Book Title: Vinit Kosh
Author(s): Gopaldas Jivabhai Patel
Publisher: Gujarat Vidyapith Ahmedabad
View full book text
________________
अवचाय अवचाय पुं० चूंटg के वीणवू ते अवचूर्णित वि० चूरो करेलु अवच्छद पुं० ढांकण; आच्छादन अवजय पुं० पराजय; -नी उपर विजय अवज्ञात वि० अनादर-अपमान करेलु अवतति स्त्री० व्यापq ते । अवतप् १ प० -नीचे तेज फेंकबुं ते
-प्रेरक० तपावq; प्रकाशित करवं अवतमस न० झांखो अंधकार; अंधाएं अवतस् अ० नीचे; पाताळमां अवतंसक पुं० काननुं घरेणुं (२) कोई पण घरेणु
[वापर) अवतंसयति प० (कानना घरेणा तरीके अवताडन न० कचरी नाखवू ते; रोळी
नाखवू ते अवतारण न० नीचे ऊतरे तेम करवू ते (२) वळगाड (भूतप्रेतादिनो) (३) (ग्रंथनी) प्रस्तावना; उपोद्घात् (४) अवतरण ; प्रागटय अवधूपित वि० धूपथी सुवासित एवं अवनतांग वि० नीचे झूकता अवयवोवाळं (सुंदरतानी निशानी) अवनम्र वि० नमेलं; झुकेलं अवनाम पुं० पगे पडवं ते (२) नीचे
नमावq ते अवनामिन् वि० नीचे नमतुं अवनिज् ३ उ० धोवं; साफ करवू
-प्रेरक० धोई कढावq (२)व्यापq; भरी काढQ अवनिपति, अवनिपाल पुं० राजा अवनीध्र पुं० पर्वत [जवा योग्य अवनेय वि० लई जवा योग्य; दोरी अवपत् १ प० नीचे पडवू ; नीचे ऊतरवं;
उपर धसी जवू अवपतित वि० नीचे पडेलु; गरी पडेलु अवपाशित वि० जाळमां पकडेलु के पाशमां जकडेलं अवप्लुत वि० कूदी पडेलु (२) नाठेलु
अवलंबिन् अवबंध ९ प० बांधवू; जकडवू अवबुद्ध वि० जाणेलं; शीखेलु अवबोधित वि० जगाडेलु अवभंग वि० हरावतुं; नमावतुं (२)
खंडित करेलु; ईजा पमाडेलु अवभंज ७ प० भांगी नाखवू; तोडी
पाडवू [अंकुशने न गांठे) अवमतांकुश पुं० मदमां आवेलो हाथी (जे अवमर्दन वि० कचरी नांखतुं ; पीसी नाखतुं (२) न० दबाववं-चंपी करवी ते (३) दमन; कचरी नाखवू ते अवर्मादन् वि० ठार मारनाएं अवमर्ष पुं० हुमलो (२) आलोचना;
तपास अवमानिन् वि० अवगणना करतुं; तिरस्कार करतुं ; किंमत ओछी आंकतुं अवमूर्च्छ शांत पडवू (तकरारनुं) अवमृद् ९ प० कचरी नाखवू; पीसी नाखवं अवया २ उ० जाणवू; समजवू (२) टाळवू; दूर करQ अवरक्षणी स्त्री० घोडाओने बांधवानुं
दोरडु अवरजा स्त्री० नानी बहेन अवरुण वि० तूटेल; भांगेलं (२)रोगिष्ठ अवरुदित वि० जेना उपर आंसु पडयां होय तेवू अवरुद्धिका स्त्री० अंतःपुरमा अळगी राखेली स्त्री
[घालतुं अवरोधक वि० विघ्न करतुं (२) घेरो अवरोधन न० घेरो (२) विघ्न; डखल (३) अंतःपुर (राजमहेलतुं) (४) पत्नी; राणी अवरोधिका स्त्री० अंतःपुरनी स्त्री अवरोपित वि० उखेडी नाखेलु (२) नीचे उतारी पाडेलु अवलग्न वि० वळगेल; संबद्ध; लटकतुं अवलंबिन् वि० लटकतुं (२) अवलंबन लेतुं (३) आधार आपतुं
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724