीव होनेकी बात सुनते ही उसकी अहिंसाविषयक जिज्ञासा तेज हुई और वह जैन श्रावक बन गया. गुप्तकाल अहिनकुलम की तरह श्रमण-ब्राह्मणम् इस प्रकारकी कहावत चली आई है, फिर भी जैनपरंपरामें प्रथम गणधर इन्द्रभूति गौतम से लेकर जो बडे बडे दिग्गज महावादी और आध्यात्मिकवृत्तिप्रधान आचार्य हुए हैं वे प्रायः जन्मजात ब्राह्मण हुए हैं. ऐसा अनुमान करना अनुचित न होगा कि प्राचीन ब्राह्मण कुलके संस्कारों में सरलता और सत्यान्वेषण वृत्ति उनमें विद्याप्रियता होने से अधिक सुलभ होगी । २. प्रबंधमें शोभनकी दीक्षा का जो प्रसंग आया है उससे मालूम होता है कि उस काल के जैनमुनि किसी भी बहाने से शिष्यप्रिय होते थे. संयमके लिए सच्चे वैराग्यके प्रति उपेक्षा हो गई थी. मंत्रतंत्र के प्रयोग करना आदर्श संयमीके लिए सर्वथा निषिद्ध होनेपर भी किसी भी प्रकार के बहानेको धार्मिकताका रूप देने में संकोच कम हो गया था. वर्तमान में भी इसी बातावरणकी प्रतिध्वनि जैनमुनियोंमें क्या नहीं दीख पडती है ? वर्तमान हमेशा भूतकालका प्रतिध्वनिरूप होता ही है. Y Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ___३. श्रीरामचंद्रकी तरह शोभन बडा पितृभक्त था ऐसा मालूम होता है अथवा वह भोलाभाला इतनी छोटी उम्रका लडका होगा कि जिस उम्रमें भक्ति व प्रीति विशेषतः टिकी रहती है. ४. धनपालके समयमें वैदिकपरंपरा का कर्मकांड इस प्रकार चलता होगाः " स्पर्शोऽमेध्यभुजां गवामघहरः वन्द्या विसंज्ञा द्रुमाः स्वर्ग छागवधात् हिनोति च पितॄन् विप्रोपभुक्ताशनम् । आप्ताः छमपराः सुराः शिखिहुतं प्रीणाति देवान् हविः स्फीतं फल्गु च वल्गु च श्रुतिगिरां को वेत्ति लीलायितम् ? ॥ __ -(प्रभावक चरित्र पृ० २३२, महेन्द्रसूरि प्रबन्ध श्लो. १३४) अपवित्र पदार्थोंको खानेवाली गौओंका स्पर्श पापहर माना जाता है, जड प वृक्ष वंद्य माने जाते हैं, बकरेकी बलि देनेसे स्वर्गप्राप्ति समझी जाती है, ब्राह्मण लोगोंका किया हुआ भोजन, जिनकी विद्यमानताका व स्थानका पता तक नहीं मालूम है ऐसे पितृलोक तक पहुंच जाता है ( मानो ब्राह्मणलोग एक तरह के पोस्ट ओफिसरूप हैं जो विना पतेके सामानको भी पहुंचा सकते हैं) अग्निमें डाला गया घी वगैरह हविष देवोंको प्रसन्न करता हैये सब अनुष्ठान वैदिक परंपरामें चल रहे हैं- वैदिक वाणीकी लीलाको कौन जान सका है ? ५. धनपालकी सत्यवादिता और निःस्पृहताः धनपाल धारानगरीके राजा भोजकी सभाका प्रमुख कवि था, राजसम्मानित था तथापि वह वडा सत्यवादी और निःस्पृह था. देखिए:___ एक दफा जब राजा शिकारके लिए चला तब कवि धनपाल को भी साथमें ले चला. राजाने एक बडे वराहको जब एक ही बाणसे वींधा और वह वराह जब घरर घरर आवाज करता हुआ गिर पड़ा तब साथमें आए Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हुए अन्य कवियोंने राजाके असाधारण बलकी प्रशंसा की, तब राजाकी दृष्टि धनपाल पर भी गई कि वह भी इस प्रसंग का थोडा बहुत वर्णन करे. धनपालने शीघ्र ही निःसंकोच कह दिया कि"रसातलं यातु यदत्र पौरुषं क नीतिरेषाऽशरणो ह्यदोषवान् । निहन्यते यद् बलिनाऽपि निर्बलो हहा महाकष्टमराजकं जगत् " ॥ अर्थात् “ महाराज ! तुम्हारा यह बल रसातलमें जाए. जो शरणहीन है और निर्दोष है वह मारा जाता है. क्या यह भी कोई नीति है. बलवान द्वारा निर्बलका मारा जाना तो सरासर अन्याय ही है. हाय, क्या किया जाय ? जगत् अराजक बन गया है, यह बडा कष्ट है”। राजाने चुपचाप सुन लिया. फिर एक दूसरा भी प्रसंग ऐसा ही आ गयाः राजाने दूसरे किसी प्रसंग पर कविसे कहा कि कोई अच्छी जैनकथा हो तो हमको सुनाओ। तब धनपालने बारह हजार श्लोकप्रमाणं गद्यप्रचुर रसमय ऐसी तिलकमंजरी नामकी एक जैनकथाकी रचना की। जब कथा गूंथी जाती थी तब पुत्री उसको सुन लेती थी वा पढ़ लेती थी। एक बार पुत्रीने कविसे पूछा कि पिताजी, क्या अब वह कथा पूरी बन गई ? कथा पूरी बन चुकी थी। बादमें जैनशास्त्रके विरुद्ध ऐसी कोई बात कथामें अनजानसे न आगई हो, इसका निर्णय करके कथाको शुद्ध करने के लिए कविने अपने असाधारण सम्माननीय वादिवेताल श्रीशांतिसूरिको धारामें आनेके लिए आमंत्रण भेजा, उन्होंने आकर कथाको शुद्ध बना दिया, फिर कविने राजाको कथा सुनाना आरंभ किया। कथामें मुख्य चार वस्तुएं थीं- अयोध्या नगरी, भगवान् वृषभदेव आदि तीर्थकर, शक्रावतार तीर्थ और नायक रूप श्रीमेघवाहन नृपति. Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - राजा सारी कथाको बड़े चावसे बहुत दिनों तक सुनता रहा । जब पूरी सुन ली तब राजाने कविसे प्रार्थना की कि कथा तो बडी ही मनोहर हुई है परंतु मेरी इच्छा है कि आप इस कथामें ऐसा क्यों न परिवर्तन कर दें कि जहां अयोध्या है वहां धारा नगरी कर दें, जहां भगवान् वृषभदेव हैं वहां वृषभध्वज महाकालका नाम बना दें, जहां शक्रावतार तीर्थ है वहां महाकाल तीर्थका उल्लेख कर दें और जहां नायक मेघवाहन नृपतिका नाम है वहां राजा भोज का नाम रख दें. . भोजकी यह बात सुनते ही कविने चटसे स्पष्ट कह दिया कि महाराज! कोई पवित्र श्रोत्रिय ब्राह्मण के हाथमें दूधभरा कटोरा हो और उसमें मद्य का एक बिंदु भी गिर जाय तो जिस प्रकार वह दूध अपेय बन जाय, ठीक इसी प्रकार आपके सूचित परिवर्तनसे यह कथा अपवित्र हो जायभ्रष्ट बन जाय, ऐसा मुझे स्पष्ट प्रतीत होता है अतः मैं कभी भी ऐसा परिवर्तन नहीं कर सकता। कविकी इस अत्यंत स्पष्ट निर्भय वाणीको सुनते ही राजा कोपाविष्ट हो गया और उसने उस कथाकी पुस्तकको जलते हुए अंगारोंसे भरी हुई अंगिठीमें डाल दिया। यह देखकर धनपाल कवि उठ खडा हुआ अब और 'फिर मैं इधर कभी नहीं आऊंगा' ऐसा राजासे कहते हुए उद्विग्न होकर अपने घरकी तरफ चल पड़ा, कविको बड़ा खेद हुआ। घर जाकर भी वह स्नान, देवार्चन, भोजन इत्यादि नित्य कर्म भी न कर सका, किसीसे कोई बात भी नहीं की और चिंतामग्न होकर औंधा मुंह करके बिना बिछौनेके जमीन पर पड़ा रहने लगा। चिंतासे उसकी निद्रा भी चली गई। कविकी ऐसी परिस्थितिको देख कर उसकी नौ वरसकी पुत्रीने अपने Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पितासे चिंताका कारण पूछा । तब कविने ‘राजाने कथाकी सारी पोथी जला दी' इत्यादि घटी घटना सुनाई । तब पुत्रीने झट कहा कि आप चिंता न करें, मैंने वह कथा जितनी सुनी है उतनी सारी कथा मुझे बराबर अक्षरशः याद है । आप अब चिंताको छोड़ दें और झटपट उठकर स्नानादि कार्य कर लें और मेरे मुखसे उस सारी कथा को सुनकर फिर लिख लें। _अपनी पुत्रीकी बात सुनकर कवि बड़ा ही प्रसन्न हुआ और फिरसे वह कथा पुत्रीने जितनी सुनी थी सारी लिखवा दी। प्रबंधकार कहता है कि मूल कथा बारह हजार श्लोक प्रमाण थी, उसमें से नौ हजार प्रमाण बराबर लिखी गई और शेष तीन हजार प्रमाण कथा पुत्रीने नहीं सुनी थी उतनी नयी रच डाली. इस प्रकार कथा का नया अवतार हो गया और ऐसा भी कहा जाता है कि पुत्रीके नामसे कथाका नाम तिलकमंजरी रखा गया। उक्त इन दोनों वृत्तांतोंसे कविमें सत्यप्रियताके कठोर व्रत की तथा निःस्पृह वृत्तिकी भी स्पष्ट झलक मालूम होती है। और उसकी नौ वर्षकी पुत्रीका शिक्षण भी कितना उत्तम कोटिका था यह भी स्पष्ट दीखता है। धन्य है धनपालके कुल और कुटुंबको । ६. कविके प्रबंधसे मालूम होता है कि जब राजाने कविका अनादर किया तब वह धारासे पश्चिमकी ओर सत्यपुर (साचोर जि० जोधपुर ) में चला गया। वहां भगवंत महावीरस्वामीका पुराना एक बड़ा चैत्य-मंदिरथा । कविने वहां रह कर भगवंत महावीरकी आराधनामें मन लगा दिया और सत्यपुरीय महावीर स्वामीकी एक बड़ी उत्तम काव्यमय विरोधाभासअलंकारसंयुक्त स्तुति प्राकृतभाषामें रच डाली। प्रबंधकार कहता है कि उस स्तुतिका आरंभ इस प्रकार है:- 'देव निम्मल' इत्यादि। .. __वर्तमानमें जो यह स्तुति प्रकाशित की गई है उसमें आदिभाग इस प्रकार है: Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ “ निम्मलणहे वि अणहे जिणाण चलणुप्पले पणमिऊण । वीरमविरुद्धवयणं थुणामि स-विरु द्धवयणमहं" ॥ १॥ तथा अंतभागका पद्य इस प्रकार है :-- -. "इय सयलसिरिनिबंधण पालय पञ्चल तिलोअलोअस्स ।। भव मज्झ सया मज्झत्थगोयरे संथुइगिराणं" ॥ ३० ॥ इस अंतिम पद्यमें 'धण पालय' शब्द द्वारा कविने अपना नाम भी सूचित किया है। ___ इन तीस पद्योंकी सारी स्तुति संपूर्णरूपमें जैनसाहित्यसंशोधकके तीसरे खंड के तीसरे अंकमें छपी हुई है। वहां उसका संपादन और सारा स्पष्टीकरण इसी लेखकने किया है। . ७. प्रबंधकारने लिखा है कि कवि धनपालने अपने धनका सात क्षेत्रोंके उद्धारार्थ उपयोग किया। श्रावक, श्राविका, साधु, साध्वी, जिनचैत्य, जिनबिंब और शास्त्र, ये सात क्षेत्र जैनपरंपरामें प्रसिद्ध हैं। कविने एक बड़ा प्रासाद-जैनप्रासाद बनवाया और उसमें अपने आचार्य महेन्द्रसूरि द्वारा श्रीऋषभदेव भगवानकी प्रतिमाकी प्रतिष्ठा करवाई. श्रीऋषभदेव भगवानकी स्तुति करते हुए कविने श्रीरिषभपञ्चाशिका नामकी पचीस पद्योंमें एक प्राकृत भाषामय स्तुति बनाई। उसका आरंभ इस प्रकार है: “ जय जंतुकप्पपायव" इत्यादि । यह स्तुति निर्णयसागर प्रेससे छप चुकी है। ८ कविने अपनी मातृभाषामें 'सत्यपुरीय श्री महावीर उत्साह' नामकी पेंतीस पद्यमय एक और भी स्तुति बनाई है । यह स्तुति जैनसाहित्यसंशोधकके उक्त अंकमें संपादक महाशयने सविवेचन मूलपाठके साथ प्रकाशित की है। इस स्तुतिसे मालूम होता है कि कवि कोरंटक, श्रीमालदेश, धार, आहाड(आघाट ? आग्रा ? ) नराणा, अणहिलवाड़ पाटण, विजयकोट और पालीताणा Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३१ ऐसे सब स्थलोंकी यात्राको गए हुए थे, क्योंकि उक्त ' उत्साह' नामकी स्तुति में कविने स्पष्ट सूचित किया है कि “ पिक्खिवि ताव बहुत ठाम " अर्थात् इन सब स्थानोंको देखकर प्रतीत हुआ कि जैसी भगवंत महावीर की मूर्ति साचोर में है, वैसी लावण्यमयी मूर्ति और किसी जगह नहीं है । इस 'उत्साह' में कविने अणहिलपुर, सोरठ, सोमनाथ, चंद्रावती, श्रीमालदेशके तीर्थ देलवाडा वगैरह तीर्थोंमें तुर्कों द्वारा जो मूर्तियों का भंजन हुआ है उसका अतिस्पष्ट उल्लेख किया है । संवत् १०८१ में महम्मूद गिजनीद्वारा किये गये मूर्तिभंजन को यह उल्लेख सूचित करता है। और यह बात जिनप्रभसूरिरचित तीर्थंकल्पसे समर्थित होती है। तीर्थकल्पमें सत्यपुर तीर्थ का भी एक कल्प है. ९ धनपालकी उम्र मर्यादा पाइअलच्छी नाममाला १०२९ में बनाई । १०८१ में जो मूर्तिभंजन हुआ धनपाल भी उल्लेख ‘उत्साह' में किया है, अतः जब पाइअलच्छी ० बनाई तब उसका की उम्र करीब बीस वरसकी मानी जाय तो भी 'उत्साह' बनाने के समय उसकी उम्रका अंदाज बहत्तर वरसका किया जा सकता है। संभव है कि 'उत्साह' बनाने के बाद दस-बीस बरस तक अधिक कविका जीवन रहा हो । तो उसकी ब्याशी अथवा बयानब्बे सालकी उम्र असंभव नहीं. 'उत्साह' में कविने अपना नाम दो दफे इस प्रकार स्पष्ट दिया है“ एकजीह धनपालु भणइ " ( एकजिह्नः धनपालो भणति ) तथा “ तइ तुट्ठइ धनपालु " ( त्वयि तुष्टे धनपाल : ) 'उत्साह' जिन पन्नोमें लिखा गया है वे संवत् १३५७-५८ में लिखे गए हैं अर्थात् 'उत्साह' के पन्ने इतने प्राचीन हैं । १० धारामें धनपाल का पुनरागमन और अपने वतनकी प्रतिष्ठा की दृष्टि Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३२ जैसे वर्तमान में कई राजा अपने पास ऐसे ऐसे मल्ल रखते हैं कि बाहरके कोई भी मल्ल इनकी पराजय नहीं कर सकते थे अर्थात् राजालोग मल्लोंकी एक सभासी संस्था जमाकर रखते हैं, ठीक उसी प्रकार पुराने जमानेमें बड़े बड़े राजाओंके पास बड़े बड़े पंडित रहते थे, उनकी खास करके अपराजित ऐसी एक पंडितसभा होती थी । इसमें ऐसे ऐसे पंडित रहते थे, जिनकी पराजय बाहरके कोई भी पंडित नहीं कर सकते थे । एक समय भोज की राजसभामें बाहरका दिविजयी एक धर्म नामका कौल तंत्र मत का महाकवि पंडित आया और उसने भोजकी सभामें आकर कहा कि " आचार्योऽहं कविरहमहं वादिराट् पण्डितोऽहम् दैवज्ञोऽहं भिषगहमहं मान्त्रिकस्तान्त्रिकोऽहम् । राजन्नस्यां जलधिपरिखामेखलाया मिलायाम् आज्ञासिद्धः किमिह बहुना सिद्धसारस्वतोऽहम् " ॥ २६३ ॥ - ( प्रभावकचरित्र पृ० २४१ ) अर्थात् “ मैं आचार्य हूं, कवि हूं, वादिराज हूं, बड़ा पंडित हूं, ज्योतिषी हूं, वैद्य हूं, मांत्रिक हूं और तांत्रिक भी मैं हूं । हे राजन् ! इस समुद्र वेष्टित सारे भूमंडलमें मैं आज्ञासिद्ध हूं अर्थात् मैं चाहूँ सो कर सकता हूं, अधिक क्या कहना ? मैं सिद्धसारस्वत हूं अर्थात् सरस्वती मेरे वश में है । "" इस पंडितकी ऐसी घटाटोपमय वाणी सुनकर राजा भोजकी सभाके सब पंडित घबड़ा गये और राजा भोजकी राजकीय पंडित सभा निष्प्रतिभ सी बन गई। आए हुए पंडितको बिना जीते भोजकी पंडितसभाकी प्रतिष्ठा नहीं रह सकती। तब भोजने धनपालको बुलानेका विचार किया । परंतु भोजको याद आया कि जिस कविका मैंने भयंकर अपमान किया है वह मेरी सभामें फिर कैसे आ सकता है ? Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भोज को मालूम हुआ कि कवि धनपाल इस समय साचोरमें है. भोज के भेजे हुए विश्वासपात्र पुरुष धनपालको बुलाने के लिए साचोरमें पहुंचे. उन्होंने धनपालको भोज का संदेश वैनयिकी भाषा द्वारा सुनाया. तब धनपालने कहा कि अब मैं इधर रहकर भगवान महावीर की सेवामें लगा हुआ हूं और सभाके जयविजय इत्यादि खेदवर्धक झंझटो में मेरा मन नहीं लगता, मैं उससे उदासीन हो गया हूं, अतः नहीं आ सकता. इस बातको सुनकर राजा भोजको, अपनी प्रतिष्ठाकी तथा पंडित सभाकी भी प्रतिष्ठाकी बडी चिंता हुई. तब राजाने फिरसे अपने खास आदमियों को मेजकर कहलाया कि " श्रीमुञ्जस्य महीभर्तुः प्रतिपन्नसुतो भवान् । ज्येष्ठ; , अहं तु कनिष्ठोऽस्मि तत् किं गण्यं लघोर्वचः ॥२७०॥ पुरा ज्यायान् महाराजः त्वामुत्सङ्गोपवेशितम् । प्राहेति विरुदं तेऽस्तु श्रीकूर्चालसरस्वती ॥२७१।। त्यक्त्वा वयं त्वया वृद्धा राज्यमाप्ताश्च भाग्यतः । जये पराजये वाऽपि-अवन्तिदेशः स्थलं तव ॥२७२॥ ततो मत्प्रियहेतोः त्वमागच्छ गच्छ माऽथवा । जित्वा धारां त्वयं कौलः परदेशी प्रयास्यति ॥२७३॥ तत् ते रूपं विरूपं वा जानासि स्वयमेव तत् । अतः परं प्रवक्तुं न साम्प्रतं नहि बुध्यते ॥२७४॥ प्राकृतोऽपि स्वयं ज्ञानं कुरुते नेतरत् पुनः । किं पुनस्त्वं महाविद्वान् तद् यथारुचितं कुरु ॥२७५।। धनपाल इति श्रुत्वा स्वभूमेः पक्षपाततः । तरसाऽगात् ततो ज्ञात्वा राजाभिमुखमागतम् ॥२७६॥ दृष्टं च पादचारेण भूपं संगम्य धीनिधिम् । दृढमाश्लिष्य चावादीत् क्षमस्वाविनयं मम ॥२७॥ Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ धनपालस्ततः साश्रुरवादीत् ब्राह्मणोऽप्यहम् । निःस्पृहो जैनलिङ्गश्चावश्यं तद्वतसस्पृहः ॥२७८॥ भवेद् मानाऽपमानो हि नादासीनचेतसि ॥२७९।। त्वयि जीवति भोजस्य सभा यत् परिभूयते ॥२८०॥ पराभवस्तवैवाऽयम् इति श्रुत्वा कृतिप्रभुः । प्राह मा खिद्यताम् , भिक्षुः अक्लेशात् जेष्यते प्रगे" ॥२८१॥. -(प्रभावकचरित्र पृ० २४१-२४२) अर्थात् धनपालको भोज कहता है कि " महाराजा मुंज के आप बडे पुत्र हैं, मैं छोटा पुत्र हूं, क्या इस छोटे पुत्रका वचन गण्य-मान्य हो सकता है ? पहिले बडे महाराजाने-मुंजने-अपनी गोदमें बैठा कर आपको 'दाढीवाली सरस्वती'-' कूर्चालसरस्वती' इस प्रकार विरुद दिया है. भाग्ययोगसे अब तुमने हमारा-हम बूढोका-तथा हमारे राज्यका त्याग कर दिया है. अवंतिदेश आपका है, अब उसकी पराजय हो वा जय हो इस बातको आप समझें. जिसकी आजतक किसीसे पराजय नहीं हो सकी ऐसी धारानगरीकी पंडितसभाकी पराजय करके यह कौलमतका तांत्रिक परदेशी पंडित कल चला जायगा. अब यह परिस्थिति आपके लिए अच्छी है वा विरूप-बुरी है यह बात आप स्वयं समझ लें. ___अब आपको इससे अधिक कहना मैं उचित नहीं जानता. सामान्य पुरुष भी इस बातको स्वयं समझ सकता है कि इस मौके पर तो जाना ही चाहिए-दूसरी बात नहीं हो सकती. आप तो बडे चतुर हैं, अतः जैसा उचित समझें करें. Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३५ राजा भोज द्वारा आए हुए पुरुषोंसे इस बातको सुनकर धनपाल अपने वतनके पक्षपातसे तुरंत धारानगरी तरफ जानेको तैयार हो गया और राजा भोजके दरबारमें आ पहुंचा. जब राजा भोजने कवि धनपाल को अपने सामने आते हुए देखा तब राजा स्वयं खडे होकर उसको लेनेके लिए चलकर के उसके सामने गया और उस धीनिधि धनपाल कविसे खूब स्नेहसे भेंट करके राजा बोला कि मेरे अविनयको क्षमा करें. तब धनपालकी आंखों में आंसू आ गएं और कवि बोला कि मैं ब्राह्मण हूं तो भी निःस्पृह हूं तथा जैनधर्मकी आराधना कर रहा हूं. अब मैं इन राजसभाकी झंझटोसे मान वा अपमानसे उदासीन हो गया हूं. अतः मेरे चित्तमें इनका कोई असर नहीं हैं. फिर राजाने कहा कि आपमें ऐसी उदासीनता आ गई है सो तो ठीक है, परंतु आपके जीते जी भोजकी सभाकी पराजय कैसे हो सकती है ? भोजकी सभाकी पराजय मानो आपकी ही पराजय है - तब कविने राजाको कहा कि महाराज ! आप खेद न करें, उस कौल भिक्षुका कल प्रातःकालमें ही पराजय हो जायगा. "" ११ कविका संमान राजा मुंजने धनपालको 'कूर्चाल सरस्वती' तथा 'सिद्ध सारस्वत' ऐसे दो बिरुद दिए थे. इस बातका निर्देश प्रबंध में है. १२ लंकामें पहुंचने के लिए हनुमानने जो सेतु बांधा था, उस पर कोई पुरानी प्रशस्ति थी, ऐसा उल्लेख प्रबंध में है. उस प्रशस्तिको लेनेके लिए राजा भोजने अपने कुशल आदमियों को लंकामें भेजा था. प्रबंधमें लिखा है कि प्रशस्ति श्रीहनुमानकी बनाई हुई थी. जिन आदमियोंको प्रशस्ति लेनेके लिए भेजा गया था वे तैरने में बड़े कुशल थे, तथा समुद्रमें जाने पर उन्हें आँखोंसे बराबर सव कुछ दिखाई Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३६ दे इस हेतुसे उन्होंने अपनी आँखोंमें मछलियों की चरबी का अंजन लगाया था, प्रशस्तिको प्रतिलिपि लेनेके लिए उन्होंने अपने पास मोम की स्लेटपाटी - - रक्खी थी, मोम की स्लेट द्वारा शिलालिपिकी प्रतिछाप बराबर आ सकती थी अर्थात् रबिंग ( Rubbing ) ठीक हो सकता था. इन मोम की स्लेटोंसे रबिंग करके उस रबिंग की नकल करनेके लिए दूसरी तेल लगी हुई पट्टिकाओं को भी वे साथ ले गए थे, क्यों कि लिए हुए रबिंग तेलकी उन पट्टिकाओं के ऊपर बराबर आ सकते थे. प्रबंधोक्त इस बातसे मालूम होता है कि सेतुके ऊपर जरूर कोई प्रशस्ति थी और उसके प्रणेता स्वयं हनुमान थे. प्रबंध में प्रशस्ति के खंडित पद्य भी दिए है. इनको मैं यहां नहीं उद्धृत करता. अधिक जिज्ञासु लोग इस बात को समझने के लिए प्रभावकचरित्र पृ० २३४ -- २३५ श्लो० १७१ से १८० तक देख लेवें. उन खंडित प्रशस्तिके पद्योंकी पूर्ति राजाको संतोष हो इस प्रकार अन्य कवि नहीं सर सके परंतु धनपाल कविने उन पद्योंकी समस्यापूर्ति करके राजा भोज को संतुष्ट किया था, इतना ही सूचन करनेके लिए यह उल्लेख इधर दिया गया है. १३ धनपालका छोटा भाई शोभनमुनि भी अच्छा कवि था, उसने 'शोभनस्तुति' नाम की स्तुतिमाला बनाइ है जो चौवीस तीर्थंकरों की स्तुतिरूप है तथा यमकालंकार युक्त गभीर अर्थ सहित है. उस स्तुति पर विवेचनरूप वृत्ति महाकवि धनपालने बनाई है. १४ धनपालने तिलकमंजरी नाम की जो कथा रची है उसमें बहुत से पुराने जैन तथा अजैन सब कवियों का सादर स्मरण किया है. सबसे पहिले भगवंत महावीर के प्रथम गणधर इन्द्रभूतिको सविनय याद किया है. बादमें महाकवि तथा आदिकवि वाल्मीकि ओर व्यास, प्रवरसेन, तरंगवतीके कर्ता पालिस (जैन), जीवदेव (जैन), कालिदास, बाण, माघ, भारवि, समरादित्य Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૨૭ कथाकार हरिभद्र (जैन), भवभूति, वाक्पतिराज, भद्रकीर्ति अपरनाम बप्पभट्टि (जैन), यायावर राजशेखर, महेन्द्रसूरि जैन-- ( धनपालके धर्मगुरु ) रुद्र और कर्दमराज, इन सब कवियोंका सादर स्मरण किया है, उसमें कवि कालिदास का स्मरण करते हुए कवि धनपालने कवि कालिदास को ' आसन्नवर्तिना ' ऐसा विशेषण दिया है, इससे मालूम होता है कि कवि कालिदास धनपालका पूर्ववर्ती होनेपर भी आसन्नवर्ती था. धनपालके इस उल्लेखसे कालिदासके समय पर जरूर संशोधनीय दृष्टिकोण से विचार करना आवश्यक है । आसनवर्ती अर्थात् धनपालसे सो दोसौ वरस पहिले हो इतना संभवनीय है. ज्यादह पूर्ववर्ती को कोई 'आसन्नवर्ती' ऐसा विशेषण नहीं दे सकता. १५ कवि विरचित ग्रंथ १ पाइअलच्छी नाममाला २ श्रीरिषभपंचाशिका - बृहट्टिप्पनिका नामकी प्राचीन जैन ग्रंथसूची में इसका नाम 'धनपालपंचाशिका' लिखा है तथा प्रभानंदसूरिने इस पर वृत्ति बनाई है ऐसा भी सूचन किया है. ३ श्री सत्यपुरीय महावीर उत्साह ४ महावीरस्तुति ( विरोधाभास अलंकार सहित ) - महावीरस्तुतिका नाम बृहद्विप्पनिकामें ‘वीरस्तव' लिखा है तथा 'निम्मलगहे ' पदसे स्तुतिका प्रारंभ बताया है और सुराचार्यने इस पर वृत्ति बनाई है ऐसा भी लिखा है. ५ तिलकमंजरी ( इस ग्रंथके ऊपर कवि के परमस्नेही श्री वादिवेतालशांतिसूरिने पंजिका बनाई है ) धनपालकी रची हुई यह कथा चंपूरूप वर्णनप्रधान है, तथा शान्त्याचार्यने इस पर टिप्पन, लघु धनपालने तिलकमंजरीसारोद्धार बनाया है ऐसा बृहट्टप्पनिका में लिखा है. ६ शोभनमुनि कृत शोभनस्तुति के ऊपर वृत्ति | इतने ग्रंथ श्री धनपाल महाकवि के बनाए हुए विद्यमान हैं. Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .. आचार्य हेमचंद्रने अपने 'अभिधानचिंतामणि' नामके कोश की स्वोपज्ञवृत्ति में "व्युत्पत्तिर्धनपालतः” ऐसा स्पष्ट निर्देश प्रारंभमें ही किया है. इससे ऐसा मालूम होता है कि धनपालने व्युत्पत्ति के संबंधमें कोश जैसा कोई ग्रंथ बनाया हो. इस संबंधमें श्रीविक्रमविजयमुनि (श्रीमद्विजयलब्धिसूरि शिष्य) लिखते हैं कि “तेमणे १८०० श्लोकप्रमाण संस्कृतभाषानो कोष बनाव्यानो उल्लेख मळे छे” इत्यादि-(केसरबाई जैन ज्ञानमंदिर प्रकाशित पाइअलच्छीनाममाला प्रस्तावना) अर्थात् ‘धनपालका बनाया हुआ कोई संस्कृत कोश है' ऐसा कोई उल्लेख उक्त मुनिश्रीने सूचित तो किया है परंतु वह उल्लेख किसने किया है, किस ग्रंथ में किया हैं ? इत्यादि कुछ भी सूचित नहीं किया है. अतः श्रीहेमचंद्राचार्य के उक्त उल्लेख से केवल एक ऐसी कल्पना होती है कि श्रीधनपालने कोई कोश भी बनाया हो. धनपाल इस प्रकारका महातेजस्वी, निःस्पृह, जैनधर्मका परमश्रद्धालु तथा असाधारणकोटिका पंडित था, श्रावक था. धनपाल जैसी प्रतिभा वर्तमानकालके श्रावकों में भी प्रकट हो यही अंतिम प्रार्थना. बेचरदास दोशी Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ महाकवि-धनपालविरचिता पाइअलच्छीनाममाला। १-नमिऊण परमपुरिसं पुरिमुत्तमनामिसंभवं देवं । बुच्छं 'पाइअलच्छि' ति नाममालं निसामेह ॥१ २-कमलोसणो सेयंभू पिआमहो चउमुंहो य परेमिट्ठी । थेरों विहीं विरिंचों पयोवई कमलजोणी य ॥२ ३-दक्खायणी भवाणी सेलमुआ पई उमा गोरी । अन्जा दुर्गा काली सिवा य कच्चायणी चंडी ॥३ ४-अको तरैणी मित्तो मत्तंडो दिर्णमणी पयंगो य । ___ अहिमयरो पच्चूहो दिअसेयरो असुंमाली य ॥४. ५-इंदै निसायरो ससैहरो विहूँ गहेंबई रयणिनाहो । मयलंछंणो हिमयरो रोहिणिरमणो सँसी चंदो" ||५ ६-धूमेद्धओ हुअवहो विहावस पावओ सिंही वर्गही। अगलो जर्लंणो डहेणो हुआसणो हैववाहो य ॥६ ७-मयरेद्धओ अणंगो रईणाहो वमहो कुसुमबाणो । कंदप्पो पंचसरो मर्यंणो संकप्पेजोणी य ॥७ • ८-मयरेहरो सिंधुवैई सिंधू रयणायरो सलिलरासी । पारावारो जलही तरंगमाली समुद्दो य ॥८ १ मंगल । २ जिस अर्थके सूचक जितने पर्याय शब्द हैं उसकी संख्याका अंक प्रत्येक शब्दके साथ लगाया गया है। २ ब्रह्मा १० । ३ पार्वती १२ । ४ सूर्य १०। ५ चन्द्र ११ । ६ अमि ११। ७ कामदेव ९ । ८ समुद्र ९ । Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९-पीले गओ मयंगलो मायंगो सिंधुरो करेणू य । दोघंटो दंती वारणो कैरी कुंजरो हत्थी ॥९ १०-अंबुरुहं सयवत्तं सरोरुहं पुंडेरीअं अरविंदं । राईवं तामरसं महुप्पलं पंकयं नलिणं ॥१० ११-फुल्लंधुआ रसाऊ भिंगा भसला य महुअरा अलिणो । इंदिदिरा दुरेही धुअगाया छप्पैंया भमरा ॥११ १२-रामा रंमणी सीमंतिणी वैह्र वामलोॲणा विलया। महिला जुवई अबेला निअंबिणी" अंगणा नौरी ॥१२ १३-सच्छंदा उद्दामा निरगला मुकला विसंखेलया। निरर्वग्महा य सईरा निरंकुसी हुँति अप्पवैसा ॥१३ १४-ॐइरं रोहे रॅम्म अहिरॊमं बंधुरं मणुजं च । लँढें कंतं सुहेयं मणोरेंमें चारु रमणिज्ज ॥१४ १५-मसिण सणिों मढे मदं अलसं जडं मरॉलं च । खेल निहुंअं सैईरं वीसत्थं मथैरं थि मिश्र ॥१५ १६-संधुकिअं उद्दीविअं उज्जॉलिअं पलीविरं जाण । संदुर्मिअं असिकि उन्भुत्तिअयं च तेविअं॥१६ १७-सयेराह नैवरि य दुत्ति इत्ति सहसत्ति इकसरिअं च । अविहाँविअं इक्कए अतेकिअं तक्षणं सहेसा ॥१७ १८-उप्पंको ओप्पीलो उकेरो पहर्यरो गणो पर्यरो। ओहो निर्वहो संघो संघाओ संहरो निरो॥१८ ९ हाथी १२ । १० कमल १०। ११ भ्रमर ११। १२ स्त्री १२ । १३ स्वच्छंदी स्त्री ९। १४ सुंदर १२ । १५ अलस १३ । १६ उद्दीपित ८ । १७ तत्क्षण ११ । १८ समूह १७ । Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संदो हो निरंबो भैरो निहओ समुंह-नामाई । *इत्ताहे गाहद्धेहिं वण्णिमो वत्थुपज्जाए ॥१९ १९-लोअंग्गं परमपयं मुंत्ती सिद्धी सिंवं च निवाणं । २०-सुद्धोअणी दसैबलो संको मुर्गओ जिणी बुद्धो ॥२० २१-सरी दसौरनाहो वईकुंठो महुँमहो उविंदो य । २२-मूली सिवो पिणाई थाणू गिरिसो भवो संभू ॥२१ २३-कुंचारी खंदी छमुंहो विसौहो गुंहो कुारो य । २४-अमरी तियसो वंदारया य विबुहा सुरों देवा ॥२२ २५-अखंडलो सुरवई पुरंदरो वासँवो मुणांसीरो । २६-रोमो सीरी मुसलाउहो बैलो कामपालो य ॥२३ २७-पेओहिवो कयंतो कीणांसो अंतओ जैमो कालो। २८-वेसमेणो निहिनांहो जक्खाँहिवई कुबेरों य ॥२४ २९-अणिलो गंधर्वहो माओ समीरो पहजेणो पर्वणो । ३०-विणयमुओ खयरीओ तक्खो पनयरिऊ गहॅलो ॥२५ ३१-उरेओ अंही मुंअंगो भुअंगमो पनओ फणी भुंअयो । ३२-हुति दइचो दणुआ सुररिउणो दाणवा असुरो ॥२६ ३३-अब्भोई धूमजोणी बलाह या जलहरा य जीमूओं। ३४-खं अंब्भं अंतरिक्वं वोम नहं अंबरं गयेणं ॥२७ * साडे अठारह गाथा तक संपूर्ण गाथा द्वारा पर्याय शब्दोंका सूचन किया गया है। अब आधी आधी गाथासे पर्याय शब्दोंको बताते हैं। १९ मुक्ति ६। २० बुद्ध ६। २१ उपेन्द्र ५। २२ शिव ७ । २३ स्कंद-कार्तिकेय ६ । २४ देव ६ । २५ इन्द्र ५। २६ राम-बलराम ५ । २७ यम ६ । २८ कुबेर ४ । २९ पवन ६। ३० गरुड ५। ३१ अहिसर्प ७ । ३२ दैत्य ५। ३३ जलधर-मेघ ५ । ३४ गगन ७। Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३५-अंबु सलिल वणं वारि नीर उदयं दयं पयं तो यं । ३६-सरिओ (सरिया) तरंगिणी निणया नई आवयाँ सिंधू ॥२८ ३७-वसुहाँ वसुंधरी वसुमई मही मेइणी धरी धरिणी । ३८-अब्भपिसीओ राहूँ गहकल्लोलो विर्डप्पो य ॥२९ ३९ ढयरों पुर्याइणो पिप्पयाँ परेयाँ पिसल्लयों भूओं । ४०-रणियर-जाउहोणा कव्वाँया कोणा रकवा ॥३० ४१-मंदाईणी मुरणेई गंगा भाँगोरही य जण्हुमुंआ। ४२-मेही मई मणीसा विनाणं धी चिंई बुद्धी ॥३१ ४३-जईणो तवस्सिणी तावसाँ रिसी भिक्खुणो मुणी समणां । ४४-मंगलपीढय-मागह-चारण-वेऑलिआ बंदी ॥३२ ४५-आँसो सत्ती बाहो हैंओ तुरंगो तुरंगमो तुरओ। ४६-संगोमो संजुंअं आहवं रण संगैरं समरं ॥३३ ४७-रोलो रोवो वयेलो हलबोलो कलयेलो वर्मालो य । ४८-सेणों वरहिणी वाहिणी अणीअं चमू सिनं ॥३४ ४९-रोरो' अकिंचणी दुविहो दरिदो य दुर्गओ निस्सी। ५०-सत्तू अरी अमित्तो रिॐ अरोई य पडिवक्खो ॥३५ ५१-कणेओ सिलीमुंहो मग्गणो ईमू सायो सेरो विसिंहो । ५२-पक्को सही समत्था य पक्कली पञ्चला पोढा ॥३६ ३५ नीर-पानी ९ । ३६ नदी ६ । ३७ मही-पृथ्वी ७ । ३८ राहु ४ । ३९ पिशाच ६ । ४० राक्षस ५। ४१ गंगा ५ । ४२ बुद्धि ७ । ४३ मुनि ७ । ४४ चारण ५ । ४५ अश्व-घोडा ७ । ४६ समर-युद्ध ६ । ४७ कलकलकोलाहल-घोंघाट ६ । ४८ सेना ६ । ४९ निःस्व-निर्धन ६। ५० शत्रु ६। ५१ शर-बाण ७ । ५२ समर्थ ६ । Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५३-कोयंडं गंडी व धम्म धणुहं सरोसणं चावं । ५४-खग्गे असी किवाणं करवाल मंडलंग्गं च ॥३७ ५५--सिण्हो नीहोरो धूमिओं य महिओं य धूममहिसी य । ५६-कल्लोलो उल्लोलो उम्मी वीई तरंगो य ॥३८ ५७-नीलुप्पैलं वियाणह कुवलयं इंदीवरं च कंदुटुं । ५८-चंदुजयं तु कुमुंअं गद्दहयं केरैवं सप्फ ॥३९ ५९-धयरहो कायंबा हंसाँ धवलसउणा मराला य । ६०-सउला सहरी मीणा तिमी झसों अणिमिसा मच्छौं ॥४० ६१-सउणो खगों सउता पत्तरहाँ अंडयाँ विहंगा य । ६२-साणो भसणां इंदमहकाँमुआ मंडला कविला ॥४१ ६३-पियमोहवी परहुओं कलयंठी कोइला वणसवाई । ६४-मोरी सिंही बरहिणो सिंहडिणो नीलकंठा य ॥४२ ६५-साहोमओ बलि हो पवंगमो वाणरो कई पर्वओ। .. ६६-पंचोणणो मयारी मयाहिची केसरी सीही ॥४३ ६७-बलिउटा रिहो बुक्कणा य ढंका य कार्यला काया । ६८-इल्ली पुल्ली बग्यो सदैलो पुरीओ य ॥४४ ६९-नंदी तंबो बहुला गिट्टी गोला य रोहिणी सुरही। ७०-एणी हरिणी कमला मयी कुरंगी य सारंगी ॥४५ ५३ धनुष ६ । ५४ खड़ग-तलवार ५। ५५ नीहार-कुहरा ५ । ५६ तरंग ५ । ५७ नीलोत्पल ४ । ५८ कुमुद ५ । ५९ हंस ५ । ६० मछली ७ । ६१ पक्षी ६ । ६२ कुत्ता ५। ६३ कोयल ५। ६४ मोर ५। ६५ वानर-बंदर ६ । ६६ सिंह ५ । ६७ कौआ ६ । ६८ वाघ ५ । ६९ गउ-गाय ७ । ७० हरिणी ६ । Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७१-गोसो रयणिविरोमो गोसग्गो दिणमुहं च पच्चूंसो। ७२-धम्मो तोवो डाहो उहा उण्हं निरो हो य ॥४६ ७३-अंस रेस्सो पाया करी मऊहा गहत्थिणो किरणा। ७४-रयणी विहारी सव्वरो निसा जामिणी राई ॥४७ ७५-औलोओ उज्जोओ दित्ती भासा पहा पयासी य । ७६-संतमेसं अंधयारं घेतं तिमिरं तमिसं च ॥४८ ७७-भवणं घेरं आवासो निलयो वसँही निहेलणं अगारं । ७८-रित्थं दविण दव्वं सारो वित्तं वसुं अस्थो ॥४९ ७९-सेलो अयलो अंदी सिलोच्यो महिहरो धरो सिहरी । ८०-हेम' कणयं चामीअरं पसिडि च तवणिज्जं ॥५० ८१-वाणी वाया भणिई सरस्सई भारई गिरी भासाँ। ८२-ओयंको ऑयल्लो वाँही तह ऑमयो रोओ ॥५१ ८३-मैग्गो पंथो सरणी अोणं वत्तिणी पहों पर्यंवी । ८४-उत्तंसो अवयंसो कनोली कन्र्नेऊरो य ॥५२ ८५-दुरिअं कलुसं दुकयं अहं अहम्मो य कर्मसं पाँवं । ८६-मिच्छो मोहं विहलं अलिअं असचं असम्भूअं ॥५३ ८७-सोही विडेवी वैच्छो महीरुहो पायवो वुमो य तरूँ । ८८-कुंचल-कुंपल-कोरय-छाश्य-कलिआउ मउलं ति ॥५४ ७१ प्रातःकाल ५ । :७२ ताप ६ । ७३ किरण ७ । ७४ रात्रि ६ । ७५ प्रकाश ६ । ७६ अंधकार ५। ७७ घर ७ । ७८ वित्त-धन ७ । ७९ पर्वत ७ । ८० कनक-सुवर्ण-सोना ५। ८१ भाषा ७ । ८२ रोग ५ । ८३ मार्ग-रास्ता ७ । ८४ कर्णपूर-कानफूल-कानमें पहननेका गहेना ४ । ८५ पाप ७ । ८६ असत्य ६ । ८७ वृक्ष-पेड ७ । ८८ फूलकी कलि ६ । Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८९ - अवले' ओ अहंकारो मँओ मट्टो मडप्फेरो देप्पो । ९० - उप्पेर्ड उड्डामैरं उभडं आडवैरिल्लं च ॥५५ ९१ - अहिसोरिआ अडणां य पंमुली छिछेई य दुस्सीलों । ९२ - जायां पंत्ती दारां घरिणी भज्जों पुरंधी य ॥५६ ९३ - कबेरी कुंतलहोरो धमिलो के सहत्थओ मउँडो । ९४ - चूलो सिहाँ सिहंडो सिंहलिओं छिंडेंओ चर्डओ ॥५७ ९५ - डरो डिभी चुलो सि सिलेबो य अओ पोओ । ९६ - चेडी दिल्लिदिलिआ य दुद्धगंधिमुही बालों ॥५८ ९७ - मुत्ती गत्तं बुंदी संघर्येणं विग्गेहो तणू काँओ । ९८ - दुइओ बिइज्जैओ अणुअरो सहओ सहयरो य ॥५९ ९९ - चरा निउणां कुसल छेऔं विउसों बुद्द य पट्ठा । १०० - मणुआ नरौ मणुस्सा मच्च तह माणवा पुरिसां ॥ ६० १०१ - वच्छीउत्तं जाणह य चंडिलें हाँविअं च रत्ती । १०२ - रमेणो केतो पणई पाणसमो पिययमो दईओ ||६१ १०३ - विच्छेडो सामिद्धी रिद्धी विवो सिरीय संपत्ती । १०४ - जुअलो जुआं आणो पुअर्डेओ बोद्रहो तरुणो ॥ ६२ १०५ - विवेरं कुहेरं रंधं कुच्छिलं अंतरं कुडिलं च । १०६ - ओली माला राई रिछोली आवेली पती ||६३ ८९ अहंकार ६ । ९० आडंबरवाला ४ । ९१ व्यभिचारिणी स्त्री ५। ९२. गृहिणी - स्त्री ६ । ९३ केशकलाप - गुन्थे हुए केश ५ । ९४ केशकी चोटी ६ । ९५ बालक ७ । ९६ बालिका ४ । ९७ शरीर ७ । ९८ सहायक - सहचर ५ । ९९ चतुर ७ । १०० मनुष्य ६ । १०१ नाई हजाम ४ । १०२ पतिप्रियतम ६ । १०३ श्री वैभव ६ । १०४ युवान ६ । १०५ छिद्र ६ । १०६ श्रेणि पंक्ति-हार - लाइन ६ । - Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०७-मइरे महुवारो सीहूं सरओ मेंहं अवकरसो । १०८-कोयंवरी पसैन्ना हालौ तह वारुणी मइरा ॥६४ १०९-घोरी दारुण-भासुर-भईरव-लल्लक्क-भीम-भीसगया। ११०-दुसिक्खिअ-दुच्चंडिअ-दुल्ललिआँ दुन्विअड्ढा य ॥६५ १११-बाउलो जंबुल्लो मुंहुलो बहुजंपिरो य वायोलो । ११२-वुत्ततो य उअंतो वत्ता य उत्ति-नामाई ॥६६ ११३-कोलो वेला समओ पत्याओ अंतरं अवसरो य । ११४-इहेइं संपेइ ईण्हि इत्ताहे संपेयं दाणि ॥६७ ११५-चिंधोई वेजयतीओ पडाया सेउँणो धयाँ हुईमा । ११६-कुप्पासो कंचुअयो गिधुल्लो वारबाणो य ॥६८ ११७-जाण सिचयं कडिल्लं निसणं साहुली य परिहणेयं । ११८-चेलें वास वसणं च अंसुअं अंबर वत्थं ॥६९ ११९-हेलो ललिअं लीला बिब्बोओ विमो विलांसो य । १२०-ईहो इच्छा वंछाँ सैद्धा कोमो य आसंसी ॥७० । १२१-बाला मूंढा मंदा अयाणया बालिसा जडी मुक्खा । १२२-पामेर-गहवई-सेऑल-कासया दोणया हलिआ ॥७१ १२३-पोरैच्छो पिसुणो मच्छरी खेलो मुहुमुंहो य उप्र्णालो । १०७ मधु-सरका-विशेष प्रकारका मद्य ६ । १०८ मदिरा-दारु ५ । १०९ घोर-भयंकर ७ । ११. दुर्विदग्ध-स्वच्छंदी ४ । १११ वाचाल ५ । ११२ समाचार ४ । ११३ वखत-समय ६ । ११४ संप्रति-हाल-वर्तमान में-अभी ६ । ११५ धजा ६ । ११६ चोली-कांचली-जनानी कुरती ४ । ११७ कटीवस्त्र-कमर पर पहननेका वस्त्र-घाघरा ५ । ११८ वस्त्र ६ । ११९ विलास ६ । १२० वांछा ६ । १२१ मूर्ख ७ । १२२ गृहपति-खेती करनेवाला ६ । १२३ खल-दुर्जन-चुगलीखोर ६ । Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२४-कलमो कुमुमालो तकरो य पाडञ्चरो थेगो ॥७२ १२५-निद्धंधेसा निसंसा निच्छुड्डा निकिवा अकरुणा य । १२६-रुंदा पीणी थूली य मंसला पीवरी थोरी ॥७३ १२७-सरिसो सैमो सरिच्छो संकासो सच्छेहो समाणो य । १२८--कटिणा य ककैसा निट्टुरा खरा खप्पुरी फरसी ॥७४ १२९-उत्तीणा उत्तणुआ थिन्ना थड्ढा य गविआ दरिौ । १३०-लोला लालस-लोलुअ-उल्लेहँड-लंपडा लुद्धा ॥७५ १३१-सन्नं किन्नं सुठिों उव्यायं नीसह किलेंतं च । १३२-आइंग्गं उव्विग्गं उच्चे यं बुन्नं उत्तत्थं ॥७६ १३३-घडिअं विणिम्मेिअं विहि आहिअं विरई कयं जणिों। १३४-घत्थं कलिअं असिंअं विलुपि वंफिअं खईअं ॥७७ १३५-सच्चेविअ-दि?-पुल अ-निअच्छिाई निहालिअ-ऽस्थम्मि । १३६-पव्वोलि आउँबालिअं च सलिलुच्छयं जाण ॥७८ १३७-रोमंचिों आरेईअं ऊसलिअं पुलईअं च कंटईअं । १३८-पामुक विच्छेड्डिअं अवह थि उ िचत्तं ॥७९ १३९-निर्दुइ खिरिअं छिप्पिं च नी संदिरं च पज्झरिअं । १४०-वेअडिअं पज्झैत्तं खचि विच्छरिअयं जडिअं ॥८० १२४ चोर ५ । १२५ क्रूर ५ । १२६ स्थूल-मोटा ६ । १२७ समान ६ । १२८ निष्ठुर ६ । १२९ गर्विष्ठ ६ । १३० लंपट ६ । १३१ थका हुआ ६ । १३२ उद्विग्न ५ । १३३ किया हुआ ७ । १३४ खाया हुआ ६ । १३५ देखा हुआ ५ । १३६ प्लावित-डुबाया हुआ अथवा पानी वगेरे प्रवाही पदार्थ से व्याप्त ३ । १३७ रोमांचयुक्त ५ । १३८ छोड दिया हुआ ५ । १३९ टपका हुआ ५ । १४० जडित ५ । Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४१-वोलीणं चुकंतं अइच्छिंअं बोलिभं अइवत । १४२-पडिहत्थं उद्धमायं अहिरेमइअं च अण्णं ॥८१ १४३-हक्खुत्तं उच्छदं उवित्त-उप्पाडिआई उद्धरिअं । १४४- कोवासि विसि विणि ई उम्मिल्लं उत्फुल्लं ।।८२ १४५-वज्जरिअ-सिद्ध-मूईअ-उप्फॉलिअ-पिसुणि आई साहिअयं । १४६-पव्वोयं वसुओयं मुसिय वायं मिलाण-ऽस्थे ।।८३ १४७-विच्छूढं उच्छित्तं पणुल्लिों पिल्लिअं गलत्थिअयं । १४८-पेढोल-निअक्कल-बट्टलाई परिमंडल-ऽथम्मि ।।८४ १४९-टिविडि'किअ-चिञ्चिल्लिअ-चिंचइअ-पसाहिआई मंडिअयं । १५०-आलंखिरं आलिद्धं छिक्क छित्तं परामुसि ॥८५ १५१-सामग्गिंअं अवांसि आलि गिअयं उचऊढं ओसत्तं । १५२-अग्इ छज्जैइ रेहई विरॉयए सोहए सहई ॥८६ १५३-सई अविरयं अविरामं अणुवेलं संतयं सयाँ निच्चें । १५४-छोयं छउंअं लयणं तणुंअं तलिणं किंसं खामं ।।८७ १५५-लेलिअं वैग्गुं मनुं मंजुलयं पेसलं कलें महुँ । १५६-कोमलयं सुहैफंसं सोमॉलं पेलेवं मउँ य ॥८८ १५७-वियर्ड विलं पिहुँलं वित्यिन्नं वित्थय उई विसाँलं । १४१ बीता हुआ ५। १४२ पूर्ण ४ । १४३ उत्क्षिप्त-ऊंचा किया हुआ ५ । १४४ विकसित ५ । १४५ सूचित-कथित ६ । १४६ म्लान ५। १४७ विक्षिप्त-बहार निकाल दिया हुआ ५ । १४८ वतुल ४ । १४९ मंडित-शोभित ५ । १५० छुआ हुआ-आश्लिष्ट ५ । १५१ आलिंगित ५ । १५२ वह शोभता है ६ । १५३ नित्य ७ । १५४ कृश ७ । १५५ मधुर ७ । १५६ कोमल ५ । १५७ विशाल ७ । Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५८-खरिअं उचिवलयं पट्टहि अं जाण कलुसजलं ॥८९ १५९-गोढं बोटं बलियं धणिय देढं अइसएण अच्चत्थं । १६०-सइदंसंणं सईसुहं चिंतादिम्मि सइँलंभं ॥९० १६१-अब्मीसं अब्भण्णं आँसन्नं सविहं अंतिअंनिअंडं । १६२-कलिंअं विइंअं विण्णायं अहिंगैयं बुझिअं मुणिों ॥९१ १६३-सामेलं असिंअं सामं कॉलं कसिणं सिएअरं कण्हं । १६४-से सिंअं वलक्खं अवदीयं पंडु धलं च ॥९२ १६५-कविलं कविसं पिंगं पिसंगैयं पिंगयं कारं च । १६६-अरणं सोणें रत्तं पाडेलं आयंबिरं तंबं ॥९३ १६७-फसलं सबैलं सारं किम्मी र चित्तलं च बोगिल्लं । * इत्तो नामग्गामं गाहाचलणेसु चिंतेमि ॥९४ १६८-अमरोवई सुरपुरी । १६९-तिविह'यं तह सुरीलओ नाओ। १७०-अलया कुबेरेनयरी । १७१-तित्थाहिवई जिणो अरहा ॥९५ १७२- कमेला सिरी य लँच्छी। १७३-हे वो गयमुहो गणाहिवई । १७४-रिक्खं उडै नक्वत्तं । १७५-पुन्नयणा गुज्झया जक्खा ॥९६ १७६-नंदणं अमरजाणं । १८७-कणयेगिरी सुरैगिरी सुमेरू य । १५८ क्षुब्ध-डोला हुआ पानी-कचरा वाला पानी ४ । १५९. गाढअत्यधिक ७ । १६० चिन्तनदृष्ट-विचार पूर्वक देखा हुआ ४ । १६१ नजीक ६ । १६२ विदित ६ । १६३ श्याम ७ । १६४ श्वेत ६ । १६५ भूरा ६ । १६६ रक्त-लाल ६ । १६७ चितकबरा ६ । *अब इधर से गाथा के एक एक चरण द्वारा वस्तु के पर्याय रप नाम के समूह को बताता हूँ। १६८ अमरावती २ । १६९ स्वर्ग ३ । १७० अलका २ । १७१ जिन ३ । १७२ लक्ष्मी ३ । १७३ गणेश ३ । १७४ नक्षत्र ३ । ' १७५ यक्ष ३ । १७६ नंदनवन २ । १७७ मेरु ३ । Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १७८-फलिहगिरी कइलासो। १७९-बिहेस्सई सुरगुरू धिसणो ॥९७ १८०-वासर्वसुओ जयंतो । १८१-पुलोमतणया सई य इंदाणी । १८२-अइरावणो सुरंगओ । १८३-विज्जू सोमणी य तेंडी ॥९८ १८४-असणी वज कुँलिसं । १८५-सुराउहं तिअसचावं इंदंधणु । १८६-अंगारेओ य भोमो । १८७-उसणो सुको दइच्चगुरू ।।९९ १८८-भुअणं जयं च लोओ। १८९नरेनाहो पत्थिवो 'निवो गया। १९०-मित्तो सही वयंसो । १९१-मंती सईवो अमचो य ॥१०० १९२-अंतेवासी सीसो। १९३-छलिओ छप्पण्णओ छल्लिो य । १९४-- अड्ढा ईभा धणिणो। १९५ बंधू सयणो सणाही य।। १०१ १९६-विप्पो दिओ दिआई य । १९७-अंगया नंदैणा सुआ तणया। १९८-अहिआयो कुलजायो। १९९-अणुजीवी सेवैओ भिंच्चो।। १०२ २००-नीसोमन्ना गेरुआ । २०१- अहेमा ईयरा य पायया नीऔ । २०२-रहयोरा वड्ढईणो। २०३-वच्छीवा वच्छवाला य॥ १०३ २०४-सोसाइं छत्तधन्नाई। २०५-गांमणी भोईओ य गामवई । २०६-कुंभारो य कुलोलो । २०७-गोवाला वल्लेवा गोवाँ ।। १०४ १७८ कैलास २। १७९ बृहस्पति ३ । १८० जयंत-इंद्रपुत्र २। १८१ इंद्राणी ३ । १८२ ऐरावत-इंद्रका हाथी २ । १८३ बिजली ३ । १८४ वज्र ३ । १८५ इंद्रधनुष ३ । १८६ मंगल ग्रह २। १८७ शुक्र ३ । १८८ जगत ३ । १८९ नृप ४ । १९० मित्र ३ । १९१ मंत्री ३। १९२ शिष्य २ । १९३ रसिक 'पुरुष-छेल ३ । १९४ धनवान ३ । १९५ बंधु-स्वजन ३ । १९६ विप्र-ब्राह्मण ३। १९७ पुत्री ४ । १९८ कुलीन २ । १९९ भृत्य-चाकर ३ । २०० गुरु -माननीय-बडे लोग २। २०१ साधारण लोक-प्राकृत ४ । २०२ वर्धकि-बढई-सुथार २ । २०३ बाछडों के रक्षक २ । २०४ धान्य-फसल २ । २०५ ग्रामणी-गांव का नेता-मुखिआ ३ । २०६ कुंभार २ । २०७ गोवालग्वाला ३ । Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २०८-आवणिआ वाणिअया । २०९-मायंगा तह जणंगमा पाणा। २१०-पाउग्गियो य सेहिओ। २११-केवट्टो धीवैरो दाँसो ॥१०५ २१२-बंदीओ करमरिओ । २१३-पुप्फञ्चिणिओओ पुप्फलाईओ। २१४-थंभी थेवो वि । २१५-खेयो हेस्सो य वामणओ ॥१०६ २१६-रोअणिमा लामाओ य । २१७-मूओ मूअलिओ य तुण्हिक्को। २१८-वयपरिणामो य जरी । २१९-'थेरी जरई गयवया य ॥१०७ २२०-सोवणयं इमंदिरं । २२१-औली तह माउआ सही अता । २२२-परेयत्तो पैरछंदो । २२३-विक्खोओ विस्सुओ पर्यंडो ॥१०८ २२४-नक्रवो नहीं कर रहा। २२५-केसो चिहुरी सिरोरुहा वॉला । २२६-चलणों कमां य पाँया । २२७–पयोहेरा तह थणां सिहिणा ॥१०९ २२८-पोणी हत्था य करा । २२९-केत्ती चम्मं अणं छवी खल्ला । २३०-दसणा रयणी दंता । २३१-सिरोहेरा कंधरा गोवा ॥११० २३२-वयेणं मुंहं च आणणं ।२३३-अच्छी नयेणं च लोअणं नितं । २३४-नासो घोणं घोणा । २३५-सीसं सिरं उत्तमंगं च ॥१११ २३६-भालं अलिअँ निडालं । २३७-ममें च मासुरी कुचं । __ २०८ बनिया २ । २०९ चांडाल ३ । २१० जुआ खेलने वाला २ । २११ घीवर -ढीमर-मच्छीमार ३ । २१२ वांदी-बलात्कार से आनी हुई स्त्री २ । २१३ फुलों को चुनने वाली - मालन २ । २१४ बिंदु ३ । २१५ बौनावामन ३ । २१६ डाईन २ । २१७ मूक-नहीं बोल सकने वाला-मेगा ३। २१८ बूढापा २ । २१९ बूढिया ३ । २२० रतिमंदिर-शयनगृह २ । २२१ सखी ४ । २२२ पराधीन २ । २२३ विख्यात ३ । २२४ नख ३ । २२५ केश ४ । २२६ पग-पैर ३ । २२७ स्तन ३ । २२८ हाथ ३ । २२९ चमडा-खाल ५। २३० दांत ३ । २३१ गर्दन ३ । २३२ मुख-मुंह ३ । २३३ नेत्र-आंख ४ । २३४ नाक ३ । २३५ माथा-सिर ३ । २३६ ललाट ३ । २३७ दाढी-मूंछ ४ । Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २३८-उअरं जढेरं तुंदं । २३९-बफ बोहो य नयणजलं ॥११२ २४०-इंदियं अवं करणं । २४१-छाया कंती छवी लायणं । २४२-पिसि मुलं मैसें । २४३-कीलांलं सोणिभं रुहिरं ॥११३ २४४-खुखुणओ नकसिरा । २४५-वचं बिट्टा पुरीसं उच्चारो । २४६-लंछणं अंको चिधं । २४७-धम्मजलं समजलं सेओ ।।११४ २४८-रेमणं तियं निअंबो। २४९-कच्छा कंची य मेहला सणा। २५०-मुत्तावली य होरो । २५१-मली मैउडो किरीडों य ॥११५ २५२--नीरंगी अंगुही। २५३-ओहरणं भूसणं अलंकारो। २५४-विनोसो विच्छित्ती। २५५-कन्नौयसो य तलवैत्तं ॥११६ २५६-तलिमं तप्पं सयणं च । २५७-अंगराओ विलेवेणं चच्चा । २५८-बोउल्लो पुत्तलिऔं । २५९-विवणी तह औवणो हँटो ॥११७ २६०-छत्ताई आवत्ताई । २६१-हंसयं नेउरं च मंजीरं । २६२-भद्दासणाई सीहासैणाई । २६३-उवहोणं उसी सं ॥११८ २६४-वायर्यायणो गर्वक्खो । २६५- अहोओ दप्पणो य आयरिसो। २३८ उदर-पेट ३ । २३९ आंसु ३ । २४० इंद्रिय ३ । २४१ कांति-लावण्य ४ । २४२ मांस ३ । २४३ रुधिर-खून ३ । २४४ नाक का छेद-नसकोरा २ । २४५ विष्टा ४ । २४६ चिह्न ३ । २४७ पसीना ३ । २४८ नितंब-कामक्रीडा का साधन-रमण ३ । २४९ कमर पर पहिनने का गहेना-मेखला ४ । २५० गले में पहिनने का हार २ । २५१ मुकुट ३ । २५२ बुरखा-बूंघट २ । २५३ गहेना ३ । २५४ विन्यास २ । २५५ कान का गहेना-कर्णावतंस २ । २५६ शयन ३ । २५७ विलेपन ३ । २५८ पुतली २ । २५९ हाट ३ । २६० छत्र २ । २६१ नुपूर-झांझर ३ । २६२ सिंहासन २ । २६३ सोते समय सिर के नीचे रखने का-सिरहाना-ओसीका २ । २६४ जिससे हवा आती हो वैसी खिडकी-गवाक्ष २। २६५ आरिसा-सीसाकाँच ३ । Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५ २६६ - वेलिओ वेज्जो | २६७ - कलेहो रुपयं रयं ॥ ११९ २६८ - सो' वीरं आरनॉलं । २६९ - ने' हो पिम्मं रेसो य अणुराओ । २७० - पीढं वरं असणं । २७१ - अहिरोहेणिआ य निस्सेणी || १२० २७२ - सीरें हैलं च नंगलं । २७३ - ओउ अत्थं च पहरण होइ । २७४ - मोठी कर्वेयं उरत्ययं । २७५ - असिमुट्ठी पालिओ य छरूँ ।। १२१ २७६-चक्कोई रहंगाई | २७७ - सित्थं जीवां गुणो पहुंच य । २७८ - तलिमं पेटू च तैलं । २७९ - त्रिवं चिआ बल्लेई वीणाँ ।। १२२ २८०-छीरं पैयं च दुद्धं । २८१ - सि सिरं दहि चिरैड्ढिहिलं च । २८२ - अज्जं सैपि च यं । २८३ - अमेयं न सुहाँ य पीऊँलं ॥ १२३ २८४ - पारीओ कोओ । २८५ - चडेओ घरघंटेओ य कलवि को । २८६ - चिल्लो घरी सउँणी । २८७ - भिंगोरी झिल्लि चीरी ॥ १२४ २८८ - चक्कायओ रहंगो । २८९ - कत्रोओ कुक्कुडो य तंसिहो । २९० - वरलोओ हंसीओ । २९१ - कल्लो सओ कीँरो ।। १२५ २९२ - गेहरो ओ अ गिद्धी । २९३ - सारं गो चाओ य बप्पी हो । २९४ - पिच्छाई पेहुणाई । २९५ - नीडं निड्डुं कुलयं च ॥ १२६ २६६ वैडूर्य मणि २ । २६७ रूपा-चांदी ३ । २ । २६९ स्नेह ४ । २७० आसन ३ । २७१ २७२ हल ३ । २७३ अत्र ३ । २७४ कवच - बख्तर ३ । २७५ तरवार की मूठ ३ । २७६ पैया - चक्र २ । २७७ धनुष की दोरी ४ । २७८ तलिफरस बंदी जमीन ३ । २७९ वीणा ३ । २८० दूध ३ । २८१ दही ३ । २८२ घी ३ । २८३ अमृत ३ । २८४ कबूतर २ । २८५ चटक-चकलागौरेया पक्षी ३ । २८६ । समडी - चील ३ । २८७ एक प्रकारका कीडा ३ । २८८ चक्रवाक २ । २८९ कूकडा ३ । २९० हंसी २ । २९१ तोता ३ । २९२ गीध ३ । चातक ३ 1 २९४ मोर के पीछ २ । २९५ घोंसला ३ । २९३ २६८ कांजी - साबुदाना निसरणी - निसैनी २ । Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६ २९६ - कोल किडी वराहो । २९७ - भुल्लुंकी य भ महाँसदा । २९८ - कहो बालो हत्थी । २९९ - करेणुओं गयहू करिणी ॥ १२७ ३०० - करिमेयशे जलहँत्थी । ३०१ - कड्याला कुंबरा य लहुमैच्छा । ३०२ - रिच्छो य अच्छेद्दल्लो । ३०३ - लंगूलं बॉलही छिप्पं ॥ १२८ ३०४ - तोलू तो । ३०५ - कुलीर कुरुविलेया य ककडयाँ । ३०६ - उग्गोलो छिछोली । ३०७ - जंबोलो खंजणो पं को ।। १२९ ३०८ - अयडो अडो य वो । ३०९ - मेअलकेन्ना य नम्मयाँ रेवाँ । ३१० - पल्लेलं अखयतलं । ३११ - पुक्खरिणी दीहिओ सरसी || १३० ३१२ - रो' हो प्पो य तँडो । ३१३ - सालूगं दद्दूरों या मंडकों । ३१४- अरहेट्टो घेडिजंतं । ३१५ - केओरो वपिणं वैप्पो ॥१३१ ३१६ - नोरुट्टो क्रूसां । ३१७- ओहोरा कमेट- कच्छा कुम्म । ३१८ - गोवरी य गोलां । ३१९ - डि डीरो पुष्फेओ फेणो ॥ १३२ ३२० - उबेलो गाँवो य सिला । ३२१ - तू तिथं नईए उत्तारो । ३२२ - होतिसां पिवासों । ३२३ - गुहिरें अगाहं च गंभीरं ।। १३३ ३२४ - विरयो तणुसंरिआओ । ३२५ - सेवालो सेवले च जंबालो । २९६ वराह ३ । २९७ सियार मादा ३ । २९८ हाथी का बच्चा २ । २९९ हथनी ३ । ३०० जलहाथी २ । ३०१ छोटी मछली ३ । ३०२ छ २ । ३०३ पूंछ ३ । ३०४ आवर्त - पानी का गोल गोल घूमना २ । ३०५ केंकडा - करचला ३ । ३०६ पानी का लघु - छोटा - प्रवाह २ । ३०७ पंक - कीचड ३ | ३०८ कुंआ ३ । ३०९ नर्मदा ३ | ३१० छोटा तलाब २ । ३११ दीर्घिका ३ । ३१२ किनारा ३ । ३१३ मेंडक ३ | ३१४ कुंएसे पानी नीकालने का रहट २ । ३१५ क्यारा ३ ४ | ३१८ गोदावरी २ । ३१९ ३२१ नदी का घाट २ । ३२२ ३२४ वेरा - छोटी नदी २ । ३२५ सेवाल ३ | | ३१६ खड्डा जैसा स्थान २ । ३१७ कछुआ फीण - झाग ३ | ३२० शिला पत्थर ३ । तृषा - प्यास ३ । ३२३ गंभीर - ऊंडा ३ । Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १७ ३२७ - कोमो जलकरंप्फालो ॥१३४ ३२६ - दोणीयो कुट्टियां । ३२८ - जालो अचीओ सिहाउ । ३२९- अर्द्धरा सततंतुणो जन्ना । ३३० - पाया कडया साँणू । ३३१ - कंतेारं कार्णणं रन्नं ॥ १३५ ३३२ - सिंगं सिहेरं क्रूड | ३३३ - साला साहा य साहुली डाला । ३३५ - कुसुमं पर्व पअं च ॥१३६ ३३७ - रेणू पस्सू ओ पओ य । ३३९ - देलं पलांसं छेयं पैंत्तं ॥ १३७ । ३३४ - कई लयंणी य लया । ३३६ - कुसुमरेओ मयैरंदो । ३३८ - कोसी समीय सिवा । ३४० - छैली तथा चुडुप्पं । ३४१ - किसलयाई पल्लवी पवला य । ३४२ - तिमिच्छी कमलेरओ । ३४३ - मेलओ उज्जण औरामो ॥ १३८ ३४४ - जल हैरणं आठवलं । ३४५ - तोमेरिगुंडी य मंजरीगुंडी | ३४६ - वेल्लीउ वेल्लरीओ । ३४७ - थवेया गुच्छा गुच्छा य ॥ १३९ ३४८ - पत्तसे मिद्धं पत्तैलं । ३४९ - आमेला चुब्ला य सेहरैया | ३५० - मल मला दमं ३५१ - सद्दलं सिंजिरं कणिरं ॥ १४० ३५२ - उम्मालो निम्मेलं | ३५३ - गुविलं कलिलं च वरं गर्हेणं । ३२६ द्रोणी - जहाज २ । ३२७ तैरते समय पानी पर हाथका आघात करना २ । ३२८ ज्वाला ३ । ३२९ यज्ञ ३ । ३३० सानु - पर्वतका मूल भाग ३ । ३३१ अरण्य ३ । ३३२ शिखर ३ । ३३३ डाली - शाखा ४ । ३३४ लता ३ । ३३५ फूल - कुसुम ३ । ३३६ मकरंद २ । ३३७ परागरज ४ । ३३८ सेम - शिंग - बालोल वगेरे की शिंग - फली ३ । ३३९ पत्ता ४ । ३४० छाल ३ । ३४१ नया अंकुर - किसलय ३ । ३४२ कमल की रज २ । ३४३ उद्यान- बगीचा ३ | ३४४ पानी ले जानेकी नीक-क्याराआलवाल २ । ३४५ मंजरीगुंडी - विशेष प्रकारकी लता २ । ३४६ वल्ली २ । ३४७ गुच्छा ३ । ३४८ बहुत पतला - तीक्ष्ण २ । ३४९ शेखरक - छोगा - चोगा ३ । ३५० माला ३ । ३५१ नुपूर ३ । ३५२ निर्माल्य २ । ३५३ गुपिलगहन ४ । ३ Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३५४-दोवो देवो वर्णग्गी। ३५५-खंधग्गी खोडपंजाली ॥१४१ ३५६-वल्लरं अरन्नछित्तं । ३५७-गुडं तह गोउलं वओ घोसो। ३५८-छिप्पीरं च पलाँलं । ३५९-छेलं अवएसो निहं च मिस ॥१४२ ३६०-थूणा दिअली वेली । ३६१-टंकैछिण्णं झसं च छिण्णयडं । ३६२-पक्कं पिक्क परिणयं । ३६३-इक्खू उच्छू य उच्छुवणं ॥१४३ ३६४-वंसो वेणू वेलूँ य। ३६५-जुलो वेडेसो य वाणीरो । ३६६-तह जासुअणो य जवा । ३६७-फलिणी पियमा पियंगू य ॥१४४ ३६८-सिंदोले खजूरं। ३६९- अंबो मायंद चूअ-सहयारा । ३७०-तरहो पामाडो। ३७१-अंबिलिओ चिंचिंणी चिंचा ॥१४५ ३७२-कोहलिआ कोहंडी। ३७३-बरेओ सामुंडेओ भमासो य । ३७४- हयमारो कणवीरो। ३७५- सुलेसा तह मंजुआ तुलसी ॥१४६ ३७६-मयणाही कत्थूरी। ३७७-मल यरुहं चंदैणं च इक्कंगं । ३७८-घणसारो कैप्पूगे । ३७९-औमोओ परिमैलो गंधो ॥१४७ ३८०-विबंवयं भल्लायं । ३८१-पोअईआ य क्यैली मयाली य । ३८२-कंटेल्लं कंकोडं । ३८३-मालूरं सिरिहैलं बिल्लं ॥१४८ ३५४ दावानल-वन की अग्नि २ । ३५५ मोटी लकडी की अग्नि २ । ३५६ अरण्यक्षेत्र २ । ३५७ गोकुल-गोष्ट ४ । ३५८ घासफूस-पराल २ । ३५९ मिष-बहाना ४ । ३६० स्थूणा-खूटी २ । ३६१ टंक से छिन्न ३ । ३६२ पका हुआ ३ । ३६३ इक्षु-सेलडी-ईख ३ । ३६४ वंश-बांस ३ । ३६५ बेंत-नेतर ३ । ३६६ जपा-जासुद २ । ३६७ प्रियंगु वृक्ष ३ । ३६८ खजूर २ । ३६९ आम ४ । ३७. एक प्रकारका पेड २ । ३७१ आंबली-इमली ३ । ३७२ कोहले की वेल २ । ३७३ बरू-एक प्रकार की घास ३ । ३७४ कणेर २ । ३७५ तुलसी ३ । ३७६ कस्तूरी २ । ३७७ चंदन ३ । ३७८ कपूर २ । ३७९ सुगंध ३ । ३८० भिलामा २ । ३८१ निद्रा लाने वाली लता ३ । ३८२ कंकोडा २ । ३८३ बीला-बिल्व ३ । Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३८४-अमिलोणो कोरंटो। ३८५-नलेयं लामजयं उसीरं च । ३८६-पुन्नीओ सुरेवन्नी। ३८७-मिसिणी नलिणी कमलिणी य॥१४९ ३८८-सुरेगोवो इंदोवो । ३८९-कोलियो उन्ननोह-मकडया। ३९०-मजोरीओ बिरौलीओ। ३९१-रांसहो गईहो य खैरो ॥१५० ३९२-भोओ फडा फण-ऽत्थे। ३९३-कुंदुल्लुआ-कोसिओं उलूआ य । ३९४-रोमंथो उग्गालो । ३९५ - उरवा वसंहा य वच्छाणा ॥१५१ ३९६-जंतू सत्ता भूआ य । ३९७-कोल्हुआ जंबुंआ य गोमाँऊ । ३९८-उडवो तावसंगेहं। ३९९-गामहेणं खेडेयं पैदं ॥१५२ ४००-दुहोली दुवाली य । ४०१-फुफेमा कोउआ करीसंग्गी । ४०२-पत्थारी सत्थरओ। ४०३-लेटुको लेडुओ लेहूँ ॥१५३ ४०४-वारिजयं विवाहो । ४०५-तग्गयमण-तप्पैरा य तल्लिच्छा। ४०६-तुप्पाई कोउआई। ४०७-पईवे-पञ्चत्थिणो वामा ॥१५४ ४०८-दलिअं दारुं कहें। ४०९-पत्थयणं संबलं च पाहिजं । ४१०-भांवो वत्थु पयत्थो। ४११-खुज कुड़िया कुडिल्लं च ॥१५५ ३८४ कोरंट वृक्ष २ । ३८५ मृणाल-कमल के तंतु ३ । ३८६ पुंनाग २ । ३८७ कमलिनी ३ । ३८८ इंद्र गोप नामका कीडा २ । ३८९ मकडी ३ । ३९० विल्ली २ । ३९१ गर्दभ-गधा ३ । ३९२ सापकी फणा ३ । ३९३ उल्लू ३ । ३९४ जुगाली करना २ । ३९५ बैल-वृषभ ३ । ३९६ जंतु ३ । ३९७ सियार ३ । ३९८ तापस की झोंपडी २ । ३९९ खेडा-गाँव २ । ४०० वृक्षघटा-वृक्ष की श्रेणी अथवा हरी हरी दूब २ । ४०१ कंडे की आग ३ । ४०२ बिछौना २ । ४०३ ढेला ३ । ४०४ विवाह २ । ४०५ तत्पर ३ । ४०६ कौतुक २ । ४०७ वाम-विरोधी ३ । ४०८ काष्ठ ३ । ४०९ मुसाफरी में साथ लिया हुआ खाने का भोजन-पाथेय-भाता ३ । ४१० पदार्थ-वस्तु ३ । ४११ कुब्ज-कूबडा ३ । Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २० ४१२-इंदमहो कोमारो। ४१३-कोअ-कुड्डाई कोउहँल्लम्मि । ४१४-सुरेही महू वसंतो। ४१५-वासारत्तो य घणसमओ ॥१५६ ४१६-माया कवेडं कईअव । ४१७-अहा दिणा वाँसरा दिऔं दिअहो। ४१८-तुहिणं हिम तुसार। ४१९--घणनिवेहो कालिऔं महिओं ॥१५७ ४२०-कुणवं सैवं च मडैयं । ४२१-पेअवणं पिउँवणं मसाँणं च । ४२२-इंगोलो अंगारो। ४२३-खोयं तह खाँइआ परिहा ।।१५८ ४२४-ओवौइअं नवसिंअं । ४२५-विग्घा पच्चूहं अंतराँया य । ४२६-वेयल्लं असांमत्थं । ४२७-मुंहं आँणंदो सुहेल्ली य ॥१५१ ४२८-उग्बाओ औरंभो । ४२९-संखेवी संगहो समाँसो य ।। ४३०-निचं निअयं साँसयं । ४३१-अव्योहारो अणालबओ ॥१६० ४३२-वावेडया अक्वणिआ। ४३३-सन्ना गुंतं च नामं अहिहाणं । ४३४-अत्ती विअणां पीडा। ४३५-संरंभो अमरिसो मन्नू ॥१६१ ४३६-मुल्लोई वेअणाई। ४३७-पञ्चग्गं अहिणवं च सज्जुकं । ४३८-औवायो पमुहं उरो। ४३९-हेला य अणायरो री ॥१६२ ४१२ इंद्रमह-कुमारी में पैदा हुआ २ । ४१३ कुतूहल ३ । ४१४ वसंत ऋतु ३ । ४१५ वर्षा ऋतु २ । ४१६ कपट ३ । ४१७ दिवस ५ । ४१८ हिम ३ । ४१९ मेघघटा-मेघका समूह ३ । ४२० मुडदा-मृतक ३ । ४२१ श्मशान-मसाण ३ । ४२२ अंगारा २। ४२३ खाई ३ । ४२४ उपयाचित-मनौती २ । ४२५ विघ्न ३ । ४२६ असामर्थ्य २ । ४२७ आनंद ३। ४२८ आरंभ-शरूआत २ । ४२९ संक्षेप ३ । ४३० नित्य ३ । ४३१ अव्याहार-बोलना नहीं २ । ४३२ अक्षणिका-स्त्री पुरुष की विपरीत रतिक्रीडा २ । ४३३ नाम ४ । ४३४ पीडा ३ । ४३५ मन्यु-क्रोध ३ । ४३६ मूल्य २ । ४३७ प्रत्यग्र-ताजा ३ । ४३८ आपात-मुख्यता. ३ । ४३९ अनादर ३ । Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २१ ४४० - जाण करंवं तोडिं । ४४१ - अवरेत्तयं अणुंसयं च अणुतावं । चंडें ओअणं । ४४३ - ओणयं ओयेत्तं ओमत्थं ॥ १६३ ४४२ - कूरं ४४४ - थोमं सारं च बलं । ४४६ - सारिच्छं समैसीसी । ४४५ - थेवं लेसो लबो कला मत्ता । ४४७ - अदिही अई य रणरणओ || १६४ ४४८ - इत्तोपं एअभि । ४४९ - संभमो आंयरो पत्तो य । ४५० - मंतुं विलिये विष्पिंयं । ४५१ - अच्छे रियं अअं चुज्जं ॥ १६५ ४५२ - दीहत्तणं यामो । ४५३ - चवेलं चडेलं च चंचलं तलं । ४५४ - एमेये मुह मुहिआ। ४५५ - केली नम्मं च परिहासो ॥१६६ ४५६ - पलेयो निर्हेणं नाँसो । ४५७ - पुण्णं सुकंयं च भागहेयं च । ४५८ - हित्थं विलियं लज्जि । ४५९ - अत्थाणी तह सही परिसा ।। १६७ ४६० - उन्नोहो उस्सेहो । ४६१ - विक्खंभो वित्थरो य परिणाँहो । ४६२ - परिरंभेणं अवरंडणं । ४६३ - ओमोओ परिसो तोसो || १६८ ४६४ - नेट्टं लॉस तंडवं । ४६५ - अणुपुव्वी-परंपरांड परिवाँडी । ४६६ - आरेवखो पुरस्क्खो । ४६७ - अन्मांसो गुणणिआ जुंग्गो || १६९ ४४० दहीं और चावल के मिश्रण से बना हुआ खाद्य पदार्थकरंबा २ | ४४१ अनुताप - पश्चात्ताप ३ । ४४२ ओदन - भात ३ । ४४३ अवनत ३ | ४४४ बल ३ | ४४५ लेश - थोडा ५ । ४४६ सादृश्य - बराबरी - स्पर्धा २ । ४४७ अरति - अधैर्य - उत्सुकता ३ । ४४८ यहां से शुरू करके २। ४४९ आदर ३ | ४५० विप्रिय ३ | ४५१ आश्चर्य ३ | ४५२ आयामलम्बाई २ । ४५३ चपल ४ । ४५४ एवमेव व्यर्थ ३ | ४५५ परिहास ३ । ४५६ नाश ३ । ४५७ पुण्य- भाग्य ३ । ४५८ लज्जित ३ । ४५९ सभा ४६० उन्नाह-ऊंचाई २ । ४६१ विस्तार ३ | ४६२ परिरंभण- आलिंगन २ । ४६३ तोष- आनंद ३ । ४६४ नाटय - नृत्य ३ । ४६५ परंपरा-क्रम ३ । ४६६ पुररक्षक - कोटवाल २ । ४६७ अभ्यास - बारबार करना ३ । : Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४६८ - अहिअं इकग्र्गमणं । ४६९- तेहिअसिअ - दिअसिआई अणुदिअहं । ४७० - ओलुग्गो नित्थामो । ४७१ - दुज्जायं वया वसणं ॥ १७० ४७२- छुटं मडेहं लहुंअं । ४७४ - पोयालं च रसीयलं । २२ ४७३ - रेफा ४७५ - ओउलं वैम्मीअ - वॉमलूरा य । हित्थं उपित्थं ॥ १७१ चिन्डिं च वालुकं । ४७६ - वेसोहो मंथणो । ४७७ - सी ४७८ - कुंभो कुँडो य कॅलसो । ४७९ - पिढेरो ढमेरो य कोलंबो ॥ १७२ ४८० - कुंडिलं वं भंगुरं । ४८१ - ओएसो सांसणं च निद्देसो । ४८२ - खिंप्पं तुरिअं सिघं । ४८३ छेओ पेरते - अर्द्धता ||१७३ ४८४ - दीहं दीहेरं ययं । ४८५ - हिउत्तो उज्जओ य उज्जुत्तो । ४८६ - कल्लो संत्थो य पहूँ । ४८७ - हेढो य मैड्डा बलमोडी ॥१७४ ४८८ - पेडणं निरीयं उज्जैयं । ४८९ - ओलअं परिहिअं पिणद्धं च । ४९१ - उअट्टी उच्चओ नीवी ॥ १७५ ४९० - अवरिलं उत्तरि । । ४९२ - दुद्धिअं अलाबु तु ४९४ - विलेओ मूरत्थैमणं । ४९३ - निबंधेणं कारणं निणं च । ४९५ - संखोदो संभेमो ताँसो ॥१७६ दंड - रवाया २ । ४६८ एकाग्रमन २ । ४६९ अनुदिवस - निरंतर ३ | ४७० अवरुग्णरोगी २ । ४७१ व्यसन ३ । ४७२ लघु ३ । ४७३ राफडा - बांबी ३ । ४७४ पाताल २ । ४७५ आकुल ३ । ४७६ विलोने का ४७७ चीभडा ३ । ४७८ कुंभ ३ । ४७९ पिठर- थाली ३ टेढा ३ | ४८१ आदेश - आज्ञा ३ । ४८२ ४८४ दीर्घ ३ । ४८५ उद्यत ३ । ४८६ बलात्कार ३ । ४८८ ऋजु - सरल ३ । ४८९ ४९० उत्तरीय - पहिना हुआ ऊपरका वस्त्र २ | ४९२ दूधी - लडकी ३ । ४९३ कारण ३ । । ४८० कुटिलशीघ्र ३ । ४८३ पर्यंत ३ । पटु-निरोगी ३ । ४८७ हठपिनद्ध - पहिना हुआ ३ । ४९१ नीवी - नाडी ४९४ सूर्यका अस्त होना २ । t ४९५ त्रास ३ । Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४९६-उल्लेरिअं उक्कै डिअं। ४९७-जिंघि ओसिंधिअंच अग्घायं । ४९८-निविटं उवैहुत्तं । ४९९-तिरोहिंअं पिहिअं अंतरिकं ॥१७७ ५००-उद्दोलिअं अच्छिन्नं । ५०१-अवित्तं अंछिअंच कड्ढिअयं। ५०२-पन्नोडिअयं परिहैट्टि च । ५०३-ओसरिअं ओसैकं ॥१७८ ५०४-उत्थल्लिअं उच्छलिअं। ५०५-पच्छोइअ-नूमिओई वइआँई । ५०६-निद्धोडिअयं नीणिों । ५०७-ओहीरतं च सीअंतं ॥१७९ ५०८-उन्नोलिअं उन्नामि।५०९-उवगयं उसदिअंच अल्लीणं । ५१०-चुण्णइअं चुण्णांहयं । ५११-उचिंडिमं मुकमज्जायं ॥१८० ५१२-उद्धंक यं ऊसवि। ५१३-फुडिअंफुलिंअंच दलिअंउद्धरिौं। ५१४- संवेल्लिअं मउलिंअं । ५१५- परिहायं दुबैलं झीणें ॥१८१ ५१६-मुसुमूरिअयं चुण्णिा५१७-उड्डिडिअ-उकैखोडिआई उखितं । ५१८- मुरमुरिअं अं । ५१९- उन्नुइअं अॅकिअं जाण ॥१८२ ५२०- अवैचिअंउचिणिअ-ऽत्थे। ५२१ तंडिअंतड्डेविअयं विरैल्लिअयं । ५२२-उव्वमिअं उग्गिंलिअं । ५२३-छुहोइअं भुवि छाँयं ।।१८३ ४९६ तोडा हुआ २ । ४९७ सुंघा हुआ ३ । ४९८ उपभुक्त २ । ४९९ पिहित-ढका हुआ ३ । ५०० फाडा हुआ २ । ५०१ आक्षिप्त-खिंचा हुआ ३ । ५०२ दबाया हुआ २ । ५०३ पीछे हटा हुआ २ । ५०४ ऊछला हुआ २ । ५०५ वाडसे ढका हुआ ३ । ५०६ बहार निकाला हुआ २ । ५०७ सोया हुआ २ । ५०८ नमाया हुआ २ । ५०९ उपगत-पासमें आया हुआ-आश्रित ३ । ५१० चूर्ण किया हुआ २ । ५११ मर्यादारहित २ । ५१२ ऊंचा किया हुआ २ । ५१३ स्फुटित-खिला हुआ ४ । ५१४ संवेष्टित २ । ५१५ क्षीण ३ । ५१६ चूरा किया हुआ २ । ५१७ उत्क्षिप्त ३ । ५१८ कामचिंता-उत्सुकता २ । ५१९ कुत्ते का भोंकना २ । ५२० अपचित २ । ५२१ विस्तीर्ण-तना हुआ ३ । ५२२ उद्वमित २ । ५२३ क्षुधात ३ । Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४ ५२४-तोडिअं आंओडिअयं । ५२५-निमुंअं आयण्णिअंनिसामिअयं । ५२६-पंजत्तं च पंहुत्तं । ५२७-पणीमिअं दिण्ण उवणीअं ॥१८४ ५२८-संदिद्धं संसईअं । ५२९-घोलिअ-दुंदुल्लिआई भौमिअ-ऽत्थे । ५३०-संदि8 अप्पाहि । ५३१-उलं तित्तं च तण्णायं ॥१८५ ५३२-रेखोलिरं पैहोलिरं । ५३३-उव्वेल्लं पैसरिअं पयल्लं च । ५३४-संकोडिअंनिउंचिअं। ५३५-उत्तेजिअयं च तोरैविअं ॥१८६ ५३६-ऊसितं ओलितं । ५३७-पयोरिअं वंचिों च वेलविरं। ५३८-उभोलि उप्युणिअं। ५३९- लहुइअंओहोमिअं तुलिअं॥१८७ ५४०-पडिवनं अन् वगयं। ५४१-चिद्देविअंविउँडिअंविणांसिअयं । ५४२-अइसइअं च विसेसिंअं । ५४३- उम्मुटं पुछि फुसि ॥१८८ ५४४-विखित्तयं पईण्णं । ५४५-खित्तं निग्घत्तिअंच ऑइद्धं । ५४६-उग्गीहि उच्चालिअं। ५४७-अंकुसइअं अंकुसीयारं ॥१८९ . ५४८- औवडिअं अभिडिअं । ५४९-अहिड्डुयं पीडिों परद्धं च । ५५०-पम्हेटे विम्हेरिअं । ५५१- चुलचुलिअं फैदिअं फुरिअं ॥१९० ५५२- भेट फिडिअं धुकं । ५५३-परिहूअं अहिलिअं परॊहूअं । ५२४ ताडित २ । ५२५ आकर्णित-सुना हुआ ३ । ५२६ पर्याप्त-बहुत २। ५२७ दत्त ३ । ५२८ संदिग्घ २ । ५२९ भ्रमित ३ । ५३० संदिष्ट २ । ५३१ आद्रे-गिला ३ । ५३२ डोलने वाला २ । ५३३ प्रसृत-फैला हुआ ३ । ५३४ निकुंचित २ । ५३५ उत्तेजित २ । ५३६ अवसिक्त २ । ५३७ वंचित ३ । ५३८ उद्भालित २ । ५३९ तुलित ३ । ५४० स्वीकार किया हुआ २ । ५४१ विनाशित ३ । ५४२ विशेषित २ । ५४३ छुआ हुआस्पृष्ट ३ । ५४४ विक्षिप्त २ । ५४५ क्षिप्त ३ । ५४६ उच्चालित २ । ५४७ अंकुशित २ । ५४८ आपतित २ । ५४९ पीडित ३ । ५५० विस्मृत २ । ५५१ हिला हुआ ३ । ५५२ भ्रष्ट ३ । ५५३ हारा हुआ ३ । Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५५४-परिदेवि विलविों ५५५-विरोलिअं मंथिों महिंअं ॥१९१ ५५६-धंसोडिअं विमुकं । ५५७-गुंडिअं उद्भलिअं च धूसरिअं । ५५८-अकोसिअं च सविों । ५५९-भरिउलटं च वोसर्ट ॥१९२ ५६०-ओइण्णं ओअरिऑ। ५६१-गैविढे अण्णेसिंअं विमग्गिअयं । ५६२-रेअविरं सुण्णईअं । ५६३-निमिअं निहिअंच निक्खितं ।।१९३ ५६४-भरिअं लंढि सुमैरिनं। ५६५-ओसद्धं पौडिअं निसुद्धं च । ५६६-निमुढिअं अतभरोणयं। ५६७-उम्भडवेसं च उचिव्वं ॥१९४ ५६८-समुहोगयं ओसरिअं । ५६९-बिदुई कणईअंकणायणं । ५७०-विरमोलिअंविहीरिअं। ५७१-ओरोलिअयं च मौलिअयं ॥१९५ ५७२-तणुईकेयं उल्लिंहि। ५७३-कप्परिअंदौरिशं च निम्भिण्णं । ५७४- उड्डीणं उप्पैइअं। ५७५ - कॅरिअं उत्तम्मिश्र नैडिअं ॥१९६ ५७६-नीहेरिअं निग्गिणं । ५७७-बद्धं संदौणिअं निलिअं च । ५७८-ॐअटुं वांसहयं । ५७९-महेमहिअं निग्गयांमोअं ॥१९७ ५८०-गुम्मेइअं संमृहूँ । ५८१-फोलिअं ओरंपिअं च औरत्तं । __५५४ विलपित २ । ५५५ बिलोया हुआ ३ । ५५६ विमुक्त २ । ५५७ उद्धूलित ३ । ५५८ आक्रोशित २ । ५५९ विकसित २। ५६० ऊतरा हुआ २। ५६१ गवेषित ३ । ५६२ शून्य-खाली २ । ५६३ निक्षिप्त-निधि किया हुआ ३ । ५६४ याद किया हुआ ३ । ५६५ गिराया हुआ ३ । ५६६ भार से नमा हुआ २ । ५६७ उद्भट वेशयुक्त २ । ५६८ सामने आया हुआ २ । ५६९ बिंदु बिदु युक्त ३ । ५७० प्रतीक्षित २ । ५७१ मालित-शोभायुक्त २ । ५७२ उल्लिखित-पतला किया हुआ २ । ५७३ काटा हुआ ३ । ५७४ उडा हुआ २ । ५७५ जूरा हुआ-खेदयुक्त ३ । ५७६ निगीर्ण-निगला हुआ २ । ५७७ बांधा हुआ ३ । ५७८ अववृष्ट-वृष्टि से हत २ । ५७९ सुगंध फैला हुआ २ । ५८० संमूढ २ । ५८१ पाटित-भाग किया हुआ ३ । Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .. ५८२-कजलइअं कसणिअं । ५८३-कयेपरिवेसं परिक्खैित्तं ॥१९८ ५८४-वेढिअयं परिऑलिअं। ५८५-उत्थेरिअ-ओवग्गिओंई अर्कतं । - ५८६-परिलीणं च निलीणं । ५८७-गंधुग्गिरणम्मि निम्महिअं॥१९९ ५८८-निव्व डिअंनिम्माय । ५८९-दोविअयं देसि च दखविधे। ५९०-तिक्खोलिअं निसांअं । ५९१-पुलट्ठयं पंउलिअं दहें ॥२०० ५९२-पल्हथिों उल्लंडिअं । ५९३-उच्छुण्णं मंद्दिअं च निलिअं। ५९४-पेसविरं पट्टविनं। ५९५-घडि लैंग्गं च संसत्तं ।।२०१ ५९६- पयलाइ ओहीरेइ । ५९७-सक्कई चयई य तरेई पारे । ___ * अव्वोछिन्नं वुच्छं संपइ इकिकं अहिहाणं ॥२०२ ५९८-करडा कुंजरगंडा । ५९९-ओलाणो हत्थिबंधणखंभो । ६००-करिबंधेणं अक्खायं उवओ। ६०१-वारणमओ दाणं ॥२०३ ६०२-रवं अलैसं कलमंजुलं । ६०३-ओरल्लिं महुरंदीहरं जाण । ६०४-सुईविरसं गदेभं च । ६०५-गग्गरं कंठदरखलिअं ॥२०४ ५८२ काजल वाला २ । ५८३ परिक्षिप्त २ । ५८४ वेष्टित २ । ५८५ आक्रांत ३ । ५८६ निलीन २ । ५८७ गंध का फेलना-निमथित २ । ५८८ बनाया हुआ २ । ५८९ दिखाया हुआ ३ । ५९० तीक्ष्ण किया हुआ २ । ५९१ जला हुआ ३ । ५९२ विरेचित-बहार निकलवाया हुआ २ । ५९३ मर्दित ३ । ५९४ प्रस्थापित २ । ५९५ संसक्त ३ । ५९६ सोता है २ । ५९७ समर्थ होता है ४ । * अब इधरसे अविच्छिन्न भावसे समग्रतया आखिर तक एक एक पर्याय कहूंगा । ५९८ करट-हाथी का गंडस्थल २ । ५९९ हाथी को बांधने का स्तंभ २ । ६०० करिबंधन-हाथी को पकड़ने के लिए बनाया हुआ खड्डा ३ । ६०१ हाथी का मद २ । ६०२ मंद-धीमा-मधुर शब्द युक्त ३ । ६०३ लम्बा मधुर शब्द २ । ६०४ गधे के अवाज के समान सुनने में विरस २ । ६०५ गद्गद अवाज २ । . Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ર૭ ६०६-ओऊलं पलिंबं । ६०७-हरिअंदणं अमरचंदणं जाण । ६०८-जच्चतुरंगं भायलं । ६०९-आयावलयं अरुणैतावं ॥२०५ ६१०-सीमंतिअं दुहाविअं। ६११-अपच्छिमं चरमं । ६१२-उद्धरं उच्चं। ६१३-वायणयं च पहेणेयं । ६१४-इंगोली उच्छगंडीरी ॥२०६ ६१५-विसर्ट विसमा६१६ वियलिअंउच्चत्ता६१७-कत्तिय-आसिणासरेओ। ६१८-सिसिरो फग्गुण-माहो। ६१९-हेमंतो पोस-मग्गसिरो ॥२०७ ६२०-दुप्परियल्लं असेकं । ६२१-पुकाओ अलिअपोरसौलावा । ६२२-पुंजोयं पिंडलइअं। ६२३-उऊ रिऊँ। ६२४-चोत्तओ तोत्तो॥२०८ ६२५-उवयारो पुप्फैबली । ६२६-कुसुमं कालिंजणीए तोविच्छं । ६२७-जवसं गवित्तं । ६२८-उलवी वीरेणं । ६२९-ओलोवओ सेणी॥२०९ ६३०-अग्गक्खंधो अणिों। ६३१-पाडुच्ची तुरयदेहपिंजरणं । ६३२- गरेलं विसं । ६३३-विसाणं सिंगं । ६३४-रज्जे वरत्ता य ॥२१० ६०६ प्रालंब-झूमणा २ । ६०७ हरिचंदन २ । ६०८ उत्तम घोडा २ । ६०९ अरुणताप-अरुणोदय २ । ६१० सिर के बालो में दो भाग किया हुआ २ । ६११ अंतिम २ । ६१२ ऊँचा २। ६१३ वायणा-भोजन का बांटनावारी वारी से भोजन के लिए जाना २ । ६१४ इख की गंडेरी २ । ६१५ विषम २। ६१६ उत्त्यक्त २ । ६१७ शरद-कार्तिक और आसो १ । ६१८ शिशिर-फागुण और महा मास १ । ६१९ हेमंत-पोस और मिगसिर १ । ६२० अशक्त २ । ६२१ पौरुष का मिथ्या घमंड-झूठा पुरुषपणे का आलापपोक मूकना २ । ६२२ पुंज-ढिग २ । ६२३ ऋतु २ । ६२४ हांकने के लिए बैल को मारने की आर वाली लाठी २ । ६२५ उपचार-पुष्प का बलि चढ़ाना-पुष्पपूजा २ । ६२६ तापिच्छ-तमाल के पेड का फूल १ । ६२७ गवत-पशु का खाद्य घास-खाण २ । ६२८ वीरण-पानी को ठंडा और सुगंधी करने वाला घास २ । ६२९ श्येन २ । ६३० अनीक-सेना २। ६३१ घोडे के शरीर का शृंगार १ । ६३२ विष २ । ६३३ सिंग २ । ६३४ रस्सीबैलों द्वारा कुंआ से पानी निकालने की रस्सी-बरत २ । Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૨૮ ६३५ - जगेलं पिंगलेसरओ । ६३६ - विंटसुरा पिट्ठख उरिआ मँइरा । ६३७-हिज्जो कल्लं । ६३८- निव्वं पडैलं । ६३९- कोहिल्लिआ तर्वओ ॥२११ ६४० - अणुरो हो दक्खिण्णं । ६४१- लग्गेणओ पडिहुँओ । ६४२ - देरं अद्धं । ६४३ - हीरइ जं आणंदे वत्थं तं पुण्णवत्तं ति ॥ २१२ ६४४-संजेविअं संगोविअं । ६४५ - अणुहूअं मणिअं । ६४६ - सुई वेओ । ६४७ - पासायस्सोवरि जा साला सा चंद्रसोल ति ॥ २१३ ६४८ - निब्र्भरं अइसयैभरिअं । ६४९- पत्थरिअं अत्युंअं । ६५० - छेडा छंटे।। ६५१ - रोसेणं उहिकं वयणं जं तं थुडंकि अयं ।। २१४ ६५२- सांहिज्जं अत्थारो । ६५३- हिरिबेरो वॉलजो । ६५४ - भिंसी सांरी । ६५५ - जं पिच्छइ तं वंछइ जो सो जंपिच्छेओ भणिओ || २१५ ६५६ - पच्चीएस दितं । ६५७ - ओझरं निज्झरं । ६५८ - दुहं दुक्खं । ६५९ - कगंठि थणोवरि विरइअंअं गिधुअं जाण ॥ २१६ ६३५ मध का नीचे जमा हुआ भाग २ । ६३६ मदिरा ३ । ६३७ कल २ । ६३८ छप्पर या घर पर छाया हुआ पानी को बहने वाला कवेलु - नेवा - पडाल २ । ६३९ रोटी पकाने का मिट्टी या लोहे का तवा २ । ६४० दाक्षिण्य २ । ६४१ प्रतिभू - जामीन २ । ६४२ अर्ध-आधा २ । ६४३ आनंद प्रमोद में जिस वस्त्र को हरा जाय - खींचा जाय वह पुण्य वस्त्र १ । ६४४ बराबर व्यवस्थित रखा हुआ केशकलाप - संगोपित २ । ६४५ अनुभूत २ । ६४६ ऋग्वेद आदि २ । ६४७ चंद्रशाला - अगासी - छत - मकान के ऊपर का खुला भाग १। ६४८ निर्भर २ । ६४९ विस्तीर्ण २ । ६५० छटा २ । ६५१ रोष से निकला हुआ गरम गरम वचन १ । ६५२ साहाय्य २ । ६५३ हीबेर - पानी को सुगंधित तथा ठंडा रखने वाला घास २ । ६५४ ऋषिको बैठने का आसन २ । ६५५ जिसको देखता है उसको चाहने वाला १ । ६५६ दृष्टान्त २ । ६५७ निर्झर २ । ६५८ दुःख २ । ६५९ स्तन ऊपर गांठ आवे इस तरह बनाया हुआ पहिना हुआ वस्त्र १ । Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६६० पडिमा पैडिबिंब। ६६१ केजवो कयैवरो। ६६२-विओणं उल्लोओ। ६६३-उभओवासुत्थल्लणं उच्चत्तवरत्तयं मणिकं ॥२१७ ६६४-रिक रित। ६६५-पत्तोइं भायणाई। ६६६-सिरि हो पंविआ। ६६७-मुहविक्कोणो छिच्चोल्लउ ति जो निंदणथम्मि ।।२१८ ६६८-दिटै विहाँविआ६६९-मिढिओओ अविलाओ।६८०-सेरिही मैहिसी। ६७१- परिपासउ त्ति छेत्ते जो पुरिसो सुअइ राईए । २१९ ६७२-घुसिणं कुंकुम ।६७३-उको चुडैली ।६७४-खोणी खंणी।६७५ कुढं कूवं । ६७६-उच्छंटेउ ति तुरिअयरचोरिआहत्थवावारो ॥२२० ६७७-बद्धं संगिलं। ६७८-तणुरुहाई रोमाई। ६७९-चित्तओ दीवी। ६८०-हुत्तवयं जस्संते सुव्वइ तं तस्स मुंमुह ति ॥२२१ ६८१-कूलं तीरं। ६८२-असोओ ककेल्ली। ६८३-रंजणो अलिंजरेओ। ६८४-खुनं च मंढि।६८५-ऊढापरिणीआ।६८६ मिहुणयं ज़ुअलं।।२२२ ६६० प्रतिबिंब २ । ६६१ कचरा २ । ६६२ चंदुआ २ । ६६३ दोनों बाजु से ऊंचा नीचा करना १ । ६६४ रिक्त-खाली २ । ६६५ पात्र २ । ६६६ श्रीद्रह-पक्षीओं के लिए पानी पीने का पात्र २ । ६६७ निंदा सूचक मुखभाव-मुख की निंदा सूचक आकृति-मुंह बिगाडना १ । ६६८ निरीक्षित २ । ६६९ मेषी-मेंढी २ । ६७० भेस २ । ६७१ रात्रि के समय खेत की रखवाली के लिए खेत में जाकर सोने वाला पुरूष १ । ६७२ कुंकुम २ । ६७३ उल्का २ । ६७४ खान २ । ६७५ चुराई हुइ चीज़ की खोज के लिए प्रयास करना २ । ६७६ शीघ्रता पूर्वक चोरी करने के लिए हाथ चलाना १ । ६७७ बद्ध-संग युक्त २ । ६७८ रोम-रोंगटे २ । ६७९ चित्ता-चितकबरा बाघ २ । ६८० सुमुख-जिसके पास बेठ कर सुना जाय वह सुमुख १ । ६८१ तीर-किनारा २ । ६८२ अशोक वृक्ष-आसोपालव २ । ६८३ बडा कुंडा २ । ६८४ मढा हुआ २ । ६८५ विवाहित स्त्री २ । ६८६ युगल-जोडा २ । Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६८७ अपिच्छे । ६८८-धरैइ जीवैइ ६८९-दुचं दूअत्तणं । ६९० दिसो आंसा। ६९१ संखोयं थीणं । ६९२ संदेणो रहो। ६९३-सोरही मूंओ ॥२२३ ६९४-रोसोणि मंसिणि। ६९५-वणं पहारो। ६९६ पयामं अणुपुवं । ६९७-लंची उक्कोडा। ६९८-सौरहं महुँ । ६९९-बाहिरं बांहि ॥२२४ ७००-वुत्थो वैसिओ। ७०१-वेत्थी अवाण । ७०२-आहोरणो गयारोहो। ७०३-खेत्तं खन्नं । ७०४ - साहू मुंअणो। ७०५-खेओलुओ असहो।।२२५ ७०६-लहुदोरु किलिंचं । ७०७-मंथरा कुसुंभी। ७०८ तुरंगिआ वडेवा। ७०९-संखो कंबू । ७१०-गेयं गंधव्वं । ७११-बंधणं बिटें ॥२२६ ७१२-सीमा मेरो । ७१३-वासं बुट्टी। ७१४-हालाहलो य बंभणिआ। ७१५-कोर सिप्पी। ७१६-करहो कमेलेओ।७१७-रोहिओरोज्झो ॥२२७ ७१८-केऊरं अंगयं । ७१९-विमं पवालं । ७२०-कणेड्ढिआ गुंजी । ७२१-झोडं कुडंगओ। ७२२-कलुसं विलं । ७२३-सित्ययं मयेणं ॥२२८ ६८७ देखो २ । ६८८ वह जीता है २ । ६८९. दूतपना २ । ६९० दिशा २ । ६९१ जमा हुआ घी वगेरे प्रवाही पदार्थ २ । ६९२ रथ २ । ६९३ रथ हांकनेवाला २ । ६९४ चमकिला बनाया हुआ २ । ६९५ लगा हुआ-पडा हुआ-घाव २ । ६९६-अनुपूर्व क्रमसे-वारीसे २ । ६९७ लांचरिश्वत २ । ६९८ मधु-शहद २ । ६९९ बहार २ । ७०० रहा हुआ २ । ७०१ बस्ती-गुदा २ । ७०२ महावत २ । ७०३ खोदा हुआ २ । ७०४ शाह-सुजन २ । ७०५ सहन करने में असमर्थ २ । ७०६ लकड़ी का छोटा टुकडा २ । ७०७ कसुंबी कापड २ । ७०८ घोडी २ । ७०९ शंख २ । ७१. गेय-गांधर्व २ । ७११ डिटा २ । ७१२ मर्यादा-सीमा २ । ७१३ वृष्टि २ । ७१४ एक प्रकार का कीडा-ब्राह्मणी २ । ७१५ कारीगर २ । ७१६ करभ-ऊंट २ । ७१७ रोझ २ । ७१८ केयूर २ । ७१९ विद्रुमप्रवाल २ । ७२० चिणोठी-धुंघची २ । ७२१ लतागृह २ । ७२२ डोला .. हुआ-मैला २ । ७२३ मोम २ । Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७२४-बुका मुट्टी। ७२५-सग्गेहं उवैरत्तं । ७२६-लोट्टेयं मुंवंतं च । ७२७-परतीरं पौर। ७२८-अट्टयकल्लिं जाण कैडिखंभं ॥२ ९ ७२९ लोहं कालोयसं । ७३०-उम्मुअं अलायं । ७३१-विसेसओ तिलओ। ७३२ कोणो लउडो।७३३ जउणा कॉलिंदी।७३४ गैज्जिअंथेणि॥.३० ७३५-दुव्वा हरिऔली।७३६ कोटेओ कुमूलो। ७३७ कईच्छुओ दैव्वी। ७३८ भे' तुब्भे । ७३९ कुल्लडेयं कोडेयं । ७४० अप्पुल्लयं नियं ॥२३१ ७४१-डोला पिखौ । ७४२-मायण्हिा झला । ७४३-पाउमांगमो झंझा । ७४४-दुट्ठो कली। ७४५-पयंगो सलहो। ७४६-कलहोइअं रैडिअं॥२३२ ७४७ साहेरिअं साहट्टि। ७४८ अंसो माओ।७४९-पिहाणिआ मंडी। ७५०-तोर दित्तं । ७५१-वेसो नेवेत्थं । ७५ -मविवअं तुप्पं ॥२३३ ७५३ जाण कंडैक्खं अवगें । ७५४ लहं परिवारं। ७५५-उभयं उद्धं । ७५६-सायं पंओसं । ७५७-उत्तप्पं उद्धेयं । ७५८-दूसहं तिव्वं ॥ ३४ ७५९-दोराई दुवाराई । ७६०-नेलेच्छो पंडओ । ७६१-जडें सिंसिरं । ७२४ मुष्टि-मुक्की २ । ७२५ उपरक्त २ । ७२६ सोता-लोटता २ । ७२७ पार-सामने का किनारा २ । ७२८ कमर पर हाथ देकर खडा रहना २ । ७२९ लोहा २ । ७३० जलती हुई लकड़ी २ । ७३१ तिलक २ । ७३२ लकड़ी २ । ७३३ यमुना २ । ७३४ गजित २ । ७३५ दुर्वा-दूब २ । ७३६ कोठला-अनाज भरनेका कोठा २ । ७३७ कडछी २ । ७३८ तुम २ । ७३९ कुलडी २ । ७४० अपना २ । ७४१ हिंडोला २ । ७४२ मृगतृष्णाझांझवा २ । ७४३ वरसाद का तुफान २ । ७४४ दुष्ट २ । ७४५ पतंगिया २ । ७४६ कलहयुक्त २ । ७४७ संहृत २ । ७४८ भाग २ । ७४९ पिधानिका-ढकनी २ । ७५० दीप्त २ । ७५१ वेश २ । ७५२ म्रक्षित-चुपडा हुआ २ । ७५३ कटाक्ष २ । ७५४ तरवार का मियाब २ । ७५५ खडाऊभा २ । ७५६ सायंकाल २ । ७५७ उद्धत २ । ७५८ तीव्र २ । ७५९ द्वार-दरवाजा २ । ७६० नपुंसक २ । ७६१ शिशिर २ । . Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७६२-कोडी अगं । ७६३- पंगू पंगुलओ । ७६४-तण्णओ वच्छो ॥२३५ ७६५ छोया छोही।७६६-पोहुडं उायणं । ७६७ सारियो सालहिआ य। ७६८-भेदं सिवें । ७६९ सयज्झो सैमोसिओ।७७०-छिपेओ उंछो॥२३६ ७७१-सोलो पायारो।७७२-मैजिारसोलाउ।७७३-सोज्झो रयओ। ७७४-हेरिअं सलं।७७५ अंको उछंगो। ७७६-अवयं अणहं ।।२३७ ७७७-मणेयं ईसि। ७८-कुविंदो य तंतुवायो। ७७९-दुरोअरं जूअं । ७८०-पंज्जा अहिआरो।७८१-अईर अंगणं । ७८२-मज्जिअंण्हाय॥२३८ ७८३-औसत्थो वीसंतो। ७८४-वैज्झो बद्धो । ७८५-पयट्टयं चैलिअं। ७८६ करेणी रूवं ।७८७-चलिअं वइकलि।७८८-परिसरो पासा।।२३९ ७८९-आरद्धं आढत्तं । ७९०-निय निक्रैवयं । ७९१-अवेसिणो फलिही। ७९२- फेरिसो फैसो।७९३-तुमुलं मुहेलरवो।७९४-पोयसो खीरी॥२४० ७९५-उम्मेलणं उच्चलणं।७९६-इहरा अन्नहै । ७९७-सहोसओ संभो। ७६२ किनार-कोर-अग्रभाग २ । ७६३ पंगु २ । ७६४ वत्स-बछडा २ । ७६५ छाया २ । ७६६ भेट की वस्तु २ । ७६७ सारिका-मेना २ । ७६८ भद्र-भला-कल्याण २ । ७६९ पडोसी २ । ७७० कपडे को छापने वाला व रंगने वाला-छिपा २ । ७७१ प्राकार-किला २ । ७७२ रसाला-सुगंधि वस्तु से मिश्रित दूध २ । ७७३ धोबी २ । ७७४ हरित-लीला घास वाला प्रदेश २ । ७७५ खोला गोद २ । ७७६ आखा-अक्षत २ । ७७७ जरासा थोडा २ । ७७८ वणकर-जुलाहा-सालवी २ । ७७९ द्यूत-जूआ २ । ७८० अधिकार २ । ७८१ आंगन २ । ७८२ मार्जित २ । ७८३ विश्रान्त १ । ७८४ वध्य २ । ७८५ चलित २ । ७८६ आकार-रूप २ । ७८७ - वैकल्य-अस्थैर्य २ । ७८८ परिसर-पास २ । ७८९ आरब्ध २ । ७९० निहत २ । ७९१ चौखटदरवाजे में लगा हुआ काठ आदि का तख्ता २ । ७९२ स्पर्श २ । ७९३ तुमुल-ककलाट २ । ७९४ खीर २ । ७९५ मसलना-मलना २ । ७९६ अन्यथा २ । ७९७ सभ्य २ । Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७९८-चित्तं माणसं।७९९-अरवो बहेडेओ।८००-संगमो मेलो॥२४१ ८०१-समओ मैयं । ८०२ विरायं विलीणं । ८०३-उप्पोहलं च उत्कंठा। ८०४-संचारी देई। ८०५-सालिरक्खिा कलमैगोवि त्ति ॥२४२ ८०६-ग्गं भैग्गं । ८०७-मंगुलं असुंदरं । ८०८-वेविअंच थरहरिअं। ८०९-पप्फोडिअं च पक्खोडिअं । ८१०-विसर्ट विहडिअ-अत्थे॥२४३ ८११-परिहत्थो दैच्छो । ८१२-कोवणो असहैणो। ८१३-पईवओ दीवी। ८१४-इअ ऐवं । ८१५-रेसणिआ करोडिआ। ८१६-चंदिमा जॅण्हा ।।२४४ ८१७-पौडिकं पत्ते। ८१८-उंबरेओ देहली। ८१९-विही दिव्वं । ८२०-तंतू गुंणो। ८२१-दुगंछा गरिहा । ८२२-खेलिअंपडिप्फैलिअं॥२४५ ८२३-ओसारो रयवुट्टी। ८२४–पम्हेलयं रोमैसं। ८२५-जओ वेओ। ८२६-कीस किणो ८२७-हलहैलओ तरी । ८२८-विअ विसंवैइ॥२४६ ८२९ संबहिं संकिण्ण। ८३०-वलग्गं आरूढं । ८३१-अहिअं अईरित्तं । ८३२-ओहओ वाहित्तो। ८३३-विअस्थणं निअगुणसलाहा ॥२४७ ८३४-जाण सायं डोंब । ८३५-सोंडं मज्जवं । ८३६-अयंडं अणवसरं। ७९८ चित्त २ । ७९९ बहेडा २ । ८०० संगम-मेला २ । ८०१ मत-संप्रदाय २ । ८०२ विलीन-पिगला हुआ २ । ८०३ उत्कंठा २। ८०४ । दूती २ । ८०५ कलमी चावल के खेत की रखवाली २ । ८०६ भग्न २ । ८०७ असुंदर २ । ८०८ कांपा हुआ २ । ८०९ प्रस्फोटित २ । ८१० विघटित-बिगडा हुआ २ । ८११ दक्ष २। ८१२ कोपन २ । ८१३ दीपकदिया २ । ८१४ इस प्रकार २। ८१५ करोटिका नाम का कांसे का पात्रकथरोट २ । ८१६ ज्योत्स्ना २ । ८१७ प्रत्येक २ । ८१८ घर का उंबरा २ । ८१९ दैव २। ८२० तंतु २। ८२१ गर्हा-निदा २ । ८२२ स्खलित २। ८२३ धूल की वृष्टि २ । ८२४ पांपण युक्त-रोमयुक्त २। ८२५ वेग २ । ८२६ प्रश्न सूचक अव्यय २ । ८२७ त्वरा २ । ८२८ विसंवादयुक्त २ । ८२९ संकीर्ण २ । ८३० आरूढ २ । ८३१ अधिक २ । ८३२ बोलाया हुआ २। ८३३ विकत्थन-स्वप्रशंसा २। ८३४ डोंब-चांडाल २। ८३५ मयप २ । ८३६ अनक्सर-अकस्मात २। Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३४ ८३७-सरडं च कंकलासं । ८३८-छणं महं । ८३९-लोद्धयं वाई ॥२४८ ८४०-लक्खं विजाय।८४१-इंगिअं आयारो।८४२-अहे इमो।८४३-इमा अन्जा। ८४४-थोहोथग्यो। ८४५-तोणो तोणीरो।८४६-कंदुओ गुंलिओ॥२४९ ८४७-कंठो गलओ। ८४८-अवैडू किओडिआ। ८४९-झंपणीउ पम्हाई। ८५०-गुप्फा खुलुहा। ८५१-जंघा टंको । ८५२-गंडा कवोला य॥२५० ८५३-रसणाजीहा।८५४-सर्वणा कन्ना।८५५-वच्छं उर।८५६ भुआ बांहू। ८५७-भुमया भमुहा। ८५८-करखा भुअमूलं ८५९-जण्हुआ जाणू ।।२५१ ८६० कन्ना कुमैरी।८६१धूआ<हिआ।८६२बेहिणी ससा।८६३पिआ जणओ। ८६४-माया जणेणी। ८६५-मुंण्हा पुत्वहू। ८६६-देअरो दिअरो।।२५२ ८६७-मोउच्छा मांउसिआ।८६८-अत्ता सौम् । ८६९-संहोअरोभाया। ८७०-मल्लोणी मामी। ८७१-पुफि पिउँच्छा । ८७२-पई भत्ता ॥२५३ ८७३-रंभा कयली। ८७४-सिंदी खजूरी। ८७५-सत्तला य नोमाली। ८७६-गुम्मो जाली। ८७७-बोरी कैकंधू । ८७८-केसरो बैउलो ॥२५४ ८७९-पलही ववेणं तूंलो वो। ८८०-देभो कुसो। ८८१-जेवो गज्जो। ८३७ सरट-गिरगिट २। ८३८ उत्सव २। ८३९ शिकारी २ । ८४० • विजात २ । ८४१ आकार-इंगित २ । ८४२ आ २ । ८४३ आ (स्त्री) १। ८४४ थाह २ । ८४५ भाथा २। ८४६ गंद २। ८४७ कंठ-गला २। ८४८ कंठमणि २। ८४९ पांपण २ । ८५० धुंटी २ । ८५१ जांघ-टांग २। ८५२ कपोल-गाल २ । ८५३ जीभ २। ८५४ कान २। ८५५ छाती २ । ८५६ हाथ २। ८५७ भों-भवां २ । ८५८ कांख २ । ८५९ जानु-घुटना २। ८६० कुमारीकन्या २। ८६१ लड़की-पुत्री २। ८६२ बहिन २। ८६३ पिता २। ८६४ माता २ । ८६५ पुत्रवधू २ । ८६६ पति का छोटा भाई-देवर २ । ८६७ मौसी २ । ८६८ सास २ । ८६९ सगा भाई २। ८७० मामी २ । ८७१ बुआ-फुई २ । ८७२ पति २। ८७३ केले का पेड २ । ८७४ खजूरी २ । ८७५ नवमालिका २ । ८७६ गुल्म २। ८७७ बेर का पेड २। ८७८ बकुल २ । ८७९ रूई-कपास ४ । ८८० डाभ २ । ८८१ जव-धान्य २ । Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८८२-थंव। संढा। ८८३-कलंबो नीवो। ८८४-गोल्हाफलं बिंब ॥२५५ ८८५-अइमुत्तो मोहविआ। ८८६-लवओ गुंदो। ८८७-पियंगुणो कंग। ८८८-कलमो सौली य । ८८९-विसं मुणगेलं । ८९०-उल्लूढं अकॅरि।२५६ ८९१-नग्गोहं वडैरुक्खं । ८९२-सिग्गुं सोहंजेणं । ८९३-तेलं तौलं । ८९४-चौरं पियौलं । ८९५-अजुअलेवनं सत्तच्छयं जाण ॥२५७ ८९६-बीअयं असणं । ८९७-पिप्पलं औसत्थं । ८९८-तिदुअंच टिंबरु। ८९९-रायछुअं च वेडिंसें । ९००-अलंबुसं बोडेघेरं च ॥२५८ ९०१-खेलिणं कवि।९०२-मइलं मलीमैसं।९०३-सीहेरा जलतुसारा। ९०४-थोणू खण्णु।९०५-अलयाकुरेला।९०६-दंतच्छओ उँटो ।।२५९ ९०७-सीलं पर्यई । ९०८-तत्तं परमैत्थं । ९०९-गोरं पंओली य । ९१०-रयणी इत्थो। ९११-भीओ हित्थो। ९१२-सोहीणं अप्पंवसं।२६० ९१३-दीणो वरओ।९१४-विहिरं आंडोवो।९१५-रगंगेयं च नवरंग। ९१६-लेण्हं मैसिणं । ९१७-ठोणं ओवासो। ९१८-गोअरो विसओ॥२६१ ८८२ वहाण का सढ अथवा गुच्छ २ । ८८३ कदंब २ । ८८४ बिंबी का फल २। ८८५ माधविका २। ८८६ गुंद २ । ८८७ कांग २ । ८८८ कलमी चावल २ । ८८९ मृणाल-कमल की नाल का रेसा २ । ८९० अंकुरित २ । ८९१ वड २। ८९२ सरगवा २। ८९३ ताड २। ८९४ प्रियाल २। ८९५ सप्तपर्ण-सादड २ । ८९६ अशन-बीया २। ८९७ पिप्पल २ । ८९८ टिंबर २। ८९९ वेतस-बेत २। ९०० एक प्रकारका छोड २। ९०१ लगाम २ । ९०२ मलीन २ । ९०३ पानी की बुंद २ । ९०४ खीला-स्थाणु २। ९०५ केश की लट २ । ९०६ ओठ २। ९०७ प्रकृति-स्वभाव २। ९०८ तत्त्व २ । ९०९ पोल-महोल्ला २ । ९१० हाथ-गज (माप) २ । ९११ भीत-भय प्राप्त २। ९१२ स्वाधीन २ । ९१३ गरीब २। ९१४ आटोप २। ९१५ नवरंगनया रंगा हुआ २ । ९१६ मसृण-नरम-लीसा २ । ९१७ स्थान-अवकाश २ । ९१८ विषय-गोचर २ । ____ JaiHEducation International. Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३६ ९१९ - ओरोविअं बलैइअं । ९२०-धोअं विच्छोलिअं । ९२१- दसा अवैत्था । ९२२ - संकू कीलो । ९२३ - रुंटिअं अलिविरुंअं । ९२४ - सीरिओ भिन्नो ।। २६२ ९२५-असमंजसं अनिर्बंद्धं । ९२६ पेडिसिद्धो वॉरिओ । ९२७ चैरो पैणिही । ९२८ - निसो कैसो। ९२९- समंता संव्वत्तो । ९३० - चोरओ कौरा ॥ २६३ ९३१ - बिहुलं विसंटुलं जाण । ९३२- सांमरिं सिबेलि । ९३३ -थेलि भूमिं । ९३४ - घरेवाडयं परोहेडं । ९३५ - ओई अजंतकालं च ॥ २६४ ९३६ बोलिअयं परिभत्तिअं । ९३७ - ऊढिअयं पाँउअयं । ९३८ - मिअं तुच्छं । ९३९ - हुंडी घडी । ९४० - पेउट्ठो कलाइआ । ९४१ - गंडेओ खंग्गो ॥२६५ ९४२ - खंड वणं । ९४३ - मुइंगो मुर्रओ य । ९४४ - विवेज्जओ विवज्जासो । ९४५ - पहा गणा । ९४६ - कलांवो तिउँडो । ९४७ - वत्थं दुगुलं च ॥ २६६ ९४८ - महुरं साउँ । ९४९ - वोरी करिथरणद्वाणं । ९५० - अगंगेला फैलिहो । ९५१ - विसेयं फुंडे । ९५२ - तेरंतं परिष्वंतं । ९५३ हिअं नी || २६७ ९५४ - लक्खोरुणिअं पलॅविअं । ९५५ - आँबिअं पोईंअं । ९५६- घंढं थूहं । ९५७ - रूढं पडैणं । ९५८ - जोमो पहरो । ९६९ - बहुलो कसणे पक्खो ।। २६८ ९१९ आरोपित २ । ९२० धोया हुआ २ । ९२१ अवस्था २ । ९२२ खीला २ । ९२३ भ्रमर का गुंजन २ । ९२४ भिन्न २ । ९२५ असमंजस २ । ९२६ प्रतिषिद्ध २ । ९२७ गुप्तचर २ । ९२८ कसोटी का पत्थर २ । ९२९ चारों तरफसे २ । ९३० जेलखाना २ । ९३१ विह्वल २ । ९३२ सेमल का पेड २ । ९३३ स्थली - सपाट भूमि २ । ९३४ घर का वाडा - घर का पीछला भाग २ । ९३५ आयति भविष्यकाल २ । ९३६ वला हुआ - फिरा हुआ २ । ९३७ ओढा हुआ - प्रावृत २ । ९३८ मित २ । ९३९ घटा २ । ९४० प्रकोष्ठ - हाथ की कलाई २ । ९४१ गेंडा २ । ९४२ वन - वनखंड २ । ९४३ मृदंग २ | ९४४ विपर्यास २ । ९४५ शंकर के गण - प्रमथ २ । ९४६ कलाप - मोर पींछ २ । ९४७ वस्त्र २ । ९४८ स्वादु २ । ९४९ हाथी को बांधने का स्थान २ । ९५० चौखट २ । ९५१ स्फुट २ । ९५२ तैरता हुआ २ । ९५३ ले जाया गया २ । ९५४ पल्लवित २ । ९५५ पोया हुआ २ । ९५६ टीला २ । ९५७ रूझ गया हुआ घाव २ । ९५८ प्रहर - पहोर २ । ९५९ कृष्ण पक्ष - बहुल दिवस - ब. दि. २ । Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३७ ९६० - पडिमेओ पच्चारणं । ९६१- आसंदी पीढिओ । ९६२ - रणो सैद्दो | ९६३ सयेडो गंती । ९६४-तंसं तिरिच्छं । ९६५- असिधेणुआ छुरिआ ।। २६९ ९६६-छोहो विक्खेवो । ९६७ - हिअयं आंसओ । ९६८ - कंदेरो य कफांडो । ९६९ - कूणिअं अद्धनिमीलिअं । ९७० - अच्छायंतं निसांयतं ॥ २७० ९७१ - मेदो संघ । ९७२ - रोसो दल्लीसेओ । ९७३ - रेखमं उचियं । ९७४ - गुज्झं रहेस्सं । ९७५ - ओसा मणो हो । ९७६ - कोसेयं चसंयं ॥ २७१ ९७७ - रंगो पिच्छभूमी । ९७८ - देरी गुहे । । ९७९ - चूडेओ वलयैबाहू । ९८० -खंजो खोडी य । ९८१ नेडो कुसीलवो । १८२-नोलिआ घंडिआ।।२७२ ९८३ - पोसाओ हम्मिं । ९८४- अणुअघंटिआ किंकिणी । ९८५ - केणी फुरणं । ९८६-पोओ वर्हेणं । ९८७ - सवेरा य किराया । ९८८ - मोलई जाई ॥ २७३ ९८९ - 'जे' त्ति य पयपूरणे । ९९० - विम्यम्मि हो। ९९१ विलविअम्मि अवि हाहा । ९९२-अंतो मैज्झे । ९९३-पुरेओ य अग्गैओ । ९९४-मग्गे ओ पच्छा ॥ २७४ ९९५ - खेआइ अब हंदि उत्ति । ९९६ - आमंतणमिदे सहो । पीठिका - पीढा २ । ९६२ शब्द २ । ९६५ छुरी २ । ९६६ क्षोभ २ । ९६९ आंख का आधा मिचना २ | । ९६० प्रतिभेद - उपालंभ २ । ९६१ ९६३ गाडी - छकडा २ । ९६४ टेढा २ ९६७ हृदय - आशय २ । ९६८ गुफा २ । ९७० निशातांत धारदार २ । ९७१ संघट्ट - भीड २ । ९७२ रास २ । ९७३ ९७६ चषक - दारु का । ९७८ गुफा २ । उचित २ । ९७४ गुह्य- रहस्य २ । ९७५ मनोरथ २ । प्याला २ । ९७७ प्रेक्षाभूमि- नाटक करने की जगह ९७९ हाथ का चूडा २ । ९८० खोडा - लंगडा २ । ९८१ अभिनय करने वाला नट २ । ९८२ समय नापने की घटिका २ । ९८३ प्रासाद - महेल २ । ९८४ छोटी घुघरी-छोटी टोकरी २ । ९८५ स्फुरण २ । ९८६ वहाण २ । ९८७ भिल्ल २ । ९८८ जाई का छोड २ । ९८९ 'जे' पादपूरक । ९९० 'हो' विस्मय सूचक । ९९१ 'हाहा' तथा ' अवि' विलाप सूचक । ९९२ मध्य २ । ९९३ आगे - आगल २ । ९९४ मग - पाछल - पीछे २ । ९९५ ' अव्वो ' ' हंदि तथा 'उ' ये तीन अव्यय - खेदादि सूचक । ९९६ ' दे' आमंत्रण सूचक । > २ Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९९७ - इरे तच्छीले । * विकमकालस्स गए अउणत्तीसुत्तरे सहस्सम्मि (१०२९) मालेवनरिंदधाडीए लूडिए मन्नखेडम्मि || २७६ धारानयरीए परिट्टिएण मग्गे ठिआए अणवजे । कज्जे बहिणीए 'सुंदरी' नामधिज्जाए || २७७ करणो अंध जण किवा कुसल ति पयाणमंतिमा वण्णा । नामम्मि जस्स कमसो तेणेसा विरइया देसी ॥२७८ कव्वेसु जे रसइढा सद्दा बहुसो कईहि बज्झन्ति । ते इत्थमए रइआ रमंतु हिअर सहिअयाणं || २७९ || पाइअलच्छी नाममाला समत्ता || ચૂંટ ९९८- इल्लो तो औंलो य मउ अत्थे ||२७५ ८ ९९७ 'इर स्वभाव सूचक प्रत्यय । ९९८ " ८ मत्वर्थीय प्रत्यय तीन-' इल्ल इत्त तथा आल , " " वाला ' अर्थ सूचक अर्थात् 1 * विक्रम के १०२९ वर्ष बीत जाने पर जब मालव के राजाने मान्यखेट - मलेखडा - नगर पर धावा किया तब धारा नगरी के निर्दोष मार्ग पर रही हुई 'सुंदरी' नामकी अपनी छोटी बहिन के लिए धनपाल कविने यह देशी कोश प्राकृतलक्ष्मी नामका बनाया । २७६-२७७ कविने इस पद्य के पूर्वार्धके पदों के अंतिम अक्षरों से अपना नाम -- धणवाल अर्थात् धनपाल - सूचित किया है । नाम सूचक अक्षर बड़े करके मुद्रित किये हैं । २७८ काव्योंमें जो शब्द रसाढ्य हैं तथा कविजनोंने जिन शब्दोंका बहुत प्रयोग किया हुआ है उन सब शब्दोंका इस कोशमें संग्रह किया हुआ है, वे सब शब्द सहृदयोंके हृदयमें रमण करो । २७९ ॥ प्राकृतलक्ष्मी नाममाला कोश समाप्त ॥ Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शब्दानुक्रम संकेतसूचनाः-वि०-विशेषण. क्रि० वि०-क्रियाविशेषण. स०. वि० सर्वनाम विशेषण. भ०-नान्यतर-जाति-नपुंसक लिंग. पुं०- नरजाति-पुलिंग. स्त्री-नारीजाति-स्त्रीलिंग क्रि०क्रियापद. अ० अव्यय. अंक प्राकृत १४१ अइकंत १४१ अइच्छिअ २२९ अइण ८८५ अइमुत्त ७८१ अइर १८२ अइरावण ८३१ अइरित्त ५४२ अइसइअ १५९ अइसएण ६४८ अइसयभरिअ संस्कृत लिंग हिन्दी अंग्रेजी अतिक्रान्त वि० अतिक्रान्त Passed अतिगत वि० गया हुआ Passed अजिन न० चमडा Skin अतिमुक्त पुं० माधवी लता Gartnera Ra cemosa अजिर न० आंगन Court ऐरावण पुं० ऐरावण हाथी Airavana अतिरिक्त वि. अधिक In excess अतिशयित वि० अतिशयित-विशेषता- Exceeding युक्त अतिशयेन अ० गाढ Exceedingly अतिशयभृत वि० बहुत भरा हुआ Filled to over flowing अंशुमालिन् पुं० सूर्य Sun अंशुक न० वस्त्र Garment, cloth अंशु पुं० किरण अंश पुं० अंश-भाग अकरुण वि० निर्दय Pitiless अकिञ्चन वि० गरिब, निर्धन Poor आक्रान्तभरावनत वि० भार से दबा हुआ- Bending under अवनत a load आक्रान्त वि० व्याप्त-दबा हुआ Attacked अर्क पुं० सूर्य - Sun वि० आक्रोश युक्त Reviled ४ अंसुमालि ११८ अंसुअ ७३ अंसु ७४८ अंस १२५ अकरुण ४९ अकिचण ५६६ अकंतभरोणय Ray Share ५८५ अकंत ४ अक्क ५५८ अकोसिअ आक्रोशित Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३१० अखायतल्ल २५ अक्खंडल २४० अक्ख ४३२ अक्खणिआ ७७६ अक्खय ६०० अक्खाय ५०१ अक्खित ७९९ अक्ख ७७ अगार ३२३ अगाह ९९३ अग्गओ ६३० अग्गक्खंध ७६२ अग्ग ९५० अग्गला १५२ अग्घइ ४९७ अग्घाय ८९० अंकुरिअ ५४७ अंकुसइअ* ५४७ अंकुसायार २४६ अंक ७७५ अंक ७८१ अंगण १२ अंगणा ७१८ अंगय १९७ अंगया अखाततल आखण्डल अक्ष अक्षणिका अक्षत आखात आक्षिप्त अक्ष अगार अगाध अग्रतः अग्रस्कन्ध अग्र अर्गला अर्घति - राज आघ्रात अङ्कुरित कुशकित अङ्कुशाकार अङ्क अङ्क अङ्गद अङ्गजा * ये शब्द देश्य हैं । अङ्गण अङ्गना न० विना खुदाई किये Pond बना हुआ छोटा तलाव Indra Organ Improper वि० अक्षत - नहीं टुटा हुआ Unhurt न० हाथी को पकडने के Pit for catching लिए खोदा हुआ खड्डा elephants Drawn near वि० आक्षिप्त पुं० बहेडा Beliric myrob alm पुं० इन्द्र न० इन्द्रिय स्त्री० विपरीत मैथुन न० घर House वि० ऊंडा Deep अ० आगे-आगे से Before, in front पुं० रणभूमि का अग्र भाग Van of an army न० आगेका भाग- किनार - Point कोर स्त्री ० दरवाजा बंध रखने का आगलिया Bar क्रि० सोहता है - सुशोभित He shines वि० सुंघा हुआ Smelt at वि० अंकुरित - ऊगा हुआ Sprouting न० अंकुश के आकार का Hook-shaped Hook-shaped न० पुं० चिह्न - निशान पुं० गोद - खोला न० आंगन स्त्री० स्त्री - नारी न० केयूर, पोंची स्त्री० पुत्री در Mark Lap Court Woman Bracelet Daughter Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३ २५७ अंगराअ १८६ अंगारअ ४२२ अंगार २५२ अंगुट्ठी* १५९ अच्चत्थ अचिस् ३२८ अच्चि ४५१ अच्छरिय ३०२ अच्छहल्ल* ९७० अच्छायत ५०० अच्छिन्न २३३ अच्छि ८९५ अजुअलवन्न* ९३५ अजंतकाल २८२ अज ३ अजा ८४३ अज्जा* ५०१ अंछिअ* अङ्गराग पुं० विलेपन Ointment अङ्गारक पुं० मंगल ग्रह Planet Mars अङ्गार पुं० अंगारा Fire-brand स्त्री० अवगुंठन-बुरखा Veil अत्यर्थ वि० अधिक Exceedingly, much न० अग्नि की ज्वाला-जाल Flames आश्चय न० आश्चर्य Wonder ऋक्षभल्ल पुं० रीछ Bear आच्छातान्त वि० तीक्ष्ण Sharpened at the Point आच्छिन्न वि० छेदा हुआ Split अक्षि न० आँख Eye अयुगलपर्ण न० सप्तपर्ण-छितवन का Alstonia पेड़ Scholaris आयत्काल पुं० भविष्यकाल Future time आज्य न० घी Clarified butter स्त्री० पार्वती Parvati स्त्री० यह स्त्री आञ्छित-आकृष्ट वि० खींचा हुआ-आकर्षित Drawn near किया हुआ क्रि०वि० कमर पर हाथ दे Placing the कर खडा रहना hand on hips अटनी स्त्री० व्यभिचारिणी स्त्री Unchaste woman पुं० कुंआ Well आढय वि० धनवान् , पैसादार Rich अनङ्ग पुं० कामदेव Cupid अनल पुं० अनि अनवसर क्रि०वि० आकस्मिक Inopportunely अनघ वि० अक्षत-अहीन Unhurt अनादर पुं० अपमान Insult आर्या ७२८ अट्टयकल्लि* ९१ अडयणा* अवट ३०८ अड* १९४ अड्ढ ७ अणंग ६ अणल ८३६ अणवसर ७७६ अणह* ४३९ अणायर Fire Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४३१ अणलिवों अनालपक पुं० मौन रखनेवाला Not-addressing ६० अणिमिस अनिमिष पुं० मछली Fish ६३० अणि अनीक न० रणभूमि का अग्रभाग Van of an army २९ अणिल अनिल पुं० वायु Wind ४८ अणी अनीक न० सेना Army १९९ अणुजीवि अनुजीविन् पुं० नोकर Servant ४४१ अणुताव अणुताप पुं० पश्चात्ताप Repentance ४६. अणुदिअह अनुदिवस क्रि०वि० रोज, हमेशा Daily ६९६ अणुपुव्व अनुपूर्व क्रि०वि० क्रम से-क्रमवार Successively ४६५ अणुपुव्वी अनुपूर्वी स्त्री० परंपरा-क्रम | Sequence ९८४ अणुअघंटिआ अणुकघण्टिका स्त्री० छोटी घंटडी-घूघरी- Small bells टोकरी ९८ अणुअर अनुचर . पुं० सहायक-सहचर-सेवक Servant २६९ अणुराअ अनुराग पुं० स्नेह Affection ६४० अणुरोह अनुरोध पुं० दाक्षिण्य Kindness १५३ अणुवेल अनुवेल क्रि.वि. निरंतर Constantly ४४१ अणुसय अनुशय पुं० पश्चात्ताप Repentance ६४५ अणुहूअ अनुभूत वि० अनुभव किया हुआ Experienced ६१ अंडय अण्डज पु० पक्षी Bird ५६१ अण्णेसिअ अन्वेषित वि० खोजा हुआ Sought after १७ अतकि अतर्कित वि० तत्क्षण-आकस्मिक Suddenly. २२१ अत्ता अत्ता स्त्री० सखी Female friend ८६८ अत्ता अत्ता स्त्री० सासू Mother-in-Law ४३४ अत्ति आति स्त्री० पीडा Pain २७३ अत्थ. अस्त्र न० अस्त्र Weapon . ४५९ अत्थाणी आस्थानी स्त्री० सभा Assembly ६५२ अत्थार* पुं० सहाय Help ६४९ अत्थुअ आस्तृत वि० विस्तीर्ण-आस्तीर्ण Strewn.. ६.७८ अत्थ पुं० घन Wealth ४४७ अदिहि अधृति स्त्री० अधैर्य Anxiety २६५ अहाअ* पुं० दर्पण Mirror अर्थ Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७९ अद्दि अद्रि पुं० पर्वत Mountain ६४२ अद्ध अर्ध न० आधा Half ९६९ अद्धनिमीलिअ अधनिमीलित वि० आँख आधी मींचना- Half closed ___ आंख मींचौनी ३२९ अद्धर अध्वर पुं० यज्ञ Sacrifice ४८३ अद्धत* अध्वान्त पुं० अंत-पर्यंत-रास्ते का अंत Ends limits ८३ अद्धाण अध्वन् पुं० मार्ग Path ९२५ अनिबद्ध अनिबद्ध वि० अव्यवस्थित Inappropriate २७ अंत अन्तक पुं० यम, काल Yama १०५ अंतर अन्तर न० छिद्र-छेद Hole, cleft ११३ अंतर अन्तर न० समय Opportunity ४२५ अंतराय अन्तराय पुं० विघ्न Obstacle , ३४ अंतरिक्ख अन्तरिक्ष न० आकाश Sky, air ४९९ अंतरिअ अन्तरित वि० ढंका हुआ Hidden १६१ अंतिम अन्तिक न० पास में Near १९२ अन्तेवासिन् अन्तेवासिन् पुं० शिष्य, चेला Pupil ९९२ अंतो अन्तर् अ० अंदर-बीचमें.. ७६ अंधयार अन्धकार न. अंधेरा Drakness ७९६ अन्नह. अन्यथा अ. नहीं तो Other wise ६११ अपच्छिम अपश्चिम वि० अंतिम .. Last ९१२ अप्पवस आत्मवश वि० स्वाधीन Independent १३ अप्पवसा आत्मवशा स्त्री० स्वच्छंद स्त्री Selfwilled . woman . ५३० अप्पाहिअ संदिष्ट वि० संदेश दिया हुआ Pointed out ५४० अप्पुल्लय आत्मभव वि० अपना-निजका-आपुला Own ११२ अप्फुण्ण* आपूर्ण-आक्रान्त वि० पूर्ण । Filled . २ अबला अबला स्त्रो० स्त्री Woman ९. अब्भ अर्भक पुं० बालक ... Little boy १६१ अब्भण्ण अभ्यर्ण वि० पास-समीप Near .... . ३८ अब्भपिसाअ* अभ्रपिशाच पुं० राहु Rahu . . ३३ भब्भ अभ्र , न० आभ-मेघ-वरसाद Cloud . ३४ ब्भ अभ्र न० आभ, आकाश Sky Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४६७ अब्भास अभ्यास १६१ अब्भास ५४८ अभिडिअ अभ्याश संगत ४५१ अब्भुअ ५४० अब्भुवगय १९१ अमच्च २८३ अमय ६०७ अमरचंदण अद्भुत अभ्युपगत अमात्य अमृत अमरचन्दन पुं० अभ्यास-एक ही Repeate, study काम को वारंवार करना क्रि०वि० पास-निकट Near वि० आपतित-मिला हुआ-United, joined समागम हुआ न० आश्चर्य Portent वि० स्वीकार किया हुआ Obtained पुं० मंत्री-प्रधान Minister न० अमृत Nectar न० हरिचंदन-गोरुचंदन Goshirsh chandan पुं० देव God स्त्री० देव की नगरी-स्वर्ग Town of gods पुं० क्रोध Anger न० देव का वन-नन्दनवन Indra's garden पुं० शत्रु Enemy पुं० कोरंट का वृक्ष YellowAmaranth न. आकाश Sky न० वस्त्र Garment पुं० आम का पेड-आम का Mango २४ अमर १६८ अमरावई ४३५ अमरिस १७६ अमरुज्जाण ५० अमित्त ३८४ अमिलाण ३४ अंबर ११८ अंबर अमर अमरावती अमर्श अमरोद्यान अमित्र अम्लान अम्बर अम्बर आम्र ३६९ अंब ३७१ अंबिलिआ ३५ अंबु १० अंबुरुह ३०८ अयड* ८३६ अयंड अम्लिका अम्बु अम्बुरुह अवट अकाण्ड स्त्री० इमली Tamarind न० पानी Water न० कमल Lotus पुं० कुँआ Well क्रि०वि० अचानक Suddenly, Inopporturely पुं० पहाड Mountain वि० मूर्ख Fool स्त्री० अधीरज-बेचेनी Anxiely न० जंगलमें आया हुआ Field in the खेत forest ७९ अयल १२१ अयाणय ४४७ अरइ ३५६ अरन्नछित्त अचल अज्ञायक अरति अरण्यक्षेत्र Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० अरविंद १७१ अरहा ३१४ अरहट्ट ५० अराइ ५० अरि ६०९ अरुणताव १६६ अरुण २५३ अलंकार ९०० अलंबु १७० अलया ९०५ अलय १५ अलस ६०२ अलस ८६ अलिअ २३६ अलिक ९२३ अलिविरुअ ५०९ अल्लीण ३५९ अवएस १०७ अवक्करस* ७५३ अवंग ५२० अवचिअ अरविन्द अर्हन् ४९२ अलाबु ७३० अलाय ६८३ अलिंजरअ* ११ अलि ६२१ अलिअपोरुसालाव अलीकपौरुषालाप अरघट्ट अराति अरि अरुणताप अरुण अलंकार अलम्बुस अलका अलक अलस अलस अलाबु अलात अलिञ्जरक अलि अलीक अलिक अलिविरुत आलीन अपदेश अपक्वरस अपाङ्ग अवचित न० कमल Lotus पुं० जिन, पूज्य, पूजा के Tirthaankara योग्य पुं० रेंट, पानी निकालने Water wheel का रहट पुं० शत्रु, वैरी पुं० " " पुं० सुबह की धूप वि० लाल पुं० गेहना Ornament न० एक प्रकार का कोमल Kind of छोड sensitive plant स्त्री० कुबेर की नगरी - अलका Kuvera's town पुं० चाल की लट वि० धीरा - ढीला वि० मीठा और गंभीर अवाज वाला Enemy Enemy Morning sun Red न० लौकी - तुंबा Bottle-gourd न० जलता हुआ लकडा Fire-brand पुं० रंगने का बडा पात्र Jar पुं० भँवरा Bee पुं० मिथ्या अभिमान न० झूठ-असत्य न० कपाल न० भमरे का गुंजना Lock Slow Sweet and low sound Bragging Falsely Forehead Humming of bees वि० पास में आया हुआ Closely approached Pretence Rum पुं० बाना - छल पुं० मधु मद्य पुं० कटाक्ष Side-glance वि० फूलों की इकट्ठे करना Gathered from a tree Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८४८ अवडु १६४ अवदाय ८४ अवयंस अवटु अवदात अवतंस १५१ अवयासिअश्लिष्ट पु० हडीयो-कंठमणि Nape of neck वि० उज्ज्वल White पुं० कान में पहेरने का Garland, flower गेहना Stuck into the ear . वि० आलिंगन किया हुआ- Embraced - भेट हुई न० पश्चात्ताप Repentance न० उत्तरीय वस्त्र-खेस Upper gament न० परिरंभण, आलिंगन Embrace पुं० अहंकार पुं० काल-समय Opportunity वि० तिरस्कृत-छोड दिया Abandoned, अपरक्तक उपरितन ४४१ अवरत्तय* ४९० अवरिल्ल ४६२ अव एंडण* ८९ अवलेअ ११३ अवसर १३८ अवहत्थि पलब Pride अवलेप अवसर अपहस्तित part ४६८ अवहिअ ७०१ अवाण ९९१ अवि १५३ अविरय १५३ अविराम ६६९ अविला १७ अविहाविअ ७९१ अवेसिण* वि० , , Ewe अवहित वि० सावधान Alert अपान न० गुदा Anus अपि अ० विलापसूचक Alas! अविरत क्रि०वि नित्य, हमेशा Constantly अविराम Constantly अविला स्त्री० भेडी- मेषी अविभावित क्रि०वि० अचानक-विना विचार Suddenly पुं० द्वारफलिह-द्वारपरिघ- Panels of the दरवाजे में लगा हुआ door काठ आदि का तख्ता अव्याहार । पुं० नहीं बोलना Not addressing अ० खेदादि का सूचक Ho! अशक्य वि० अशक्य Feeble असत्य वि० झूठ, असत्य False अशन न० अशन वृक्ष Tree अशनि पुं० वज्र Thnderbolt असद्भूत वि० असत्य Falsely असमञ्जस क्रि०वि० अव्यवस्थित Inappropriate ४३१ अव्वाहार ९९५ अव्वो ६२०. असक्क ८६ असच्च ८९६ असण १८४ असणि ८६ असब्भूअ ९२५ असमंजस Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८१२ असहण असहन वि० ७०५ असह ४२६ असामत्थ ९६५ असिधेणुआ २७५ असिमुट्ठि १३४ असि १६३ असिअ ५४ असि ८०७ असुंदर ३२ असुर ६८२ असोअ असह असामथ्य असिधेनुका असिमुष्टि अशित असित असि असुन्दर असुर अशोक वि० सहन नहीं करनेवाला-Angry क्रोधी वि० खेद करनेवाला Feeble न० निर्वलता-कमजोरी- Feebleness स्त्री० छोटी छुरी Knife स्त्री० तरवार की मूठ Sword-hilt भोजन किया हुआ Eaten वि० श्याम-काला Black पुं० तरवार Sword वि० खराब Ugly, nasty असुर, दैत्य Asura पुं० आसोपालव का पेड- Jonesia Ashoka अशोक वृक्ष स वि० वह-परोक्ष वह This, that पुं० अहंकार Pride न० पाप वि० नीच Low पुं० अधर्म-पाप Sin न० दिवस Day वि० उजमाल, उद्यत-तत्पर Intent on वि० जाना हुआ-पाया हुआ Understood वि० दुःखी Tormented वि० नया, ताजा New वि० अधिक Eexceeding, in अदस अहंकार अघ Sin ८४२ अह ८९ अहंकार ८५ अह २०१ अहम ८५ अहम्म ४१७ अह ४८५ अहिउत्त १६२ अहिगय ५४९ अहिड्डय ४३७ अहिणव ८३१ अहिअ अधम अधम अहन् अभियुक्त अधिगत अभिद्रुत अभिनव अधिक excess सूय ४ अहिमयर अहिमकर पुं० Sun १९८ अहियाअ अभिजात वि० नम्र-कुलीन-खानदान Noble ७८० अहियार अधिकार अधिकार Topic १४ अहिराम अभिराम वि० सुन्दर Lovely १४२ अहिरेमइअ* पूर्ण वि० पूर्ण-भरा हुआ Filled २७१ अहिरोहणिआ अधिरोहणिका स्त्री० । निसनी-सीढी Ladder, stairs ५५३ अहिलिअ* वि० पराजय पाया हुआ Defeated Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९१ अहिसारिआ अभिसारिका स्त्री० व्यभिचारिणी स्त्री Unchaste woman Name Snake Frightened Thrown ४३३ अहिहाण अभिधान न० नाम, संज्ञा ३१ अहि अहि पुं० सर्प आ १३२ आइग्ग आविग्न वि० भयभीत-डरा, हुआ ५४५ आइद्ध आविद्ध वि० फेंका हुआ-विधा हुआ, व्याप्त १३६ आउंबालिय आप्लावित वि० जल से छांटा हुआ जल से भीगा हुआ ४७५ आउल आकुल वि० आकुल-गभराया हुआ। २७३ आउह आयुध न० अस्त्र ४८१ आएस आदेश पुं० हुकम, आज्ञा ५२४ आओडिअ आकुटित . वि० कुटा हुआ-मारा हुआ। ९० आडंबरिल्ल आडम्बरवत् वि० आडंवरी ९१४ आडोव आटोप पुं० आडंबर-घटाटोप ७८९ आढत्त आरब्ध वि० शुरू किया हुआ २३२ आणण आनन न० मुख-मुंह ४२७ आणद आनन्द पुं आनंद, खुशी ८२ आमअ आमय पुं० रोग, दद ३४९ आमेल आपीड कलगी-छोगा ३७९ आमोअ आमोद पुं० सुगंध Sporting in the water Confused Weapon Order Beaten Proud Pride Begun Face Pleasure Disease Tufts, garland Perfume, fragrance Joy Future ४६३ आमोअ ९३५ आयइ ८२ आयंक ५२५ आयण्णिअ १६६ आयंबिर ४८४ आयय २६५ आयरिस आमोद पुं० हर्ष-आनंद आयति स्त्री० भविष्यत्काल-आनेवाली स्थिति आतङ्क पु० रोग आकर्णित वि० सुना हुआ आताम्र वि० लाल आयत वि० लम्बा आदर्श पु० आरिसो-दर्पण Disease Heard Brown Long Mirror Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४४९ आयर ८२ आयल्ल ४५२ आयाम ८४१ आयार आकार ६०९ आयावलय* ४६६ आरक्ख आदर पुं० आदर-मान Respect, Under standing पुं० रोग Disease आयाम पुं० लम्बाई Length, extent पुं० आकार-दूसरे को Deportment समजाने की चेष्टा आतापलव' न. सुबह की धूप Morning Sun आरक्ष पु० नगरकी रक्षा करनेवाला, Watchman कोतवाल आरब्ध वि० आरब्ध-शुरू किया हुआ Begun आरनाल न० राब, कांजी Sour gruel आरम्भ पुं० प्रारंभ-शुरूआत Beginning आराम पु० बगीचा, वाडी Garden आरूढ़ वि० चडा हुआ-सवार हुआ Ascended आरेचित वि० रोमांचयुक्त Horripilated ओरापित वि० चडाया हुआ-आरोप किया Placed on ७८९ आरद्ध २६८ आरनाल ४२८ आरंभ ३४३ आराम ८३० आरूढ १३७ आरेइअ ९१९ आरोविअ गया ३४४ आलवाल आलवाल न० क्यारी-छोटी क्यारी Basin round a tree ५९९ आलाण आलान पुं० हाथी को बांधनेका खीला Post for tying elephants १५१ आलिंगियय आलिङ्गितक वि० मेटा हुआ Embraced १५० आलिद्ध आश्लिष्ट वि० भेटा हुआ-चोंटा हुआ- Touched चिपका हुआ २२१ आलि आलि स्त्री० सखी Female friend १५. आलुखिअ आश्लिष्ट वि० भेटा हुआ-चिपका हुआ Touched ९९८ आल मतु प्र० 'वाला' अर्थका सूचक प्रत्यय-Affix ' जसे 'दयाल '-दयावाला ___ ७५ आलोअ आलोक पुं० प्रकाश Light ५४८ आवडिअ आपतित वि० संगत United २०८ आवणिअ आपणिक पुं० बनिया, व्यापारी Merchant १ प्र०-प्रत्यय Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २५९ आवण आपण २६० आवत्त ३०४ आवत्त आतपत्र आवर्त आपगा ३६ आवया ४७१ आवया १०६ आवली ४३८ आवाअ आपत् आवली आपात आवास ७७ आवास ९५५ आविअ ७२२ आविल १२० आसंसा ९६७ आसअ २७० आसण ८९७ आसत्थ ७८३ आसत्थ आविल आशंसा आशय आसन अश्वत्थ आश्वस्त पुं० बजार, हाट Market न० छत्र Parasols पुं० पानी में होनेवाले गोल Whirlpool गोल कुंडाले स्त्री० नदी River स्त्री० आपत्ति, आपदा Misfortune स्त्री० पांती, श्रेणी Row पुं० आरम्भ किसी भी कामका Beginning, पहला समय Present time पु० घर Dwelling वि० परोया हुआ Stiched, Pierced वि० भीगा हुआ-भैला Muddy स्त्री० इच्छा Wish पुं० आशय, हृदय Heart न० आसन Seat . पु० पीपल का पेड Asvattha वि० विश्राम पाया हुआ, Rested आश्वासन पाया हुआ वि० बेठनेका ऊंचा आसन- Seat कुरसी जैसा आसन वि० पास-समीप Near स्त्री. दिशा Quarter of the horizon स्त्री० आशा, मनोरथ Wish पुं, धूलकी वृष्टि Hard Shower पु० घोडा Horse पुं० आसोज महिना Month Asvin न० गेहना Ornament लडाई Battle वि० त्रास पाया हुआ Confused वि० बना हुआ-धरा हुआ Made वि० बोलाया हुआ Called ९६१ आसंदी आसन्दी १६१ आसन्न ६९० आसा आसन्न आशा ९७५ आसा ८२३ आसार ४५ आस ६१७ आसिण २२३ आहरण ४६ आहव ४७५ आहित्थ १३३ आहिअ ८३२ आहूअ आशा आसार अश्व आश्विन आभरण आहव आत्रस्त आहित आहूत Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७०२ आहोरण आधोरण पुं० महावत Mahout ४६८ इकग्गमण एकाग्रमनस् न० एकचित्त Intent on ३७७ इक्कंग* एकाज न० चंदन, सुखड Sandal १७ इकवए एकपदे अ० शीघ्र-एकाएक Suddenly १७ इकसरियं* अ० Suddenly ३६३ इक्खु पुं० ईख-ऊख Sugar-cane ६१४ इगालि* स्त्री० ईख का टुकडा-गंडेरी Stem of Sugar-cane ४२२ इंगाल अङ्गार अङ्गारा Fire-brand ८४१ इंगिअ इङ्गित न० इसारा-संकेत Gesture, deportment. १२० इच्छा इच्छा स्त्री० इच्छा Desire ११४ इण्हि इदानीम् अ० इस समय Now ११४ इत्ताहे इदानीम् अ० Now ९९८ इत्त मतु प्र० संबंधसूचक प्रत्यय-देखो Affix' 'आल' ४४८ इत्तोप्प* एतत्प्रभृति क्रि० वि० इधरसे शुरू करके-यहींसे Hence forth लेकर १८५ इंदधणु इन्द्रधनुष न० मेघधनुष-सूर्यकी किरणें Rainbow वादलों पर पड़ने से आकाश में जो विविध रंगी धनुष आकार दीख पड़ता है वह ६२ इंदमहकामुअ* इन्द्रमहकामुक पुं० कुत्ता ४१२ इंदमह इन्द्रमह पु० कुमारी में पेदा हुआ Born from a Virgin १८१ इंदाणी इन्द्राणी स्त्री० इंद्राणी Indrani ११ इंदिदिर इन्दिन्दिर पुं० भौंरा Bee २४० इंदिय इन्द्रिय न० इंद्रिय Organ ५७ इंदीवर इन्दीवर न. कमल Blue lotus ५ इंदु इन्दु पु० चंद्र-चांद Moon Dog Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३८८ इंदोव * १९४ इब्भ ८.२ इम ८४३ इमा ८१४ इअ २०१ इअर ९९७ इर ६८ इल्लि ९९८ इल ५१ इसु ११४ इहई ७९६ इहरा ७७७ ईसि १२० ईहा ९९५ उ ६२३ उउ ४९६ उक्कडिअ ८०३ उकंठा ६७३ उक्का १८ उक्केर ६९७ उक्कोडा* ३९५ उक्ख १४३ उक्खित्त ५१७ उक्खित्त ५१७ उक्खोडिअ ३०६ उग्गाल इन्द्रगोप इभ्य धनवान् -धनवाला पुं० इदम्-अयम् स०वि० यह मनुष्य रम् - इयम् स्त्री० सर्वनाम ० आ - यह - स्त्री इ इतर मतु इषु ऋधक् इतरथा १४ पुं० एक प्रकार का कीडा ईषत् T अ० वि० नीच, अन्य प्र० पुं० प्र० इस प्रकार, समाप्तिसूचक ० बाण जल्दी अ० अ० अन्यथा, नहीं तो ई क्रि० वि० थोडा स्त्री० इच्छा पुं० स्वभावसूचक प्रत्यय-जैसे चिर - स्वाभाविक नाचनेवाला वाघ उक्षन् उत्क्षिप्त उत्क्षिप्त वि० उत्खोटित वि० उद्गार पुं० ओ अ० खेदादि का सूचक ऋतु ऋतु पुं० उत्कटित - उत्कृत्त वि० काटा हुआ तोडा स्त्री० उत्कण्ठा उत्कंठा - होंश उल्का स्त्री० उल्का उत्कर उत्कोटा वि० पुं० समूह स्त्री० लांच बैल ऊंचे फेंका हुआ उखाडा हुआ Tiger संबंधसूचक प्रत्यय देखो - 'आल' ' Affix Arrow Now' Otherwise उ Insect Cochineal " पानीका छोटा प्रवाह Rich This masc This fem Thus Bad • Affix ' Little Desire Particle Season हुआ Split, injured Longing Fire-brand Heap, collection Bribe Bull Thrown up Thrown out Thrown out Brook Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३९४ उग्गाल उद्गार पुं० ऊगलना-जुगाली करना Chewing the cud ५२२ उँग्गिलिअ उद्गीर्ण वि० वमन किया हुआ Vomited ५४६ उग्गाहिअ उद्ग्राहित वि० उद्ग्राहित-ऊंचा किया हुआ Raised ४२८ उग्घाअ उद्घात पु० आरम्भ-शुरूआत Beginning ९७३ उचिअ उचित वि० उचित, ठीक Proper ४९१ उच्चअ. उच्चय पु० घाघरे की नाडी Knot to fasten the petticoat ६१६ उच्चत्त उत्त्यक्त वि० पड़ा हुआ-छोडा हुआ Loosened fallen ६६३ उच्चत्तवरत्तय* क्रि० वि० दोनों बाजु ऊंचा नीचा Turning from करना-इधर उधर करना one side to the other ६१२ उच्च उच्च वि० ऊंचा । High ७९५ उच्चलण उच्चलन न० उन्मर्दन Rub, Shampoo ५११ उञ्चिडिम उच्चिटिम वि० मिजाजी-मर्यादा हीन Boundless ५२. उच्चिणिअ उचित वि० चुंटा हुआ Gathered from a tree १५८ उचिवलय* न० गंदा पानी Muddy water १४३ उच्छूढ उत्क्षिप्त वि० ऊंचे फेंका हुआ Torn out १३२ उच्चेय उच्चेतस् वि० चिंतातुर-उदास Sad ७७५ उच्छंग उत्सङ्ग पुं० गोद-खोला Lap ६७६ उच्छंटअ* उच्छण्टक पु० शीघ्र चोरी करना Sleight of hand in Stealing ५०४ उच्छलिअ उच्छलित वि० ऊछला हुआ Moved upwards १४७ उच्छित्त उत्क्षिप्त वि० फेंका हुआ Thrown out of order ६१४ उच्छुगडीरी इक्षुगण्डिरी स्त्री० ईख का टुकडा Stem of Sugar cane ५९३ उच्छुण्ण उत्क्षुण्ण वि० टूटा हुआ Broken, crushed ३६३ उच्छुवण इक्षुवण न० ईखका खेत-वन Sugarcane field Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ओष्ठ ३६३ उच्छु ४८५ उज्जअ ३४३ उजाण १६ उज्जालिअ ४८५ उज्जुत्त ४८८ उज्जुय .७५ उज्जोअ १३८ उज्झअ ७७० उछ* ९०६ उट्ठ ३९८ उडव १७४ उडु ___९० उड्डामर ५१७ उड्डिहिअ* ५७४ उड्डीण ३८९ उन्ननाह ७२ उण्ह ८४ उत्तस १२९ उत्तणुअ १३२ उत्तत्थ ७५७ उत्तप्प २३५ उत्तमंग ५७५ उत्तम्मिउ ४९० उत्तरिज १२९ उत्ताण ५३५ उत्तेजिअय ५८५ उत्थरिअ* ५०४ उत्थल्लिअ इक्षु पुं० ईख-उख Sugarcane उद्यत वि० उजमाल-तत्पर Intent on उद्यान न० वाडी, बगीचा Garden उज्ज्वालित वि० चमका हुआ-जलाया हुआ Shining उद्युक्त वि० उद्योग युक्त Intent on ऋजुक वि० सरल, सीघा Straight उद्योत पुं० प्रकाश Light उज्झित वि० छोडा हुआ-त्यक्त Abandoned पुं० छीपा-कपड़ों को छापनेवाला Dyer पुं० ओठ Lip उटज न० झोपडी Hermitage न० नक्षत्र Constellation उड्डामर बि० आडंबरी False, showy वि० ऊपर फेंका हुआ Thrown up उड्डीन वि० ऊडा हुआ Flown up ऊर्णनाभ पुं० मकडी-करोलिया Spider उष्ण वि० गरम Heat उत्तंस पुं० कान में पहननेका गेहना Ear-ornament उत्तनुक वि० अभिमानी Proud उत्त्रस्त वि० त्रास पाया हुआ Frightened वि० उद्धत Proud उत्तमाङ्ग न० माथा- सिर Head उत्तान्त वि० थका हुआ-खेद पाया हुआ Distressed उत्तरीय न० दुपट्टा- खेस-उपरणी-चद्दर Upper garment उत्तान वि० चित पडा हुआ,ऊर्ध्व मुखवाला Proud उत्तेजितक वि० उत्तेजित Encouraged उत्स्तरित वि० दबाया हुआ Attacked उत्स्थलित वि० मूल जगह से हटा हुआ- Moved ___ उछला हुआ upwards उदक न० पानी Water उद्बुप्त वि० स्फुटित Torn out उत्तल्प ३५ उदय ११३ उद्दरिअ Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shining १३ उद्दामा उद्दामा स्त्री० स्वेच्छाचारिणी स्त्री Self-willed woman ५०० उद्दालिअलित वि० टूटा हुआ Split १६ उद्दीविअ उद्दीपित वि० प्रकाशित ५१२ उद्धंकय ऊर्ध्वकृत वि० ऊंचा किया हुआ Raised ७५५ उद्धव ऊर्ध्व वि० ऊपर High ७५७ उद्धय उद्धत वि. उद्धत, उन्मत्त Proud १४३ उद्धरिअ उद्धृत वि० उद्धार किया हुआ Taken out १४२ उद्धुमाय* पूर्ण वि० पूरा Filled : ६१२ उद्धर उद्धर वि० ऊँचा High ५०८ उन्नामिअ उन्नामित वि० चडा हुआ Bent upwards ५०८ उन्नालिअ उन्नालित वि० , Bent upwards ४६० उन्नाह उन्नाह पुं० उंचाई Elevation ५१९ उन्नुइअ* वि० कुत्तेने भोंका हुआ Barking ५७४ उप्पइअ उत्पतित वि० ऊंचे गया हुआ Flown up १८ उष्पंक उत्पङ्क पु० समूह . Heap, collection १४३ उप्पाडिअ उत्पाटित वि० उद्धार किया हुआ Torn out ८०३ उप्पाहल* न० उत्कंठा, होश Longing ४७५ उप्पित्थ* वि० व्याकुल Confused ५३८ उप्पुणिअ उत्पूत वि० उत्पूत Winnowed ९० उप्पेहड़* वि० आडंबरी False, Showy १४५ उप्फालिअ उत्स्फालित न० सूचन-पैशुन्य करना Spoken १२३ उत्फाल* उत्स्फाल पुं० दुर्जन Wicked १४४ उप्फुल्ल उत्फुल्ल वि० फुला हुआ Blown as a flower ९० उब्भड उद्भट वि० उन्मत्त Hypocritical ५६७ उन्भडवेस उद्भटवेष वि० उन्मत्त की तरह पहनाववाला Splendidly dressed ७५५ उन्भय ऊर्ध्वक वि० ऊँचा-खडा-ऊभा High ५३८ उम्भालिअ उद्भालित वि० उद्भालित-सूप आदिसे Winnowed साफ किया हुआ Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत १६ उम्भुत्तिअय* प्रदीप्त वि० उद्दीप्त-शोभा युक्त Shining ८१८ उंबरअ उदुम्बर पुं० गूलर का पेड . Tree ७९५ उम्मलण उन्मर्दन न० मर्दन करना Rub, Shampoo ३५२ उम्माल निर्माल्य न० निर्माल्य-देव को चडी हुई Residue वस्तु १४४ उम्मिल्ल उन्मिलित वि० खिला हुआ-विकसित Blown as a flower ५६ उम्मि ऊर्मि पुं० पानी के तरंग Wave ५४३ उम्मुट्ठ उन्मृष्ट वि० छूआ हुआ Wiped out ७३० उम्मुअ उल्मुक न० लूका-अलात Firebrand ७२ उम्ह उष्मन् पुं० बाफ-गरमी Heat ६८७ उअ अ० देखो Look ४९१ उअट्टी* स्त्री. नीवी, नाडी Knot to fasten petticoat ११२ उअंत उदन्त पुं० समाचार- वृत्तान्त News २३८ उअर उदर न० पेट Stomach ३१ उरअ उरग पुं० सप Snake २७४ उरत्थय उरस्त्रक न० छाती को बचानेवाला-बख्तर Coat of mail ८५५ उर उरस न. छाती Breast १५७ उरु वि० विशाल Wide ४३८ उरो* न० शुरूआत, आरंभ Beginning ६२८ उलवी* स्त्री० पानी को सुगंधित करनेवाला Andropogon एक प्रकार का घास Muricatus ३९३ उलू उलूक पुं० उल्लू-घूड Owl ५९२ उल्लंडिअ उल्लण्डित वि० विरेचित-बहार फेंका हुआ .Emptied ५३१ उल्ल आर्द्र वि० गिला-आला Wet ५७२ उल्लिहिअ उल्लिखित वि० घीसा हुआ-पीसा हुआ Scraped, thinned ८९० उल्लूढ उढ वि० ऊगा हुआ-अंकुरित Sprouting ४९६ उल्लूरिअ* उल्लूनित वि० काटा हुआ-तोडा हुआ Split, injured १३० उल्लेहड* उल्लेह वि० लालचु-लुब्ध Covetous Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५६ उल्लोल* उल्लोल पुं० पानीका तरंग Wave ६६२ उल्लोअ उल्लोच कपडे की चांदनी Awning १५१ उवऊढ उपगूढ वि० आलिंगित Embraced ६०० उव* उपग पुं० हाथीको पकडनेका गड़ा Pit for catching elephants ५०९ उवगय उपगत वि० पास गया हुआ Approached ५२७ उवणीअ उपनीत बि० पास लाया हुआ Given ६२५ उवयार उपचार पुं० उपचार, सामग्री, उपाय Offering of flowers ७२५ उवरत्त उपरक वि० राहु से प्रस्त Eclipsed ३२० उवल उपल वि. पाषाण, पत्थर Stone ५०९ उवसप्पिअय उपसर्पितक पुं० पास गया हुआ-प्राप्त Approached २६३ उवहाण उपधान न० सिरहाना-उसीसा-तकिया Pillow ४९८ उवहुत्त उपभुक्त वि. उपभोग किया हुआ Enjoyed ७६६ उवायण उपायन न० मेट में देने की वस्तु Present २१ उविंद उपेन्द्र पुं० उपेन्द्र Upendra ५२२ उव्वमिअ उद्वान्त वि. वमन किया हुआ Vomited १३१ उव्वाय उद्वात वि० थका हुआ Distressed, tired १३२ उव्विग्ग उद्विग्न वि० उद्वेग युक्त Frightened ५६७ उबिव्व उबिम्ब वि० उद्भट पहनाववाला Splendidly dressed ५३३ उव्वेल्ल वि० फैला हुआ Stretched out १८७ उसण उशनस् पुं० शुक्र Sukra ३८५ उसीर उशीर न० कमल का तंतु Andropogan Muricatus ४६. उस्सेह पुं० ऊंचाई Elevation प्रसत उत्सेध ६८५ ऊढा ९३७ ऊढिअय ५७८ ऊअट्ठ ऊढा ऊढितक अवकृष्ट स्त्री० विवाहित स्त्री Wife न० ओढना-ढकना Covered वि० अववृष्ट-वरसाद से बिगडा Rained on हुआ वि० रोमांचित-उल्लसित Horripilated १३७ ऊसलिअ उल्लसित Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५१२ ऊसविअ १६ ऊसिक्किअ* ५३६ ऊसित्त २६३ ऊसीस उत्सवित वि० ऊंचा किया हुआ प्रदीप्त वि. दीपित अवसिक्त वि० छांटा हुआ। उच्छीर्ष न० सिरहाना- तकिया Raised Shined Anointed Pillow ७० एणी एणी स्त्री० हरणी Doe ४५४ एमेअ एवमेव अ. ऐसा ही। In vain ४४८ एअप्पभिइ एतत्प्रभृति अ० यहांसे वा इधरसे लेकरके Hence forth ८१४ एवं एवम् अ. ऐसा Thus ओ ५६. ओइण्ण अवतीर्ण वि० अवतार पाया हुआ Descended ६०६ ओऊल अवचूल न० झूमणा-विशेष प्रकार का A pendant लंबा गेहना ornament ६५७ ओज्झर अवझर न० झरना Torrent ४४३ ओणय अवनत वि. अवनति पाया हुआ Bent, down १८ ओप्पील* पुं० समूह, जत्था, झुंड Heap ४४३ ओमत्थ अपमस्तक वि० माथा नीचे किया हुआ Bending down ४४३ ओयत्त अववृत्त वि० अधोमुख Bending down ५६० ओअरिअ अवतीर्ण वि० अवतार पाया हुआ Descended ५८१ ओरत्त* वि० फाडा हुआ Split, torn ५८१ ओरंपिअ* अवतष्ट वि० पतला किया हुआ-छोला Torn, split हुआ ५७१ ओरालिअय औदारिक वि० शोभायमान Beautiful ६०३ ओरिल्ल* वि० लम्बा और मधुर Long and sweet ४८९ ओलइअ* वि० पिनद्ध, ढका हुआ Dressed, acc ontred ६२९ ओलावअ* पुं० श्येन-बाज पक्षी Falwn ५३६ ओलित्त उपलिप्त वि० उपलिप्त Smeared १०६ ओली आवली स्त्री० श्रेणी Line, row ४७. ओलुग्ग अवरुग्ण वि० रोगी Feeble, diseased Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५८५ ओवग्गिअ उपवल्गित वि० आक्रांत, व्याप्त ४२४ ओवाइअ उपयाचित वि० मनौती ९१७ ओवास अवकाश पुं० अवकाश ५०३ ओसक्क* वि० ' अपमृत ५६५ ओसद्ध* अवशुद्ध वि० अवशुद्ध ५०३ ओसरिअ अपसृत वि० पीछे हठा हुआ ५६८ ओसरिअ उपसरित वि० पास में आया हुआ ४९७ ओसिंघिअ अवघ्राण वि० सुंघा हुआ ५३९ ओहामि ____ तुलित वि० तुला हुआ ३१७ ओहार* पुं० कछुआ-काचबा ५९६ ओहीरइ निद्राति क्रि० निद्रा लेता है ५०७ ओहीरंत निद्रात् वि० निद्रा लेता हुआ १८ ओह पुं० समूह Attacked Prayer Place, space Departed Thrown down Departed Gone to meet Smelt at Weighed Turtles He sleeps Sleeping Heap, Collection ओघ कंतव ४१६ कइअव १७८ कइलास ३०५ ककडय ८७७ ककंधु १२८ ककस ८५८ कक्खा ८३७ कंकलास ६८२ ककेलि* ३८२ ककोड* कक्षा न० कपट Fraud कैलास . पुं० कैलास पर्वत Kailas कपि पुं० बन्दर Monkey कर्कटक पुं० केकडा Crab कर्कन्धू स्त्री० बोरडी का बृक्ष Jujube tree ककेश वि० निष्ठुर, कठिन Hard स्त्री० कांख-बगल Armpit कङ्कलास न० गिरगिट-काकीडा Lizard पु० अशोक वृक्ष, आसोपालव Jonesia Asoka कर्कोट न० कंकोडा A kind of vegetable fruit, Kantola कङ्ग स्त्री० कांगन Pahicum Italicum कात्यायनी स्त्री० पार्वती Parvati कच्छप पुं० कछुआ-काचबा कच्छा स्त्री० कमर का गेहना-कटिमेखला Girdle Fayde ८८७ कंगु ३ कच्चायणी ३१७ कच्छह २४९ कच्छा Turtles Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५८२ कज्जलइअ कज्जलित व० काला-काजलवाला ६६१ कज्जव* पुं० कीच-कचरा .२४९ कंची ११६ कंचुअय ४०८ कट्ठ ७५३ कडक्ख ३३० कडय काञ्ची स्त्री० कटिमेखला कञ्चुकक पुं० चोली-काँचली काष्ठ काष्ठ-लकडा कटाक्ष पुं० कटाक्ष कटक न० पर्वत का मूल भाग वा मध्य भाग कडार वि० भूरा रंग कटीस्तम्भ पुं० कमर पर हाथ रखना Smeared with Collyrium Stack of grass Girdle Coat of mail Wood Side glance Ridges १६५ कडार ७२८ कडिखंभ* Brown Placing the hand on the hip कटीभव ११७ कडिल्ल* ७३७ कडुच्छुअ* ३०१ कडुयाल * ५०१ कड्डिअय १२८ कढिण ५६९ कणइअ* कर्षित कठिन २९१ कणइल ३३४ कणई* ५१ कणअ* १७७ कणयगिरि ८० कणय ३७४ कणवीर ५६९ कणायण्ण न० कटी संबंधी वस्त्र Lower garment पुं० बडा कडछा-कडछी Iron spoon पुं० छोटी मछली Small fish वि० खींचा हुआ Drawn near वि० कठोर Hard न० छोटे छोटे बिंदुओं से युक्त Covered with Spots पुं० तोता Parrot स्त्री० लता Creeper पुं० बाण Arrow पुं० मेर Meru न० सोना Gold पुं० कनेर का पेड़ Oleande वि० छोटे छोटे बिंदुओं से युक्त Covered with spots न० नुपूर-झांझर Anklet वि० फरकना-धडकना Quivering कनकगिरि कनक करवीर कणाकीर्ण क्वणित ३५१ कणिर ९८५ कणी* Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३७ कंटइअ कण्टकित ३८२ कंटुल्ल* ६०५ कंठदरखलिअ कण्ठदरस्खलित वि० गदगद बोलना ८४७ कंठ पुं० कंठ वि० काला पुं० कार्तिक मास स्त्री० चमड़ा स्त्री० कस्तूरी वि० सुंदर पुं० १६३ कण्ह ६१७ कत्तिअ २२९ कत्ति ३७६ कत्थूरी १४ कंत १०२ कंत ३३१ कंतार २४१ कंति ७ कंदप्प ९६८ कंदर ८४६ कंदुअ ५७ कंदुट्ट* २३१ कंधरा ८४ कन्नऊर ८५४ कन्न ८६० कन्ना २५५ कन्नायंस ८४ कनोली* ५७३ कप्परिअ* ३७८ कप्पूर ९६८ कप्फाड * ९३ कबरी ३१७ कमढ २ कमलजोणि कण्ठ कृष्ण कार्तिक कृत्ति कस्तूरी कान्त कान्त कान्तार कान्ति कन्दर्प कन्दर कन्दुक कन्दोत्थ कन्धरा कर्णपूर कर्ण कन्या कर्णावतंस कर्णाली २३ वि० रोमांचयुक्त न० कंटोलाका शाक, कल्पित कर्पूर कपाट कबरी कमठ कमलयानि कंथ-कांत वन, जंगल न० स्त्री० कांति, सौंदर्य पुं० कामदेव पुं० पुं० गुफा गेंद-दडा न० स्त्री० डोक नीला कमल न० कान का गेहना पुं० कान स्त्री० कन्या, कुमारी पुं० स्त्री० कंटोला कान का गेहना - कुंडल कान का एक विशेष प्रकार का गेहना वि० काटा हुआ - फाडा हुआ पुं० कपूर पुं० गुफा स्त्री • संवारे हुए केश पुं० कछुआ पुं० ब्रह्मा Horripilated A kind of vegetable fruit, Kantola Faltering Throat Black Month Kartika Skin Mask Lovely Lover, husband Forest Beauty, splendour Cupid Cave Ball Blue lotus Neck Ear ornament Ear Girl, virgin Ear ornament Ear ornament Torn Campher Cave Braid Turtle Brahma Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३४२. कमलर कमलरजस् पुं० कमल की रज-कमल का Pollen of पराग lotus ७. कमला कमला स्त्री० हरणी Doe १७२ कमला कमला स्त्री० लक्ष्मी Laxshmi २ कमलासण कमलासन पुं० ब्रह्मा Brahma ३८७ कमलिणी कमलिनी स्त्री० कमलिनी Lotus pond २२६ कम क्रम पु० पांव-पग-पेर Foot ७१६ कमेलअ क्रमेलक पुं० ऊंट Camel ७०९ कंबु कम्बु पुं० शंख Conch ८५ कम्मस कल्मष न० पाप Sin १३३ कय कृत वि० किया हुआ Made २७ कयंत कृतान्त पुं० यम Yama ५८३ कयपरिवेस कृतपरिवेष । न. चारों तरफसे व्याप्त ८७३ कयली कदली स्त्री० केल Plantain tree ६६१ कयवर* कचवर पुं० कीच-कचरा Stack of gras २८९ कयवाअ कृकवाक पुं० कूकडा Cock ५९८ करड करट पु० हाथी का गंडस्थल Elephant's check २४० करण करण न० इंद्रिय Organ ७८६ करणी* करणी स्त्री० आकार, रूप Body, form २१२ करमरिअ* पुं० बलात्कारसे आनी हुई स्त्री Woman abdu cted by force ४४० करंब करम्ब दही और भात का बना Flour mixed हुआखाद्य पदार्थ with curd २२४ कररुह कररुह पुं० नख Nail ५४ करवाल करवाल न० तलवार Sword ७१६ करह करभ ऊंट Camel ७३ कर कर पुं० किरण Ray २२८ कर कर पुं० हाथ Hand ९ करि करिन् पु० हाथी Elephant २९९ करिणी करिणी - स्त्री० हथनी-हाथनी Female elephant न Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९४९ करिधरणट्ठाण करिधरणस्थान न० हाथी को बांधने का Elephant trap डोर-रस्सा ६०० करिबंधण करिबन्धन न० हाथी को पकडनेका खड्डा Pit for catching elephants ३०० करिमयर करिमकर पुं० जलहाथी Water elephant ४०१ करिसग्गि करीषाग्नि पुं० गोबर-कंडे-की आग Fire of cowdung ९ करेणु करेणु पुं० हाथी Elephant २९९ करेणुआ करेणुका स्त्री० हथनी-हाथनी Female elephant ८१५ करोडिआ करोटिका स्त्री० कांसे की कथरोट Brass cup १५५ कल कल न० मधुर Sweet ८०५ कलमगोवी कलमगोपी स्त्री० कोलम जातके चावल की Woman-watch रखवाली करनेवाली ing a rice field ६०२ कलमंजुल कलमजुल न० शब्द से मधुर Low and Sweet १२४ कलम* कलम पुं० चोर Thief ८८८ कलम कलम पुं० कोलम-उत्तम जात के चावल Rice ८८३ कलंब कदम्ब पुं० कदंब का वृक्ष Nauclea Kadamba ६३ कलयंठी कलकण्ठी स्त्री० कोयल Female Koil ४७ कलयल कलकल । पुं० कोलाहल Noise २८५ कलविङ्क कलविङ्क पुं० चटक-गौरैया पक्षी Sparrow ४७८ कलस कलश पुं० कलश, घड़ा Water pot ७५४ कलह* न० तलवार की म्यान Scabbard २९८ कलह कलभ पुं० हाथी का बच्चा । Young elephant ७४६ कलहाइअ कलहायित न० कलह करना Quarrel २६७ कलहोय कलधौत न० रूपा, चाँदी Silver ४४५ कला कला स्त्री० कम मात्रा-थोडा Particle ९४० कलाइआ कलाचिका स्त्री० कलाई-हाथ में पहनने का Fore-arm एक प्रकार का गेहना ९४६ कलाव कलाप पुं० समूह Girdle, Cord कलह Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - २६ १६२ कलिअ कलित वि० युक्त, ज्ञात कलिका कलिल स्त्री० फूलकी कली न. गहन कलि पुं० ८८ कलिआ ३५३ कलिल ७४४ कलि १५८ कलुसजल ८५ कलुस ७२२ कलुस ६३७ कल्ल दुष्ट-खराब अस्वच्छ पानी कलुषजल न० पाप कलुष कलुष कल्य Understood, joined Bud Thicket Bad man Muddy water Sin Muddy, turbic Yesterday anc to-morrow Lever, able Wave Fraud Coat of mail Eaten Bit or rein Brown वि० मेला-अस्वच्छ न० कल-गया हुआ दिन अथवा आनेवाला दिन वि० स्वस्थ-नीरोगी पुं० पानी के तरंग न० कपट न० बख्तर वि० खाया हुआ न० लगाम वि० भूरा-मांजरा पुं० कुत्ता वि. भूरा पुं० कबूतर पुं० गाल पुं० मांस खानेवाला-राक्षस पुं० कृष्ण पक्ष ४८६ कल्ल कल्य ५६ कल्लोल कल्लोल ..४१६ कवड कपट २७४ कवय कवच १३४ कवलिअ कवलित ९०१ कविअ कविक १६५ कविल कपिल ६२ कविल कपिल १६५ कविस कपिश २८४ कवोअ कपोत ८५२ कवोल कपोल ४० कव्वाय क्रव्याद ९५९ कसणपक्ख कृष्णपक्ष Dog Brown Pigeon ५८२ कसणिअ कृष्णित वि० काला-काजलवाला Cheek Rakshasa Dark half of month Smearid with collyrium Black Touch stone Body Forest Balarama कृष्ण कष १६३ कसिण ९२८ कस ९७ काअ ३३१ काणण २६ कामपाल काय वि० काला पुं० कसोटी का पत्थर पुं० शरीर न० वन, जंगल पुं० बलराम कानन कामपाल Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुं० कार १२० काम काम पुं० वांछा, मनोरथ Desire १०८ कायंबरी कादम्बरी स्त्री० मदिरा Spirituous liquor ५९ कायंब कादम्ब पुं० हंस Goose ६७ कायल काक पुं० कौआ Crow ६७ काय काक Crow ४९३ कारण कोरण कारण Cause ९३० कारा कारा स्त्री० केदखाना, जेल Prison ७१५ कारु पुं० कारीगर, शिल्पी Artisan १६३ काल काल वि० काला-श्याम Black २७ काल काल पुं० यम, काल Yama ११३ काल काल पुं० वख्त, काल, समय Time ७२९ कालायस कालायस न० लोहा Iron, steel ७३३ कालिंदी कालिन्दी स्त्री० यमुना-जमना नदी Yamuna ४१९ कालिआ* कालिका स्त्री० मेघ का समूह, बादल । Cloud ३ काली काली स्त्री० पार्वती Parvati १२२ कासय कर्षक पुं० किसान-गृहपति, घरमालिक Husbandman ६३९ काहिल्लिआ* स्त्री० रोटी पकानेका तवा Pan for baking bread ९८४ किंकिणी किङ्किणी स्त्री. घुघरी Little bell २९६ किडि किरि पुं० वराह Boar ८२६ किणो किन्नु अ० प्रश्नसूचक क्यों ? किस लिए ? From whom १६७ किम्मीर किर्मीर वि० चितकबरा Variegated ८४८ किआडिआ कृकाटिका स्त्री० गले का ऊंचा भाग-कंठमणि Nape of neck ७३ किरण किरण पुं० किरण ९८७ किराय किरात भिल्ल Kirata २५१ किरीड किरीट पुं० मुकुट-मुगट Diadem १३१ किलंत क्लान्त वि० थका हुआ Tired, distressed ७०६ किलिंच न० छोटी लकडी Thin board ५४ किवाण कृपाण न० तलवार-तरवार Sword १५४ किस . कृश वि० दूबला पतला Emaciated Ray Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Yama कीर Bud ३४१ किसिल किसलय न. अंकुर Young shoots २७ कीणास कीनाश पुं० यम २९१ कीर पुं० पोपट, तोता Parrot ९२२ कील कील पुं० खीला-कील Post २४३ कीलाल कीलाल न० रुधिर Blood ८२६ कीस अ० प्रश्नसूचन क्यों ? किस लिए ? From whom २८९ कुक्कुड कुक्कुट पु० कूकडा Cock २३७ कुचकूच न० दाढीमूंछ Beard १०५ कुच्छिल्ल न० छिद्र Hole, cleft ८८ कुंचल* कुच्चल न० कुंपल २३ कुंचारि क्रौञ्चारि पुं० कार्तिकेय Kartikeya ५९८ कुंजरगंड कुञ्जरगण्ड पुं० हाथी का गंडस्थल Elephant's cheek ९ कुंजर कुञ्जर पुं० हाथी Elephant ३२६ कुट्टिब* स्त्री० द्रोणी-जहाज Tub ७२१ कुडंगअ* कुडङ्गक पुं० लतागृह Bower of creepers ४११ कुडिअ कुटित वि० बौना-कुब्ज Crooked, dwarf ४८० कुडिल वि. वांका-टेढा Crooked १०५ कुडिल्ल* न० छिद्र Hole, cleft ४११ कुडिल्ल वि० बौना-कुब्ज Crooked ४७८ कुड* पुं० घडा, पानी का घडा Water pot ४१३ कुड्ड* न० कुतूहल, आश्चर्य Wonder ६७५ कुढ* न० चुराई हुई वस्तु की शोध Following up करना stolen property ४२. कुणव कुणप न० मुडदा Corpse ९३ कुंतलहार कुन्तलहार पुं० संवारे हुए बाल Braid ३९३ कुंदुल्लुय* न० उल्लू-घूवड Owl ११६ कुप्पास पुं० चोला Coat of mail १७. कुबेरनयरी कुबेरनगरी स्त्री० कुबेर की राजधानी Kubera's town २८ कुबेर कुबेर पुं० कुबेर Kubera कुटिल कुट Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६० कुमरी २३ कुमार ५८ कुमुअ ६७२ कुंकुम ८८ कुंपल ३०१ कुंबर* २०६ कुंभार ४७८ कुंभ ३१७ कुम्म ७० कुरंगी ९०५ कुरल ३०५ कुरुविल्ल* १९८ कुलजाअ २०६ कुलाल २९५ कुलाय १८४ कुलिस ३०५ कुलीर ७३९ कुल्लडय* ५७ कुवलय ७७८ कुविंद ९९ कुसल ७ कुसुमबाण ३३६ कुसुमरअ ३३५ कुसुम १२४ कुसुमाल* ७०७ कुसुंभी ७३६ कुसूल ८८० कुस १०५ कुहर ३३२ कूड कुमारी कुमार कुमुद कुङ्कुम कुड्मल कुम्भकार कुम्भ कूर्म कुरङ्गी कुरल कुसुम कुसुम्भी कुशूल २९ स्त्री० कुंवारी कन्या पुं० कार्तिकेय न० कुश कुहर कूट न० न० पुं० पुं० पुं० पुं० स्त्री० पुं० कुलजात कुलाल कुलाय कुलिश कुलीर कुटलक कुवलय न० कुविन्द पुं० वि० कुशल कुसुमबाण पुं० कामदेव कुसुमरजस् पुं० मकरंद न० पुं० वि० कुलीन-खानदान पुं० कुम्हार-कुंभार न० पु० कुमुद, चंद्रविकासी कमल केसर-कंकु न० कोंपल छोटी मछली कुम्हार - कुंभार कुंभ, घडा कछुआ हरणी - मृगली केश की लट कर चला - जलचर विशेष पुं० स्त्री० पुं० पुं० न० न० घोंसला वज्र करचला - जलचर विशेष कुलडी चंद्रविकासी कमल जुलाहा कुशल, चतुर कुशा - डाभ छिद्र शिखर Girl, virgin Kartikeya White-lotus Saffron Bud Small fish Potter Water Pot Turtles Doe Locks Crab Of noble birth Potter Nest Thunder bolt Crab Small vessel Blue lotus न० फूल चोर कसूमे का पेड - कसुंबे का वृक्ष Safflower अनाज भरने का बड़ा कोठार Granary Weaver Clever Cupid The honey of a flower Flower Thief Kusa-grass Hole, cleft Top Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कूणित ९६९ कूणि ४४२ कूर ६८१ कूल ६७५ कूव कूल कूप कूप केयूर ३०८ कूव ३१६ कूसार* ११५ केउ ७१८ केऊर ३१५ केआर ५८ केरव ४५५ केली २११ केवट्ट ६६ केसरि ८७८ केसर कैरव केली ཙྪཱ བྷྱཱ ཙྪཱ ཙྪཱ མ་ ཟླ་ ཙྪཱ ཙྪཱ ཙྪཱ ཙྪཱ ཝཱ་ ཝཱ ཚ ཝཱ ཨཱ ཨཱ ཨཱ༔ सिंह Lion __ न० आधा मींचा हुआ Half closed वि० क्रूर Cruel, furious न० नदी का कांठा-किनारा Bank न० चुराई हुई चीज की शोध Tracking करना stolen property पुं० कुंआ Well कूषार पुं० खड्डा जैसा स्थान Pit . केतु पुं० वज-धजा Banner न० हाथ में पहनने का एक गेहना Bracelet केदार पुं० क्यारा Field न० कुमुद White lotus स्त्री० क्रीडा, हास्य-हांसी Sport कैवर्त पुं० मच्छीमार Fisher केसरिन् पुं० केसर पुं० बकुल वृक्ष Mimusops Elenchi केशहस्तक पु० केशकलाप-संवारे हुए केश Braid केश पु० केश कोकिला स्त्री० कोकिला-कोयल Fimale koil कौतुक न० कौतुक, आश्चर्य Wonder स्त्री० कंडेकी आग Fire of dry cowdung कौतुक न० वरमाला Marriage threads कुतूहल न० कुतूहल Wonder पुं० हाथ से आघात पाया हुआ Water stirred पानी with hand कोष्टक पुं० कोठार Granary कोटक न कोडिया-छोटा शराव Little platter कोटि स्त्री० कोर-धार कौणप पुं० राक्षस Rakshasa Hair ९३ केसहत्थअ २२५ केस ६३ कोइला ४१३ कोउअ . ४०१ कोउआ* ४०६ कोउअ ४१३ कोउहल्ल ३२७ कोटुभ* ७३६ कोट्ठअ ७३९ कोडय* ७६२ कोडि ४० कोणव Tip Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७३२ कोण कोण पुं० लाठी-लकडी Club १५६ कोमलय कोमलक न० कोमल, नरम Soft ४१२ कोमार कौमार पुं० कुमारी संबंधी Born of virgin ५३ कोअंड कोदण्ड न० धनुष्य Bow ३८४ कोरंट कोरण्ट पुं० कोरंटक वृक्ष Yellow amaranth ८८ कोरय कोरक न० कोपल Bud ४७९ कोलब* पुं० पिठर-थाली Pot, pan ३८९ कोलिअय कौलिक पुं० मकडी-करोलिआ Spider २९६ कोल कोल पुं० वराह Bowr ३९५७ कोल्हुअ* पुं० सिआर Jackal ८१२ कोवण कोपन वि० क्रोधी Angry १४४ को वासिअ विकसित वि० विकसित Blown ९७६ कोसय कोषक न० दारू का प्याला Drinking Vessel ३९३ कोसिस कौशिक पुं० उल्लू-घूवड Owl ३३८ कोसी कोशी स्त्रो० सेम इत्यादि की फली-सींग Pod ३७२ कोहंडी कुष्माण्डी स्त्री० कोहला की वेल वा कोहली Benincasa Cerifera ३७२ कोहलिआ* कुष्माण्डी स्त्री० Benincasa Cerifera . ख खादित क्षुब्ध खग ३४ ख १३४ खइअ १५८ खउरिअ ६१ खग ५४ खग्ग ९४१ खग्ग १४. खचिअ २६८ खजूर ८७४ खज्जूरी खग न० गगन वि० खाया हुआ वि० क्षुब्ध जल-मेला पानी पुं० पक्षी न० तलवार-तरवार पुं० गेंडा वि० जडा हुआ न० खजूर स्त्री० खजूरी का वृक्ष Sky Eaten Turbid water Bird Sword Rhinoceros Joined, studded Date-fruit Date-palm खङ्ग खचित खजूर खजूरी Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३२ खञ्ज खञ्जन खनी स्थाणु Post खात स्कन्द स्कन्धाग्नि Dug क्षम खगराज खर ९८० खंज ३०७ खंजण २३७ खड्डर ६७४ खणी ९०४ खण्णुअ ७०३ खत्त* २३ खंद ३५५ खंधग्गी* ७०३ खन्न* १२८ खप्पुर* ९७३ खम ३० खयराअ १२८ खर ३९१ खर ९०१ खलिण ८२२ खलिअ १२३ खल २२९ खल्ला* २१५ खव्व ४२३ खाइआ* ६७४ खाणी १५४ खाम ४२३ खाय ५४५ खित्त १३१ खिन्न ४८२ खिप्पं १३९ खिरिअ खर खलीन स्खलित वि० लंगडा Lame पुं० कादव-कीचड Mud न० दाढ़ीमूछ Beard स्त्री० सोने रूपे वा कोयलों की खान Mine पुं० कील-खीला वि० खोदा हुआ Dug पुं० कार्तिकेय Kartikeya पुं० मोटे मोटे लकडेकी आग Conflagration वि० खोदा हुआ वि० निष्ठुर Rough, harsh वि० समर्थ-उचित Proper पुं० गरुड Garuda वि० तीव्र-निष्ठुर Harsh, rough गधा Donkey लगाम Bit, rein वि० स्खलना पाया हुआ Stumbling वि० शठ-लुच्चा Wicked man स्त्री० खाल, चमडी Skin वि० बौना-वामन Dwarf स्त्री० खाई Ditch स्त्री० खान Mine वि० दुर्बल-कृश Emaciated न० खाई Ditch वि० फेंका हुआ Thrown वि० खेदयुक्त Tired, distressed अ० शीघ्र-जल्दी. Quick वि० झरा हुआ Dripping, dropping स्त्री० खीर, दुधपाक Milk and rice पुं० नाक का छिद्र Nostril वि० बौना-कुब्ज Crooked खल खर्व खातिका खानी क्षाम खात क्षिप्त खिन्न क्षिप्रम् क्षरित क्षीरी ७९४ खीरी २४४ खुखुण* ४११ खुज्ज कुब्ज Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३३ क्षुण्ण गण ६८४ खुन्न वि० क्षुण्ण Crushed ८५० खुलुह* गुल्फ पुं० धुंटी Ancle ३९९ खेडय खेटक न० छोटा गांव Village-site ७०५ खेआलुअ* वि० असहनशील Feeble १५ खेल खेल वि० शिथिल-ढीला Slow, inert ३५५ खोडपज्जाली स्त्री० मोटी मोटी लकडीओंकी आग Conflagration ९८० खोड* वि० लंगडा Lame ग ९ ग गज पुं० हाथी Elephant ६०५ गग्गर गद्गद न० गद्गद Faltering ४१ गंगा गङ्गा स्त्री० गंगा नदी Ganges ७३४ गजिअ गर्जित वि० गर्जित Thunder ८८१ गज* पुं० जौ-यव Yava ९४५ गण पुं० महादेव का सेवक Siva's attendant १८ गण गण पुं० समूह Heap, multitude १७३ गणाहिवइ गणाधिपति गणेश Ganesh ९४१ गंडअ पुं० गेंडा Rhinoceros ८५२ गंड गण्ड • गाल Cheek ३ गंड़ीव गाण्डीव ० धनुष-गांडीव Bow ९७ गत्त न शरीर Body ६०४ गद्दब्भ गार्दभ्य वि० गर्दभ का अवाज-सुनने Braying, disagr में जो अच्छा न हो eeable to the ear ५८ गद्दहय* गर्दभक न० कुमुद White lotus ३९१ गद्दह . गर्दभ पु० गधा Donkey ९६३ गती गन्त्री स्त्री० गाडी Cart २९ गंधवह गन्धवह पुं० पवन Wind ७१० गंधव्व गान्धर्व Music ५८७ गंधुग्गिरण गन्धोद्भिरण न० गंधका फैलना Exhaling perfume ३७९ गंध गन्ध पुं० गंध, वास perfume ३२३ गंभीर गम्भीर वि० गंभीर Deep गण्डक गात्र पुं० गीत Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३४ ३४ गयण न० आकाश Sky १७३ गयमुह गजमुख पुं० गणेश Ganesh २१९ गयवया गतवयस् स्त्री० डोकरी Old woman २९९ गयवहू गज़वधू स्त्री० हथनी Female -elephant ७०२ गयारोह गजारोह पुं० मावत Mahant ६३२ गरल गरल न० विष, झेर Poison ८२१ गरिहा गर्दा स्त्री० निदा Blame २०० गरु गरुक वि० बडा-भारी Venerable, Renown ३० गरुल गरुड पुं० गरुड Garuda ८४७ गलअ गलक पुं० गला Throat १४७ गलत्थिअय गलहस्तित-क्षिप्त वि० गले में हाथ देकर बहार Turned out निकाल देना २६४ गवक्ख गवाक्ष पुं० झरोखा Window ५६१ गविट्ठ गवेषित वि० खोजा हुआ Sought, looked for ६२७ गवित्त न. पशुओंके खाने का एक Fodder . प्रकार का घास १२९ गवि गर्वित वि० मगरूर, अहंकारी Proud ३८ गहकल्लोल ग्रहकल्लोल पुं० राहु Rahu ३५३ गण गहन गाद-गीच Thicket ७३ गहत्थि गभस्ति पुं० किरण Ray २९२ गहर गृध्र पुं० गीध | Vulture १२२ गहवइ गृहपति पुं० मालिक Husbandman ५ गड्वइ ग्रहपति पुं० चन्द्र Moon १५९ गाढ गाढ वि० गाढ-बहुत Much २०५ गामणी ग्रामणी पुं० ग्रामका नेता Headman or lord of a village २०५ गामवइ ग्रामपति पुं० , Headman or lord of a village Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३९९ गामहणं ३२० गाव ६९ गिट्ठि २९२ गिद्ध ६५९ गिंधुअ* ཡྻོ ཙྩ བྷཱུ བྷྱཱ ग्रामधन ग्रावन् गृष्टि गृध्र गिर् ११६ गिंधुल्ल* ८१ गिरा २२ गिरिस २३१ गीवा ३४७ गुच्छ गिरिश ग्रीवा गुच्छ गुह्य ९७४ गुज्झ १७५ गुज्झय ७२० गुंजा गुह्यक गुञ्जा नः छोटा गांव Village-site. पुं० पत्थर Stone स्त्री० एकवार वियाई हुई गाय Heifer पुं० गीध Vulture न० स्तन ऊपर गांठ देकर Cloth tied in a पहिना हुआ वस्त्र knot over the breast पुं० चोला Coat of mail स्त्री० वाणी Speech पुं० महादेव Shiva स्त्री० डोक Neck पुं० गुच्छा Bunches of flowers म० गुप्त Secret पुं० यक्ष Yaksha स्त्री० चिणोठी Berry of Abrus Precatorius न० गाय का वाडा Cow-pen स्त्री. अभ्यास करना-पढे हुए Repeat पाठ को फिर फिर गुणना studying पु० गुण-दोरा-धनुष्यकी दोरी Bow-string पुं० दोरा, धागा Thread वि० धूलयुक्त Covered with dust न० गोत्र Family-name पुं० एक प्रकार का वृक्ष Saccharum Sara पुं० धुंटी Ancle वि० मोह पाया हुआ-जिसका Confused मन गुम हुआ पुं० झाडी Thicket पुं० गोल आकारवाला गेंद Ball ३५७ गुट्ट ४६.५ गुणणिआ गोष्ठ गुणनिका गुण २७७ गुण ८२० गुण ५५७ गुंडिअ गुण गुण्डित गोत्र ४३३ गुत्त ८८६ गुंद ८५० गुप्फ ५८० गुम्मइअ* गुल्फ मुग्ध ८७६ गुम्म ८४६ गुलिअ गुल्म गुलिक Jäin Education International Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३४७ गुलुच्छ* गुह ३५३ गुविल ३२३ गुहिर २३ गुह ९७८ गुहा ७१. गेय ९०९ गोउर ३५७ गोउल ३९७ गोमाउ ९१८ गोअर ३१८ गोआवरी ३ गोरी ६९ गोला ३१८ गोला* ८८४ गोल्हाफल* २०७ गोव २०७ गोवाल ७१ गोसग्ग ७१ गोस पुं० गुच्छा Bunches of flowers गुपिल वि० गहन-गाढ-सघन Thicket गुहिर वि० गंभीर Deep पुं० कार्तिकेय Kartikeya गुहा स्त्री० गुफा Cave गेय न० गीत, संगीत Music गोपुर न० दरवाजा Gate-tower गोकुल न० गोकुल Cow-pen गोमायु पुं० सिआर Jackal गोचर पुं० विषय Province गोदावरी स्त्री. गोदावरी नदी Godavari गौरी स्त्री. पार्वती Parvati गो स्त्री० गउ-गाय स्त्री० गोदावरी नदी Godavari न० टिडोरा-घोला Bimba-fruit गोप पुं० गोपाल-गाय को पालनेवाला Cow-herd गोपाल Cow-herd गोसर्ग पुं० प्रातःकाल Dawn पुं० , Dawn Cow ९३९ घडा ३१४ घडिजंत १३३ घडिअ ५९५ घडिअ ९८२ घडिआ ९५६ घढ* ४१९ घणनिवह ४१५ घणसमअ ३७८ घणसार १३४ घत्थ घटा स्त्री० घटा-समूह Troop घटियन्त्र न० रहट Water-wheel घटित वि० बना हुआ-घडा हुआ Made घटित वि० लगा हुआ Joined घटिका स्त्री० घडी Watch, clock कूट (?) न० टीला, स्तूप Monument घननिवह पुं० बद्दल Mass of clouds घनसमय पुं० चोमासा-वरसाद की मोसम Rainy season घनसार पुं० कपूर Camphor ग्रस्त वि० ग्रास किया हुआ-खाया हुआ Eaten Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११४ घम्मजल . ७२ घम्म २८२ घय २८५ घरघंटअ ७७ घर ९३४ घरवाडय घर्मजल न० पसीना Sweat धर्म पुं० घाम-ग्रीष्म ऋतु-धूपका मोसम Heat घृत न० घी Clarified, butter, Ghee घरघण्टक पुं० चटक-गौरैया Sparrow गृह न० घर House गृहपाटक न. छाई हुई जमीन वाला घर- House घर का बाडा Surrounded by a fence गृहिणी . स्त्री० स्त्री Wife घ्राण न० नाक, घ्राणेंद्रिय Nose घारी स्त्री० चील-समडी Hen-sparrow घुसृण न० केसर Saffron घोणा स्त्री० नाक Nose घोर वि० निर्दय, भयानक, कठोर Terrible घुर्णित वि. घुला हुआ Revolving घोष पुं० गौओंका वाडा Cow-pen ९२ घरिणी २३४ घाण २८६ घारी* ६७२ घुसिण २३४ घोणा १०९ घोर ५२९ घोलिअ ३५७ घोस २ चउमुह ९९ चउर २७६ चक्क २८८ चक्काय २५७ चच्चा चतुर्मुख पुं० ब्रह्मा चतुर वि० होशीयार, चतुर चक्र न० पहिया चक्रवाकक पुं० चकोर पक्षी चर्चा स्त्री० विलेपन चश्चल चटक Brahma Clever Wheel Brahmani duck Perfumed oin-tment Agile Top-lock Sparrow Agile Cruel, Furious Barber Parvati ४५३ चंचल ९४ चडअ २८५ चडअ ४५३ चडुल ४४२ चंड १०१ च.डल ३ चंडी चटक वि० चंचल पुं० चोटी पुं० गेरैया पक्षी वि० चंचल वि० तीव्र-क्रोधी पुं० नाई-हजाम स्त्री० पार्वती चटुल चण्ड चण्डिल चण्डी Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७२० चणट्ठिआ* १३८ चत्त ३७७ चंदण ६४७ चंदसाला ८१६ चंदिमा ५८ चंदुजय ५ चंद ४८ चमू २२९ चम्म ५९७ चयइ चमू ६११ चरम ९२७ चर २२६ चलण ७८५ चलिअ ७८७ चलिअ स्त्री० चुंगची-चिणोठी Berry of Abrus Precatorius त्यक्त वि. त्याग किया हुआ Forsaken चन्दन न० चंदन, सुखड Sandal चन्द्रशाला स्त्री० अगासी Hall on the top of the house, Terrace चन्द्रिका स्त्री. चांदनी Moonlight चन्द्रोद्यत ___ न० कुमुद White lotus चन्द्र पुं० चंद्रमा Moon स्त्री० सेना Army चमेन् न. चमड़ा Skin शकति- क्रि० कर सकता है, समर्थ है He can, is able शक्नोति चरम वि० अंतिम Last पु० दूत, जासूस . Spy चरण पुं० पग, पैर Foot चलित वि० चलित Moved चलित न० वैकल्य-चंचलता Shaking, trem -bling चपल वि० अस्थिर-चंचल Agile चषक न० दारुका प्याला Cup of wine चामीकर न. सोना-सुवर्ण Gold चातक पुं० चातक पक्षी Chataka चारक पुं० जेल-केदखानुं Prison चारण पुं० चारण, भाट Bard चार न० प्रियाल वृक्ष-चिरोंजीका वृक्ष Buchanania La. tifolia वि० सुंदर __न० घनुष Bow चिति स्त्री० बुद्धि Intellect ४५३ चवल ९७६ चसय ८. चामीअर २९३ चाय ९३० चारअ ४४ चारण ८९४ चार चार Fine १४ चार ५३ चाव ४२ चिइ चाप Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चिह्न चिह्न १४९ चिचइअ मण्डित वि० भूषित Adorned ३७१ चिचिणी* चिञ्चिणी स्त्री० इमली-आंबली Tamarind ३७१ चिंचा* चिश्चा स्त्री० , १४९ चिचिल्लिअ* मण्डित वि० भूषित Adorned ६७९ चित्तअ चित्रक पु० चित्ता Panther ७९८ चित्त चित्त न० मन, चित्त Mind १६७ चित्तल* चित्रल · न. चित्रविचित्र Variegated ५४१ चिद्दवि* वि. विनाश पाया हुआ Destroyed १६० चिंतादिट्ठ चिन्तादृष्ट वि० विचारपूर्वक देखा हुआ Carefully loo ked at २४६ चिंध न० आंक, निशान, चिह्न Mark ११५ चिंध न० ध्वज-धजा Banner ४७७ चिब्भिड चिर्भट न. चिभडा Cucumber, - Cucumis २८१ चिरड्ढिहिल* न० दही Curd . २८६ चिल्ला* चिल्ला स्त्री० चील-समडी Hen-sparrow, Onomat २२५ चिहुर चिकुर पु० केश, बाल Locks २८७ चीरी चीरी स्त्री० एक प्रकार का कीडा Cricket ५५२ चुक्क च्युतक-भ्रष्ट वि० भुला हुआ, भ्रष्ट Lost, Missed, Forgotten ४५१ चुज न० आश्चर्य Portent, wonder ६७३ चुडुली* स्त्री० उल्का Firebrand ३४० चुडुप्प* न. चमडी Skin ५१० चुण्णइअ* चूर्णायित वि० चूर्ण किया हुआ Powdered ५१६ चुण्णि चूर्णित वि० छेदा हुआ Crushed, bro ken ५१० चुन्नाहय चूर्णाहत वि० चूर्ण किया हुआ Powdered ३४९ चुब्भल* पुं० कलगी-शेखर-सेहरा-छोगा Tufts, garland ५५१ चुलचुलिअ* चलचलित- वि० हिलता हुआ Quivering स्पन्दित Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्षुल्ल Little boy ९५ चुल्ल ९७९ चूडअ ३६९ चूअ ९४ चूला ९६ चेडी ११८ चेल ६२४ चोत्तअ* चूडक चूत चूला चेटी चेल चोत्रक in By in hind पुं० छोटा लडका पु० चूडा-कंकण Arm-ring पुं० आमका वृक्ष Mango tree स्त्री० चोटी Top-lock स्त्री० छोटी लडकी Little Girl न० वस्त्र Garment Cloth पुं० वाँसका बना हुआ प्राजन दंड Goad १९३ छइल्ल* १५४ छउअ* , १५२ छज्जइ ६५० छडा ८३८ छण ६५० छंटा* २०४ छत्तघन्न छेक पुं० चतुर-छेल Clever क्षत वि० दुर्बल Emaciated, Weak राजते क्रि० शोभता है He shines छटा स्त्री० छटा Spraying of water क्षण न० उत्सव Festival छण्टा स्त्री० छांटना-जल इत्यादिक को छिटकना Spraying of water छत्रघान्य न० धान्य-सस्य Crops, corinder छत्र न. छाता-छत्री Parasol षट्पद पुं० भौंरा-भ्रमर Bee षट्प्रज्ञक पुं० बुद्धिमान् । Clever षण्मुख पु० छ मुखवाला-कार्तिकेय Kartikeya छद न० वृक्षका पत्ता, पक्षीका पीछ Leaf, Feather त्सरु पुं० तलवार की मूठ Sword-hilt छल Fraud छलित वि० चतुर Clever स्त्री० छाल Skin स्त्री० चमडी Skin छवी स्त्री० कांति, लावण्य Beauty छात-क्षाम वि० भूखा Hungry ११ छप्पय १९३ छप्पणय* २३ छंमुह ३३९ छय २७५ छरु ३५९ छल १९३ छलिअ* ३४० छल्ली* २२९ छवी २४१ छवी ५२३ छाय* छल छवी Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५४ छाय * २४१ छाया ७६५ छाया ८८ छारय ७६५ छाही १५० छिक्क ६६७ छिचोलअ* ९१ छिंछई ३०६ छिछोली* ९४ छिंडअ* ३६१ छिण्णयड १५० छित्त ३०३ छिप्प* १३९ छिप्पिअ ७७० छिंपअ* २८० छीर ४७२ छुट्ट ९६५ छुरिआ ५२३ छुहाइअ ९९ छेअ ४८३ छेअ* ९६६ छोह* ४३ जइ ७३३ जणा ८२५ जअ छात छाया छाया छाया छुप्त छिन्नतट ? छुप्त स्तिपित छेक छेद क्षोभ यति यमुना जव यक्ष वि० स्त्री० स्त्री० न० स्त्री० वि० पुं० ४१ न० वि० दुबला, पतला कांति, तेज बृक्ष की छाया कोंपल स्त्री० व्यभिचारिणी स्त्री स्त्री० पुं० क्षीर क्षुद्र क्षुरिका स्त्री० छुरी क्षुधायित वि० भूखा वि० चतुर पुं० छेडा-अंत पुं० क्षोभ वृक्ष की छाया स्पर्श किया हुआ निंदा सूचन के लिए मुह को टेढा करना पानीका छोटी प्रवाह चोटी टांकणे से छेदा हुआ स्पर्श किया हुआ न० पुंछ त्रि० झरा हुआ पुं० १७५ जक्ख २८ जक्खाहिवर यक्षाधिपति पुं० ६ न० दूध वि० छोटा ज पुं० जती साधु स्त्री० जमना नदी पुं० वेग पुं० यक्ष छिपा - कपडे को छापनेवाला Dyer Milk Small Knife यक्ष का स्वामी-कुबेर Weak, Emaciated Beauty Shade Bud Shade Touched Pursing the mouth in contempt Unchaste woman Brook Top-lock Cut with a chisel Touched Tail Dripping Hungry Clever Limit Scattering Ascetic Yamuna Speed Yaksha Kubera Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६३५ जगल* . . न० नीचे जमा हुआ दारुका Yellow rum. पतला भाग ८५१ जंघा .. जङ्घा जांघ. Thigh ६०८ जच्चतुरंग जात्यतुरंग पुं० उत्तम-अच्छा-घोडा Best horse, horse of Good race १५ जड जड वि० अलस Slow, Inert ७६१ जड जड वि. जाडा से ठंडा हुआ Cold १२१ जड जड वि० जड-मूरख Fool १४० जडिअ* जटित वि० जडा हुआ Joined, studded २३८ जढर जठर न० जठर-पेट Stomach ८६३ जण जनक पुं० बाप-उत्पन्न करने वाला Father २०९ जणंगम जनगम पुं० चांडाल । Chandala ८६४ जणणी जननी स्त्री० माता, उत्पन्न करने वाली Mother १३३ जणि जनित वि० पैदा किया हुआ Made ८५९ जण्हुआ जानु स्त्री० घुटना-जानु Knee ४१ जण्हुसुआ जनुसुता स्त्री० गंगा नदी Ganges ३२९ जन्न पु० यज्ञ Sacrifice ३९.६ जंतु जन्तु पुं० जीव, प्राणी Being २७ जम पुं० यम, जम ६५५ जंपिच्छअ* यत्प्रेक्षक पु० जिस किसीको देखे उसकी Desiring what इच्छा करने वाला one sees ३०७ जबाल जम्बाल पुं० कीच-कचरा Mud ३२५ जंबाल* . जम्बाल पुं० सेवाल-सिबार Duckweed ३९७ जेबुअ जम्बुक पुं० सियार Jackal, Fox १११ जबुल्ल जल्पाक पुं० बकवादी-बोल बोल करने वाला Talkative १८८ जय जगत् न० जगत, संसार World १८० जयंत जयन्त पुं० इन्द्र का पुत्र । Jayanta २१९ जरई जरती स्त्री० डोकरी . Old woman २१८ जरा जरा स्त्री० बूढापा Old age ३२७ जलकरप्फाल जलकरास्फाल पुं० पानी में हाथ मारना Stirring water . with the hand यम Yama Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६ जलण ९०३ जलतुसार ३०० जलहत्थि ३४४ जलहरण ३३ जलहर ८ जलहि ६२७ जवस ३६६ जवा ८८१ जव ९८८ जाइ Knee ४० जाउहाण ८५९ जाणु ७४ जामिणी ९५८ जाम ९२ जाया ३२८ जाला ८७६ जाली* ३६६ जासुअण* ४९७ जिघि २० जिण ज्वलन पुं० आग, अग्नि Fire जलतुषार पुं० पानी की बुदें , Spray जलहस्तिन् पुं० जलहाथी Water elephant जलधरण न० पानी का क्यारा Basin round a Tree जलधर पुं० मेघ Cloud जलधि पुं० समुद्र Ocean यवस न० घास, तृण-चारा Fodder जपा स्त्री. जपा का फूल-गुडहल का फूल China rose यव पु० जौ-यव Yava जाति स्त्री० मालती Jasminum gran diflorum यातुधान पुं० राक्षस Rakshasa जानु पुं० घुटना यामिनी स्त्री. रात्री Night याम पुं० प्रहर Watch जाया स्त्री० स्त्री Wife स्त्री० ज्वाला Flame स्त्री० सघन झाडी Thicket पुं० गुडहल का फूल- झपा का फूल China rose घ्रात वि० सुघा हुआ Smelt पुं० जिन-राग द्वेष को जितने Shakyamuni वाला-शाक्यसिंह-बुद्ध जिन पुं० रागद्वेष को जितनेवाला- Jina-Jnatputraमहावीर Mahavir जीमूत पुं० मेघ Cloud जीवति क्रि० वह जीता है He lives जीवा स्त्री० धनुष की दोरी Bow-string जिह्वा स्त्री० जीभ Tongue योग्य पु० अभ्यास-बार बार करना Repeate Study, application ज्वाला जिन १७१ जिण ३३ जीमूअ ६८८ जीवइ २७७ जीवा ८५३ जीहा ४६७ जुग्ग Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Moon-light Couple ८१६ जुम्हा ज्योत्स्ना स्त्री. चांदनी ६८६ जुअल युगल न० जोडी-स्त्रीपुरुष की जोडी, नर मादा की जोडी १०४ जुअल युवन् पुं० जुवान १०४ जुअ (य) , पु० " १०४ जुआण (याण), पु० " १२ जुवइ युवति स्त्री० जुवान स्त्री ७७९ जूअ द्यूत न० जूआ ५७५ जूरिअ ज्वरित-खिन्न वि० खेदयुक्त ९८९ जे __ अ० पादपूरक शब्द Young man Young man Young man Young woman Gambling Distressed Particle without meaning ७४३ झंझा झञ्झा ' स्त्री० प्रचण्ड पवन का तुफान झटिति १७ झत्ति ८४९ झंपणी* Storm, breaking of monsoon Suddenly Eye-lashes Mirage ७४२ झला* अ० जल्दी-झट स्त्री० आंख की पांपण स्त्री. मृगतृष्णा-मृगजल-कडे धूप को दूर से जल समजना न० टांकणे से छेदा हुआ मछली ३६१ झस* ६० झस ७२१ झाड* झष लतागृह Cut with chisel Fish Bower of creepers Insect, cricket Emaciated २८७ झिल्लिआ ५१५ झीण झिल्लिका स्त्री० एक प्रकार का कीडा क्षीण वि० क्षीण ३६१ टंकछिण्ण ८५१ टंका* ८९८ टिंबरुअ* टङ्कछिन्न न० टांकणे से छेदा हुआ टङ्का स्त्री० टांग-पेर टिम्बरुक न. टिंबरु Cut with chisel Leg Diospyros Embryopteris Adorned १४९ टिविडिक्किअ मण्डित वि० भूषित । Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९१७ ठाण स्थान न० स्थान Place दभ्र ६ डहण ९५ डहर ३३३ डाला* ७२ डाह ३१९ डिंडीर ९५ डिंभ ८३४ डोंब* ७४१ डोला दहन पुं० आग पुं० बालक दलिका स्त्री० वृक्ष की डाली दाह पुं० दाह-ताप डिण्डीर पुं० फेन डिम्भ पुं० बालक डुम्ब पुं० श्वपाच-डोंबनी जात दोला स्त्री० झूला, हिंडोला Fire Littl boy Branch Heat Foam Little boy Out cast, Domba Swing ६७ ढंक धाक्ष पुं० कौआ Crow ४७९ ढमर* पुं० पिठर, एक प्रकार का वर्तन Pot, pan ३९ ढयर* पुं० पिशाच Pishacha ५२९ ढुंदुल्लिअ* गवेषित वि० खोजा हुआ Revolving ७८२ ण्हाय १०१ ण्हाविअ स्नात वि० स्नान किया हुआ स्नापित पुं० नावी। Bathed Barber ६४ तंस १२४ तकर १७ तक्खण ३० तक्ख ४०५ तग्गयमण ५२१ तडिअ १८३ तडि ३१२ तड ५२१ तडविअय* १९७ तणया त्र्यस्त्र वि० तीन कोनेवाला-त्रिकोण Triangle, Hori zontal, Across तस्कर पुं० चोर Thief तत्क्षण क्रि० वि० शीघ्र, जल्दी Suddenly तार्य पुं० गरुड Garuda तद्गतमनस् वि० तत्पर, एकाग्र Intent on तनित वि० विस्तार युक्त-ताना हुआ Stretched तडित् स्त्री० बीजली Lightning पुं० तट Bank तत वि० विस्तार युक्त-ताना हुआ Stretched तनया स्त्री० पुत्री, लड़की Daughter तट Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४६ ५७२ तणुईकय तन्वीकृत वि० पतला किया हुआ Thinned १५४ तणुअ तनुक वि० पतला Emacited ६७८ तणुरुह तनुरुह न. केश-वाल, रोम-लोम-रोंआ Hair ३२४ तणुसरिआ(या)तनुसरित् स्त्री० छोटी नदी Brook ९७ तणू तनू स्त्री० तन, शरीर Body ४६४ तंडव ___ ताण्डव न० तांडव नृत्य Dance of Shiva ७६४ तण्ण तणक पुं० बछडा Calf ५३१ तण्णाय* वि० गीला-भीगा हुआ Wet ३२२ तण्हा तृष्णा स्त्री० तृष्णा Thirst ९०८ तत्त तत्त्व न० सत्य तत्त्व Truth ४६९ तद्दिअसिअ तद्दिवसित क्रि० वि० अनुदिवस, निरंतर Daily ७७८ तंतुवाअ तन्तुवाय पुं० बुनकर-जुलाहा Weaver ८२० तंतु तन्तु पुं० तंतु-तागा-धागा Thread २५६ तप्प तलप न० बिछौना-बिस्तर Bed ४०५ तप्पर तत्पर वि० तत्पर Intent on ७६ तमिस्स तमिस्र न० अंधेरा Darkness १६६ तंब ताम्र वि० लाल २८९ तंबसिह ताम्नशिख पुं० कूकडा Cock ६९ तंबा ताम्रा स्त्रो० गाय-लाल गाय Cow (Red ___coloured) ३४० तया त्वचा स्त्री० चमडी Skin ८ तरंगमालि तरङ्गमालिन् पुं० समुद्र Ocean तरङ्गिणी स्त्री नदी ५६ तरंग तरङ्ग पुं० समुद्र के तरंग Wave ४ तरणि तरणि पुं० सूर्य ९५२ तरंत तरत् वि० तैरता हुआ Swimming ४५३ तरल वि० चपल Agile, moveable ३७० तरवट्ट* पुं० एक प्रकारका वृक्ष Cassia Pera or Alata ८२७ तरा स्त्री. त्वरा-जल्दी-उतावल Haste, hurry १०४ तरुण तरुण पुं० जवान-युवान Young man Red ३६ तरंगिणी River Sun स्वरा Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४७ Thin ८७ तरु तरु पुं० पेड-झाड Tree ५९७ तरेइ तरति क्रि. वह समर्थ होता है He can, is able २७८ तल तल न० तल-जमीन का तल, समुद्र Ground का तल ८९३ तल तल न ताड का वृक्ष Palmyra treeel २५५ तलवत्त तलपत्र न० कानमें पहनने का एक Ear-ornament का गेहना १५४ तलिण तलिन वि. पतला २७८ तलिम तलिम न० तल-एकदम नीचेका भाग Level ground २५६ तलिम तलिम न० बिछौना-तलाई Bed ४०५ तल्लिच्छ तल्लिप्स वि०' तत्पर-परायण Intent on ६३९ तव तपक पुं० रोटी पकाने का तवा Pan for baking bread ८० तवणिअ तपनीय न० सोना Gold ४३ तवस्सि तपस्विन् पुं० तपस्वी Ascetic ५२४ ताडिअ ताडित वि० ताडन किया हुआ Beaten १० तामरस तामरस न० कमल Lotus ७५० तार वि० चमकवाला-दीप्तिमान Shining ८९३ ताल ताल न० ताड का वृक्ष Palmyra tree ३०४ तालूर तालूर पुं० पानीके आवर्त Whirlpool ३९८ तावसगेह तापसगेह न० तापसों का मठ Hermitage ४३ तावस तापस पुं० तापस Ascetic ७२ ताव ताप पुं० ताप-धूप Heat,hot-season ६२६ ताविच्छ तापिच्छ न० कालिंजनी का फूल Flower of xanthochymus pictorius ४९५ तास त्रास पुं० त्रास Fright ९४६ तिउड त्रिपुट पुं० समूह तीन पुट किया हुआ Girdle or cord of three strings ५९० तिक्खालिअ तीक्ष्णटित वि. तीक्ष्ण Sharpened ३४२ तिगिच्छि* स्त्री० कमल की रज-पराग Poll ५३१ तित्त तिप्त वि. गिला-भीगा . Wet ...... तार Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Ford ३२१ तित्थ १७१ तित्थाहिवइ तीर्थ न० नदी का घाट तीर्थाधिपति पु० तीर्थंकर ८९८ तिदुअ तिन्दुक न. टीबरु ७६ तिमिर तिमिर न० अंधेरा ६. तिमि तिमि पुं० मछली २४८ तिय (अ) त्रिक न. नितंब १८५ तिय अ)स-चाव त्रिदश चाप न० इंद्रधनुष-मेघधनुष २४ तिय अस त्रिदश पुं० देव ९६४ तिरिच्छ तिर्यक वि. टेढा JnatputraMahavira Diospyros Embryopteris Darkness Fish Hip Rainbow God Horizontal, across Covered, concealed Mark of The forehead Heaven Difficult to bear Thirst Bank Little, small Mute ४९९ तिरोहिअ तिरोहित वि० छुपा हुआ ७३१ तिलय(अ) तिलक पुं० तिलक १६९ तिविठ्ठय ७५८ तिव्व ३२२ तिसा ६८१ तीर ७६८ तुच्छ २१७ तुहिक ༧ ཙྩཱ ཡྻོ ཡྻ བྷཱུ ཙྪཱ ཝཱ ཡྻོ ཙྪཱ ཀྵ # ཝཱ ཙྪཱ ཙྪཱ ཙྪཱ བྷྱཱ ཙྪཱ ཀྐཱ ཀྐཱཀྐཱ ཙྪ त्रिविष्टप न० स्वर्ग-तिबेट देश तीन वि० तीव्र तृषा स्त्री० त्रिषा-तरस-प्यास तीर न० तट-कांठा-किनारा तुच्छ वि० तुच्छ तूष्णीक वि० मूक-मौन रखनेवाला- चूप रहेने वाला तुन्द न० तोंद-फांद-पेट तृप्र वि० घी से चूपडा हुआ। न० कौतुक युष्मद्-यूयम् स० तुम तुमुल न० कोलाहल-घोंघाट तुम्ब न० तुंबा तुरग पुं घोडा तुरङ्गिका स्त्री० घोडी तुरङ्ग पुं० घोडा Abdomen Anointed festival २३८ तुंद ७५२ तुप्प ४०६ तुप्प * ७३८ तुब्भे ७९३ तुमुल ४९२ तुंब ४५ तुरअ ७०८ तुरंगिआ ४५ तुरंग You uproar, tumult long gourd horse mare horse Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६३१ तुरयदेह- तुरगदेह- न० घोडे को सजाना .. Painting a horse पिंजरण पिञ्जरण ४८२ तुरिअ त्वरित वि. त्वरायुक्त quick ३७५ तुलसी तुलसी स्त्री० तुलसी । Ocymum Sanctum ५३९ तुलिअ तुलित वि० तुला हुआ Weighed ४१८ तुसार तुषार न० हिम Frost, Snow ४१८ तुहिण तुहिन न० ,, Frost, Snow ८७९ तूल तूल Cotton १६ तेअविअ तेजापित वि० झगमगाता हुआ Shining, lighted ८४५ तोण पुं० भाथा Quiver ८४५ तोणीर तूणीर पुं० , Quiver ४४० तोत्तडि* स्त्री० करंबा Flour mited with curd ६२४ तोत्त तोत्र न० आर लगाई हुई वांसकी Goad लाठी-परोणा ३४५ तोमरिगुंडि* तोमरि गुण्डि स्त्री० एक प्रकार की लता-वेल Pollen of Creepers ? ३५ तोय __तोय न० पानी Water ५३५ तोरवि* वि० उत्तेजित Urged on ४६३ तोस तोष पु० तोष-संतोष Contentment तूण ८४४ थग्घ* स्ताघ स्तब्ध १२९ थड्ढ २२७ थण ७३४ थणि ८८२ थंब* स्तन स्तनित स्तम्ब वि० गहेरा-ऊंडा Deep वि. गर्वित-अक्कड Proud, against पुं० स्तन Breast न० मेघगर्जन Thunder पुं० होडीका थंब-सढ (2) गुच्छा Sail of a Ship, cluster पु० बिंदु Drop वि० कांपा हुआ Trembling स्त्री० थली-स्थल Place, Ground पुं० गुच्छा Bunches of fllowers स्तम्भ २१४ थंभ* ८०८ थरहरिअ* ९३३ थलि ३४७ थवय स्थली स्तबक Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Power २२ थाणु ९.४ थाणु ४४४ थाम ८४४ थाह १२९ थिनं* १५ थिमि ६९१ थीण ६५१ थुडंकिअअ ३६० थूणा १२६ थूल स्थाणु पुं० शिव Shiva स्थाणु पु. कील-खीला Post स्थामन्. न० बल स्ताघ पुं० गहराई Deep वि० गर्वित Proud स्तिमित वि० धीमा Slow, inert स्त्यान यि. जमा हुआ-जमा हुआ घी Heap, Quantity न० रोषयुक्त वचन Scolding स्थूणा स्त्री० खूटा-खंभा Pillar स्थूल वि० मोटा-जाडा Fat स्तूप न. टीला Buddihstic monument स्तेन पुं० चोर Thief स्थविरा स्त्री. स्त्री० बुढिया-माता Old woman स्थविर पुं० ब्रह्मा Brahma न. थोडा-लेश Particle स्तोक वि० टीपा-बिंदु-थोडा-कम Drop स्थूल वि० मोटा-जाडा १२४ थेण २१९ थेरी __ २ थेर ४४५ थेव २१४ थेव १२६ थोर स्तेप Fat Lover, husband Ushanas Asura Shown १०२ दइअ दयित पुं० प्रीतिपात्र-धणी-पति १८७ दइच्चगुरु दैत्यगुरु पुं० शुक्र-राक्षसों का महामान्य-गुरु ३२ दइच्च दैत्य पुं० दैत्य-राक्षस पुं० ५८९ दंसिअ दर्शित वि० दिखाया हुआ दरसाया हुआ ५८९ दक्खविअ दर्शित वि० ३ दक्खायणी दाक्षायणी स्त्री० दाक्षायणी-पार्वती ६४० दक्खिण्ण दाक्षिण्य न० मायालुता-स्नेहिपन ८११ दच्छ दक्ष वि० दक्ष-चतुर-कलाज्ञ १५९ दढ वि. दृढ-मजबूत, गाढ Shown Parvati Kindness Clever, handy Firm, Solid, Hard, Much दृढ Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Frog Lip दृप्त ५९१ दड्ढ __दग्ध वि• जला हुआ Burnt ३२ दणुअ दनुज पुं० दानव-राक्षस Asura ३१३ ददुर दर्दुर पुं० दादुर-मेंडक ९०६ दंतच्छ दन्तच्छद पुं० होठ-ओठ २३० दंत पुं० दांत Tooth ९ दंति दन्तिन् पुं० दांतवाला-हाथी Elephant २६५ दप्पण दपण पुं० दर्पण-आरिसा- Mirror मुंह देखनेका काच ८९ दप्प पुं० दर्प-अभिमान Pride ८८० दन्भ दर्भ पुं० डाभ-कुशा Kusha-grass ३५ दय दक न. पानी Water ६४२ दर न० आधा-कम Half १२९ दरिअ वि० मिजाजी Proud ४९ दरिद्द दरिद्र वि० दरिद्र-निर्धन Poor ९७८ दरी स्त्री० गुफा Cave, hole दल न० पत्ता Leaf ५१३ दलिअ दलित वि० दला हुआ-काटा हुआ Split ४०८ दलिअ दलिक न० लकडा Wood ३५४ दव पुं० दावानल-जंगलकी आग Conflagration ७८ दविण द्रविण द्रव्य-धन Wealth ७८ दव्व दव्य न० द्रव्य-घन Wealth ७३७ दव्वी दर्वी स्त्री० कडछी Spoon २३० दसण दशन पुं० दांत Tooth २० दसबल दशबल पुं० गौतम बुद्ध, शाक्यसिंह Shakyamuni ९२१ दसा दशा स्त्री० दशा-स्थिति State २१ दसारनाह दशाईनाथ पुं० दशा) का नाथ-कृष्ण २८१ दहि दधिक न० दहीं Sour milk ६०१ दाण दान न० हाथी का मद Ichor from an elephant's temples ३२ दाणव दानव पुं० दानव-राक्षस-असुर Asura ११४ दाणि इदानीम् अ० अब-अभी दव Now Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दामन् माला दार द्वार ३५० दाम ९२ दार ७५९ दार ५७३ दोरिअ ४०८ दारु १०९ दारुण ५८९ दाविअय दारित दार दर्शित दाव ३५४ दाव २११ दास १९६ दिअ दास दिज ८६६ दिअर देवर Garland पुं० दारा-स्त्री Wife पुं० दरवाजा Door वि० बिदारा हुआ-चीरा हुआ Torn, cleft न० लकडा-काष्ठ Wood वि० भयंकर Terrible वि० दिखाया हुआ- Shown दरसाया हुआ पुं० दावानल Conflagration पुं० दास-मच्छीमार Fisher पुं० द्विज-वर्तमान जीवन में Brahman दो जन्म पानेवाला ब्राह्मण पुं० देवर-देर-स्त्री के Brother-in-law पति का छोटाभाई स्त्री० टिंगली-पूतली Pillar स्थूणा-खूटा पुं० दिवसका करनेवाला- Sun सूरज वि० दिवस का काम-रोज Daily work का काम-नित्य कर्म पुं० दिवस अ० दिवस पुं० द्विज-ब्राह्मण Brahman वि० देखा हुआ पुं० दृष्टांत-उदाहरण । Image, Counterpart वि० चिंतन किया हुआ Shown -विभावित पुं० दिन का मणि-सूरज Sun ३६० दिअली* ४ दिअसअर दिवसकर ४६९ दिअसिअवसिक दिवस Day Day ४१७ दिअह ४१७ दिआ १९६ दिआइ १३५ दिट्ठ ६५६ दिटुंत दिवा द्विजाति दृष्ट दृष्टान्त Seen ६६८ दिट्ठ दिष्ट ४ दिनमणि दिनमणि Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७१ दिणमुह ४१७ दिन ५२७ दिण्ण ७५० दित्त ७५ दित्ति ९६ दिलिदिलिआ* ८१० दिव्व ६९० दिसा ९१३ दी ८१३ दीव ६७९ दीवि ४८४ दीह ४५२ दीहत्तण ४८४ दीहर ३११ दीहिआ ९८ दुइअ ८५ दुक्कय ६५८ दुक्ख ८२१ दुगंछा ४९ दुग्गअ ३ दुग्गा ९४७ दुगुल्ल ११० दुचंडिअ ४७१ दुज्जाय दिनमुख दिन दत्त दीप्त दिप्ति दैव दिशा दीन दीप द्वीपिन् दीर्घ दीर्घ दीर्घतर दीर्घिका द्वितीय दुष्कृत दुःख जुगुप्सा दुर्गत दुर्गा दुकूल दुश्चण्डित दुर्जात न० दुष्ट द्रुत न० वि० दिया हुआ वि० दीपा हुआ स्त्री० दीपना-चमकना - प्रकाश स्त्री० बालिका - छोटी लडकी दैव-विधि - भाग्य न० स्त्री० वि० पुं० पुं० वि० न० वि० स्त्री० ५३ दिन का मुख-दिन का प्रारंभ-सवेरा दिन-दिवस पुं० स्त्री० दिशा दीन-क्षीण दीपक दीया चित्ता - दीपडा लंबा दीर्घता - लंबाई लंबा दीर्घिका - वाव - वापी न० स्त्री० घृणा-नफरत दु:खी - गरीब दुर्गा देवी - पार्वती ७४४ दुट्ठ अ० १७ दुत्ति ४०० दुद्दोली* द्रुदुआलि स्त्री० ९६ दुद्धगंधिअमुही दुग्धगन्धिक- स्त्री० मुखी न० डगला - सुंदर वस्त्र वि० दु:शिक्षित - स्वच्छंदी न० वि० दुष्ट दुःख वि० दूजा - दूसरा - अनुचर -साथी Companion न० दुष्कृत-पाप दुःख - पीडा द्रुत - शीघ्र वृक्ष की श्रेणी अभी जिसके मुंह में दूध की गंध आती हो छोटी बालिका Dawn Day Given Shining Light Little Girl Fate Direction Distressed Lamp Panther Long Length Long Oblong well or lake Sin Pain, misfortune Blame Poor Durga Fine cloth Silly, ill-bred Misfortune Bad man Suddenly Row of trees Little Girl Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दुग्ध द्वार Poor २८० दुद्ध ना दूध Milk ४९२ दुद्धिअ दुग्धिक न० अंदर से दूध जैसा सफेद Bottle-gourd, -दूधी-घीया White Gourd ६२० दुप्परिअल्ल दुष्परिकल्य वि० अशक्त Weak ५१५ दुब्बल दुर्बल वि० दूबला Weak ८७ दुम द्रु म पुं० द्रुम-वृक्ष-पेड-झाड Tree ८५ दुरिअ दुरित न. पाप Sin ११ दुरेह द्विरेफ पुं० भमरा-भौंरा Bee ७७९ दुरोअर दुरोदर न० जूआ-छूत Gambling ११० दुल्ललिअ दुललित वि० दुर्विदग्ध-स्वच्छंदी Ill-bred ७५९ दुवार न० द्वार Door ७३५ दुव्वा दुर्वा स्त्री॰ दूब Durva-grass ४०० दुव्वाली द्रुमाली स्त्री० वृक्ष की श्रेणी Row of trees ११० दुव्विअड्ढ दुर्विदग्ध वि० स्वच्छंदी-दुःशिक्षित Silly, ill-bred ४९ दुन्विह दुर्विध वि० दुर्भागी-गरीब ६८९ दुच्च दौत्य न० दूतपना-दूत का काम Embassy, office of messanger ११० दुस्सिक्खिअ दुःशिक्षित वि० स्वच्छंदी Self willed ९१ दुस्सीला दुःशीला स्त्री० शील रहित स्त्री Unchaste woman ६५८ दुह दुःख न० दुःख-पीडा Pain, misfortune ६१० दुहाविअद्विधाकृत । वि० बीच में से दो भाग Parted, divided । द्विधापित किया हुआ ८६१ दुहिआ दुहित-दुहिता स्त्री० पुत्री Daughter ६८९ दूअत्तण दूतत्वन न० दूत का काम Embassy, office of messanger ८०४ दुई स्त्री. दूती-दूत का काम Female- . __करनेवाली स्त्री messanger ७५८ दूसह दुःसह वि. तीव्र-सहा न जाय ऐसा Difficult to bear अ० 'ओ' इस प्रकार A Sign for आमंत्रणसूचक calling दूती Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . ८६६ देअर २४ देव ८१८ देहली ९ दोघट्ट १२२ दोणय देवर देव देहली द्वि+घुट्ट द्रोणक पुं० देवर-देर Brother-in-law पुं० देव । God स्त्री० चौखट Threshold पुं० दो से पीने वाला-हाथी Elephant पुं० गांव का मुखी Chief of the village स्त्री० छोटी नाव Boat ३२६ दोणी द्रोणी ५५६ धंसाडिअ Avoided ध्वंसापित वि. ध्वस्त किया हुआ छोड दिया हुआ धनिन् पुं० धनी-श्रीमान अ० गाढ, दृढ १९४ धणि . १५९ धणिअ* Wealthy Much, Firm, Solid, Hard Bow Darkness ५३ धणुह ७६ धंत ५३ धम्म ९३ धम्मिल्ल Bow Cluster of hair ५९ धयरट्ट ११५ धय ६८८ धरइ धनुष न० धनुष्य ध्वान्त न० अंधेरा धर्मन् न० धनुष्य धम्मिल्ल पु० बंधे हुए केशों का । जूडा केशपाश धार्तराष्ट्र पुं० हंस ध्वज पुं० झंडा-धजा धु+धरति क्रि० वह धारण करता है- जीता है-जीवनयुक्त है धरा स्त्री. पृथ्वी धरिणी स्त्री. , धर पु. पर्वत धवल वि० सफेद-धोला धवलशकुन पुं० श्वेत पक्षी-हंस । धिषण पुं० बृहस्पति-गुरु Swan Flag He lives ३७ धरा ३. धरिणी ७९ धर १६४ धवल ६. धवलसउण १७९ घिसण Earth Earth Mountain White Swan Juptier, prece Ptor of gods Bee Daughter ११ धुअगाय* ८६१ धूआ पुं० भौंरा दुहितृ-धूआ स्त्री० पुत्री Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Fire ३३ धूमजोणि धूमयोनि पु० मेघ-बादल Cloud ६ धूमद्धअ धूमधज पुं० अग्नि ५५ धूममहिसी धूममहिषी स्त्री० कुहरा-कुहासा Mass of clouds ५५ धूमिआ धूमिका स्त्री० ,, ,, ५५७ धूसरिअ धूसरित वि० हलका पीला-फीका पीला Light yellow ९२० धोय धौत वि० धोया हुआ Washed ३६ नई नदी स्त्री० नदी River २४४ नक्कसिरा नक्रशिरा स्त्री० नाक का छिद्र-नसकोरा Nostril १७४ नक्खत्त नक्षत्र न० नक्षत्र Constellation २२४ नक्ख नख पुं० नख-नाखून Nail, tallon ८९१ नग्गोह न्यग्+रोह पुं० वड का पेड Banyan tree -न्यग्रोध २७२ नंगल न हल Plough ४६४ नट्ट नाट्य नाच Dance ९८१ नड नट पुं० नट-नृत्य करने वाला Acctor, dancer ५७५ नडिअ नटित वि० व्याकुलता-खेद Grief १७६ नंदण नन्दन ___ न० नन्दनवन -देव का वन Flysium १९७ नंदणा नन्दना स्त्री० पुत्री Daughter ६९ नंदी । नन्दी स्त्री० गऊ-गाय ४५५ नम्म नमन् न. हास्य-मस्खरी Joke ३०९ नम्मया नर्मदा स्त्री० नर्मदा नदी River Narbada २३३ नयण नयन न० नयन-आंख Eye २३९ नयणजल नयनजल न. आंखका पानी-आंसु Tear १०० नर नर पुं० नर-पुरुष-मनुष्य Man १८९ नरनाह नरनाथ पुं० नरों का नाथ-राजा King ३८५ नलय नलक न० कमल के तंतु Lotus-fibre १० नलिण नलिन न० कमल Lotus ३८७ नलिणी नलिनी स्त्री० कमल वेल-कमलिनी Lotus plant __ ये 'न' आदिवाले सब शब्द 'ण' आदिवाले भी समझने अर्थात् णई णकसिरा णक्खत्त णक्ख इत्यादि रूपसे भी उनका प्रयोग होता है । Cow Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९१५ नवरंग १७ नवरि ४२४ नवसिअ ३४ नह २२४ नह १६९ नाअ ४३३ नाम १२ नारी ३१६ नाट्ट* ९८२ नालिआ ४५६ नास २३४ नासा ५३४ निउंचिअ ९९ निउण १५३ निश्च १२५ निच्चुङ्कु* ६५७ निज्झर नवरङ्ग १३९ निट्टुइअ* १२८ निठुर २३६ निडाल २९५ निड ८ नमस्थित नभस् नख नाक नामन् नारी नालिका नाश पुं.० नाश-1 श-विनाश नासा स्त्री० नासिका - नाक निकुञ्चित वि० संकुचित निपुण वि० १८ निउरंब निकुरुम्ब पुं० १२५ निक्किक् निष्कृप वि० ७९० निक्खय निक्षत वि० मारा हुआ ५६३ निक्खित्त निक्षिप्त वि० स्थापित ५७९ निग्गयामोअ निर्गतामोद वि० जिस की सुगंध खूब फैली हो निर्झर क्षरित निष्ठुर ५७ न० कसुंबी वस्त्र - लाल रंगा हुआ कपडा अ० सहसा न मनौती ललाट नीड न० नभ - आकाश पुं० नख पुं० स्वर्ग ५७६ निग्गिण्ण निर्गीर्ण ५४५ निग्घत्तिअय निक्षिप्तक वि० स्थापित नित्य वि० वि० नाम नारी - स्त्री न० स्त्री० पुं० खड्डा स्त्री० समय नापने की घडी चतुर- कुशल समूह निर्दय वि० बाहर निकला हुआ नित्य स्थायी निर्दय पाणी का झरणा न० वि० टपका हुआ वि० निर्दय न० ललाट न० घोंसला Red cloth Suddenly Vow Sky Nail Heaven Name Woman Pit Period of 24 minutes Destruction Nose Mean Clever Mass Hartless Beaten Established Widely fragmented Come out Established Permanent Heartless Streamlet Dripped Heartless Forehead Nest Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३६ निष्णया २३३ नित्त ४७० नित्थाम ५९३ निद्दलिअ ४८१ निद्देस १२५ निबंधस ५०६ निद्धाडिअ ४९३ निबंधण ६४८ निब्भर ५७३ निब्भिण्ण ५६३ निमिअ ३५२ निम्मल १६१ नियड २४८ निअंब १२ निअंबिणी ४३० निअय ७४० निअय १८. निअर ५७७ निअलिअ ४९३' निआण निम्नगा नेत्र निबन्धन निर्भर निर्भिन्न न० नेत्र - आंख निःस्थामन् वि० निर्बल निर्दलित वि० नाश किया हुआ निर्देश पुं० निर्द्वन्स वि० निर्धाटित वि० निमित निर्माल्य निर्मथित निर्मात निवसन निचकल ५८७ निम्महिअ ५८८ निम्माय ११७ निअंसण न० १४८ निअक्कल न० ८३३ निअगुणसलाहा निजगुणश्लाघा स्त्री० १३५ नियच्छिअ निदर्शित वि० निकट नितम्ब स्त्री० नदी नियत निजक निकर निगडित निदान ५८ निर्देश- सूचन धंस करनेवाला निर्दय बहार निकाला हुआ - भगाया हुआ न० कारण क्रि० वि० भरा हुआ वि० भेदा हुआ वि० स्थापित न० वि० वि० वि० पुं० देव को चडा हुआ प्रसाद - शेष मथा हुआ - हिंसित निर्माण किया हुआ कटी स्त्र गोल आकार नितम्बिनी स्त्री० नारी-स्त्री वि० नियत-नियमित वि० निजका-अपना पुं० समूह वि० बेडी डाला हुआ न० कारण River Eye Weak Destroyed Hint Cruel Gone out अपने गुण की प्रशंसा निदर्शन किया हुआ बताया हुआ पास में रहनेवाला Near कमर की दोनों बाजु का Hips नीचा भाग - कूला Cause Filled Split Established Remainder of present made to god Straggled Created Waist-band Round shape Self-praise Seen Woman Constantly One's own Heap, quantity Fettered Cause Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ King १३ निरंकुसा निरङ्कुशा स्त्री० स्वच्छंद स्त्री Self-willed woman १३ निरग्गला निरर्गला स्त्री० , Self-willed woman १३ निरवग्गहा निरवग्रहा स्त्री० , Self-willed woman ४८८ निराय* वि० सरल Straight ७२ निरोह निरोध पुं० ताप Heat ७७ निलय निलय पुं० घर House ५८६ निलीण निलीन वि० लीन, एकाग्र Completely merged १८ निवह निवह पुं० समूह Heap quantity १८९ निव नृप पुं० राजा ५८८ नियडिअ निष्पतित वि० सिद्ध-निष्पन्न Produced ६३८ निव्व नीत्र न० नेवा-छप्पर का अग्रभाग Thatch, rimround, Tile १९ निव्वाण निर्वाण न० मोक्ष Final liberation ४९८ निविट्ठ निर्विष्ट वि० उपभुक्त Eaten, enjoyed १२५ निसंस नृशंस वि० क्रूर Pitiless, cruel ७४ निसा निशा स्त्री. रात्री Night ५२५ निसामिअय निशामितक वि० सुना हुआ Heard ९७१ निसायंत निशातान्त न० तीक्ष्ण धारवाला Sharpened at the point ५९० निसाय निशात वि० तीक्ष्ण Sharpened ५ निसायर निशाकर पुं० चन्द्र Moon ५६६ निसुढिअ* नत वि० भार से नमा हुआ। Bent under a load . ५६५ निसुद्ध निशुद्ध वि. गिराया हुआ Thrown down ५२५ निसुअ निश्रुत वि० सुना हुआ Heard २७१ निस्सेणी निःश्रेणी स्त्री० निसरणी- सिढी-निसैनी Ladder, stairs ४९ निस्स नि स्व वि० निर्धन Poor ४५६ निहण निधन न० मरण Death Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६० निभ Feint, prentence Slain Touchstone Heap, quantity Seen Kubera Placed Inert ३५९ निह न० बहाना-छल ७९० निहय निहत वि० मारा हुआ ९२८ निहस निकष पुं० कसोटी का पत्थर १८ निहाअ निघात पुं० समूह १३५ निहालिअ निभालित वि० देखा हुआ २८ निहिनाह निधिनाथ पुं० कुबेर ५६३ निहिअ निहित वि० स्थापित १५ निहुअ निभृत वि० धीरे __७७ निहेलण न० घर २९५ नीड नीड न० घोंसला ५०६ नीणिअ* गत वि० निकला हुआ ९५३ नीअ नीत वि० हरा हुआ २०१ नीअ नीच वि० नीच २५२ नीरंगी नीरङ्गी स्त्री० घूघट ३५ नीर नीर न० पानी ६४ नीलकंठ नीलकण्ठ पु. मोर ५७ नीलुप्पल नीलोत्पल न० नीला कमल ४९१ नीवी नीवी स्त्री. नाडी-नाडा-इजारबंद House Nest ८८३ नीव नीप पु० कदंबवृक्ष १३९ नीसंदिअ निःध्यन्दित वि० टपका हुआ-झरा हुआ १३१ नीसह निःसह वि० भार से नमा हुआ २०० नीसामन्न निःसामान्य पु० बडा-साधारण नहीं ५७६ नीहरिअ निःसृत वि० निकला हुआ ५५ नीहार नीहार पुं० कुहरा Gone out Taken away Bad, low Veil Water Peacock Blue lotus Knot for fastening petticoat Nauclea Kadamba Dripping Tired, weak Venerable Gone out Hoar-frost, mass of clouds Shaded, Covered Anklet Eunuch Dress Affection Arabic jasmin ५०५ भूमिअ २६१ नेउर ७६० नेलच्छ* ७५१ नेवत्थ २६९ नेह ८७५ नोमाली छादित वि० ढका हुआ नूपूर न. झांझर पुं० नपुंसक नेपथ्य न० वेष स्नेह पुं० स्नेह नवमालिका स्त्री० नवमालिका की वेल Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Lamp ८७२ पइ. __पति पुं० पति Husband, master ५४४ पइण्ण प्रकीर्ण पुं० विक्षिप्त Scattered, miscellaneous ४०७ पईव 'प्रदीप पुं० दीया, बत्ती ९४० पउ? प्रकोष्ठ पुं० कलाई, पोंचा Wrist hand ४८८ पण प्रगुण वि० प्रगुण-सरल Straight, simple ९५७ पउण प्रगुण वि० जिसका घाव या रोग मिट Healthy, hale, मिट गया है वह, जिसका :vigorous घाव रुझ गया है वह ११२ पउत्ति प्रवृत्ति स्त्री० समाचार News ५९१ पउलिअ पक्व वि० पका हुआ Burnt ९०९ पओली प्रतोली स्त्री० मुख्य दरवाजा Gate tower, road, street ७५.६ पओस प्रदोष न० संध्या के आसपास का समय The first:part of night, evening २२७ पओहर पयोघर पुं० स्तन Breast ९१ पंसुलीपांशुली स्त्री. व्यभिचारिणी Unchaste woman ३३७ पंसु पांशु स्त्री० धूल Dust ३६२ पक पक्व वि० पका हुआ Ripe ५२ पक्क पक्व वि० समर्थ, खबरदार, पक्का Strong, Able ५२ पक्कल पक्वल वि० समर्थ-प्रौढ Strong, able ८०९ पक्खोडि* :शादित वि० झाडा हुआ, तोडा हुआ Disentangled १. पंकय पङ्कज न० कमल Lotus ३०७ पंक प ङ्क ० कीचड, कचरा Mud ७६३ पंमुलअपगुलक वि० पंगु-लंगडा Lame ७६३ पंगु पगु वि० " Lame ४३७ 'पश्चग्ग प्रत्यग्र . वि० नया-ताजा New, fresh ४०७ पञ्चत्थि प्रत्यर्थिन् पुं० शत्रु Opponent ५.२ पाचलं प्रत्यल वि० समर्थ-प्रौढ Strong, able Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६५६ पचाएस ९६० पश्चारण * ७१ पच्चूस ४२५ पच्चूह ४ पच्चूह ९९४ पच्छा - ५०५ पच्छाइअ ५२६ एज्जत्त ७८० पज्जा १३९ पज्झरिअ १४० पज्झुत्त ७ पंचसर ६६ पंचाणण १५८ पट्टुहिअ ५४० पडिवन्न ९२६ पडिसिद्ध १४२ पsिहत्थ ६४१ पsिहुअ ४८६ पडु प्रत्यादेश पुं० दृष्टांत उपालम्भन न० पुं० न० पुं० अ० प्रच्छादित वि० पर्याप्त प्रत्यूष प्रत्यूह प्रत्यूह पश्चात् पद्या प्रक्षरित पञ्चशर पञ्चानन क्षुब्ध पृष्ठ २७८ पड़ ५९४ पट्टनिअ प्रस्थापित २७७ पहुंचा प्रत्यञ्चा ६३८ पडल पटल ११५ पड़ाया पताका स्त्री० ८२२ पडिप्फलिअ प्रतिफलित वि० ६६० पडिबिंब प्रतिबिम्ब न० ९६० - पडिभेअ प्रतिभेद पुं० ६६० पडिमा प्रतिमा स्त्री० ५० पडिवक्ख प्रतिपक्ष प्रतिपन्न प्रतिषिद्ध वि० ६२ पुं० पुं० वि० न० वि० स्त्री० न० प्रतिभेद - उलहना देना वि० स्त्री० अधिकार - लायकात प्रात काल. विघ्न सूर्य पीछे से वि० टपका हुआ वि० जडित कामदेव सिंह क्षोभ पाया हुआ पानी डोला पानी ढका हुआ पूरता - काफी - यथेष्ट तल-भूमितल भेजा हुआ धनुष की डोरी नेवा - छप्परका अग्रभाग पताका- ध्वज प्रतिबिंबित प्रतिबिम्ब-परछांही प्रतिभेद उलहना देना प्रतिमा पुं० शत्रु वि० स्वीकृत, प्रतिपत्तियुक्त निषेध किया हुआ प्रतिहस्त वि० पूर्ण प्रतिभूक पुं० जामीन पटु वि० चतुर Image, counterpart Scolding Dawn Obstacle Sun Afterwards Covered, Shaded Sufficient, much Topic Dripping Joined, Studded Cupid Lion Turbid water Level ground Sent forth String Thatch, Tile Banner Trembling, Tripping Image Scolding Image Enemy Obtained Forbidden, hindered Filled, full Surety, bail Clever, able. Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२ पणइ ५२७ पणामिअ ९२७ पणिहि १४७ पशुलिअ* ७६० पंडअ १६४ पंडु ९९ पत्तल ३३९ पत्त ६१ पत्तरह ३४८ पत्तल ६६५ पत्त ९२ पत्ती ८१७ पत्तेअं ४०९ पत्थयण ३४८ पत्तसमिद्ध ६४९ पत्थरिअ ११३ पत्याअ ४०२ पत्थारी १८९ पत्थिव ३९९ पद्द १०६ पंति ८३ पंथ ३० पन्नयरिङ ३१ पन्नय ५०२ पन्नाडिजय * ८०९ पप्फोडिअ ९४५ पमह ४३८ पमुह प्रणयिन् वि० स्नेही प्रणामित वि० समर्पण किया प्रणिधि प्रक्षिप्त पण्डक पाण्डु प्राप्तार्थ पत्र पत्ररथ पत्रल पात्र पत्नी प्रत्येकम् पथ्यदन पत्र समृद्ध प्रस्तृत प्रस्ताव प्रस्तार पार्थिव पद्र पङ्क्ति पन्थ पन्नग मर्दित प्रस्फोटित पुं० वि० प्रमथ प्रमुख पुं० वि० ६३ पुं० वि० फीका वि० चतुर, पंडित न० वि० वि० दूत, जासूस प्रेरित किया हुआ पुं० स्त्री० पुं० न० नपुंसक न० स्त्री० पत्नी, स्त्री क्रि०वि० एक एक न० पुं० वि० वि० पत्ता, किताबका पन्ना, कागज का टुकडा पक्षी Bird बहुत पत्तावाला, तीक्ष्ण-पतला Sharp, pointed पात्र बर्तन Vessel पन्नगरिपु पुं० गरुड सर्प बिछाया हुआ प्रस्तात्र - प्रसंग विस्तरा - पथारी राजा गांव का अंतभाग या पीछे का भाग स्त्री० पंक्ति - श्रेणी पुं० मार्ग-रस्ता भाता मार्ग में प्रवास करते Food for a हुए खाने का खुराक तीक्ष्ण मसला हुआ प्रस्फोटित महादेव का सेवक Lover, husband Given Spy पुं० वि० प्रमुख Thrown Eunuch White Clever Leaf, Page Wife Each journey Pointed sharp Strewn Occasion Couch of straw King Village-Site Line, row Path Garuda Snake Crushed Disentangled Shiva's attendant Beginning Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८.२४ पम्हलय ८४९ पम्ह ५०५ पम्हु ४ पयंगः पक्ष्मल पक्ष्मन् प्रमुष्ट Hairy Eyelashes Forgotten Sun Moth पतङ्ग ७४५ पयंग न० रोम युक्त-रोमवाला। न० आंख के बाल, पापण' वि. विस्मृत पुं० सूर्य पुं० पतंगिया-फतंगर-दीयेमें पडनेवाला कीडा न० पानी न० दूध स्त्री० स्वभाव वि० प्रवृत्त पतङ्ग ३५ पय २८० पय ९०७ पयइ ७८५ पयट्टय पयस् पयस् प्रकृति प्रवृत्तक २२३ पयड ४४९ पयत्त ४१० पयत्थ १८ पयर ५९६ पयलाइ ८३ पयवी ५३३ पयल्ल* ६९६ पयाम ५३७ पयारिअ २ पयावइ ७५ पयास २२२ परच्छंद प्रकट वि० प्रकट, स्पष्ट प्रयत्न पुं० प्रयत्न-आदर पदार्थ पुं० वस्तु, तत्त्व प्रकर पुं० समूह प्रचलायते क्रि० नींद लेता है पदवी स्त्री० पदवी प्रस्त वि० फैला हुआ पकाम न० अत्यंत प्रतारित वि० ठगा हुआ प्रजापति पुं० ब्रह्मा प्रकाश प्रकाश परच्छन्द वि० पराधीन Water Milk Temper, Nature Rolling on, going on? Famous Respect, steem Substance Heap, quantity He sleeps Path Stretched Successively Cheated Brahma Light Subjected, dependent The other bank Tormented Truth Final liberation Brahma Order, succession ७२७ परतीर ५४९ परद्ध ९०८ परमत्थ १९ परमपय २ परमिट्टि ४६५ परंपरा परतीर न० सामने वाला किनारा अपराद्ध वि० अपराधी परमार्थ न० सच्चा परमपद न० मोक्ष परमेष्ठिन् पुं० ब्रह्मा परम्परा स्त्री० परम्परा Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २२२ परयत्त परायत्त वि० पराधीन Dependent ६३ परहुआ परभृता स्त्री० कोयल Female koil ३३७ पराअ पराग पुं० पराग Dust, Pollen of fllower १५० परामुसिअ परामृष्ट वि० छुआ हुआ-परामर्श किया हुआ Touched ५५३ पराहूअ पराभूत वि. पराजय पाया हुआ Defeated ५८३ परिक्खित्त परिक्षिप्त वि० परिक्षिप्त Put on, dressed ३६२ परिणय परिणत वि० पका हुआ Ripe ६८५ परिणीआ परिणीता स्त्री० विवाहित स्त्री Wife ४६१ परिणाह परिणाह पुं० विस्तार Circumference, extent ५५४ परिदेविअ परिदेवित वि० विलपित Lamenting ९५२ परिप्पवंत परिप्लवमान वि० तेरता हुआ, गोता लगाता हुआ Swimming about ६७१ परिपासअ परिवासक पुं० खेत में जाकर रक्षण के लिए Night-watchman __ सोनेवाला मनुष्य १४८ परिमंडल परिमण्डल न० गोलाकार Round ३७९ परिमल परिमल पुं० परिमल, सुगंध Perfume ९३६ परियत्तिअ परिवर्तित वि० बदला हुआ । Turned round ५८४ परियालिअ परिवारित वि० वींटा हुआ Clothed, enveloped ४६२ परिरंभण परिरम्भण न० आलिंगन Embracing ५८६ परिलीण परिलीन वि० विलीन .. Completely merged in ४६५ परिवाडी परिपाटी स्त्री० रीति-क्रम Succession, order ७५४ परिवार परिवार न० तरवार का मियान Scabbard ७८८ परिसर परिसर पुं० नजीक, बाजू Border, circumference ४५९ परिसा परिषद् स्त्री० सभा Assembly ५०१ परिहट्टिअ परिघट्टित वि० चूरा किया हुआ Crushed ११७ परिहणय परिधानक न० पहेरण-पहेरने का कपडा Dress ८११ परिहत्थ परिहस्त न० चतुर, सिद्धहस्त Clever, handy Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रलय पलाल ४२३ परिहा परिखा स्त्री. खाई Ditch ५१५ परिहाय परिहीण वि. क्षीण Emaciated ४५५ परिहास __परिहास पुं० हँसना Laughing at, irony ४८९ परिहिम परिहित वि० पहिरा हुआ Dressed, put on ५५३ परिहू परिभूत वि० पराजय पाया हुआ Conquered । ३९ परेय प्रेत पुं० पिशाच Pishacha ९३४ पराहड* न० घरका वाडा-घरके House surround पीछे का आंगन ed by a fence ४५६ पलअ पुं० नाश Destruction ८७९ पलही* स्त्री० कपास Cotton ३५८ पलाल नं० पुलाल-पराल Straw ३३९ पलास पलाश म. पत्ता Leaf १६ पलीविअ प्रदीप्त वि० प्रदीप्त हुआ-सुलगा हुआ Shining ३१० पल्लल पल्वल तलाव Pond ३४१ पल्लव पल्लव पल्लव Sprouts ९५४ पल्लवि पल्लवित वि० पल्लव-युक्त Dyed red with lac ५९२ पल्हत्थि* पर्यस्तित वि० विरेचित Emptied ६५ पवअ प्लवग पुं० वानर-बंदर Monkey ६५ पवंगम प्लवंगम Monkey २९ पवण पवन पुं० पवन Wind ७१९ पवाल प्रवाल न० प्रवाल-परवाला Coral ६६६ पविआ प्लविका स्त्री० पक्षीओं का पानी पीने का Vessel for का वर्तन watering birds ३ पव्वई पार्वती स्त्री. पार्वती । Parvati १३६ पव्वालिअ* प्लावित न० पानी से व्याप्त Sporting in the water? १४६ पव्वाय* म्लान वि० सुखा हुआ-मुरजाया हुआ Faded ५३३ पसरिअ प्रसृत वि० फैला हुआ-पसरा हुआ Stretched forth ८० पसिडि* न० सोना Gold Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०८ पसन्ना ३३५ पसव १४९ पसाहिअ ३३५ पसूअ २९ पहुंजण ८३ पह १८ पहयर * • २७३ पहरण ९५८ पहर ४६३ पहरिस ७५ पहा ६९५ पहार ५२६ पहुत्त ६१३ पहेणय* ५३२ पहोलिर २१० पाउग्गिअ ९३७ पाउअय ७४३ पाउसागम १२४ पाडच्चर १६६ पाडल ८१७ पाडिकं ५६५ पाडिअ ६३१ पाडुची* १०२ पाणसम २०९ पाण २२८ पाणि १२२ पामर ६७ प्रसन्ना स्त्री० मद्य, दारु प्रसव न० फूल प्रसाधित वि० शृंगार किया हुआ प्रसूत न० फूल प्रभञ्जन पुं० पवन पथ मार्ग प्रहर्ष समूह प्रहण न० शस्त्र प्रहर पुं० पहोर प्रभा प्रहार प्रभूत पुं० पुं० पुं० स्त्री० पुं० वि० न० प्रघूर्णक वि० प्रायोगिक पुं० प्राण पाणि पामर आनंद प्रभा, प्रकाश मारना प्राणसम पुं० पुं० पुं० पुं० बहुत खानेकी वस्तु की भेट प्राकृतक वि० ओढा हुआ प्रावृष्- पुं० चोमासे का आरंभ आगम पाटश्चर पुं० चोर पाटल वि० लाल प्रत्येकम् क्रि०वि० एक एक पातित हिल हिल करने वाला जुआ खेलने वाला प्रियतम-प्राण समान चंडाल हाथ खेती करने वाला Spirituous liquor Flower Adorned Flower Wind, storm Path Heap, quantity Weapon Watch, Period of three hours Joy Light Beat Much Present of food Swinging Gambling house वि० पाडा हुआ - गिराया हुआ Thrown down स्त्री० घोडेको सजाना keeper Covered Storm, breaking of monsoon Thief Red Each Painting or adorning a horse Lover, husband Chandalas Hand Husbandman Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३७० पामाड* * கம்ப் Tree Feet १३८ पामुक्क २०१ पायय ८७ पायव ७९४ पायस ७३ पाद २२६ पाय ७७१ पायार ४७४ पायाल ७२७ पार २८४ पारावअ ८ पारावार ५९७ पारेइ ६०६ पालंब ரே - * * प्रपुनाट पुं० पमाड का पेड-एक प्रकार Cassia Tora of का वृक्ष Alata प्रमुक्त वि० छुटा हुआ Abandoned प्राकृत वि० नीच-अधम Bad पादप पुं० वृक्ष-झाड पायस दूधपाक Milk and rice पाद किरण Rays पाद पुं० पैर-पग-पांव प्राकार पुं० कीला Rampart पाताल न० पाताल Nether world पार न. किनारा The other bank पारापत पुं० पारेवा-कबूतर Pigeon पारावार पुं० समुद्र Ocean पारयति क्रि० पार करता है-समर्थ होता है He can, is able प्रालम्ब न. पेंडलवाला एक प्रकारका Pendent आभूषण ornament पालिका स्त्री० तरवार की मूठ Sword-hilt edge of sword पावक पुं० अग्नि Fire पाप न. पाप पार्श्व पु० पास-नजीक-बाजू Border प्रासाद पुं० महेल Palace पाथेय न० भाता Provisions for a journey प्राभृत न० भेंट Present पितृ+पिता पुं० पिता-बाप Father पितामह पुं० ब्रह्मा Brahma पितृष्वसा स्त्री. पिताकी बहेन-बुआ-फुफा Fathers sister पितृवण न० श्मशान Burial-ground, Cemetry पक्व वि० पका हुआ Ripe प्रेङ्खा स्त्री० हिंचका Swing २७५ पालिआ * * * * * Sin ६ पाव ८५ पाव ७८८ पास ९८३ पासाअ ४.९ पाहिज ७६६ पाहुड ८६३ पिआ २ पिआमह ८७१ पिउच्छा ४२१ पिउवण ३६२ पिक्क ७४१ पिंखा Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६५ पिंग पिन वि० पीला Brown १६५ पिंगय पिङ्गक वि० पीला Brown २९४ पिच्छ पिच्छ न० मोर पीछ-पंख का भाग, Feather पांख, पूंछ ६८७ पिच्छ प्रेक्षस्व क्रि० देखो Look! ९७७ पिच्छाभूमि प्रेक्षाभूमि स्त्री० रंगमंडप, स्टेज Stage, theatre ६३६ पिट्ठखउरिआ* स्त्री० मद्य-दारु Liquor mixed with flour ४७९ पिढर पिठर पुं० एक प्रकारका बर्तन Pot, Pan ४८९ पिणद्ध पिनद्ध वि० पहिरा हुआ-सजा हुआ Put on, dressed २२ पिणाइ पिनाकिन् पुं० महादेव Shiva ६२२ पिंडलइअ पिण्डलकित वि० पिंडाकार किया हुआ, Heaped up समूह में किया हुआ ३९ पिप्पय* पुं० पिशाच Pishacha ८९७ पिप्पल पिप्पल न० पीपलका पेड Pipal tree २६९ पिम्म प्रेमन् न० स्नेह, प्रेम Affection ८८७ पियंगु प्रियंगु स्त्री० प्रियंगु का वृक्ष, ककुंदनी Panicum ltalicum का पेड, काँग ३६७ पियंगु प्रियंगु स्त्री० मालकांगनी का पेड Medicinal plant ३६७ पियमा प्रियतमा स्त्री० ,, Medicinal plant ६३ पियमाहवी प्रियमाधवी स्त्री० कोयल Female koil १०२ पिययम प्रियतम पुं० अधिक प्यारा पुरुष Lover husband ८९४ पियाल प्रियाल न० प्रियाल वृक्ष Buchanania latifolia १४७ पिल्लिअ* क्षिप्त वि० उत्क्षिप्त Thrown ३२२ पिवासा पिपासा स्त्री० प्यास Thirst ३९ पिसल्लय पिशाच Pishacha १६५ पिसंगय पिशङ्गक वि० पीला Brown २४२ पिसिअ पिशित न० मांस Flesh १२३ पिसुण पिशुन वि. चुगलीखोर Wicked १४५ पिसुणि पिशुनित- वि० कहा हुआ, Spoken कथित चुगली किया हुआ पिशाच Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७४९ पिहाणिआ ४९९ पिहिअ १५७ पिहुल २८३ पीऊस ४३४ पीडा ५४९ पीडिअ २७० पीढ ९६१ पीढिआ १२६ पीण __९ पीलु १२६ पीवर ६२१ पुक्का* '३११ पुक्खरिणी ५४३ पुंछिअ ६२२ पुंजाय पिधानिका स्त्री. ढकनी Cover पिहित वि० ढका हुआ Covered पृथुल वि० पहोला-विस्तार युक्त। Broad पीयूष न० अमृत Nectar पीडा स्त्री० पीडा Pain पीडित वि० दुःखी Tormented पीठ न० पीढा-बेठक, आसन Seat पीठिका स्त्री० मंच-एक प्रकार का आसन Seat पीन वि० पुष्ट Fat पीलु पुं० हाथी Elephant पीवर वि० पुष्ट Fat पूत्कृ-व्याहार स्त्री० जोरसे आवाज करना, Bragging पोकार करना पुष्करिणी वि० तालाव Lake, pond प्रोञ्छित वि० पोंछा हुआ Wiped पुञ्ज वि० पुंज किया हुआ-ढेर Heaped up किया हुआ पुण्डरीक पुं० बाघ Tiger पुण्डरीक न० कमल Lotus पुण्य न० पुण्य Merit, Fate पुण्यवस्त्र न० खींचा हुआ वस्त्र-आनंद Holiday-dress होने से हरा हुआ कपडा पुत्तलिका स्त्री० पूतली Doll, effigy पुत्रवधू स्त्री० पुत्र की बहू-पतोहू Daughter-in-law पुण्यजन पुं० यक्ष Yaksha पुनाग पु० पुंनाग का वृक्ष Rottleria Tinctoria पुष्पचायिनी स्त्री० फूलों को इकट्ठा करने Garland-makers वाली-मालण पुष्पक पुं० फेण-झाग Foam पुष्पबलि पुं० पूजा-उपचार-पुष्पकी बलि Flower, offering ६८ पुंडरी १० पुंडरी ४५७ पुण्ण ६४३ पुण्णवत्त २५८ पुत्तलिआ ८६५ पुत्तवहू १७५ पुन्नयण ३८६ पुन्नाअ २१३ पुष्फच्चिणिआ ३१९ पुप्फ ६२५ पुप्फबलि Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Garland-makesr २१३ पुप्फलाई __ पुष्पलावी स्त्री० फूलों को चुनने वाली मालण ८७१ पुप्फिआ* पुष्पिका स्त्री० बुआ-फुई-फुफा १०४ पुअंडअ पौगण्ड पुं० युवान ३९ पुयाइ पुयादिन् पुं० पिशाच ९९३ पुरओ पुरतः अ० आगे २५ पुरंदर पुरंदर पुं० इंद्र ९२ पुरंधी पुरन्ध्री स्त्री० स्त्री ४६६ पुररक्ख पुररक्ष पुं० कोटवाल १०० पुरिस पुरुष पुं० पुरुष २४५ पुरीस पुरीष न० विष्टा-मल १३७ पुलइअ पुलकित वि रोमांचित १३५ पुलइअ प्रलोकित-दृष्ट वि, देखा हुआ ५९१ पुलुठ्ठय प्लुष्टक वि० जला हुआ १८१ पुलोमतणया पुलोमतनया स्त्री० इंद्राणी ६८ पुल्ली* पुं० वाघ २९१ पूस पुष्यक पुं० तोता १४८ पेढाल* पेढाल वि० गोलाकार ४२१ पेअवण प्रेतवन न० मसान-श्मशान Father's sister Young man Pishacha Before, in front Indra Wife Watchman Man . Excrements Horripilated Seen Burnt Shachi Tiger Parrot Round Burial-ground, cemetry Yama End, limit Soft Charming Sent Feather Stitched, pierced Little boy २७ पेआहिव ४८३ पेरंत १५६ पेलव १५५ पेसल ५९४ पेसविअ २९४ पेहुण* ९५५ पोइअ* ९५ पोअ ९८६ पो ५२ पोढ प्रताधिप पुं० यम पर्यन्त पुं० छेडा-अंत पेलव वि० नरम, कोमल पेशल वि० सुंदर, रम्य प्रेषित वि० मेजा हुआ न. मोरपीछ प्रोत वि० पोया हुआ पुं० छोटा लड़का पुं० वहाण-जहाज वि० प्रौढ-समर्थ Ship Strong, able Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૭૨ ३८१ पोअइआ* स्त्री० नींद लानेवाली लता A kind of creeper पुं० दुर्जन Wicked पुं० पौष मास-पूस महिना Pausha १२३ पोरच्छ* ६१९ पोस पौष ७९२ फंस ६१८ फग्गुण ३९२ फण ३९२ फडा ३१ फणि ५५१ फंदिअ ७९२ फरिस १२८ फरुस ३६७ फलिणी ५१३ फलिअ १७८ फलिहगिरि ९५० फलिह ७९१ फलिह स्पर्श पुं० स्पर्श Touch फाल्गुन पुं० फागुन महिना Phalguna फण पुं० फणा-साँपकी फन Snake's hood फटा स्त्री० फणिन् पुं० फन वाला नाग-सर्प Snake स्पन्दित वि० चंचल-कुछ हिला हुआ Quivering स्पशे पुं० स्पर्श Touch परुष वि० कठोर Cruel फलिनी स्त्री० प्रियंगु Medicinal plant फलित वि० विकसित फुटा हुआ अंकुर Split, cleft स्फटिक- पुंकैलास Kailasa गिरि परिघ पुं० परिघ-आगलिया अर्गला Bar परिघ पुं० दरवाजे में लगा हुआ-काठ Part of Door आदि का तख्ता-चौखट वि० चितकबरा Variegated पाटित वि० फाडा हुआ-भाग किया हुआ Pierced torn स्फेटित-भ्रष्ट वि० भ्रष्ट-नष्ट Lost स्फुट वि० स्फुट-स्पष्ट Clear स्फुटित वि० खिला हुआ फूल वा अंकुर Rent, cleft स्त्री० वन कंडे की आग Fire of dry cowdung स्फुरण न० स्फुरण होना-फरकना Quivering, winking? स्फुरित वि० स्फुरित-स्फुरा हुआ Quivering १६७ फसल* ५८१ फालिअ ५५२ फिडिअ ९५१ फुड ५१३ फुडिअ ४०१ फुफमा* ९८५ फुरण ५५१ फुरिअ Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७३ ११ फुल्लंघुअ पुष्पंधय पु० भँवरा Bees, Flower shaker' Wiped Foam वि० छुआ हुआ ५४३ फुसिअ ३१९ फेण मण-झाग ८७८ बउल १४५ ब(व)जरिअ* ५७७ बद्ध ६७७ बद्ध ७८४ बद्ध Bard ४४ बदि २१२ बंदि ७११ बंधण बकुल पुं० बकुल वृक्ष Mimusops elengi उच्चरित- वि० कहा हुआ Spoken कथित बद्ध वि० बंधा हुआ | Fettered bound बद्ध वि० संमुक्त- जुडा हुआ Joined, united. बद्ध वि० बध्य-कैदी अथवा वाधरी-Prisoner or अथवा वर्ध चमडे की दोरी (?) Leather strap? बन्दिन् पु० चारण बन्दी स्त्री० बान्दी-बलात्कार से लाई Captive women हुई बी बन्धन न० बंधन-जिसके सहारे वृक्षपर Tying, bandage फल लटकता रहता है-डीट बन्धु पुं० बंधु, भाई Relative बन्धुर वि० सुन्दर Lovely बप्पीह पुं० चातक, बपैया-पपीहा Chataka बाष्प न० गरमी, भाप ब्राह्मणिका स्त्री० एक प्रकार का जंतु Halahala हालाहला नामका कीडा बर्हिन् पुं० मोर Peacock बरुक पुं० विशेष प्रकार का घास-जिस A reed resem के राडे से कलम की जाती है bling sugarcane बल न० बल Power . बलात्कार-हठ Violence बलाहक पुं० बादल Cloud बलिपुष्ट पुं० कौआ Crow १९५ बंधु १४ बंधुर २९३ बप्पीह २३९ बप्फ ७१४ बंभणिआ Tear ६४ बरहि ३७३ बरुअ ४४४ बल ४८७ बलामोडी* ३३ बलाहय ६७ बलिउट्ठ १० Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७४ ६५ बलिमुह १५९ बलिअ २६ बल ८६२ बहिणी १११ बहुजंपिर ६९ बहुला ९५९ बहुल ७९९ बहेडअ २५८ बाउल्ली* १५९ बाढ १२१ बाल ९६ बाला १२१ बालिस ६९९ बाहिं ६९९ बाहिर २३९ बाह ८५६ बाहु ९८ बिइज्जअ बलिमुख पुं० बंदर Monkey बलिक न० गाढ-दृढ Much बल पुं० बलराम Balarama भगिनी स्त्री० बहेन Sister बहुवावदूक वि० बहुत बोलने वाला-वाचाल Talkative -बकबक करने वाला बहुला स्त्री० गाय Cow बहुल पुं० कृष्णपक्ष Dark half of the month विभीतक पुं० बहेडा-जो त्रिफला में Myrobalan आता है स्त्री० पूतली Effigy, doll बाढ वि० गाढ-दृढ Much बाल पुं० मूर्ख, बालक Fool बाला स्त्री० छोटी लडकी-दुधमुंही लडकी Little girl बालिश वि० मूर्ख Fool बहिर् अ० वाहर Outside बहिर् अ० ,, Outside बाष्प पुं० आंसु बाहु पुं० हाथ Arm द्वितीय वि० दूसरा-दूजा Attendant, servant वृन्त न० फल वगेरे का बंधन- Binding, जिसके सहारे वृक्ष पर फल bandage? लटकता रहता है-डीट-भंट स्त्री० विशेष प्रकार की मदिरा Liquor mixed with flour बिन्दुकित वि० विदु बिन्दुवाला-टपकीदार Covered with drops or spots बिम्ब न० बिंबीफल-कुंदरुन का Bimba-fruit फल-टींडोरा Tear ७११ बिट ६३६ बिटसुरा* ५६९ बिंदुइ ८८४ बिंब Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३८० बिंबवय* ३९० बिराली ३८३ बिल्ल ८८९ विस ८९६ बीअय ६७ वुक्कण ७२४ बुक्का १६२ बुज्झिअ ४२ बुद्धि २० बुद्ध ९७ बुंदी * ९९ बुह ३६० बेली* १६७ बोगिल* ९०० बोडघेर* १०४ वो (वो) द्रह * ८७७ बोरी १०९ भइरव ८०६ भग्ग ४८० भंगुर ९२ भज्जा ५५२ भट्ट ८१ भणिइ ८७२ भत्ता २६२ भद्दासण ७६८ भद्द ११ भमर बिडाली बिल्व बिस बीजक बुक्कन बुक्का बुद्ध बुद्धि बुद्ध बुध बदरी भैरव भन्न भङ्गुर भार्या भद्र भ्रमर न० न० स्त्री० बिल्ली न० न० Marking-nut Cat बेल का फल Wood-apple कमल के नाल का तंतु Lotus-fibre भिलावां अशन वृक्ष - बीया का पेड Terminalia Tormentosa पुं० स्त्री० वि० बोधयुक्त कौआ वि० वि वि० स्त्री० वि० स्त्री० बुद्धि पुं० बुद्धदेव 2 मुक्का - मुष्टि स्त्री० शरीर पुं० पंडित स्त्री० स्थूणा - खूंटा वि० चितकबरा न० एक प्रकार का छोड पुं० जुवान स्त्री० बेर का पेड भ भयंकर रोग से पीडित क्षणिक क्षणभंगुर स्त्री भ्रष्ट - नष्ट वाणी पति - स्वामी भ्रष्ट भणिति स्त्री० भर्तृ+भर्ता पुं० भद्रासन न० भद्रासन न० कल्याण पुं० भँवरा Crow Fist Understood Intellect Shakyamuni Gautama Body Clever Post Variegated A sensitive plant Young man Jujube tree Terrible Broken Crooked, curved Wife Lost Speech Husband Thrones Lucky, auspicious Bee Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३७३ भमास भमास पु० विशेष प्रकार की घास ५२९ भमिअ ८५७ भमुहा ५६४ भरिअ ५५९ भरिउल्लट्ट* १८ भर ३८० भल्लाय ७७ भवण ३ भवाणी २२ भव । ६२ भसण ११ भसल २९७ भसुआ* ६६५ भायण ७४८ भाअ ४५७ भागहेय ४१ भागीरही ६०८ भायल भर Reed resembling sugar-cane Rvolving Eyebrows Remembered Opened Heap, quantity Marking-nut House Bhavani Shiva भ्रमित वि० घुमाया हुआ स्त्री० भों स्मृत वि० याद किया हुआ वि. विकसित पुं० समूह भल्लात न० भिलावाँ भवन न० घर भवानी स्त्री. पार्वती भव पुं० शिव भषण पुं० भोंकनेवाला-कुत्ता भ्रमर पुं० भँवरा भषिका स्त्री० सियार भाजन न० बर्तन-भाणा भाग पुं० भाग भागधेय न० भाग्य भागीरथी स्त्री. गंगा न० अच्छा घोडा Dog ८६९ भाया ८१ भारई २३६ भाल ४१० भाव ८१ भासा ७५ भासा १०९ भासुर ४३ भिक्खु ११ भिंग २८७ भिंगारी १९९ भिच्च भाषा Bee Jackal-bitch Vessel Share Fate, luck Bhagirathi A horse of good race Brother Speech Forehead Substance Speech Light Terrible Ascetic Bee Cricket Servant भ्रातृ भ्राता पुं० भाई भारती स्त्री० वाणी-सरस्वती भाल न० कपाल भाव पुं० पदार्थ-भाव स्त्री० भाषा-वाणी भासा प्रकाश भासुर वि० घोर पुं० मुनि भृङ्ग पुं० भँवरा भृङ्गारी स्त्री० एक प्रकारका कीडा भृत्य पुं० नोकर भिक्षु Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७७ ९२४ भिन्न ३८७ भिसिणी ६५४ भिसी ९११ भीम १०९ भीम १.९ भीसणय ८५६ भुअ ५१९ भुक्किम ५२३ भुक्खि भ्रू स्त्री. भों ८५७ भुमआ ३१ भुअय ३१ भुअंगम ३१ भुअंग १८८ भुअण ८५८ भुअमूल २९७ भुल्लुकी* ३९ भूअ ३९६ भूअ ९३३ भूमि २५३ भूसण ७३८ मे २०५ भोइअ भिन्न वि० भेदा हुआ Split बिसिनी स्त्री० कमलिनी Lotus-plant वृषी स्त्री० एक प्रकार का बेठने का Amat or cushion आसन-ऋषिको बेठनेका of grass आसन भीत वि० भय पाया हुआ-डरा हुआ Afraid भीम व० भयंकर Terrible भीषणक वि० ,, Terrible भुज पुं० हाथ, भुजा Hand बुक्कित न० कुत्तेका भोंकना । Barking बुभुक्षित वि० भूखा Hungering, hungry Eyebrows भुजग पुं० सर्प Snake भुजगम पुं० , Snake भुजंग पुं० , Snake भुवन न० जगत् World भुजमूल न० भजाका मूल-काख Arm-pit स्त्री० सियार-शृगाली Jackal-bitch भूत पुं० पिशाच Goblin भूत पुं० जंतु Being भूमि स्त्री० भूमि-स्थल-थली Ground, place भूषण न० गेहना Ornament युष्मद्-यूयम् स० तुम You भोगिक पुं० गाँवका मुखिया Headman or lord of a village पुं० नाग की फेण Snake's hood भौम पुं० भूमिपुत्र-मंगलग्रह . Plant mars भोग ३९२ भो १८६ भोभ १०८ मइरा १०७ मइरेअ मदिरा स्त्री० मदिरा मैरेय न० , Spirituous liquor Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९०२ मइल ४२ मइ १५६ मउ ९३ मउड* २५१ मउड ८८ मउल ५१४ मउलिअ २५१ मउलि ७३ मऊह ८९ मअ २४२ मंस १२६ मंसल २३७ मंसु ३८९ मक्कडय ७५२ मक्खिअ ९९४ मग्गओ ५१ मग्गण ६१९ मग्गसिर ८३ मग्ग ४४ मंगलपाढय ८०७ मंगुल १०० मच १२३ मच्छरि ६० मच्छ ८३५ मज्जव ३९० मज्जारी ७८२ मज्जिअ ७७२ मज्जिआ ९९२ मज्झे मलिन मति मयूख मद मांस मांसल मृदु वालोंका जूट मुकुट मुकुट मुगट- मोड-मुकुट मुकुल न० कलिका मुकुलित वि० संवेष्टित मौलि पुं० पुं० पुं० वि० मैला स्त्री० बुद्धि वि० कोमल पुं० पुं० प्रक्षित वि० मार्गतः ७८ न० वि० मांसयुक्त-पुष्ट न० दाढी मूँछ श्मश्रु मर्कटक पुं० मकडी जाल मङ्गलपाठक पुं० मङ्गुल न० मर्त्य मध्ये मुगट किरण मद- अहंकार माँस अ० मार्गण पुं० शर मार्गशिरस् पुं० मार्ग पुं० ० अ० बनाने वाला कीड़ा चुपडा हुआ - चीकना पीछे पुं० पुरुष मत्सरिन् पुं० मत्सरी मत्स्य पुं० मछली मद्यप वि० दारु पीने वाला मार्जारी स्त्री० बिल्ली मार्जित वि मार्जिता स्त्रो० मगसिर मास रस्ता चारण बूरा-खराब मांजा हुआ - शुद्ध शक्कर तथा सुगंधि वस्तु से मिश्रित दूध या दही बीच में - मध्य में Dirty Intellect Soft Toplock Diadem Bud Closed Diadem Ray Pried Flesh Fat Beard Spiders Anointed Afterwards Arrow Margashirash Path Bard Ugly, nasty Man Envious, wicked Fish Drunkard Cat Bathed Curds mixed with spices In the midst Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३४५ मंजरीगुंडी २६१ मंजीर १५५ मञ्जु ३७५ मञ्जुआ १५५ मंजुलअ १५ मट्ठ ८९ मडम्फर * ४२० मडय ४७२ मडह* ४८७ मड्डा* ६८४ मन्दिअ ७७७ मणयं ४२ मणीसा १४ मणुज्ज १०० मणुअ १०० मणुस्स १४ मणोरम ९७५ मणोरह ५४ मंडलग्ग ६२ मंडल १४९ मंडिय ७४९ मंडी ३१३ मंडुक ४ मत्तंड ४४५ मत्ता ५९३मद्दिअ १९१ मंति ४५० मंतु १५ मंथर ७०७ मंथरा ७९ मञ्जरीगुण्डी स्त्री० एक प्रकार की बेल मञ्जीर झांझर न० वि० सुन्दर - मीठा अवाज तुलसी मञ्जु मञ्जुका स्त्री० मञ्जुलक वि० सुन्दर मृष्ट वि० मंद-जड मदस्फर पुं० गर्व मृतक न० मुडदा वि० छोटा मठित मनाक् अ० मनीषा स्त्री० मनोज्ञ वि० मनुज पुं० मनुष्य मनुष्य पुं० मनुष्य मनोरम वि० मन पसंद - सुन्दर मण्डल पुं० कुत्ता मण्डितक वि० अ० हठ Violence वि० मढा हुआ-वींटा हुआ Crushed थोडा कम Little बुद्धि मनपसंद सुन्दर शोभित मण्डी स्त्री० ढकनी मण्डुक पुं० मेंडक मार्तण्ड पुं० सूर्य Intellect Lovely Man Man Lovely मनोरथ पुं० इच्छा, मनोरथ, अभिलाष Desire मण्डलाग्र न० तरवार Sword Dog मात्रा स्त्री० थोडा-कमती मर्दित वि० मसला हुआ मन्त्रिन् पुं० प्रधान मन्तु न० अपराध मन्थर वि० मन्थरा स्त्री० Pollen of creepers Anklet Sweet मंद- धीमा कसूमे का पेड - कसुंबी Ocymum Sanctum, Tulsi Sweet Inert, lazy Pride Corpse Small Adorned Cover, lid Frog Sun Particle, mora Crushed Minister Fault Slow, inert Safflower Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८० ४७६ मंथाण Gange ५५५ मंथि १५ मंद १२१ मंद ४१ मंदाइणी ४३५ मन्नु ९ मयगल ७२३ मयण ३७६ मयणाहि ७ मयण ८८१ मय ७ मयरद्धअ ३३६ मयरंद ८ मयरहर मन्थान पुं० दही मथने का दंड विलोने का दंडा Churning stick मथित वि० मथा हुआ-विलोया हुआ Churned मन्द वि० मंद-धीमा Slow, Inert मन्द वि० मूर्ख Fool मन्दाकिनी स्त्री० गंगा मन्यु पुं० गुस्सा Anger मदकल पुं० हाथी Elephant मदन न० मोम-मीण Bee's wax मृगनाभि स्त्री. कस्तूरी Musk मदन पु० कामदेव Cupid मत न० अभिप्राय Opinion, decision मकरध्वज पु० कामदेव Cupid मकरन्द पुं० मकरंद Pollen मकरधर, पुं० समुद्र Ocean मकरगृह मृगलाञ्छन पुं० चाँद Moon मृगारि पुं० सिंह मदकरी स्त्री० नींद लाने वाली लता A kind of creeper मृगाधिप पु० सिंह Lion मृगी स्त्री० हरणी Doe पु० अहंकार Pride मराल वि० मंद-धीमा-अलस Slow, inert मराल पुं० हंस Geese मलय पु० उद्यान-वाडी, बगीचा Garden मलयरुह न० चंदन Sandal मलीमस वि० मैला Dirty माल्य न० माला Garland स्त्री० मामी Maternal uncle's wife श्मशान न० मसाण-श्मशान Burial-ground मसृण वि० मंद-धीमा Slow, inert Lion ५ मयलंछण ६६ मयारि ३८१ मयाली ६६ मयाहिव ७० मयी ८९ मरट्ट* १५ मराल ५९ मराल ३४३ मलअ ३७७ मलयरुह ९०२ मलीमस ३५० मल्ल ८७० मल्लाणीक ४२१ मसाण १५ मसिण Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ di ९१६ मसिण ६९४ मसिणिअ ८३८ मह ५७९ महमहिअ s २९७ महासद्दा ५५. महिअ ५५ महिआ Tree मसृण वि० नरम Soft, smooth मसृणित वि० चमकाया हुआ-शुद्ध Polished किया हुआ मह न० उत्सव Festival प्रसृत वि० मघमघता-सुगंधसे Perfumed मघमघता महाशब्दा स्त्री० सियार-शृगाली Jackal-bitch मथित वि० मथा हुआ Churned महिका स्त्री० प्रातःकाल में घूमायमान Hoar-frost वातावरण महिका स्त्री० काले मेघों की घटा Mass of clouds महिला स्त्री० स्त्री Woman महिषी स्त्री० भैंस Buffalo-cow महिधर पुं० पर्वत Mountain मही स्त्री० पृथ्वी Earth महीरुह पुं० वृक्ष महोत्पल न० बडा कमल Lotus मधु न० मद्य-दारु Spirituous liquor मधु न० शहद-मध मधुमथ पुं० विष्णु Vishnu मधुकर पु० भौरा Bee मधुर वि० सुन्दर Sweet मधुवार पुं० मद्य-दारु Spiritous liquor मधु पुं० वसंत ऋतु Spring मातृष्वसा स्त्री० माताकी बहिन-मासी Mother's sister मातृका स्त्री० माता समान-सखी Female friend मातृष्वसा स्त्री० माता की बहिन-मासी Mother's sister मागध पुं० चारण बख्तर Armour मानव पुं० मनुष्य मानस न० मन-चित्त Mind मानित वि० अनुभूत Experienced ४१९ महिआ १२ महिला ६७० महिसी ७९ महिहर ३७ मही ८७ महीरुह १० महुप्पल १०७ महु ६९८ महु २१ महुमह ११ महुअर १५५ महुर १०७ महुवार ४१४ महु ८६७ माउच्छा २२१ माउआ ८६७ माउसिआ ४४ मागह २७४ माढी* १०० माणव ७९८ माणस ६४५ माणि ११ Honey Bard Man Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८७० मामी* २०९ मायंग ९ मायंग ७४२ मायहिआ ३६९ मायंद ४१६ माया ८६४ माया २९ मारुअ ९८८ मालई १०६ माला ३५० माला ५७१ मालिअय ३८३ मालूर २३७ मासुरी* ८८५ माहविआ ६१८ माह ८६ मिच्छा ६६९ मिढिआ* ४ मित्त १९० मित्त ९३८ मिअ १४६ मिलाण ३५९ मिस ६८६ मिहुणय ६० मीण ५११ मुक्कमज्जाय १३ मुक्कला १२१ मुक्ख मामी स्त्री० मामी पुं० चंडाल हाथी मातङ्ग मातङ्ग पुं० मृगतृष्णा स्त्री० ८२ माकन्द पुं० आम माया स्त्री० कपट मातृ-माता स्त्री० माता, मा मारुत पुं० पवन मालती स्त्री० मित्र मित्र मित मरुमरीचिका - किरणों में Mirage जलका भ्रम - झांझवे का जल मालती की वेल माघ पुं० महा मास मिथ्या अ० झूठा स्त्री० मेढी-मेषी म्लान मिष न० मिथुनक न० मीन माला स्त्री० माला-पंक्ति - श्रेणि सुशोभित माला स्त्री० फूलों की माला मालितक वि० माहर न० कपित्थ-कैथ का पेड वा फल Wood-apple स्त्री० दाढी मूछ माधविका स्त्री० एक प्रकार की वेल पुं० सूर्य पुं० मित्र, दोस्त न० परिमित- थोडा वि० मुरजाया हुआ बहाना जोडा - युगल पुं० मछली मुक्तमर्याद वि० मर्याद रहित Maternal uncle's wife Outcast (Mangs) Elephant मुत्कला स्त्री० स्वच्छंद स्त्री मूर्ख पुं० मूरख Mango tree Fraud Mother Wind Jasminum grandi florum Line, row Garland Beautiful Beard Gartnera racemosa Magha Falsely Ewes Sun Friend Little, small Faded Pretence, fraud Couple Fish Boundless Self willed woman Fool Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७२४ मुहि ८८९ मुणाल १६२ मुणि ४३ मुणि २५० मुत्तावली १० मुत्ति ९७ मुत्ति ९४३ मुइंग ९४३ मुरअ ५१८ मुर्मुरिअ* Body २६ मुसलाउह ५१६ मुसुमूरिअय* २३२ मुह ४५४ मुहा ४५४ मुहिआ १२३ मुहुमुह* मुष्टि स्त्री० मुठी Fist मृणाल न० कमल के नाल का तंतु Lotus-fibre ज्ञात वि० जाना हुआ Known मुनि पुं० मुनि । Ascetics मुक्तावलि स्त्री० मोती की माला Pearl-string मुक्ति स्त्री० मोक्ष Final liberation मूर्ति स्त्री० शरीर मृदङ्ग पुं० मृदंग Drum मुरज पुं० मृदंग । Drum - न० काम का आवेग-उत्कंठा Desired, desiring __ मूल्य न० मूल्य-किमत Wages मुसलायुध पुं० बलराम Balarama भन्न वि० टूटा हुआ-चूरा किया हुआ Broken मुख न० मुह-मुख Face मुधा अ० व्यर्थ, फोगट In vain मुधिका अ० , In vain मुहुर्मुख- वारंवार बक बक करनेवाला Wicked मधुमुख खल, मुखसे मीठा-दुर्जन मुखररव पुं० ककलाट-कोलाहल Uproar, tumult मुखर वि० वाचाल-बकबक Talkative करने वाला मूक वि० मूंगा Mute मूक वि० मूंगा Mute मूढ वि० मूढ Fool मेदिनी स्त्री० पृथ्वी Earth मेकलकन्या स्त्री० नर्मदा-रेवा-नदी Narmeda मर्यादा स्त्री० मर्यादा-हद Boundary मेल पु० मेला Meeting मेखला स्त्री० करधनी-कमर का एक गेहना Girdle मेधा स्त्री. बुद्धि Intellect मोर पुं० मयूर, मोर Peacock ७९३ मुहलरव १११ मुहुल २१७ मूअ २१७ मूअलिअ ५२१ मूढ ३७ मेइणी ३०९ मेअलकन्ना ७१२ मेरा* ८०० मेल २४९ मेहला ४२ मेहा ६४ मोर Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६ मोह मोघ वि० निष्फल Falsely ___७ रइणाह २२० रइमंदिर ४० रक्ख ९१५ रग्गय ५३२ रखोलिर* ९७७ रंग ६३४ रज्जु ६८३ रंजण ७४६ रडिय Yelling, ४६ रण ४४७ रणरणअ ९६२ रण १६६ रत्त १०१ रत्ती* १०५ रंध ३३१ रन्न ४७३ रप्फा* २४८ रमण १४ रमणिज १२ रमणी १०२ रमण ८७३ रंभा १४ रम्म २६७ रयय २३० रयण रतिनाथ पुं० कामदेव Cupid रति- न० काम का घर-सोने का मन्दिर कमरा-शयनगृह Pleasure house रक्षस् पु० राक्षस Rakshasa रक्तक वि० कसुबी रंग का Cloth dyed with लाल कपडा safflower दोलक वि० हिचकने वाला Swinging रङ्ग पुं० रंग मंडप, स्टेज Stage, theatre रज्जु स्त्री० रस्सी-बेलोंसे कुंए में से Rope पानी निकालने की रस्सी । रञ्जन पुं० रंगने का कुंडा Earthen jar रटित न० कलह करना-लडना quarrelling रण न० लड़ाई Battle रणरणक पु० उत्कंठा-अधैर्य Desire, longing रण पुं० शब्द Sound रक्त वि० लाल Red रक्तिक पु० रात-हजाम Braber रन्ध्र न० छिद्र Hole अरण्य न० रण, जंगल Forest स्त्री० बांबी-राफडा Anthills रमण न० नितंब रमणीय वि० सुन्दर Lovely रमणी स्त्री. रमणी-स्त्री पति Lover, husband रम्भा स्त्री० केला का पेड़ Plantain tree रम्य वि० सुंदर Lovely रजत न० चाँदी रदन पुं० दाँत Tooth Hips Woman रमण Silver Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८ रयणायर ५ रयणिनाह ४० रयणियर ७१ रयणिविराम ७४ रयणी ९१० रयणी ७७३ रय ८२३ रयवुट्ठी ३३७ रअ ६०२ रव २४९ रसणा ८५३ रसणा ११ रसाउ* रत्नाकर पुं० समुद्र Ocean रजनीनाथ पुं० चंद्र Moon रजनीचर पुं० राक्षस Rakshasa रजनी पु० रजनी का पूरा होना- Dawn विराम प्रातःकाल रजनी स्त्री० रात्रि Night रत्नि पुं० हाथ का नाप Distance from the elbow to the clo sed fist रजक पुं० धोबी Washerman रजोवृष्टि स्त्री० रजकी वृष्टि-धूल का वरसाद Hard shower of dust रजस् पुं० धूल Dust रव न० शब्द से मधुर Law and sweet रसना स्त्री० करघनी-मेखला Girdle रसना स्त्री० जीभ Tongue रसायुष- पुं० पुष्परस ही जिसका जीवन Bee रसाद है-भँवरा अथवा पुष्परस को खाने वाला-भँवरा रसातल न० रसातल-पाताल Nether world रसाला स्त्री. शकर तथा सुगंधी वस्तु से Curds mixed मिश्रित दूध या दही with spices रस पु० रस Affection रश्मि पुं० किरण रथाङ्ग न० रथ का पहिया-चक्का Wheel रथाङ्ग चक्रवाक Brahmani duck रथकार पुं० रथ का कर्ता-बढई-सुतार Carpenter रहस्य न० तात्पर्य, गुप्त बात Secret रथ पुं० रथ Carriage रात्री स्त्री० रात्रि Night राजि स्त्री० श्रेणी, लाइन Row ४७४ रसायल ७७२ रसाला Ray २६९ रस ७३ रस्सि २७६ रहंग २८८ रहंग २०२ रहयार ९७४ रहस्स ६९२ रह ___ ७४ राई १०६ राइ Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० राईव १२ रामा १६ राम ८९९ रायंछुय* १८९ राया ४७ राव ३९१ रासह ९७२ रास १४ राह ३८ राहु ५० रिउ ६२३ रिउ ६६४ रिक्क १७४ रिक्ख ३०२ रिच्छ १०६ रिछोली* ६७ रिट्ठ ६६४ रित्त ७८ रित्थ १०३ रिद्धि ४३ रिसि ४३९ रीठा १४ रुइर ८०६ रुग्ग ९२३ रुंटिय १२६ रुंद २६७ रुपय २४३ रुहिर ९५७ रूढ राजीव रामा राम न० कमल स्त्री० स्त्री पुं० न० राजन+राजा पुं० राव रासभ रास राघ राहु रिपु रिष्ट रिक्त रिक्थ ऋद्धि ऋषि रीढा रुचिर रुग्ण रुत पुं० राहु पुं० शत्रु ऋतु पुंस ऋतु रिक्त वि० खाली-रीता ऋक्ष ऋक्ष रुन्द रुप्यक रुधिर रूढ बलराम वेतस का पेड़ राजा पुं० अवाज पुं० गधा पुं० खेलने का रास वि० सुंदर ८६ न० नक्षत्र पुं० रींछ स्त्री० श्रेणी, पुं० कौआ वि० पु० स्त्री० वि० वि० वि० न० धन स्त्री० ऋद्धि, धन ऋषि, मुनि अनादर - अवहेलना सुंदर - रुचिकर रोगी रोना- भंवरे की गुंजन पु० न० हार खाली-रीता हृष्ट पुष्ट चाँदी Lotus Woman Balarama Citron tree King Noise Donkey Circular dance Lovely Rahu Enemy Season Empty Constellation Bear Row, line Crow Empty Wealth Prosperity Ascetic Contempt Lovely Broken Humming of bees Fat Silver Blood न० लोहू - खून, रुधिर वि० नीरोगी - रूढ-घाव का रूझ Healing जाना ( of wounds ? ) Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५१८ रुइअ* ७८६ सर्व ८७९ रव* ३३७ रेणु ५६२ रेअविअ* ३०९ रेवा ८१५ रेसणिया* १५२ रेहइ ८२ रोअ ७१७ रोज्झ १३७ रोमंचिय ३९४ रोमंथ रोरुचित न० काम का आवेग-उत्कंठा Desired रूप न० शरीर, आकार Body पुं० रुई कपास Cotton रेणु स्त्री० धूल Dust वि० खाली शून्य Emptied रेवा स्त्री० नर्मदा नदी-रेवा नदी Narmada रेषणिका स्त्री० कांसे का एक बर्तन Brass cup रेखते-राजते क्रि. वह शोभता है He shines रोग पुं० रोग Disease रोज्झ पुं० रोझ नामका जंगली पशु Stag रोमाञ्चित वि० रोमांचयुक्त Horripilated रोमन्थ पुं० जुगाली करना-रोमस्थ Chewing the cud करना रोमशः पु० पक्ष्मल Hairy रोमन् न० रुवा रोदनिका स्त्री. डाइन-डाकन Witches रोर वि० गरीब रोल पु० शब्द-कोलाहल-रोला Noise मृष्ट वि० चमकदार किया हुआ- Polished मांजा हुआ रोहित पुं० रोझ नामका जंगली पशु Stag रोहिणी स्त्री० गाय रोहिणीरमण पु० चंद्र Moon रोधस् पुं० किनारा Bank Hair ८२४ रोमस ६७८ रोम २१६ रोअणिआ ४९ रोर ४७ रोल ६९४ रोसाणि* Poor Cow ७१७ रोहिअ ६९ रोहिणी ५ रोहिणीरमण ३१२ रोह लकडी ७३२ लउड लगुड ८४० लक्ख लक्ष्य न० लक्ष्य ९५४ लक्खारुणिय लाक्षाऽरुणित वि० लाख से रंगा हुआ ६४१ लग्गणअ लग्नक पुं० जामीन ५९५ लग्ग लग्न वि० लगा हुआ-संसक्त- जुडा हुआ Club stick Aim, object Dyed with lac Surety, bail Joined, united Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३०३ लंगूल १७२ लच्छी ४५८ लज्जिअ ६९७ लंचा २४६ लछण १४ लट्ठ ५६४ लाढेय ९१६ लह लंपड १३० १५४ लयण* ३३४ लयणी* ३३४ लया ११९ ललिअ १५५ ललिय १०९ लल्लक्क* ८८६ लवअ* ४४५ लव ५३९ लहुइअ* ७ ६ लहुदार ३०१ लहुमच्छ ४७२ लहुय ३८५ लामंजय* २१६ लामा* २४१ लायण्ण लाङ्गूल न० पूंछ स्त्री० लक्ष्मी लक्ष्मी लज्जित लञ्चा स्त्री० लांच लष्ट स्मृत लाञ्छन न० निशान वि० वि० श्लक्ष्ण लम्पट लता ललित ललित लवक ८८ वि० शरमाया हुआ लव लावण्य वि० सुंदर वि० भयंकर पुं० गोंद पुं० थोडा वि० लघुदारु न० लघु मत्स्य पुं० लघुक वि० न० सुंदर याद किया हुआ वि० वि० वि० कृश-पतला स्त्री० लता स्त्री० बेल न० स्त्री० नं० लढा हुआ अधिक महीन लंपट लालची विलास-लीला Tail Lakshmi Ashamed डाइन डाकन शरीर की कांति Bribe Mark Lovely Remembered Smooth Covetou Thin Creeper >> Languishing, coquetry Beautiful Terrible Saccharum Sara तोला हुआ Weighed लकड़ी का छोटा टुकडा Small piece of wood Small fish Little grass Small portion, particle छोटी मछली लघु-हलका विशेष प्रकार का घास Andropogon पानी को ठंडा तथा सुगंधित muricatus करने वाला घास Witches Beauty Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३० लालस ४६४ लास लालस वि० लंपट लास्य न० विशेष प्रकार का नृत्य ११९ लीला १३० लुद्ध ४०३ लेडुअ* ४०३ लेड ४०३ लेढुक्क ४४५ लेस १८८ लोअ ७२६ लोट्टय ८३०. लोद्धय १९ लोयग्ग २३३ लोयण १३० लोल १३० लोलुअ ७२९ लोह लीला स्त्री० लीला लुब्ध वि० लुब्ध-लालची पुं० ढेला लेष्टु पुं० , लेष्टुक पुं० , लेश पुं० थोडा लोक पुं० लोक, जगत् लोटयत् वि०व०कृ० लोटा हुआ लुब्धक पुं० शिकारी लोकाग्र न. मोक्ष लोचन न० आंख लोल वि० चंचल-लालची लोलुप वि० लालची लोह न० लोहा Covetou Dance (of females) Sport, coquetry Covetou Clod Clod Clod Particle World Sleeping Hunter Final liberation Eye Covetou Covetou Iron steel २९२ व* ३५७ व ७८७ वइकलिअ २१ वइकुंठ ५०५ वइअ* ३६४ वंस १५५ वग्गु ६८ वग्ध ४८० वंक २४५ वच्च ८५५ वच्छ २०३ वच्छवाल पुं० गीध Vulture व्रज पुं० गोकुल-गोष्ठ Cow-pen वैकल्य न० चलित-विकलता Trembling, agitation वैकुण्ठ पुं० उपेंद्र-विष्णु Vishnu वृत वि० ढका हुआ Covered, shaded वंश पु० वांस-बांबू Bamboo वल्गु वि० सुंदर Beautiful व्याघ्र पुं० वाघ Tiger वक्र वि० टेढा वांका Crooked वर्चस् न० विष्ठा Excrements वक्षस् न० छाती Breast वत्सपाल पुं० बछडों को पालने वाला- Cowherd ग्वाला १२ Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३९५ वच्छान १०१ वच्छीउत्त २०३ वच्छीव ७६४ वच्छ ८७ वच्छ १८४ वज्ज ७८४ वज्झ ५३७ वंचि १२० वंछा ३६५ वंजुल १४८ वट्टुल ८९१ वडरुक्ख ७०८ वडवा २०२ वड्ढइ ३५४ वणग्गि ३५ वण ६९५ वण ९४२ वण ६३ वणसवाई* ६ व ११२ वत्ता ८३ वत्तिणी ९४७ वत्थ ९२१ वत्था, अवत्था ७०१ वत्थि ४१० वत्थु २४ वंदारय ३१५ वष्पिण* ३१२ वप्प ३१५ वप्प ४७ वमाल * उक्षन् पुं० बैल वात्सीपुत्र पुं० वत्साऽऽजीव पुं० वत्स पुं० वृक्ष पुं० वज्र न० वज्र वध्य वि० वध्य वश्चित वि० ठगा हुआ वाञ्छा स्त्री० वांछा - इच्छा वञ्जुल पुं० बेत का पेड़ वर्तुल वि० गोलाकार वटवृक्ष न० स्त्री० हजाम ग्वाला बछडा - बच्चा वृक्ष - झाड-पेड वडवा वर्धक पुं० वड का वृक्ष घोडी बढई - सुतार वनाग्नि पुं० वन न० व्रण न० वन न० वनश्वपाची स्त्री० कोयल वन्हि पुं० आग वार्ता स्त्री० बात, समाचार वर्तिनी स्त्री० मार्ग बनका अग्नि-दावानल पानी व्रण- घाव वन जंगल कपड़ा अवस्था - दशा वस्त्र न० अवस्था स्त्री० बस्ति स्त्री० अपान- गुदा वस्तु-पदार्थ वस्तु न० वृन्दारक पुं० देव वप्र ? वप्र वप्र न० क्यारा पुं० किनारा- कांठा पुं० क्यारा पुं० कोलाहल-भारी अवाज Bull Barber Cowherd Calf Tree Thunderbolt Criminal Cheated Wish, desire Ratan cane Round Banian tree Mare Carpenter Conflagration Water Wound Wood Female koil Fire Tidings, news Path Dress, cloth State Abdomen Substance God Field Bank Field Noise Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २१ १३४ वंफि* ७ वम्मह ४७३ वम्मीअ १९. वयंस २३२ वयण २१८ वयपरिणाम ३८१ वयली* ४७ वयल* ९१३ वरअ ६३४ वरत्ता २९० वरला २९६ वराह ४८ वरहिणी ९१९ वलइअ कांक्षित वि० खाया हुआ Eaten मन्मथ पु० कामदेव Cupid वल्मीक न० बांबी-राफडा Anthill वयस्य पुं० मित्र Friend वदन न० मुख Face वयःपरिणाम पुं० उमरका परिणाम-बुढ़ापा Age स्त्री० निद लानेवाली लता A kind of creeper पुं० कोलाहल-भारी अवाज Noise वराक पुं० गरीब-दीन Distressed वरत्रा स्त्री० रस्सी-कुंए से बैलों द्वारा Rope, girth जल निकालने का रस्सा वरला स्त्री० हंसी Goose, swan वराह पुं० वराह Board वरथिनी स्त्री० सेना Army वलयित वि० गोलाकार किया हुआ- Placed on चढाया हुआ-धनुष वलक्ष वि० श्वेत White अवलग्न वि० लगा हुआ-आश्रित- Ascended चडा हुआ वलयबाहु पु० चूड़ा-हाथ में पहरनेका चूडा Bracelet वल्लकी स्त्री० वीणा Lute वल्लर न० गहन वन Thicket वल्लर न० अरण्य में आया हुआ क्षेत्र Field in the forest वल्लरी स्त्री० लता-बेल Creeper वल्लव पुं० विलोने वाला-ग्वाला Cowherd वल्ली स्त्री० बेल-लता Creeper वपन न० कपास Cotton वसन न० वस्त्र Dressed व्यसन न० दुःख Misfortune वसन्त पुं० वसंत ऋतु Spring वृषभ पुं० बैल Bull १६४ वलक्ख ८३० वलग्ग ९७९ वलयबाहु २७९ वलाई ३५३ वल्लर ३५६ वल्लर* ३४६ वल्लरी २०७ वल्लव ३४६ वल्ली ८७९ ववण* ११८ वसण ४७१ वसण ४१४ वसंत ३९५ वसह Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७७ सहि ७०० वसिअ ७८ वसु ३७ वसुंधरा ३७ वसुमई १४६ वसुआय* ३७ वसुहा ९८६ वहण १२ वहू १११ वाउल ६५ वाणर २०८ वाणिअय .८१ वाणी ३६५ वाणीर २१५ वामणअ ४७३ वामलूर* १२ वामलोअणा ४०७ वाम ६१३ वायणय * १४६ वाय* ८१ वाया १११ वायाल २६४ वायायण ६०१ वारणमअ ९ वारण ११६ वारवाण ३५ वारि ९२६ वारिअ स्त्री० वसति उषित - वसित वि० वसु न० धन वसुंधरा स्त्री० पृथ्वी वसुमती स्त्री० उद्वात वसुधा वहन वधू वातूल पुं० वानर पुं० वाणिजक पुं० न० स्त्री० वाणी स्त्री० वानीर पुं० वामनक पुं० वामलूर पुं० वामलोचना स्त्री० वाम वि० "" ९२ वि० सूखा-मुरजाया हुआ स्त्री० न० म्लान वि० वाचा स्त्री० वाचाल वि० वातायन पुं० घर रहा हुआ " पृथ्वी वहाण - जहाज बहू - पत्नी वाचाल - बकनेवाला बंदर बनिया वाणी बेत का वृक्ष बौना - कुब्ज बांबी-राफडा स्त्री बांया वाय-खाने की भेट मुरजाया हुआ वाणी वाचाल झरोखा - गवाक्ष - हवा आने का द्वार वारणमद पुं० हाथी का मद वारण पुं० हाथी वारवाण पुं० चोली वारि वारित न० पानी वि० रोका हुआ Dwelling Residing Wealth Earth Earth Faded Earth Ship Woman Talkative Monkey Merchant Speech Ratan cane Dwarf Anthill Woman Opponent Present of food Faded Speech Talkative Window Ichor from an elephant's temple Elephant Coat of mail Water Forbidden, hindered Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४०४ वारिजय ९४९ वारी १०८ वारुणी ६५३ वालअ is an ३०३ वालहि २२५ वाल ९३६ वालिअय ४७७ वालुक ४३२ वावडया* ११८ वास ७१३ वास ४१७ वासर १८. वासवसुअ २५ वासव ५७८ वासहय ४१५ वासारत्त ४५ वाह ८३९ वाह ४८ वाहिणी ८३२ वाहित्त ८२ वाहि १६२ विइअ ५४१ विउडिअ १५७ विउल ९९ विउस ४६१ विक्खंभ २२३ विक्खाअ वर्यक न० विवाह Marriage वारी स्त्री० हाथी बांधने का स्थान Pit for catching elephants वारुणी स्त्री० मद्य-दारु Spirituous liquor वालक पुं० सुगंधी वाला-जल को ठंडा Kind of Andro व सुगंधित करने का एक pegon प्रकार का घास वालधि पुं० पूंछ Tail वाल पुं बाल केश Hair वालितक वि० मोड खाया हुआ Turned round वालुङ्क न० चीभडा Cucumber व्यापृतता स्त्री० विपरीत मैथुन-स्त्री पुरुष Improper, की विपरीत रति क्रीडा reverse वासस् न० कपडा Dress वर्ष न० वरसाद Rain वासर पुं० दिवस Day वासवसुत पु० इंद्र का पुत्र-जयंत Jayanta वासव पु० इंद्र Indra वर्षहत वि० वरसादसे नष्ट Rained on वर्षारात्र पुं० वर्षाऋतु Rainy season वाह पुं० घोडा Horse व्याध पुं० शिकारी Hunter वाहिनी स्त्री० सेना Army व्याहृत वि० बोलाया हुआ Called व्याधि पुं० रोग, व्याधि Disease विदित वि० जाना हुआ Known विकुटित वि० विनाशित Destroyed विपुल वि० बिपुल-अधिक Extensive विदुष पुं० विद्वान Clever विष्कम्भ पुं० विस्तार Extent, breadth विख्यात वि० प्रसिद्ध Famous Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५४४ विक्खित्तय ९६६ विक्खेव ९७ विरंगह ४२५ विग्घ १३८ विच्छड्डिअ १०३ विच्छड्ड २५४ विच्छित्ति १४० विच्छुरिअय १४७ विच्छूढ ९२० विच्छोलिअ ८४० विजाय १८३ विज्जु २७० विट्ठर २४५ विट्ठा ३८ विडप्प* ८७ विडवि ९१४ विड्डिर* ७१९ विड्डुम ३० विणयसुअ ५४१ विणा सिअय १४४ विणिद्द १३३ विणिम्मिअ ७८ वित्त १५७ वित्थय २२३ वित्थर १५७ वित्थिन्न २१४ वि (विं) दु ४२ विन्नाण विक्षिप्तक वि० फेंका हुआ विक्षेप पुं० क्षोभ विग्रह विघ्न पुं० शरीर पुं० विघ्न विच्छर्दित वि० त्याग किया हुआ विच्छर्द पुं० वैभव-ठाठ, विस्तार ९४ विक्षिप्ति स्त्री० विन्यास विच्छुरितक वि० जडित विक्षिप्त वि० विक्षिप्त विच्छोलित वि० विजात विद्युत् विष्टर विष्ठा पुं० विटपिन् पुं० न० लक्ष्य स्त्री० बिजली न० बेठक स्त्री० विष्टा वीट राहु झाड - बीड आडंबर - घटाटोप न० विद्रुम न०. परवाला बिन्दु पुं० विज्ञान न० विनयासुत पुं० विनाशितक वि० विनिद्र वि० विकसित धोया हुआ -वींछला हुआ Washed गरुड़ विनाश किया हुआ विनिर्मित वि० बनाया हुआ वित्त न० धन विस्तृत वि० विस्तार युक्त विस्तर पुं० विस्तार विस्तीर्ण वि० विस्तार युक्त बिंदु विज्ञान Scattered Scattering Body Obstacle Abandoned Prosperity Arrangement Joined, overspread Thrown up Aim, object Lightning Seat Excrements Rahu Tree Pride (!) Young sprout, coral Garuda Destroyed Opened as a flower Made, produced Wealth Extensive Extent Broad, extensive Drop Intellect, against Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विप १६२ विण्णाय २५४ विन्नास १९६ विप्प ४५० विप्पिय २४ विबुह ११९ विब्बोअ ११९ विब्भम ५६१ विमग्गिअय ५५६ विमुक्क ८२८ वियट्ट* १५७ वियड ४३४ विअणा ८३३ विअत्थण ६१६ विअलिअ १४४ विअसिअ ६६२ विआण १३३ विरइअ ५७० विरमालि* ३२४ विरया* विज्ञात वि० विशेषरूप से जाना हुआ Known विन्यास पुं० स्थापन Arrangement ब्राह्मण Brahman विप्रिय न० अनिष्ट-अपराध Fault, offence विबुध पुं० देव God विबोक पुं० विलास Coquetry विभ्रम पुं० विलास विमागितक वि० गवेषित Sought after विमुक्त वि० विमुक्त Freed, loosened विसंवदित वि. अप्रमाणित Disputed विकट वि० विकट Large वेदना स्त्री० पीडा-वीण Pain विकत्थन न० स्त्रप्रशंसा Boasting विगलित वि० गला हुआ Loose विकसित वि० विकसित Opened वितान न० कपडे की चांदनी-चंद्रुवा Awning विरचित वि० रचा हुआ Made, composed प्रतीक्षित वि० प्रतीक्षा किया हुआ Expected विरता, स्त्री० छोटी नदी-बेरा Shallow river विरजाः (१) Stopping in the dry season तत वि० विस्तीर्ण Stretched राज+ क्रि० वह शोभता है He shines विराजते विलीन बि० विलीन-पिघला हुआ । Dissolved विरिञ्च पु० ब्रह्मा Brahma विलोलित वि. विलोया हुआ-मथित Churned विलय पुं० सूर्य का अस्त होना Sunset वनिता स्त्री० स्त्री Woman विलपित स्त्री० विलपित-विलाप किया हुआ Lamenting विलास पुं० विलास Sport, coquetry ५२१ विरल्लिअय* १५२ विरायए ८०२ विराय* २ विरिच ५५५ विरोलिअ* ४९४ विलअ १२ विलया ५५४ विलविध ११९ विलास Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४५. विलिअ ४५८ विलिय ८०२ विलीण १३४ विलुपिअ* २५७ विलेवण ९४४ विवज्जअ ९४४ विवज्जास २७९ विवंचिआ २५९ विवणी १०५ विवर ४०४ विवाह ९१८ विसअ ८२८ विसंवइअ १३ विसंखलया ८१० विसट्ट* ६१५ विसढ़ ९३१ विसंठुल ६३२ विस ६१५ विसम ९५१ विसय ६३३ विसाण १५७ विसाल २३ विसाह ५१ विसिह ७३१ विसेस 10mil.nl व्यलीक न० झूठ वीडित वि० शरमाया हुआ विलीन वि० गला हुआ विलुप्त वि० खाया हुआ विलेपन न० विलेपन विपर्यय पुं० विपरीतता-उलटा विपर्यास पुं० , विपश्चिका स्त्री० वीणा विपणी स्त्री० दुकान-हाट विवर पु० छिद्र, बेरा विवाह पुं० विवाह विषय पु० विषय-गोचर-अधिकार विसंवदित वि० अप्रमाणित विशङ्खला स्त्री० स्वच्छंद स्त्री दलित . वि० विघटित विषम वि० विषम विसंस्थुल वि० विह्वल विष न० विष-झहर विषम वि० सम नहीं-असम विशद वि० उज्ज्वल विषाण न० सिंग विशाल वि० विशाल विशाख पु० गणेश विशिख पु० बाण विशेषक पु० तिलक Fault Ashamed Dissolved Eaten Unguent Change Change Lute Market Hole Marriage Province Disputed Self willed woman Split Uneven Agitated Poison Uneven Clear Horn Large Karttikeya Arrow Mark on the forehead Exceeding Famous Bird Torn Falsely !!! 1911 ५४२ विसेसि २२३ विस्सुअ ६१ विहंग ८१० विहडिअ ८६ विहल विशेषित वि. विशेषतावाला विश्रुत वि० प्रसिद्ध विहङ्ग पुं० पक्षी विघटित वि० विघटित-बिगडा हुआ विफल वि० व्यर्थ Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०३ विहव १७९ वि - ( बि - ) हस्सर ७४ विहावरी ६ विहावसु ६६८ विहाविअ १३३ विहिअ २ विहि ८१९ विहि ५७० विहीरिअ* ९३१ विहुल ५ विहु ५५० विम्हरिअ ५६ वीइ २७९ वीणा ६२८ वीरण १५ वी सत्थ ७८३ वसंत १४१ वुकंत ७१३ वुट्ठि ११२ वृत्तंत ७०० वुत्थ १३२ वुन्न* ६४६ वेअ ८२५ वेअ ११५ वेजयंती ३६५ वेडस १३ विभव पुं० वभव बृहस्पति पुं० गुरु-बीफे विभावरी स्त्री० रात्री विभावसु पुं० आग विभावित वि० विभावित- विचारेलुं विहित वि० विधि विधि ९७ हुआ ब्रह्मा पुं० पुं० विधि-भाग्य प्रतीक्षित वि० प्रतीक्षा किया हुआ Shown विधान किया हुआ - किया Made विधुर वि० विधुर विधु पुं० चंद्र विस्मृत वि० भूला हुआ वीचि पुं० तरंग वीणा स्त्री० वीणा वीरण न० वृत्तान्त उषित विश्वस्त वि० विश्रान्त वि० विश्राम किया हुआ व्युत्क्रान्त वि० वीता हुआ वृष्टि स्त्री० वरसाद पुं० समाचार वि० रहा हुआ वि० त्रास पाया हुआ जल को ठंडा व सुगंधित Andropogon बनाने वाली एक प्रकार muricatus की घास विश्वासपात्र वेद वेग वैजयन्ती स्त्री० वैजयंती धजा वेतस पुं० बेतका वृक्ष Wealth Brihaspati पुं० ऋग्वेद वगेरे वेद पुं० वेग Night Fire Brahma Fate Awaited, expected Agitated Moon Forgotten Wave Lute Inert, slow Rested Passed, surpassed Rain Tiding Residing Distressed, frightened Veda Speed Banner Ratan cane Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वेतस Citron tree , Lapis Lazuli Covered, clothed Bamboo Joined, studded Wage Feeblenees Bard Lapis Lazuli Cheated ८९९ वेडिस २६६ वेडुज ५८४ वेढिअय ३६४ वेणु १४. वेअडिअ* ४३६ वेअण. ४२६ वेयल ४४ वेआलिअ २६६ वेरुलिअ ५३७ वेलविअ* ११३ वेला ३६४ वेलु ८०८ वेविअ २८ वेसमण ४७६ वेसाह ७५१ वेस ३४ वोम १४१ वोलिअ* १४१ वोलीण* ५५९ वोसट्ट* न. एक प्रकारका खट्टा फल वैडूर्य पुं० .. वैडूर्य मणि वेष्टितक वि० वींटा हुआ-धीरा हुआ वेणु पुं० बांस खचित वि० जडा हुआ वेतन न० मूल्य-पगार वैकल्य न० विकलता-असामर्थ्य वैतालिक पुं० चारण वैडूर्य पुं० वैडूर्य मणि वञ्चित वि० वंचित वेला स्त्री० समय वेणु पुं० वांस वेपित वि० कंपित वैश्रमण पुं० कुबेर वैशाख पुं० दही मथनेका दंडा वेष पुं० पोशाक व्योमन् न० आकाश गत वि० बीता हुआ अतिक्रान्त वि० विकसित वि० विकसित Time Bamboo Trembling Kubera Churning stick Dress Sky Passed, surpassed Passed, surpassed Opened १५३ सइ १६० सइदंसण १३ सइरा १५ सइर १६० सइलंभ १९१ सइव १६० सइसुह सदा अ० हमेशा स्मृति दर्शन न० विचारपूर्वक देखना स्वैरा स्त्री. स्वच्छंद स्त्री स्वैर वि० मंदता स्मृतिलम्भ पुं० स्मरणपूर्वक देखना सचिव पुं० मंत्री-प्रधान स्मृतिसुख न० स्मृतिपूर्वक दर्शन स्मृतिसुख शची स्त्री० इंद्राणी Always Looking carefully Selfwilled woman Slow, inert Looking carefully Minister Looking carefully १८१ सई Shachi Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६१ सउण २८६ सउणि ६१ स ंत २१ सउरि ६० सउल ४३५ संरंभ ५१४ संवेल्लिअ ५२८ संसइअ ५९५ संसत्त १८ संहर ५९७ सकइ २० सक ७२५ सग्गह ७ संकपजोणि १२७ संकास ८२९ संकिण ९२२ संकु ५३४ संकोडिअ ६९१ संखाय ४२९ संखेव ७०९ संख ४९५ संखोह ८०० संगम ४६ संगर ४२९ संगह ४६ संगाम ६७७ संगिल्ल ६४४ संगोविअ ९७१ संघट्ट शकुन शकुनि शकुन्त शौरि शकुल संरम्भ संवेष्टित संशयित संसक्त संहर वींटा हुआ संशय किया हुआ वि० संयुक्त, आसक्त समुदाय पुं० शक्+शक्नोति क्रि० वह समर्थ होता है शाक्य पु० संग्रह न० संकल्पयोनि पुं० संकाश संकीर्ण शङ्कु संकोटित संस्त्यान संक्षेप शङ्ख संक्षोभ संगम संगर संग्रह पुं० पुं० पुं० पक्षी पुं० विष्णु पुं० मछली पुं० क्रोध वि० वि० संग्राम संगवत् संगोपित संघट्ट ९९ पक्षी एक प्रकार का पक्षी पुं० वि० पुं० वि० समान सँकडा - तंग खीला सिकोडा हुआ - संकुचित शाक्य मुनि-बुद्ध राहु से ग्रसित - सूर्यग्रहण वगेरे Eclipsed कामदेव घट्ट - जमा हुआ न० पुं० संक्षेप पुं० शंख पुं० भय, क्षोभ पुं० संगम न० लडाई पुं० संग्रह पुं० लडाई वि० संग युक्त- जुडा हुआ वि० रक्षा किया हुआ पुं० भीड Bird Hen-sparrow Bird Vishnu Fish Anger Closed Doubtful Joined, united Heap, quantity He can is able Shakyamuni Cupid Similar Crowded Peg, spike Contracted Heap, quantity: Collection, abbreviation Conch-shell Fright Meeting Battle Collection, abbreviation Battle Joined, bound Entire, safe Friction, conflict Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९७ संघयण १८ संघाअ १८ संघ १३५ सच्चविअ १३ सच्छंदा १२७ सच्छह * ४३७ सज्जुक्क* ८०४ संचारी ६४४ संजविअ ४६ संजुअ ८८२ सढ १९५ साहि १५ सणिअं ८९५ सत्तच्छय ३२९ सत्ततंतु ८७५ सत्तला ३९६ सत्त ४५ सत्ति ५० सत्तु ४०२ सत्थर अ ४८६ सत्थ ७७४ सद्दल ३५१ सद्दाल ६८ सदूल ९६२ सद्द १२० सद्धा १५३ संतय ७६ सतमस ६९२ संदण संहनन संघात संघ सत्यापित स्वच्छन्दा संचारी संयमित संयुग सटा सनाभि शनैस् सप्तच्छद सप्ततन्तु सप्तला सत्त्व सप्ति शब्दाल शार्दूल शब्द न० पुं० पुं० वि० श्रद्गा संतत संतमस स्यन्दन न० पुं० वि० अ० न० शत्रु पुं० संस्तरक पुं० स्वस्थ पु० शाद्वल न० स्त्री० वि० समान वि० नया - ताजा - सोजा पुं० दूती वि० संगोपित लडाई गुच्छ स्वजन - बंधु धीरे धीरे सादड का पेड़ पुं० पुं० १०० शरीर समूह पुं० यज्ञ स्त्री० जूई न० 33 सत्य किया हुआ पुं० प्रमाणित किया हुआ स्वच्छंद स्त्री जीव-जंतु घोडा शत्रु- वैरी बिछौना निरोगी - पटु हरी घास वि० पुं० पुं० स्त्री० श्रद्धा न० निरंतर अवाज-साद अंधकार रथ Body Heap, quantity Heap, quantity Seen Selfwilled woman Similar New, fresh Female Entire, safe Battle Cluster Relative Slow, inert Alstonia schola शब्द युक्त अवाज करनेवाला Anklet, noisy वाघ Tiger Sound Faith Always Deep darkness Chariot messenger ries Sacrific Arabic jasmin Beings Horse Enemy Couch of straw Clever Verdant Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५७७ संदाणिअ ५३० संदिट्ट ५२८ संदिद्ध १६ संदुमिअ* १८ संदोह १६ संधुक्किअ* १३१ सन्न ४३३ सन्ना २८२ सप्पि ५८ साफ ९८७ सबर १६७ सबल ७९७ सब्भ ११३ समअ ८०१ समअ २४७ समजल ४३ समण ५२ समत्थ ९२९ समंता ४६ समर ४४६ समसीसी १२७ समाण ४२९ समास ३३८ समी २९ समीर ८ समुद्द ५६८ समुहागय १२७ सम ७६९ समोसिअ संदानित संदिष्ट संदिग्ध प्रदीप्त संदोह प्रदीप्त सन्न संज्ञा सर्पिस् शष्प शबर शबल सभ्य १०१ वि० बंधा हुआ न० वि० वि० जला हुआ पुं० समूह वि० जला हुआ वि० थका हुआ स्त्री० नाम न० घी न० पुं० न० पुं० शमी समीर संदेश दिया हुआ संदेह किया हुआ समय समय श्रमजल न० कुमुद भील चितकबरा सभ्य पुं० पुं० संप्रदाय-मत पसीना समय - बखत - टाइम श्रमण पुं० साधु समर्थ वि० बलवान समन्तात् अ० चारो तरफ समर न० लडाई समशीर्षी स्त्री० हरिफाई - स्पर्धा समान वि० समान समास पुं० संक्षेप पुं० सेम-शिंग सेम की फली पुं० पवन समुद्र पुं० समुद्र संमुखागत वि० सामने आया हुआ सम वि० समान पडोसी सम्+आ+ पुं० उषित - समोषित Fettered Pointed out Doubtful Shining Heap, multitude Shining Tired Name Butter White lotus Shabara Variegated Assistant at an assembly, assessor Time Decision Sweat Ascetic Able All round Battle Resemblance Equal, similar Collection, abbreviation Pod Wind Ocean Met, encountered Equal, similar Neighbour Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११४ संपद संप्रति अ० हाल-अभी-वर्तमानमें Now १०३ संपत्ति संपत्ति स्त्री. लक्ष्मी Prosperity ११४ संपयं साम्प्रतम् अ० हाल-अभी-वर्तमानमें Now ४०९ संबल शम्बल न० पाथेय-मुसाफरी का भाता Provisions for a journey ८२९ संबाह संबाध पुं० संकीर्ण-सँकडा स्थान-भीड Crowded ४४९ संभम संभ्रम पुं० उत्साह, चपलता Activity, zeal ४९५ संभम संभ्रम पुं० संक्षोभ Fright २२ संभु शंभु पुं० महादेव Shiva ९७१ संमद्द संमद पुं० भीड Friction, conflict ५८. संमूढ संमूढ वि० मूढ Confused ७६९ सयज्झ सविध्य पुपडोसी Neighbour ९६३ सयड शकट पुं० छकडा-बेलगाडी Cart २५६ सयण शयन शयन Bed १९५ सयण स्वजन पु० कुटुंबी Relative २ सयंभु स्वयंभू पुं० ब्रह्मा Brahma १७ सयरा* अ० शीघ्र Suddenly १० सयवत्त शतपत्र व० कमल Lotus १५३ सया सदा अ० हमेशा Always १०७ सरअ सरक पु० मद्य-दारु Rum ६१७ सरअ शरद् पुं० शरद ऋतु Autumn ८३७ सरड सरट पु० गिरगिट Lizard ८३ सरणी स्त्री. पानी की नीक Path ३११ सरसी सरसी __स्त्री. दीर्घिका-विशेष प्रकारका Lake लंबे घाटका जलाशय ८१ सरस्सई सरस्वती स्त्री० सरस्वती Speech ५३ सरासण शरासन न० धनुष Bow १२७ सरिच्छ सदृक्ष वि० समान Similar ३.६ सरिआ (या) सरित् स्त्री. नदी River १२७ सरिस. सदृश वि० समान Similar ५१ सर शर पु० बाण Arrow सरणी Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०३ १० सरोरुह ७४५ सलह ३५ सलिल ८ सलिलरासि १३६ सलिलुच्छव ८५४ सवण ४२० सव ८३४ सवाय ५५८ सविअ १६१ सविह ९२९ सव्वत्तो ७४ सबरी ५ ससहर ८६२ ससा ५ ससि १५२ सहइ ९८ सहयर ३६९ सहयार सरोरुह न० कमल Lotus शलभ पुं० पतंगिया Moth सलिल न० पानी i. Water सलिलराशि पुं० समुद्र Ocean सलिलात्सव पुं० जलक्रीडा Sporting in the water श्रवण पुं० कान Ears शव न० शब, मुर्दा Corpset श्वपाच चंडाल Outcast : शप्त वि० शाप दिया हुआ Cursed, reviled सविध न० निकट-पास Near सर्वतः अ० चारों तरफ All round शर्वरी स्त्री० रात्री Night शशधर पुं० चंद्र Moon स्वसू-स्वसा स्त्री० बहिन Sister शशिन् पुं० चन्द्र Moon राज+राजते क्रि० वह शोभता है He shines सहचर पुं० सहायक Companion सहकार पुं० आम Mango tree शफर पुं० मछली Fish सहसेति अ० शीघ्र-एकाएक. Suddenly सहसा अ० , Suddenly वि० समर्थ Able सभा स्त्री० सभा Assembly सहाय पुं० सहायक Companion सभासद पुं० सभासद Assessor . सभिक पुं० जूआ खेलने वाला Gambling-house keeper सखि पुं० पुरुष मित्र Friend सखी स्त्री० स्त्री मित्र Femail friend सह १७ सहसत्ति १७ सहसा ५२ सह ४५९ सहा ९८ सहाअ य) ७९७ सहास २१० सहिअ १९० सहि २२१ सही Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४ ८६९ सहोअर सहोदर पुं० सगा भाई Full brother ९४८ साउ स्वादु वि० मिष्ट Sweet ६२ साण श्वान पु० कुत्ता Dog ३३० साणु सानु पुं. शिखर Table-land, ridges १५१ सामग्गिअ* श्लिष्ट वि० आलिंगित Embraced १६३ साम श्याम वि० काला Black ९३२ सामरि शाल्मलि स्त्री० सेमर का वृक्ष Cotton tree १६३ सामल श्यामल वि० काला Black १०३ सामिद्धि समृद्धि स्त्री० वैभव Prosperity ३७३ सामुंडुअ* सामुद्रक पुं० एक प्रकार का घास-भमासा Reed resembling, Seurg cane ५१ सायय सायक पुं० बाण Arrow ७५६ सायं सायम् __ अ० संध्या काल Evening १६७ सार शार वि० चितकबरा Variegated ४४४ सार सार न० बल Power ७० सारंगी सारङ्गी स्त्री० हरिणी Doe २९३ सारंग सारङ्ग चातक Chataka ६९८ सारह सारघ न० शहद-मध Honey ६९३ सारहि सारथि पु० रथ हांकने वाला Charioteer ४४६ सारिच्छ साक्ष्य ___ न० सरखाई Resemblance ७६७ सारिया शारिवा स्त्री० मेना Maina ६५४ सारि शारि स्त्री० ऋषि के बैठने का आसन Mat or cushion of kusha grass ७८ सार सार पुं० धन । Wealth ७६७ सालहिआ* स्त्री० मेना Maina ३३३ साला शाला स्त्री० शाखा Branch ८०५ सालिरक्खिआ शालिरक्षिका स्त्री० चावलों के खेत की रक्षा Woman watching करने वाली rice-field ८८८ सालि शालि पु० चावल Rice ३१३ सालर शालूर पुं० मेंढक ७७१ साल शाल किला Rampart Frog Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०५ Order Constantly Crop Mother-in-law Covered, ibidem संहृत ४८१ सासण ४३० सासय २०४ सास . ८६८ सासू ७४७ साहट्टि ७४७ साहरिअ ३३३ साहा ६५ साहामअ ६५२ साहिज १४५ साहिअय ८७ साहि ९१२ साहीण ३३३ साहुली* ११७ साहुली* ७०४ साहु १६३ सिएअर ९. सिंहलिआ* ८९२ सिग्गु शासन न० आज्ञा शाश्वत वि० नित्य सस्य न० घास স্বস্থ स्त्री० सासू वि० समेटा हुआ संहृत वि० शाखा स्त्री० शाखा शाखामृग पुं० बंदर-वानर साहाय्य न० सहायता साधितक वि० कहा हुआ शाखिन् पुं० वृक्ष स्वाधीन वि० स्वतंत्र स्त्री० शाखा स्त्री० कटीवस्त्र साधु पुं० साधु सितेतर वि. काला स्त्री. चोटी शिग्रु पु०. सरगवा का पेड Branch Monkey Help Spoken Tree . Independent Branch Lower dress Saint Black Toplock Hyperanthera moringa Quick Top ४८२ सिग्धं ३३२ सिंग ६३३ सिंग ११७ सिचय ३५१ सिजिर ५५ सिण्हा* २७७ सित्थ ७२३ सित्थय १४५ सिद्ध . १९ सिद्धि ८७४ सिंदी* ३६८ सिंदोल* १४ शीघ्रम् अ० जल्दी । शङ्ग न० शिखर शृङ्ग न० सिग सिंचय न० कटीवस्त्र शिजिर न० अव्यक्त अवाजवाला स्त्री. कुहरा __ सेक्त्र न० . धनुष्य की दोरी सिक्थक न० मोम-मीण सिद्ध - वि० कहा हुआ सिद्धि स्त्री० मुक्ति स्त्री० खजूरी न० खजूर Horn Lower(?)garment Noisy, anklet Hoar-frost, fog Rope, string Bees wax Spoken Final liberation Date-palm Date-fruit Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Elephants Ocean Ocean River Army ९ सिंधुर ८ सिधुवइ ८ सिंधु ३६ सिंधु .. ४८ सिन ७१५ सिप्पि ९३२ सिबलि ३३८ सिंबा १६४ सिअ २३५ सिर ६६६ सिरिद्दह* ३८३ सिरिहल १७२.सिरी १०३ सिरी २२५ सिरोरुह २३१ सिरोहरा ९५ सिलंब* ३२० सिला ५१ सिलीमुह ७९ सिलोच्चय १९ सिव ७६८ सिव ३ सिवा २२ सिव ७६१ सिसिर २८१ सिसिर ६१८ सिसिर सिन्धुर पुं० हाथी सिन्धुपति पुं० समुद्र सिन्धु पुं० समुद्र सिन्धु स्त्री० नदी सैन्य न. सेना-लश्कर शिल्पिन् पुं० कारीगर शिम्बलि त्यों० सीमला का पेड़ शिम्बा स्त्री० सेम की फली सित वि० श्वेत शिरस् न० शिर-माथा श्रीद्रह पु० पक्षीओं के पानी . पीने का पात्र श्रीफल न० बेला का फल-बिल्व श्री स्त्री. लक्ष्मी देवी श्री स्त्री० वैभव शिरोरुह पुं० केश-बाल शिरोधरा स्त्री० डोक बालक-बच्चा शिला स्त्री० पत्थर शिलीमुख पुं० बाण ___ शिलोच्चय पु० पहाड शिव न० मुक्ति शिव न० कल्याण शिवा स्त्री० पार्वती शिव पुं० महादेव शिशिर न० ठंडी-जाडा शिशिर ज० दहीं शिशिर पुं० फागुन और माह दो महिना-शिशिर ऋतु शिशु पुं० बालक शिखण्डिन् पुं० मोर Artizan Cotton tree Pod White Head Basin for watering birds Wood-apple Shri Devi Prosperity Heir Neck Little boy Stone Arrow . Mountain Final liberation Lucky, luck Parvati Shiva Cold, torpid Curd, sour milk Dewy season ९५ सिसु ६४ सिहंडि Little boy Peacock Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९४ सिहंड * ३३२ सिहर ७९ सिहरि ९४ सिहा ३२८ सिहा २२७ सिहिण ६ सहि ६४ सिहि ७१२ सीमा १२ सीमंतिणी ६१० सीमंतिअ ५०७ सीअंत २७२ सीर ९२४ सीरिअ २६ सीरि ९०७ सील ४७७ सीलुट्ट* २३५ सीस १९२ सीस ९०३ सीहर २६२ सीहासण ६६ सीह १०७ सीहु ६४६ सुइ ४५७ सुकय १८७ सुक २० सुगअ १३१ सुढिअ* २५ सुणासीर शिखण्ड पुं० चोटी शिखर न० शिखर शिखरिन् पुं० पहाड़ शिखा स्त्री० चोटी शिखा स्त्री० दीपशिखा शिखिन शिखिन् शिखिन् सीमा पुं० स्त्री० सीमन्तिनी स्त्री • सीर शीर्ण पुं० स्तन पुं० अग्नि मोर सीमा - हद स्त्री सीमन्तित वि० सीदत सीधु श्रुति सुकृत शुक्र सुगत १०७ सीरिन् पुं० शील न० बराबर दो भाग किया हुआ Parted, divided वि० सोता हुआ Lying down, न० शीर्ष न० शिष्य पु० शीकर पुं० सिंहासन न सिंह न० हल वि० टूटा हुआ - भिन्न- भेदा हुआ Split, torn बलराम Balarama Character Cucumber स्वभाव चीभडा सीस-माथा शिष्य- चेला-सिक्ख पानी की बुंदें सिंहासन पुं० सिह Toplock Top Mountain Toplock Flame Breast Fire शुनासीर पुं० इंद्र Peacock Boundary Woman sleeping, falling, perishing Plough Head Pupil Spray Throne पुं० मद्य-दारु स्त्री० ऋग्वेदादि वेद न० अच्छा काम पुं० शुक्र का ग्रह पु० बुद्ध वि० थका हुआ भार से नमा हुआ Tired - Indra Lion Rum Veda Merit, fate Shukra Shakyamun Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०८ ५६२ सुण्णइअ ८६५ सुण्हा २० सुद्धोअणि ५६४ सुमरिअ ६८० सुमुह १७७ सुमेरु ७०४ सुअण १९७ सुआ १८२ सुरगअ शून्यकित वि० सूना-खाली Emptied स्नुषा स्त्री० पुत्रवधू . Daughter-in-law शौद्धोदनि पुं० बुद्ध Shakyamuni स्मृत वि० याद किया हुआ Remembered सुमुख न० जिसके संमुख-पास-बैठकर Before whom सुना जाता है वह उसका one sits to near सुमुख कहा जाय सुमेरु पु० मेरु पर्वत .. Sumeru सुजन पु० सज्जन Saint सुता स्त्री० पुत्री-लड़की Daughter सुरगज पुं० ऐरावण हाथी-देवका , Airavana हाथी सुरगिरि पुं० मेरु पर्वत Meru सुरगुरु पुं० बृहस्पति Brihaspati सुरगोप पु० एक प्रकार का कीडा- Cochineal insect इंद्रगोप सुरनदी स्त्री० गंगा Ganga सुरपुरी स्त्री० स्वर्ग Town of the gods सुररिपु पु० असुर Asura सुरपति पु० इंद्र . Indra सुरपर्णी- स्त्री० पुंनाग Rottleria tinctoria १७७ सुरगिरि १७९ सुरगुरु ३८८ सुरगोव ४१ सुरणई १६८ सुरपुरी ३२ सुररिपु २५ सुरवइ ३८६ सुरवन्नी सुरवर्णी ६९ सुरहि ४१४ सुरहि २४ सुर १८५ सुराउह १६९ सुराल ३७५ सुलसा सुरभि सुरभि सुर सुरायुध सुरालय सुलसा स्त्री. गाय पुं० वसंत ऋतु पुं० देव . न० इंद्रधनुष पुं० स्वर्ग स्त्री. तुलसी Cow Spring God Rainbow Heaven Ocymum sanctum, tulsi Flesh २४२ सुल्ल शूल्य न० शूल द्वारा पकाया गया मांस Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७२६ सुवंत १४६ सुसिअ १५६ सुहफंस ४२७ सुह् १४ सुहय २८३ सुहा ४२७ सुहेल्ली १४५ सूइअ ६९३ सूअ ४९४ सूरत्थमण २२ सूलि २४७ सेअ ४८ सेणा ६२९ सेण १६४ सेअ (य) १२२ सेयाल* ६७० सेरिही १३ सेलसुआ ७९ सेल १९९ सेवअ ३२५ सेवाल ३२५ सेवल ३४९ सेहरय ७७३ सोज्झअ १६६ सोण ८३५ सोंड २४३ सोणिअ १५६ सोमाल १८३ सोआमणी स्वपत् शुष्क सुखस्पर्श सुख सुभग सुधा सुखकेली स्त्री० सूचित वि० स्वेद सेना सूत पुं० सूरास्तमन न० शूलिन् पु० पुं० स्त्री० श्येन श्वेत वि० वि० सूखा विः जिसका स्पर्श सुखरूप हो - Soft 5 नरम १०९ सोता हुआ न० सुख वि० सुंदर स्त्री० अमृत शोधक शोण शौण्ड शोणित सहेल - सुख क्रीडा - आनंद कहा हुआ-सूचित किया हुआ रथ हांकने वाला सूर्य का अस्त होना महादेव पसीना लश्कर पुं० बाज पक्षी वि० सफेद पुं० खेती करनेवाला सैरिभी स्त्री० भैंस शैलसुता खी० पार्वती शैल पुं० पहाड पुं० नौकर चाकर न० सेवार- सेवाल सेवक शैवाल शैवल न० शेखरक पुं० चोगा , पुं० धोबी वि० लाल ܕܕ न० दारुडीआ न० सुकुमार वि० नरम सौदामिनी स्त्री० बिजली लोहू - खून Sleeping Faded Pleasure Lovely Nectar Pleasure Spoken Charioteer Sunset Shiva Sweat Army Falcon White Husbandman Buffalow-cow Parvati Mountain Servant Duckweed " Tufts, garland Washerman Red Drunkard Blood Soft Lightning Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २२० सोवणय २६८ सोवीर १५२ सोहए ८९२ सोहजन ४५ हअ (य) २६१ हंसय ५९ हंस २९० हंसी १४३ हक्खुत्त* २५९ हट्ट ४८७ हढ ९१० हत्थ ९ हथि ९९५ हंदि ९८३ हम्मिअ ३७४ हयमार हरिणी ६०७ हरिअंदण ७७४ हरिअ ७० स्वपनक न० सौवीर शुभू+ शोभते शोभाञ्जन हय हंसक हंस हंसी उत्क्षिप्त न० हाट हठ हस्त prect Thrown up, pulled out पुं० हाट Market पुं० हठ Violence २२८ हत्थ पुं० हाथ Hand ५९९ हत्थिबंधणक्खंभ हस्तिबन्धन- पुं० हाथी को बांधने का स्तम्भ Post for tying क्रि न० ११० रति मंदिर - शयनगृह कांजी वह सोहता है सरगवा का पेड पुं० घोडा न० नुपूर - पायल पुं० हंस स्त्री० हंसी वि० उत्क्षिप्त स्तम्भ हस्त पुं० हाथ का नाप - गज हस्तिन् पुं० हाथी अ० खेदादिसूचक हन्त हकि न० महेल हयमार पुं० कणेर हरिणी स्त्री० हरिणी- भृगी हरिचन्दन न० हरिचंदन हरित न० हरी घास Pleasure house Sour gruel He Shines Hyperanthera moringa Horse Anklet Goose, swan Female of the elephant Distance from elbow to closed fist-measure of tow feet Elephant Ho ! Palace Oleander Doe One of the trees of paradise Verdant Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७३५ हरिआली ४७ हलबोल* २७२ हल ८२७ हलहलअ* 1:1 १२२ हलिअ ९७२ हल्लीस ६ हव्ववाह २१५ हस्स २५० हार १०८ हाला ७१४ हालाहल ९९१ हाहा ६३७ हिजो हरिताली स्त्री० दूब-हरियाली Durva grass: पुं० कोलाहल Noise, onomat हल न० हल Plough पुं० त्वरा Hurry . .. हलिक पुं० खेती करने वाला-हल Husbandman: चलाने वाला हल्लीसक पुं० गोलाकारमें या चलते फिरते Circular dance खेलने का रास-दांडीया रास वगेरे हव्यवाह पु० अग्नि Fire हस्त्र वि० बौना Dwarf हार हार Pearl-string हाला स्त्री० मद्य-दारु Spirituous liquor हालाहल पुं० एक प्रकारका कीडा-बांभणी Halahala हाहा अ० विलाप सूचक Alas! ह्यस अ. गत कल- बीती हुई कलका Yesterday समय ह्रीण वि. लज्जित Shame त्रस्त वि० भयप्राप्त Afraid हिम न० बरफ Frost, snow हिमकर पु० चंद्र Moon हृदय न० हृदय Heart हृत वि० हरा हुआ-ले लिया हुआ Taken away __ ह्रीबेर पुं० पानी को सुगंधी व ठंडा Kind of andro करने वाला एक प्रकार pogon का घास पुं० धजा Banner हुण्डी स्त्री० घटा assemblage हुतवह पुं० अग्नि Fire ४५८ हित्थ ९११ हित्थ ४१८ हिम ५ हिमयर ९६७ हिअय ९५३ हिअ ६५३ हिरिबेर bellas aniltst 11 ११५ हुडुम* ९३९ हुंडी* Troop, ६ हुअवह Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६हुआ ६१९ हेमंत ८० हेम १७३ हेरंब ११९ हेला ४३९ हेला ९९० हो हुताशन मन्त हेमन् हेरम्ब हेला हेला हो पुं० पुं० ११२ Fire " मगसिर और पोस मास - Winter हेमंत ऋतु हेम सोना न० पुं० गणेश स्त्री० विलास स्त्री० अनादर अ० विस्मयसूचक Gold Ganesha Sport, coquetry Disrespect Ah ! Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ For Private & Personal use only