Book Title: Vinit Kosh
Author(s): Gopaldas Jivabhai Patel
Publisher: Gujarat Vidyapith Ahmedabad

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Page 642
________________ सांब ६२८ हरिश्चंद्र सांब पुं० कृष्ण-जांबवतीनो पुत्र; हतं. सुह्मना लोकोने राढ पण दुर्योधननी कन्या लक्ष्मणानो पति. कहेवामां आवे छे. सिंधु पुं० सिंधु नदी. (२) सिंध प्रांत. सेक पुं० चंबलनी दक्षिणे अने अवंतीनी सिंधु-सौवीर पुं० जुओ ‘सौवीर' उत्तरे आवेलो एक देश. सीता स्त्री० सीरध्वज जनक राजानां सोमदेव पुं० 'कथासरित्सागर 'नो पालित पुत्री; श्रीरामनां पत्नी; संपादक. (गुणाढयनी पैशाची 'बृहत् जमीन खेडती वखते जनकने मळेलां. कथा' उपरथी.) काश्मीरना 'अनंत' सीरध्वज पुं० विदेहवंशीय जनक राजा- राजानो (१०२९-१०६४) दरबारी. ओमांना एक. मिथिला राजधानी. सौराष्ट्र पुं० 'आनर्त' पण कहेवाय छे. सीतानो पालक पिता. तेनी पोतानी द्वारकाने पण 'आनर्त नगरी' कहे छे. कन्या ऊर्मिला, लक्ष्मण वेरे परणावेली. प्राचीन द्वारका मधुपुर नजीक अर्थात् सुग्रीव पं० वानरोनो राजा; वालिनो (द्वारकाथी) ९५ माईल दक्षिण-पूर्व भाई. सीतानी शोधमां तथा रावणने अने रैवतक पर्वत (गिरनार )नी नजीक हराववामां रामने मदद करेली. आवेली. सौराष्ट्रनी बीजी राजधानी सुदामन पुं० एक अत्यंत दरिद्री ब्राह्मण. वलभी. प्रख्यात प्रभास सरोवर पण श्रीकृष्णनो गुरुभाई. दरिया किनारे ए ज प्रदेशमा आवेलं. सौवीर पुं० आजनो सिंध प्रांत. केटलाक सुनीय पुं० शिशुपाल. सुबल पुं० गांधार देशनो राजा; लेखको तेने सिंधु अने झेलम वच्चे आवेलो गणे छे. शकुनि अने गांधारीनो पिता. सुबंधु पुं० ‘वासवदत्ता' नो कर्ता. स्यमंतक पुं० सत्राजिते सूर्य पासेथी वाणनो समकालीन. मेळवेलो एक मणि. रोज आठ भार सुवर्ण आपतो. तेने कारणे घणी खटपट सुभद्रा स्त्री० कृष्ण-बळरामनी बहेन. जागेली. श्रीकृष्णने पण संडोवावं अर्जननी पत्नी, अभिमन्युनी माता. दुर्योधन वेरे परणाववानी बळरामनी पडेलं. स्यंदिनी स्त्री० गोमतीने मळनारी एक इच्छा हती. पण अर्जुने श्रीकृष्णनी नदी; आजनी साई. संमतिथी यतिवेश धारण करी तेनुं स्रुघ्न पुं० स्थानेश्वर (कुरुक्षेत्र)नी हरण करेल. ईशाने ३०-४० माईल उपर आवेलो सुमित्रा स्त्री० मगध देशना शूर नामना ___ एक प्रदेश.. राजानी कन्या; दशरथनी बीजी पत्नी. हनुमत्, हनूमत् पुं० जुओ 'मारुति'. लक्ष्मण अने शत्रुघ्न ए बे पुत्र. (२) 'हनूमन्नाटक 'ना कर्ता. आ सुमेरु पुं० गढवालनो रुद्र-हिमालय नाटक हनुमाने पोते लखेलु कहेवाय छे. पर्वत. त्यां गंगा नदीनो ऊगम छे. हरिद्वार न० गंगा हिमालय छोडी बदरिकाश्रमनी नजीक. परंपरा प्रमाणे सपाट प्रदेशमा प्रवेशे छे त्यां आवेलं केदारनाथ पर्वत मूळ सुमेरु गणाय छे. प्रसिद्ध तीर्थस्थळ. सुवेल पुं० लंकानो त्रिकूट नामनो पर्वत. हरिश्चंद्र पुं० इक्ष्वाकुवंशीय राजा. सुह्म पुं० बंग देशनी पश्चिमे आवेल त्रिशंकुनो मोटो पुत्र. . विश्वामित्रे एक देश. तेनी राजधानी ताम्रलिप्त, तेना सत्यवादीपणानी परीक्षा करेली. जे प्राचीनकाळमां मोटुं बंदरी मथक तारामती राणी. रोहित पुत्र. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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