Book Title: Vinit Kosh
Author(s): Gopaldas Jivabhai Patel
Publisher: Gujarat Vidyapith Ahmedabad
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उत्पातपवन
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उत्पातपवन, उत्पातवात पुं० आंधी उत्पादित वि० उत्पन्न करेलं उत्पीडग न० दाबवू; दबाव उत्सवसंकेताः पुं० ब० व० हिमालयमां वसती एक जंगली जातिना लोको उत्संकलित वि० परवानगी आपेलं उत्संगित वि० संबंध-संसर्गमां आवेखें; सहित ; व्याप्त (२) खोळामां लीधेलं उत्सास्ति वि० नाश करेलु (२) तेल वगेरेयी मालिश करेल के सुगंधित करेलु
[माटेनी योजना उत्साहवृत्तांत पुं० उत्साहित करवा उत्साहहेतुक वि० उद्यम करवा उत्साहित करनाएं उत्सुकयति प० (उत्सुक के आतुर करवू) उत्सूर्यशायिन् वि० सूर्योदय समये पण ऊंघतुं - सूई रहेतुं उत्सेकिन वि० ऊभरातुं; अतिशय एवं
(२) गर्विष्ठ ; उद्धत उत्स्वप्नायते आ० (ऊधमां वात करवी;
अमूझणने कारणे स्वप्नु आवq) उदकक्रिया स्त्री० पितृतर्पण; पितओने
जलांजलि अर्पवी ते उदकग्रहण न० पाणी पीवं ते उदकप्रदेश पुं० जळसमाधि लेवी ते उदकशील वि० स्नान करनारुं उदगावृत्ति स्त्री० उत्तरमाथी पाछा फरव ते उदयनज पुं० हाथ जोडवा ते ; अंजलि उदनयति प० (स्पष्ट देखाई आवे तेम प्रगट करवू) उदन्यति प० (पाणी सींचवू; तरस्या थवू) उदमंथ पुं० जवनुं पाणी - एक मिश्रण उदयक्रम पुं० क्रमे क्रमे वधारवू ते उदयगिरि पुं० जुओ 'उदयाद्रि' उदयन पुं० जुओ पृ० ६०० उदयाद्रि पुं० उदयाचळ (सूर्य-चंद्र ज्यांची ऊगता मनाय छे ते पूर्व तरफनो पर्वत. तेथी ऊलटो अस्ताचल)
उदयिन् वि० ऊंचे चडतुं (२) नीकळतुं; वहेतु उदयेंदु पुं० इंद्रप्रस्थ नगर उदवज पुं० पाणीना धोध के झापटा
रूपी बज उदवसित न० घर; निवासस्थान . उदवास पुं० पाणीमां ऊभा रहे के
वसवं ते उदवासिन् वि० पाणीमां ऊभु रहेतुं उदश्वित् न० दहीं जेटलं ज पाणी मेळवीने करेली जाडी छाश उदानी आ० उन्नत - ऊंचं करवू उदारचरित वि० उत्तम चरित्रवाळं उदारदर्शन वि० सारा देखाववाळं
(विशाळ आंखोवाळु) उदारधी वि० असाधारण बुद्धिशाळी (२) उदारचरित [अलौकिक उदाररमणीय वि० भव्य अने रम्य; उदारवृत्तार्थपद वि० उत्तम शब्द, अर्थ
अने छंदवाळू उदारसत्त्वाभिजन वि० उत्तम चारित्र
अने कुळवाळू उदासित वि० निरपेक्ष; उदासीन उदीर्णवेग वि० अतिशय वेगवाळू उदूढ वि० परणेलं (२) मेळवेलं; प्राप्त करेलु (३) ऊंचुं; ऊपसेलु (४) पुष्ट ; जाडं (५) अतिशय उदेजय वि० कंपावनाएं; ध्रुजावनाएं उदेजया स्त्री० मूंझवण; क्षोभ उदेष्यत् वि० वधतुं; उदय पामतुं उद्गद्गदिका स्त्री० निसासा नाखवाते उद्गाढ वि० ऊंडु; गाढ; पुष्कळ उद्गुर ६ आ० धमकाववा माटे अवाज
के शस्त्र ऊंचां करवां - उगामवां उद्गुर्ण वि० उगामेलु उद्घ पुं० उत्तमता; श्रेष्ठता (समासने ___ अंते; उदा० 'ब्राह्मणोद्ध' उत्तम के
श्रेष्ठ ब्राह्मण) (२) सुख (३) अग्नि
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