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ए अ० संबोधन, स्मृति, दया, ईर्ष्या, तिरस्कार - ए भाव दर्शाव
ए ( आ + इ ) २प० आवबुं ( २ ) पामवुं ( दशा इ० )
एक स० ना०, वि० एक (२) एकलं (३) ए ज; जुदुं नहि तेवुं ( ४ ) स्थिर; न बदलायेलुं (५) अद्वितीय; असामान्य (६) मुख्य; श्रेष्ठ (७) बे अथवा arini एक ( ८ ) समासमां बच्चे 'फक्त' एवा अर्थमां वपराय ( उदा० china) (९) ब०व० बीजा; केटलाक एकक वि० एकलुं ( २ ) ए ज एककार्य वि० एक ज कार्य करनाएं (साथीदार) (२) एक ज उपयोगवाळु एकचक्र वि० एक ज पैडावाळु (सूर्यनो रथ) (२) एक ज. राजाना अमल हेळनुं एकच वि० एकलुं फरतुं के रहेतुं (२) पुं० संन्यासी
एकचारिणी स्त्री० पतिव्रता स्त्री एकचित्त, एकचेतस् वि० एकाग्र चित्तवाळुं; एक ज लक्षमां तल्लीन थयेलुं एकछत्र वि० एक ज राजावाळु एकजाति पुं० शूद्र [एक ज कुटुंब एकजातीय वि० एक ज जातनुं अथवा एकतम वि० घणांमांथी एक एकतर वि० बेमांथी एक; बेमानं एक एकतस् अ० एक बाजुएथी; एक तरफथी (२) एके एके
एकता स्त्री० एैक्य एकतान वि० जुओ 'एकचित्त' एकत्र अ० एक स्थळे (२) बधां मळीने एकत्र - अपरत्र अ० एक बाजु - बीजी बाजु एकदंडिन् पुं० संन्यासी
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ए
एकवेणी
एकदा अ० एक वार; एक वखत ( २ ) एक समये; एक सा [होय एवं एकदृश्य वि० जोवा माटेनं एकमात्र पात्र एकदृष्टि स्त्री० स्थिर नजर एकदेश विo एक ज जगाए रहेतुं (२) पुं० एक भाग - अवयव (आखानो) एका अ० एक रीते (२) एकले हाथे (३) एकदम; एक ज वखते (४) कोईक वार एकनिष्ठ वि० एक ज वस्तुमां निष्ठा के वफादारीवाळं (२) एक ज वस्तुमां mata ra
एकपत्नी स्त्री० पतिव्रता स्त्री एकपदी स्त्री० केडी ; पगरवट एकपार्थिव पुं० एकमात्र - सर्वसत्ताधीश राजा एकभक्ति वि० एक ज देवमां भक्ति के निष्ठावाळु (२) स्त्री० रोज एक टंक खा
एकभार्या स्त्री० जुओ 'एकपत्नी' एकभाव पुं० एक ज भावना के निष्ठा होवी ते
एकभुक्त न० रोज एक वखत खावुं एकमनस् वि० एक ज - समान विचारवाळु (२) एकाग्र ; एकचित्त एकरस वि० एक ज वस्तुमां रस के आनंदवाळु (२) एक ज रस - प्रीतिवाळु (३) स्थिर; दृढ; वफादार एकल fao एकलु; एकाकी एकवाक्य न० एकमती; सर्वानुमति एकवारम् अ० एकदम तरत ज (२) एक वखत; एक ज वखत एकवीर पुं० श्रेष्ठ योद्धो; मुख्य योद्धो एकवेणी स्त्री० ( पतिना वियोगमा) वाळने एक ज जूडा रूपे राखवा ते
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